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President Barack Obama Recognized The Scarifies Of Military and thanked Their services

President Barack Obama delivers remarks to troops during a rally at Marine Corps Base Camp Pendleton, Calif., Aug. 7, 2013.
President Barack Obama traveled to Camp Pendleton today to visit with troops and their families and thank them for their extraordinary service to our nation.Obama delivered remarks to troops during a rally at Marine Corps Base Camp Pendleton, Calif.He Ensured That Military will be kept strong Caring for Wounded Warriors, Military Families, and Service Members who transition to civilian life Will Be on Priority
“I’m here because, for more than a decade, you -— and all our men and women in uniform -— have borne the burden in this time of war,” President Obama said.
After our nation was attacked, you were some of the very first conventional forces in Afghanistan -— racing in, hundreds of miles by helicopter, toppling that regime and driving al Qaeda from its camps.
Then when the fight shifted to Iraq, you were there -— racing toward Baghdad and deposing a dictator. And through years of combat -— in Tikrit, Fallujah and Ramadi -—
your courage added to the glories of the Marines’ long and illustrious history.
President Obama also called on Congress to agree on a responsible plan that reduces deficits but also keeps military strong, which includes caring for wounded warriors, military families, and service members who transition to civilian life.
That’s what you deserve,” President Obama said. “That’s what your families deserve. That’s what I’m fighting for and that is my commitment to you.”

अखिलेश यादव ने लैप टॉप के वितरण से आगे बढे राजनितिक कदम को दुर्गा शक्ति नागपाल के निलंबन की कुल्हाड़ी पर मार लिया

