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Tag: Congress spokesman Raj Babbar

PM Attacks Congress for Abusing his Mother

[Chhatarpur,MP]PM Attacks Cong for Comparing Sliding Rupee with his Mother
Congress,s Star Compaigner Raj Babbar has compared Indian rupee’s slide with the age of PM,s mother, Hitting out at the Congress on Babbar’s remarks, PM Narendra Modi said, “When one doesn’t have issues to talk about, he resorts to abusing somebody else’s mother.
The Congress leader had kicked up a row in Indore Thursday when he compared the falling value of rupee against US dollar with the age of the prime minister’s mother.
The prime minister asked why the Congress was worried about Madhya Pradesh Chief Minister Shivraj Singh Chouhan being called “mama”.
“They are worried Shivraj is called mama…Why, don’t you remember (Ottavio) Quattrocchi mama and Warren Anderson (then chairman of the Union Carbide) mama,” he said, referring to the Bofors scandal and the 1984 Bhopal Gas tragedy.
He said the Congress was voted out of power in Madhya Pradesh 15 years ago because it indulged in the politics of divisiveness.

कृपया अपने अमूल्य विचार व्यक्त करें :क्या कांग्रेस की छवि को हो चुके डेमेज को इसके धुरंधर कंट्रोल कर पायेंगे

१/=५/=और १२ /= में भरपेट भोजन की दलील देने वाले नेताओं से कांग्रेस द्वारा किनारा किये जाने के पश्चात अब कांग्रेस के विश्वस्त और अनुभवी नेताओं ने पार्टी की छवि को सुधारने के लिए यौजना आयोग के ३३ /= [शहर]और २७/=[ग्रामीण] के ऊपर के अमीरों वाले फार्मूले की ही आलोचना शुरू कर दी है।
[१] वरिष्ठ और अनुभवी कानून विद कपिल सिब्बल ने तो प्रश्न ही खड़ा कर दिया है कि इतनी कम राशि में कोई कैसे पेट भर सकता है| एक कार्यक्रम में केंद्रीय संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री कपिल सिब्बल ने गरीबी का आकलन करने के योजना आयोग के तरीके को चुनौती दे दी उन्होंने कहा कि पांच लोगों का परिवार 5,000 रुपये मासिक की आय में गुजर नहीं कर सकता। योजना आयोग की गरीबी की परिभाषा में कुछ गलत जरुर है।


[२] पार्टी के संकट मोचक महासचिव दिग्विजय सिंहने सोशल साइटपर ट्विट करके यौजना आयोग के इस फार्मूले के आधार को अपनी समझ से परे बताया । उन्होंने सुझाव भी दिया है कि परिवार के सदस्यों में कुपोषण को मापदंड बनाया जाना चाहिए। digvijaya singh ‏@digvijaya_28[Twitter ]I have always failed to understand the Planning Commission criteria for fixing Poverty Line . It is too abstract can’t be same for all areas
[३]]योजना और संसदीय राज्य मंत्री और पूर्व पत्रकार राजीव शुक्ला ने तो गरीबी के आंकड़ों को लेकर देश में छिड़ी बहस को बेवजह कि बहस बताते हुए एक नई दलील निकाली है श्री शुक्ला के अनुसार इन आंकड़ों को न तो सरकार ने तय किया है और न उन पर कोई निर्णय लिया है।
उन्होंने कहा कि तेंदुलकर समिति की रिपोर्ट को सरकार ने अभी तक स्वीकार नहीं किया है। इस संबंध में रंगराजन समिति की रिपोर्ट की प्रतीक्षा है जो अगले वर्ष आयेगी।
गौरतलब है कि योजना आयोग ने कहा था कि पांच लोगों का परिवार अगर ग्रामीण इलाके में 4,080 रुपये मासिक और शहरी क्षेत्र में 5,000 रुपये मासिक खर्च करता है तो वह गरीबी रेखा में नहीं आएगा।यौजना आयोग के इस फार्मूले को सपोर्ट करने के लिए कांग्रेस के प्रवक्ता राज बब्बर ने ऐ आई सी सी की प्रेस वार्ता में दावा किया की मुंबई जैसे शहर में मात्र १२/= में भरपेट खाना मिलता है| इसके पश्चात सांसद रशीद मसूद ने कहा की दिल्ली की जाम मस्जिद इलाके में तो ५/=में ही भरपेट खाना मिलता है|सरकार के सहयोगी और मंत्री फारुख अब्दुल्लाह तो इस लिमिट को मात्र १/= तक ले आये| तभी से देश में बहस चल रही है | मीडिया वाले सड़को पर ५/=और १२/= लेकर खाना तलाशते दिखाए जा रहे हैं| सोशल साईट्स पर सरकारी आयोजनों में ७७२१/= की थाली का पुनः जिक्र होने लगा है| सरकार की छवि को स्वभाविक धक्का लगा है इसी डेमेज को कंट्रोल करने के लिए धुरंधरों की टीम उतरी है लेकिन यक्ष प्रश्न है कि चुनावों में महज एक साल रह गया है इतनी कम अवधि में क्या ये धुरंधर पार्टी इमेज को हो चुके डेमेज को कंट्रोल कर पायेंगे ? कृपया अपने अमूल्य विचार व्यक्त करें

