[मेरठ]जिस समय मेरठ का दिल प्रथम स्वतंत्रता संग्राम की १५७ साल गिरह मना रहा था और नजरें बनारस की राजनीती के घटनाक्रम पर टिकी थीं ,ठीक उसी समय यह ऐतिहासिक शहर एक बार फिर साम्प्रदाइकता की आग में सुलग उठा। यहां लगे ऐतिहासिक मेला नौचंदी के लिए भी इसे ग्रहण माना जा रहा है |आज शनिवार १० मई को मानव मात्र की सेवा के लिए लगाये जाने वाले एक प्याऊ को लेकर दो समुदायों में बवाल हो गया जो देखते देखते बड़े बवाल में तब्दील हो गया |फ़िलहाल स्थिति तनावपूर्ण मगर हमेश की तरह नियंत्रण में बताई जा रही है
तीरघरान मोहल्ले में एक प्याऊ को लेकर दो गुटों के बीच मामूली लड़ाई-झगड़ा हुआ | जिसके बाद इलाके में बड़े पैमाने पर अफवाहों का सैलाब बहाया जाने लगा |अति संवेदनशील बाजारों के शटर डाउन होने शुरू हुए और दोनों समुदायों में पथराव+आगजनी+ फायरिंग के समाचार भी आ रहे हैं |
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