प्रधान मंत्री की सीट पर उम्मीद भरी नजरें गढ़ाए समाजवादी पार्टी वर्तमान में रेत माफिया केस में देश की राजनीती में अलग थलग पड़ चुकी है संभवत इसीलिए अखिलेश यादव की सरकार ने निलंबन के एक सप्ताह पश्चात आई ऐ एस दुर्गा शक्ति नागपाल को चार्जशीट जारी कर दी है । इस प्रक्रिया में निलंबित अधिकारी को उनके विरुद्ध लगाये गए चार्ज बता कर अधिकारी का स्पष्टीकरण माँगा जाता है ।सरकार को इसे डैमेज को कंट्रोल करने का समाजवादी प्रयास समझा जा सकता है |
इससे पूर्व निलंबित अधिकारी ने मुख्य मंत्री के सचिव से बात चीत करके अपनी स्थिति स्पष्ट करने का प्रयास किया जिसके अगले ही दिन यह चार्ज शीट की कार्यवाही की गई है| बेशक उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कर दिया है कि नोएडा की एसडीएम (सदर) रहीं आईएएस अधिकारी दुर्गाशक्ति नागपाल का निलंबन वापस नहीं होगा लेकिन इसके साथ सपा के सांसद नरेश अगरवाल के सुर बदले हुए दिखाई दिए हैं |उन्होंने पत्रकारों को बताया के दुर्गा शक्ति नागपाल कानूनी प्रक्रिया का पालन कर रही है उन्होंने पत्रकारों पर टिपण्णी करतॆ हुए कहा के आप [पत्रकार]लोग मामले को तूल देना बंद करें तो दुर्गा शक्ति नागपाल को न्याय मिल सके |
इससे पहले समाजवादी पार्टी के विधायक नरेन्द्र भाटी+राज्यसभा सांसद नरेश अग्रवाल+ प्रदेश में काबिना मंत्री आज़म खान+राजेंद्र चौधरी+शिव पाल यादव और खनन मंत्री प्रजापति ने दुर्गा शक्ति नागपाल के निलंबन को तत्काल सही ठहराया था | आज़म खान और नरेश अगरवाल ने तो यहाँ तक कहा था कि अधिकारी भी सांप्रदायिक मानसिकता से कार्य कर रहे हैं. यदि डीएम ने दुर्गाशक्ति को क्लीनचिट दी है तो उनके ख़िलाफ़ भी कार्रवाई की जानी चाहिए.उन्होंने खनन के मामले को पूरी तरह गलत बताया|
उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती +भाजपा नेता यशवंत सिन्हा ने प्रदेश सरकार को घेरते हुए कहा के उत्तर प्रदेश में आपराधिक तत्वों का राज चल रहा है जिसका शिकार उत्तर प्रदेश की जनता के साथ-साथ अपने कार्यों के प्रति निष्ठावान और ईमानदार अफ़सर भी बन रहे हैं.एक ईमानदार अफ़सर पर ग़लत कार्रवाई की गई है और पूरा देश दुर्गाशक्ति नागपाल के साथ है.|
गौरतलब है के 2009 बैच की आईएएस अधिकारी दुर्गाशक्ति नागपाल को पिछले दिनों निलंबित कर दिया गया थाइसके लिए उनसे कोई स्पष्टीकरण तक नहीं माँगा गया|उसके पश्चात सैंड माफिया के रूप में उभरे नरेन्द्र भाटी ने एक सभा में में कह दिया के मात्र ४१ मिनट्स में उन्होंने दुर्गा शक्ति नागपाल को सस्पेंड करा दिया | .
विपक्ष के आरोपों के मुताबिक दुर्गाशक्ति नागपाल इसी खनन माफ़िया के खिलाफ़ सख़्ती से कार्रवाई कर रहीं थी जिस कारण दीवार का बहाना बनाकर उनका निलंबन किया गया. सूत्रों की माने तो नरेन्द्र भाटी ने ही बीते दिनों अपने पैसे से यह दिवार बनवाई थी और मस्जिद बनाने के लिए छेत्र वासियों को उकसाया था |इसके पीछे अनेको कारण बताये जा रहे है लेकिन एक महत्त्व पूर्ण कारण यह भी बताया जा रहा है के सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार सार्वजानिक स्थल पर धार्मिक स्थल नही बनाये जा सकतेऐसे में अगर अवैध दीवार गिराई नहीं जाती तो अधिकारी की जवाब देही बनती है और अगर अधिकारी दीवार गिराने की कार्यवाही करतॆ है तो भी उनके खिलाफ जनाक्रोश को भड़काने का आरोप लगा कर अधिकारी को प्रताड़ित किया जा सकता है| इस घटना के पश्चात पूरे प्रदेश में सम्प्रदाइक तनाव को हवा दी गई डी एम् के चैनल को हटा[ Avoid] कर एल आई यूं से सीधे रिपोर्ट मंगाने का दावा किया गया | वास्तव में सेंड माफिया के एक फोन के पश्चात ४१ मिनट में ही सस्पेंशन आर्डर सर्व भी करा दिए गए| पौने पांच हज़ार सदस्यों वाली आईएएस एसोसिएशन ने दुर्गाशक्ति नागपाल के समर्थन में आ गई है|
अभी तक हाई कोर्ट और केंद्र सरकार ने इस घटना क्रम में सीधे हस्तक्षेप में रुचि नहीं दिखाई है लेकिन लखनऊ की सामाजिक कार्यकर्ता डॉक्टर नूतन ठाकुर ने एक याचिका दायर करके आईएएस अधिकारी दुर्गाशक्ति के निलंबन को चुनौती दे दी है कोर्ट ने रेत खनन +मस्जिद निर्माण पर प्रदेश सरकार से रिपोर माँगा ली है| इसके अलावा कांग्रेस+भाजपा+बसपा+रालोद+ आप+आदि अनेको दलों ने प्रदेश सरकार के इस कदम को अनुचित बताया है और भाजपा ने तो संसद के मानसून सत्र में मामले को उठाने की बात कही है| अखिलेश यादव की सरकार अपने राज हट्ट पर कायम रहते हुए अभी तक अधिकारी के निलंबन को रद्द करने से मना करके अपनी किरकिरी कराती आ रही है| लोगों ने तो यह भी कहना शुरू कर दिया है के लैप टॉप के वितरण से जो राजनितिक कदम आगे बढे थे दुर्गा शक्ति नागपाल के निलंबन की कुल्हाड़ी पर उसी बढे कदम को स्वयम मार कर जख्मी कर लिया गया है |

दुर्गा शक्ति नागपाल के विरुद्ध सुलगाई गई धार्मिक उन्माद की चिंगारी क्या संसद के मानसून सत्र में भड़केगी


झल्ले दी झाल्लियाँ गल्लां

सपाई चीयर लीडर

ओये झल्लेया ये आई ऐ एस और मीडिया वालों ने क्या खावाह्मखः रौला पाया हुआ है?ओये हमने दुर्गा शक्ति नागपाल को रेत माफिया के दबाब में थोड़े न सस्पेंड किया है |भाई वहां तो कोई अवैध रेत खनन नही हो रहा है| प्रदेश में खनन से एक करोड़ रुपये का राजस्व मिलता है| और वोह सारा सरकारी खजाने में जाता है|ओये रमजान के पवित्र महीने में मस्जिद की दीवार गिराई गई हमें बदनाम करने केलिए अब ये बसपा+भाजपा+रालोद के साथ अपने दामाद को बचाते फिर रहे कांग्रेसी भी जुड़ गए हैं |ये हमारी लोक प्रिय+ स्पष्ट बहुमत वाली सरकार के खिलाफ खुली साजिश है|हमने भी कोई कच्ची गोलियां नही खेली हैं अवैध खनन की शिकायत पर पांच सदस्यीय जांच बैठा दी हैहो जाएगा दूध का दूध और पानी का पानी