राजनीती में हीरोगिरी करने उतरे राज बब्बर १२ रुपये में खाने की दलील देकर समाज में विलेन और पार्टी में कामेडियन बन कर रह गए

राजनीती में हीरोगिरी करने उतरे फिल्म स्टार राज बब्बर १२ रुपये में भरपेट खाने की दलील देकर समाज में विलेन और राजनीती में कामेडियन बन कर रह गए |उनके इस ब्यान से सत्ता रुड कांग्रेस ने एक नए अंदाज में किनारा कर लिया है| प्रेस कांफ्रेंस बुलाने में माहिर कांग्रेस महासचिव व मीडिया विभाग के अध्यक्ष अजय माकन ने सोशल साईट ट्विटर पर एक लाईन ट्विट करके पार्टी की छवि सुधारने का प्रयास किया है उन्होंने लिखा है कि

कुछ नेताओं की तरफ से 12 रुपये और पांच रुपये में खाना मिलने के बयान से मैं सहमत नहीं हूं

बात यहीं पर ही नही रुकी मिडिया और सत्ता में बने रहने के शौकीन नेशनल कांफ्रेंस के नेता डॉ फारुख अब्दुल्लाह ने तो एक रुपये में रोटी की बात कह कर केंद्र सरकार के प्रति अपनी वफादारी दिखाने में देर नही लगाई लेकिन आज उन्होंने भी अपने बयाँ पर खेद जता कर पल्ला झाड़ लिया |