झल्ला

ओ हो सरकारे आली आप जितना बोलते जा रहे हो उतना ही अपने ही बुने जाल में खुद ही फंसते भी जा रहे हो|
[१]चलो पहले आप की जांच की जाँच कर ली जाये |आप ने जाँच बैठाई है यह सर मत्थे है लेकिन जाँच की रिपोर्ट के आने से पहले ही जांच बैठाने वाले प्रदेश खनन मंत्री ने अवैध खनन के अस्तित्व को ही नकार दिया है| अधिकारी के निलंबन को जायज ठहरा दिया है|आप समझ रहे हैं न मेरी बात ?
[२]दूसरे आप कह रहे हैं के रेत खनन माफिया का कोई दबाब नही है उधर मुख्य आरोपी आपके कद्दावर मंत्री भाटी जी सीना ठोक कर दावा करते फिर रहे हैं के मात्र ४१ मिनट में एस डी एम् दुर्गा शक्ति नागपाल के सस्पेंशन आर्डर अधिकारियों को सर्व करा दिए |इस दावे का समर्थन हरदोई नरेश अग्रावल करते फिर रहे हैं
[३] भैय्या जी आप मस्जिद गिराने का आरोप लगा रहे हो तो ये बताओ के अगर मस्जिद की दीवार गिराई गई तो[अ] वोह डी एम् के निर्देश पर गिराई गई[आ] सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का पालन करने के लिए गिराई गई|[इ] गावं वालों ने खुद ही दीवार गिराई|इसके बावजूद भी आप ये मानते हो के इससे आपके वोट बैंक को धक्का लग सकता है या फिर आप इस मुद्दे को रंग देकर सियासी लाभ ले सकते हो तो आपने गिरी हुई दीवार को बनवाया क्यूं नही|आप केवल इसका इस्तेमाल ही करने में जुटे हुए हो| मेरी बात पहुँच रही है के नही???
[४]आप अब कह रहे हो के कांग्रेस अशोक खेमका के समर्थन में क्यूं नही आरही शाद आप का इशारा रॉबर्ट वढेरा की तरफ है तो आप ये मान रहे हो के आप भी अपने किसी न किसी राजनीतिक दामाद को बचाने के लिए जुगाड़ लगा रहे हो????
अगर ऐसा है तो बेहद खतरनाक है | जिस तरह से आपकी समाजवादी पार्टी ने असामजवादी ढंग से एक ईमानदार महिला अधिकारी के विरुद्ध धार्मिक उन्माद की चिंगारी सुलगाई है और चारों तरफ से मंत्री और संतरी उसे हवा दे रहे है वोह देश के लिए बेहद घातक है |अगर इस ईमानदार महिला अधिकारी की आहों में दम है तो संसद के मानसून सत्र में उसकी सिसकियाँ जरूर गूंजेंगी |और मत भूलो के मारी हुई खाल की सांस से भी लोहा भस्म हो जाता है |

यूं पी ऐ और सी डबलू सी ने प्रथक तेलंगाना राज्य को हरी झंडी दी: देश में मिली जुली प्रतिक्रिया

अलग तेलंगाना राज्य की स्थापना को लेकर आज अनेकों बैठकें हुई जिनमे यूं पी ऐ समन्वय समिति + कांग्रेस कार्य समिति ने अलग तेलंगाना राज्य को हरी झंडी दे दी.| बैठक के पश्चात दिग्विजय सिंह और अजय माकन ने प्रेस कांफ्रेंस में यह जानकारी देते हुए बताया कि अगले 10 वर्ष के लिए हैदराबाद , आंध्र प्रदेश और तेलंगाना की, संयुक्त राजधानी रहेगी|।आंध्र प्रदेश की 294 विधानसभा सीटों में से 117 विधानसभा सीट तेलंगाना में हैं, तथा तेलंगाना क्षेत्र से लोकसभा में 17 सांसद हैं।इस फैसले की मिली जुली प्रतिक्रियाएं आ रही हैं| [१] तेलंगाना में तो स्वाभाविक ख़ुशी का माहौल छा गया. आन्दोलनों और 56 वर्ष के इंतज़ार के बाद आज सरकार ने अलग तेलंगाना राज्य को मजूरी दे दी|
[२]एकीकृत आंध्र प्रदेश की मांग कर रहे लोगो ने भी गैर तेलंगाना प्रान्तों में आन्दोलन तेज़ कर दिया है. + धरने प्रदर्शन शुरू कर दिए गए हैं+. सुरक्षा के लिए १००० अतिरिक्त सैनिक भेजे जा चुके हैं|इनमे . सी आर पी ऍफ़ +आर ऐ ऍफ़ की ३० कम्पनियाँ भी शामिल हैं|
[३]. प्रथक गोरखालैंड की मांग करने वाले आंदोलनकारियो ने 3 दिन के बंद का ऐलान किया है.
[४] उत्तर प्रदेश में चौ.अजीत सिंह ने प्रथक हरित प्रदेश की मांग की.है
[५] महाराष्ट्र से विदर्भ को अलग करने की मांग भी उठने लग गयी है.
[६]जम्मू एवं कश्मीर के मुख्यमंत्री नेशनल कांफ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने मंगलवार को कहा कि आंदोलन के आधार पर नए राज्य के गठन से ‘खतरनाक परिपाटी’ बनेगी। अब्दुल्ला ने कहा कि इससे देश के अन्य हिस्सों में उपद्रवों को प्रोत्साहन मिलेगा।
[७]आप पार्टी ने इस फैसले का स्वागत किया है|
यूं पी ऐ के इस निर्णय से तेलुगूभाषी लोगों के लिए दो राज्य बन जाएंगे।
आंध्र स्टेट और तेलंगाना (तब का हैदराबाद स्टेट) को मिलाकर एक नवंबर 1956 को गठित किए गए राज्य आंध्र प्रदेश के गठन के बाद से ही चले आ रहे इस मुद्दे का संप्रग के इस निर्णय के साथ ही पटाक्षेप हो गया।
आंध्र प्रदेश के ही कुछ कांग्रेस सांसद भी पृथक तेलंगाना राज्य के गठन का विरोध कर रहे हैं, और इस संबंध में पिछले सप्ताह उन्होंने प्रधानमंत्री से भी मुलाकात की थी और राज्य को विभाजित न करने की मांग की थी।थक तेलंगाना राज्य के गठन के फैसले का श्रेय भले ही कांग्रेस ले, किन्तु अन्य राजनीतिक दलों ने इस पर मिलीजुली प्रतिक्रिया दी है। वाम दलों ने सावधानी बरतते हुए कहा है कि तेलंगाना के बाद पथक राज्य के निर्माण की ऐसी और मांगें जोर पकड़ेंगी।
वरिष्ठ भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी ने कहा कि जहां तक हमारा संबंध है, हमारी पार्टी का संबंध है तो जब हमने तीन नए राज्य बनाए थे तब तेलंगाना राज्य इसलिए नहीं बन पाया था क्योंकि हमने हमारे गठबंधन के एक सहयोगी का सम्मान किया था। अन्यथा हम तब ही पथक राज्य बना चुके होते।
शिवसेना ने फैसले पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। पार्टी के प्रवक्ता संजय राउत ने कहा हमें आंध्रप्रदेश के विभाजन के फैसले पर अफसोस है। हम एकीकत महाराष्ट्र के पक्ष में हैं और किसी अन्य फैसले का सवाल ही नहीं उठता। राउत का इशारा पृथक विदर्भ राज्य की मांग की ओर था। शिवसेना हालांकि भाजपा की सबसे पुरानी वैचारिक सहयोगी है लेकिन तेलंगाना और विदर्भ पर दोनों की राय अलग अलग है। भाजपा जहां तेलंगाना और विदर्भ दोनों की पक्षधर है वहीं शिवसेना इनके विरोध में है।
विपक्ष इसे लोक सभा के होने वाले चुनावों में राजनितिक लाभ प्राप्त करने के लिए उठाया गया कदम बता रहा है जबकि कांग्रेस के दिग्विजय सिंह ने इससे इंकार किया है|कुछ भी हो हरियाणा और पंजाब के विभाजन के समय चंडीगढ़ को दोनों प्रदेशों की राजधानी बनाया गया था जिसका फैसला अभी तक नही हो पाया है तेलंगाना और आंध्र प्रदेश की संयुक्त राजधानी हैदराबादको बना कर पुरानी गलती की पुनरावर्ती की गई है | कहा जा रहा है के तेलंगाना की स्थापना की मांग को लेकर अपनी पार्टी को दो फाड़ होने से बचाने और टी आर एस को कांग्रेस में शामिल करने के लिए कांग्रेस द्वारा प्रदेश का विभाजन किया जा रहा है यह कहाँ तक कांग्रेस को चुनावी लाभ दे पायेगा इस यक्ष प्रश्न का उत्तर तो चुनावों में ही मिल पायेगा|
फोटो कैप्शन
The Prime Minister, Dr. Manmohan Singh at the UPA Coordination Committee Meeting, in New Delhi on July 30, 2013.