 Political Fight For Roti

Political Fight For Roti

कांग्रेस के प्रवक्ता राज बब्बर ने आल इंडिया कांग्रेस कमेटी [ AICC ]की ब्रीफिंग में पत्रकारों के सवालों के जवाब में यह दावा किया कि कीमतों में इजाफे के बावजूद गरीबी घटी है। कांग्रेस प्रवक्ता से गरीबी निर्धारण करने के लिए व्यय सीमा के निम्न कटऑफ के बारे में भी पूछा गया था और यह भी पूछा गया था कि कैसे कोई गरीब 28 रुपये या 32 रुपये के प्रतिदिन खर्च पर दो वक्त पूरा भोजन ग्रहण करने में सक्षम हो सकता है|इसके जवाब में उन्होंने बड़े फ़िल्मी अंदाज में अभिनय करते हुए दावा किया कि मुम्बई जैसे शहर में आज भी वोह [राज] भरपेट खाना खा सकते हैं| हीरो बनने चले राज बब्बर को पार्टी ने विदूषक बना कर रख दिया जिसके फलस्वरूप प्रवक्ता राजबब्बर को 48 घंटे में ही अपने बयान से पलटी मारनी पड़ गई|यहाँ तक इस इस डेमेज को कंट्रोल करने के लिए कांग्रेस ने भी पल्ला झाड़ लिया |अजय माकन के ट्विट के साथ ही पार्टी प्रवक्ता रेणुका चौधरी ने कांग्रेस की नियमित ब्रीफिंग में कहा, ‘राजबब्बर ने इस बारे में खेद जता दिया है। मुनासिब होगा कि इस बात को अब यहीं छोड़ दिया जाना चाहिए|
लेकिन राज्य सभा सदस्यरशीद मसूद अभी भी अपने ब्यान को तोड़ मोड़ कर उसी पर टिके हैं| कांग्रेस के रशीद मसूद ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा था कि दिल्ली के जामा मस्जिद इलाके में आप पांच रुपये में भरपेट खाना खा सकते हैं और आज स्थिति को बिगड़ता देख कर उन्होंने कहा है कि मैंने कब कहा कि ५ रुपयों में भरपेट खाना मिलेगा| आईये में एक रोटी और थोड़ी सी दाल पांच रुपये में दिला सकता हूँ |
कांग्रेस को शायद यह अंदाजा भी नही होगा कि उसके नेताओं की इस ब्यान बाजी से पार्टी और सरकार की इतनी फजीहत होगी।
इस मसले को लेकर बुधवार, गुरुवार और शुक्रवार तक कांग्रेस पर चौतरफा इतने हमले हुए कि हीरो राज बब्बर को विपक्ष और मीडिया ने विलेन बना कर रख दिया| इससे कांग्रेस की समझ में आ गया कि अपने नेताओं की इस ब्यान बाजी से पल्ला झाडना ही उचित होगा| शायद इसीलिए कांग्रेस की तरफ से इन नेताओं को दिशा निर्देश जारी किये गए हैं जिसके फलस्वरूप इन नेताओं ने अपनी जुबान को तोड़ मरोड़ना शुरू कर दिया है|

एक रुपये में भोजन सम्बन्धी अपने ब्यान पर डॉ फारुख अब्दुल्लाह ने खेद व्यक्त किया

Roti Bread

Roti Bread

डॉ फारुख अब्दुल्लाह एक रुपये में भोजन सम्बन्धी अपने ब्यान से पलट गए हैं |
उन्होंने कहा है कि भोजन की कीमत पर उनके बयान का गलत अर्थ लगाया गया
नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री डॉ. फारूख अब्दु्ल्ला ने कहा, “भोजन के मूल्य पर मेरे बयान को मीडिया में गलत संदर्भ में लिया गया लेकिन मैं समझता हूं कि मैंने जो कुछ भी कहा, उसका गलत अर्थ लगाया गया है। मेरे बयान से अगर किसी को चोट पहुंची है, तो मैं उसके लिए खेद व्यक्त करता हूं।
गौरतलब है कि बीते दिनों कांग्रेस के प्रवक्ता राज बब्बर ने दावा किया था कि मुंबई में १२/=मात्र में भर पेट भोजन मिल जाता है|इस लाइन को छोटा करते हुए रशीद मसूद ने कहा कि दिल्ली में तो मात्र ५/=में भर पेट खाना मिल जाता है इसे भी छोटा करते हुए डॉ फारुख अब्दुल्लाह ने कहा कि मात्र एक रुपये में ही खाना मिल जाता है|इन बयानों कि पूरे देश में खिल्ली उड़ाई जा रही है टी वी चैनलों के रिपोर्टर्स दोनों शहरों में ५/= और १२/= कि थालियाँ ढूंढते दिखाई दे रहे हैं | सोशल मीडिया पर भी ये लोग छाए हुए हैं |इन बयानों को गरीबों के साथ मजाक बताया जा रहा है |शायद इसीलिए स्थिति को सँभालते हुए वरिष्ठ नेता डॉ फारुख अब्दुल्लाह ने अपने ब्यान से किनारा कर लिया है|