भाजपाई मुंडे की खींची १८ करोड़ की लाइन को छोटा करने के लिए कांग्रेसी वीरेंदर ने १०० करोड़ का रहस्य उगला भई जांच तो इसकी भी बनती ही है


झल्ले दी झाल्लियाँ गल्लां

एक भाजपाई चीयर लीडर

ओय झल्लेया देखा इन कांग्रेसियों की असलियत सामने आ ही गई ना| ओये इनके अपने सांसद और कद्दावर नेता विरेंदर सिंह ने राज्य सभा की सदस्यता के लिए १०० करोड़ का खर्चा आने का एलानिया रहस्योद्घाटन किया है और इस खर्चे को अपने रसूख से ८० करोड़ करवाने का दावा भी किया है| इसका मतलब तो यह हुआ कि ये महाशय जी राज्य सभा की सदस्यता के लिए दलाली कर रहे हैं |ओये इस पर अब कोई कांग्रेसी कुछ नही बोल रहा | सबकी घिग्गी क्यों बंध गई | हसाड़े बीड से सांसद और लोकसभा में उप नेता गोपी नाथ मुंडे जी ने पिछले महीने तैश में आकर ये क्या कह दिया कि २००९ के चुनावों में उन्होंने १८ करोड़ रुपये खर्च किये थे तो इन कांग्रेसियों ने उनका जीना हराम कर दिया| सत्यव्रत चतुर्वेदी जैसे , खुडे लेन लगे हुए , नेता भी कहने लग गए कि यह तो आयोग की सीमा से कहीं ज्यादा है | ये तो चुनाव कानून का उल्लंघन है और इनकम टैक्स वालों से नोटिस भी भिजवा दिया|

झल्ला

सेठ जी बेशक किलस के सही मगर बात तो आप ठीक ही कर रहे हो| भाजपाई मुंडे की खींची १८ करोड़ की लाइन को छोटा करने के लिए अब कांग्रेसी वीरेंदर ने १०० करोड़ के खर्चे का रहस्य खुद ही उगल दिया है सो भई जांच तो इसकी भी बनती ही है

कृपया अपने अमूल्य विचार व्यक्त करें :क्या कांग्रेस की छवि को हो चुके डेमेज को इसके धुरंधर कंट्रोल कर पायेंगे

१/=५/=और १२ /= में भरपेट भोजन की दलील देने वाले नेताओं से कांग्रेस द्वारा किनारा किये जाने के पश्चात अब कांग्रेस के विश्वस्त और अनुभवी नेताओं ने पार्टी की छवि को सुधारने के लिए यौजना आयोग के ३३ /= [शहर]और २७/=[ग्रामीण] के ऊपर के अमीरों वाले फार्मूले की ही आलोचना शुरू कर दी है।
[१] वरिष्ठ और अनुभवी कानून विद कपिल सिब्बल ने तो प्रश्न ही खड़ा कर दिया है कि इतनी कम राशि में कोई कैसे पेट भर सकता है| एक कार्यक्रम में केंद्रीय संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री कपिल सिब्बल ने गरीबी का आकलन करने के योजना आयोग के तरीके को चुनौती दे दी उन्होंने कहा कि पांच लोगों का परिवार 5,000 रुपये मासिक की आय में गुजर नहीं कर सकता। योजना आयोग की गरीबी की परिभाषा में कुछ गलत जरुर है।


[२] पार्टी के संकट मोचक महासचिव दिग्विजय सिंहने सोशल साइटपर ट्विट करके यौजना आयोग के इस फार्मूले के आधार को अपनी समझ से परे बताया । उन्होंने सुझाव भी दिया है कि परिवार के सदस्यों में कुपोषण को मापदंड बनाया जाना चाहिए। digvijaya singh ‏@digvijaya_28[Twitter ]I have always failed to understand the Planning Commission criteria for fixing Poverty Line . It is too abstract can’t be same for all areas
[३]]योजना और संसदीय राज्य मंत्री और पूर्व पत्रकार राजीव शुक्ला ने तो गरीबी के आंकड़ों को लेकर देश में छिड़ी बहस को बेवजह कि बहस बताते हुए एक नई दलील निकाली है श्री शुक्ला के अनुसार इन आंकड़ों को न तो सरकार ने तय किया है और न उन पर कोई निर्णय लिया है।
उन्होंने कहा कि तेंदुलकर समिति की रिपोर्ट को सरकार ने अभी तक स्वीकार नहीं किया है। इस संबंध में रंगराजन समिति की रिपोर्ट की प्रतीक्षा है जो अगले वर्ष आयेगी।
गौरतलब है कि योजना आयोग ने कहा था कि पांच लोगों का परिवार अगर ग्रामीण इलाके में 4,080 रुपये मासिक और शहरी क्षेत्र में 5,000 रुपये मासिक खर्च करता है तो वह गरीबी रेखा में नहीं आएगा।यौजना आयोग के इस फार्मूले को सपोर्ट करने के लिए कांग्रेस के प्रवक्ता राज बब्बर ने ऐ आई सी सी की प्रेस वार्ता में दावा किया की मुंबई जैसे शहर में मात्र १२/= में भरपेट खाना मिलता है| इसके पश्चात सांसद रशीद मसूद ने कहा की दिल्ली की जाम मस्जिद इलाके में तो ५/=में ही भरपेट खाना मिलता है|सरकार के सहयोगी और मंत्री फारुख अब्दुल्लाह तो इस लिमिट को मात्र १/= तक ले आये| तभी से देश में बहस चल रही है | मीडिया वाले सड़को पर ५/=और १२/= लेकर खाना तलाशते दिखाए जा रहे हैं| सोशल साईट्स पर सरकारी आयोजनों में ७७२१/= की थाली का पुनः जिक्र होने लगा है| सरकार की छवि को स्वभाविक धक्का लगा है इसी डेमेज को कंट्रोल करने के लिए धुरंधरों की टीम उतरी है लेकिन यक्ष प्रश्न है कि चुनावों में महज एक साल रह गया है इतनी कम अवधि में क्या ये धुरंधर पार्टी इमेज को हो चुके डेमेज को कंट्रोल कर पायेंगे ? कृपया अपने अमूल्य विचार व्यक्त करें

राजनीती में हीरोगिरी करने उतरे राज बब्बर १२ रुपये में खाने की दलील देकर समाज में विलेन और पार्टी में कामेडियन बन कर रह गए

राजनीती में हीरोगिरी करने उतरे फिल्म स्टार राज बब्बर १२ रुपये में भरपेट खाने की दलील देकर समाज में विलेन और राजनीती में कामेडियन बन कर रह गए |उनके इस ब्यान से सत्ता रुड कांग्रेस ने एक नए अंदाज में किनारा कर लिया है| प्रेस कांफ्रेंस बुलाने में माहिर कांग्रेस महासचिव व मीडिया विभाग के अध्यक्ष अजय माकन ने सोशल साईट ट्विटर पर एक लाईन ट्विट करके पार्टी की छवि सुधारने का प्रयास किया है उन्होंने लिखा है कि

कुछ नेताओं की तरफ से 12 रुपये और पांच रुपये में खाना मिलने के बयान से मैं सहमत नहीं हूं

बात यहीं पर ही नही रुकी मिडिया और सत्ता में बने रहने के शौकीन नेशनल कांफ्रेंस के नेता डॉ फारुख अब्दुल्लाह ने तो एक रुपये में रोटी की बात कह कर केंद्र सरकार के प्रति अपनी वफादारी दिखाने में देर नही लगाई लेकिन आज उन्होंने भी अपने बयाँ पर खेद जता कर पल्ला झाड़ लिया |

 Political Fight For Roti

Political Fight For Roti

कांग्रेस के प्रवक्ता राज बब्बर ने आल इंडिया कांग्रेस कमेटी [ AICC ]की ब्रीफिंग में पत्रकारों के सवालों के जवाब में यह दावा किया कि कीमतों में इजाफे के बावजूद गरीबी घटी है। कांग्रेस प्रवक्ता से गरीबी निर्धारण करने के लिए व्यय सीमा के निम्न कटऑफ के बारे में भी पूछा गया था और यह भी पूछा गया था कि कैसे कोई गरीब 28 रुपये या 32 रुपये के प्रतिदिन खर्च पर दो वक्त पूरा भोजन ग्रहण करने में सक्षम हो सकता है|इसके जवाब में उन्होंने बड़े फ़िल्मी अंदाज में अभिनय करते हुए दावा किया कि मुम्बई जैसे शहर में आज भी वोह [राज] भरपेट खाना खा सकते हैं| हीरो बनने चले राज बब्बर को पार्टी ने विदूषक बना कर रख दिया जिसके फलस्वरूप प्रवक्ता राजबब्बर को 48 घंटे में ही अपने बयान से पलटी मारनी पड़ गई|यहाँ तक इस इस डेमेज को कंट्रोल करने के लिए कांग्रेस ने भी पल्ला झाड़ लिया |अजय माकन के ट्विट के साथ ही पार्टी प्रवक्ता रेणुका चौधरी ने कांग्रेस की नियमित ब्रीफिंग में कहा, ‘राजबब्बर ने इस बारे में खेद जता दिया है। मुनासिब होगा कि इस बात को अब यहीं छोड़ दिया जाना चाहिए|
लेकिन राज्य सभा सदस्यरशीद मसूद अभी भी अपने ब्यान को तोड़ मोड़ कर उसी पर टिके हैं| कांग्रेस के रशीद मसूद ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा था कि दिल्ली के जामा मस्जिद इलाके में आप पांच रुपये में भरपेट खाना खा सकते हैं और आज स्थिति को बिगड़ता देख कर उन्होंने कहा है कि मैंने कब कहा कि ५ रुपयों में भरपेट खाना मिलेगा| आईये में एक रोटी और थोड़ी सी दाल पांच रुपये में दिला सकता हूँ |
कांग्रेस को शायद यह अंदाजा भी नही होगा कि उसके नेताओं की इस ब्यान बाजी से पार्टी और सरकार की इतनी फजीहत होगी।
इस मसले को लेकर बुधवार, गुरुवार और शुक्रवार तक कांग्रेस पर चौतरफा इतने हमले हुए कि हीरो राज बब्बर को विपक्ष और मीडिया ने विलेन बना कर रख दिया| इससे कांग्रेस की समझ में आ गया कि अपने नेताओं की इस ब्यान बाजी से पल्ला झाडना ही उचित होगा| शायद इसीलिए कांग्रेस की तरफ से इन नेताओं को दिशा निर्देश जारी किये गए हैं जिसके फलस्वरूप इन नेताओं ने अपनी जुबान को तोड़ मरोड़ना शुरू कर दिया है|

एक रुपये में भोजन सम्बन्धी अपने ब्यान पर डॉ फारुख अब्दुल्लाह ने खेद व्यक्त किया

Roti Bread

Roti Bread

डॉ फारुख अब्दुल्लाह एक रुपये में भोजन सम्बन्धी अपने ब्यान से पलट गए हैं |
उन्होंने कहा है कि भोजन की कीमत पर उनके बयान का गलत अर्थ लगाया गया
नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री डॉ. फारूख अब्दु्ल्ला ने कहा, “भोजन के मूल्य पर मेरे बयान को मीडिया में गलत संदर्भ में लिया गया लेकिन मैं समझता हूं कि मैंने जो कुछ भी कहा, उसका गलत अर्थ लगाया गया है। मेरे बयान से अगर किसी को चोट पहुंची है, तो मैं उसके लिए खेद व्यक्त करता हूं।
गौरतलब है कि बीते दिनों कांग्रेस के प्रवक्ता राज बब्बर ने दावा किया था कि मुंबई में १२/=मात्र में भर पेट भोजन मिल जाता है|इस लाइन को छोटा करते हुए रशीद मसूद ने कहा कि दिल्ली में तो मात्र ५/=में भर पेट खाना मिल जाता है इसे भी छोटा करते हुए डॉ फारुख अब्दुल्लाह ने कहा कि मात्र एक रुपये में ही खाना मिल जाता है|इन बयानों कि पूरे देश में खिल्ली उड़ाई जा रही है टी वी चैनलों के रिपोर्टर्स दोनों शहरों में ५/= और १२/= कि थालियाँ ढूंढते दिखाई दे रहे हैं | सोशल मीडिया पर भी ये लोग छाए हुए हैं |इन बयानों को गरीबों के साथ मजाक बताया जा रहा है |शायद इसीलिए स्थिति को सँभालते हुए वरिष्ठ नेता डॉ फारुख अब्दुल्लाह ने अपने ब्यान से किनारा कर लिया है|

नरेंद्र मोदी को अमेरिकी वीजा न दिए जाने की अपील करने वाले सांसदों के पत्र में फर्जी वाडे की परतें खुल रही है

गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को अमेरिकी वीजा न दिए जाने की अपील करने वाले सांसदों के पत्र में फर्जी वाडे की परते खुलने लग गई है
|[१] ९ सांसदों ने हस्ताक्षर करने से इन्कार किया है
[२] इस पत्र में २९ सांसद कांग्रेस के ही हैं सो विपक्ष इसके पीछे कांग्रेस का हाथ देख रहा है भाजपा ने इस पूरे मामले की जांच की मांग भी कर दी हैअब तक मोदी पर हमलावर कांग्रेसी नेता इस मामले से पल्ला झाड़ने लगे हैं|
[३] इस अभियान के पीछे एन आर आई ग्रुप की भूमिका भी सामने आने लगी है
भारत के 65 सांसदों की ओर से ओबामा प्रशासन को चिट्ठी फैक्स भेज कर मोदी को वीजा न दिए जाने का आग्रह किया है| आठ माह पुर्व भी ऐसा ही पत्र लिखा गया था लेकिन उस समय ऎसी हलचल नही हुई थी लेकिन अब उस पत्र की प्रति फेक्स किये जाने से मामला तूल पकड़ता जा रहा है|

नरेंद्र मोदी को अमेरिकी वीजा ?

नरेंद्र मोदी को अमेरिकी वीजा ?

[१] सीताराम येचुरी[२]अच्युतन,[३]केपी रामालिंगम[४]वंदना चह्वाण[५]संजीव नायक[६] एम राव कोवासे आदि सांसदों ने हस्ताक्षर करने से इंकार किया है|येचुरी ने तो इसे कट एंड पेस्ट का मामला बता कर शक की सुई किसी षड्यंत्र की तरफ घुमा दी है|
इस मुहिम के अगुआ मुहम्मद अदीब अभी भी इस पर अड़े हैं कि सभी सांसदों के दस्तखत सही हैंजबकि कांग्रेस और सरकार भी पल्ला झाड़ रही है। विदेश राज्यमंत्री परनीत कौर ने इस तरह की किसी अपील से असहमति जताई | कांग्रेस प्रवक्ता राज बब्बर ने भी पल्ला झाड़ते हुए कहा,’कांग्रेस को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि अमेरिका मोदी को वीजा देता है या नहीं।
भाजपा प्रवक्ता प्रकाश जावड़ेकर ने आशंका जताई कि यह कांग्रेस का षड्यंत्र है। एक अन्य प्रवक्ता मीनाक्षी लेखी ने कहा कि अगर कोई सांसदों के हस्ताक्षर का दुरुपयोग करता है तो उस पर तत्काल कार्रवाई होनी चाहिए। भाजपा के सांसद सुदर्शन भगत ने तो लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार को पत्र लिखकर हस्ताक्षर में फर्जीवाड़े की जांच की मांग भी कर डाली है।
अमेरिका में मोदी के खिलाफ पिछले आठ वर्षो से अधिक समय से अभियान चलाने वाले भारतीय अमेरिकी समूहों ने सांसदों द्वारा ओबामा को पत्र भेजने को जायज ठहराया है। ये समूह अमेरिका को इस बात के लिए राजी करने में कामयाब रहे हैं कि मोदी को वीजा न दिया जाए। इन समूहों ने यह भी कहा कि ओबामा को भेजे खत पर हस्ताक्षर करने वाले कुछ नेता अब दबाव में इससे इन्कार कर रहे हैं।
यह बात भी निकल कर आ रही है कि इसी समूह ने भारत में एक सांसद को अन्य सांसदों से हस्ताक्षर कराने का कार्य सौंपा था | सांसद पियूष गोएल के अनुसार यह समूह लाबिंग के लिए धन भी खर्च करता है| अब सवाल उठता है कि क्या इस लाबिंग के लिए विदेश से धन आया अगर आया तो बेहद गंभीर आरोप है | वाल मार्ट जैसी संस्थाओं द्वारा रिटेल में विदेशी निवेश के लिए लाबिंग कराई गई थी और उस पर धन भी खर्च किया गया था अभी तक उसकी जाँच कि मांग पर कार्यवाही नहीं हुई है अब यह एक और लाबिंग का मामला आया है|इसमें भी विदेशी धन का आरोप लग रहा है
इसके अलावा कांग्रेस पर मोदी के खिलाफ विदेशी हाथ का इस्तेमाल कराने का आरोप लगाया जा रहा है|माना जा रहा है कि भाजपा ने नरेंदर मोदी को पी एम् के उम्मीदवार के रूप में चुनावों में उतारने का मन बना लिया है|यदि मोदी को अमेरिका में वीजा मिल जाता है तो भारत में चुनावों के दौरान उसे भुनाया जा सकता है |कांग्रेस यह रिस्क लेने को तैयार नही है संभवत इसीलिए यह चक्रव्यूह रचा गया है लेकिन इस चक्रव्यूह में स्वयम कांग्रेस ही फंसती दिखाई दे रही है|

सरकार ने कमरतोड़ महंगाई को काबू करने के लिए गीदड़सिंघी घुमा कर गरीब ही कम कर दिए


झल्ले दी झल्लियाँ गल्लां

एक चीयर लीडर कांग्रेसी

ओये झल्लेया मुबारकां ओये देखा हसाडी सरकार ने कमरतोड़ महंगाई को काबू करने का चमत्कार कर दिखाया है ओये अब गांवों में रोजाना 27.20 रुपये और शहरों में 33.30 रुपये से ज्यादा कमाने वाले गरीब नहीं कहे जाएंगे।

झल्ला

ओ मेरे चतुर सुजाण जी ये भाजपा के अध्यक्ष राज नाथ सिंह अमेरिका में एवैईन हसाडी सोणी ते मन मोहणी सरकार की नीतियों की आलोचना करते फिर रहे हैं अप जी ने यहाँ गीदड़सिंघी घुमा कर एक झटके में गरीब ही कम कर दिए अब तो जी पौ बारह ही समझो अब तो
[१] एक अमेरिकी डॉलर के मुकाबिले रुपया ६० रुपये से भी रईस हो जाएगा
[२]अब गरीब कम होने से लोगों को भोजन भी कम देना पडेगा
[३]फ़ूड सिक्योरिटी देने पर खर्चा भी कम हो जाएगा
[४]ग्रामीण इलाकों में मनरेगा यौजना के अंतर्गत मजदूर की गरीबी दूर करने के लिए मात्र दस दिन की ध्याड़ी देने से ही कम चल जाएगा