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भाजपा ने उ.प्र. सरकार को बिजली के राजनीतिक झटके दिए : बिलों का भुगतान नहीं करने का आह्वाहन किया

भाजपा ने उ.प्र. सरकार को बिजली के राजनीतिक झटके दिए : बिलों का भुगतान नहीं करने का आह्वाहन किया
समाजवादी सरकार की बिजली के बिलों में बढोत्तरी के निर्णय के खिलाफ आज विपक्ष ने उ प्र. सरकार को बिजली के झटके दिए |प्रमुख विपक्षी दल भाजपा के
प्रदेश अध्यक्ष डा. लक्ष्मी कान्त वाजपई
ने लखनऊ में सरकार को बिजली के झटके देते हुए बिजली के बिलों का भुगतान नहीं करने की अपील की है |पार्टी ने प्रदेश में जिला मुख्यालयों पर विरोध प्रदर्शन करके बिजली नीति को बदले जाने की मांग की है|डा. लक्ष्मी कान्त वाजपई के न्रेतत्व में भाजपाईयों ने पावर महानिदेशक ऐ पी मिश्रा का घेराव किया |
डा. वाजपई के अनुसार विद्युत नियामक आयोग और उ प्र. पावर कारपोरेशन के सलाहकार एक ही हैं|फर्म बेशक दो हैं मगर उनका मालिक एक ही है|मुलजिम और मुंसिफ दोनों एक ही हैं|उन्होंने मामले को राष्ट्रीय विद्युत नियामक आयोग के समक्ष यह मुद्दा ले जाने की घोषणा करते हुए कहा है कि जब तक भारतीय नियामक से कोई निर्णय नहीं आ जाता तब तक बीजी के बिलों का भुगतान रोक दिया जाना चाहिए और अगर किसी उपभोक्ता की बिजली काटी जाती है तो भाजपा उसकी बिजली कनेक्शन जोड़ने आयेगी |

भाजपा ने उ.प्र. सरकार को बिजली के राजनीतिक झटके दिए : बिलों का भुगतान नहीं करने का आह्वाहन किया

भाजपा ने उ.प्र. सरकार को बिजली के राजनीतिक झटके दिए : बिलों का भुगतान नहीं करने का आह्वाहन किया

डा. वाजपई ने केंद्र और प्रदेश सरकार को किसान विरोधी बताते हुए कहा कि डीजल पेट्रोल के बाद ग्रामीण इलाकों में भी बिजली की दरों में बढोत्तरी से किसान हितैषी होने के दावों की हकीकत सामने आ गई है|

रालोद के प्रदेश अध्यक्षमुन्ना सिंह चौहान

ने इस नीति के पीछे उद्योग और सरकार में सांठ गाँठ का आरोप लगाया है| उन्होंने बताया कि आज अखिलेश यादव सरकार के पुतले जलाए हैंऔर
प्रदेश स्तर पर ६ जून को आंदोलन चलाया जाएगा|

बहुजन समाजवादी प्रदेश अध्यक्ष एस पी मौर्य

ने भी विरोध दर्ज़ कराया है|
इससे पूर्व प्रदेश नियामक बोर्ड ने बिजली कि दरों में लगभग ४०% तक बढोत्तरी करने की घोषणा की है|यह राज्य में अब तक कि सबसे बड़ी बढोत्तरी है|डोमेस्टिक में ३५% और रूरल एरिया में ४५% तक बढोत्तरी है|किसानो को प्रति हार्स पावर पर १००/=अतिरिक्त देने होंगे| लेकिन उद्योगों को इस बढोत्तरी से अलग रखा गया है|डोमेस्टिक उपभोक्ताओं को ०.५५ /=की वृद्धि के साथ ४/= प्रति यूनिट देने होंगे |हापुड़ में भाजपा सांसद राजेंदर अग्रावल केन्रेत्त्व में प्रदर्शन किया गया |
गौरतलब है कि प्रदेश में बिजली की दोष पूर्ण आपूर्ति नीति का विरोध आये दिन होता रहता है इसके अलावा समाजवादी पार्टी के अपने वोट बैंक एरिया में बिजली की खुले आम लीकेज की आलोचना होती रहती है|ऐसे में बिजली कि दरों में यह बेतहाशा बढोत्तरी जले पर नमक का काम कर रही है|विपक्ष को बैठे बिठाए एक मुद्दा हाथ लग गया है | दिल्ली के बाद अब उत्तर प्रदेश सरकार की भी राजनीतिक बिजली खतरे में पड़ती नज़र आने लगी है| बेशक भाजपा का बिजली के बिलों के भुगतान सम्बन्धी एलान को दिल्ली में आम आदमी पार्टी के एलान के साथ जोड़ा सकता है मगर इससे भाजपा को जनता से सीधे जुड़ने का एक अवसर जरूर मिल गया है जिससे २०१४ में होने वाले लोक सभा के चुनावों पर नज़र गडाए एस पी को अपने प्रदेश में राजनीतिक नुक्सान उठाना पड़ सकता है|

राज्य सभा के लिए कांग्रेस ने एक नया सांसद असम से जीता मगर तेलंगाना से दो लोक सभा सांसद गवां दिए


झल्ले दी झल्लियाँ गल्ला

एक कांग्रेसी चीयर लीडर झल्ला

बेशक यह आप जी के लिए क्षणिक ख़ुशी की बात ही हो सकती है क्योंकि पी एम् के साथ केवल एक ही सांसद राज्य सभा में आप जी के खाते में आया है जबकि तेलंगाना निर्माण के लिए धर्म युद्ध लड़ रहे आप कि पार्टी के सांसद [१]विवेक+[२]जगन्नाथ ने आप की पार्टी से किनारा कर लिया है|इनके साथ लुभाव में केशव राव भी पतली गली से निकल लिए है|अर्थार्त राज्य सभा में एक नया सांसद आया और लोक सभा से दो सांसद निकल गए

आई पी एल के सर्वोच्च दोषियों को बचाने के लिए नेताओं ने भी शब्दों की वाइड बालिंग शुरू कर दी है

जेंटल मैन के गेम क्रिकेट में सुधार के नाम पर राजनीतिज्ञों में राजनीति का आई पी एल शुरू हो गया है| जबसे बी सी सी आई के सुप्रीमो एन श्रीनिवासन के दामाद एम् गुरुनाथ का नाम बेटिंग या फिक्सिंग में आया है तब से नेताओं पर भी सवाल उठने लगे हैं दिल्ली पोलिस द्वारा अपनी जांच को सिमित किये जाने के बावजूद अब कमान मुम्बई पोलिस ने संभाल ली है और गुरुनाथ को पूछ ताछ के लिए हिरासत में ले लिया है इसीलिए फेस सेविंग के लिए अब दलों ने शब्दों की/बयानों की बालिंग शुरू कर दी है लेकिन अधिकाँश बालिंग वाईड ही जा रही है| अर्थार्त वर्तमान समस्यायों को हल करने के लिए भविष्य में यौजनाएं बनाए जाने पर बल दिया जा रहा है| उदहारण देखिये
[१] सबसे पहले कांग्रेस के केंद्रीय कानून मंत्री कपिल सिब्बल ने क्रिकेट को लेकर एक नए कानून की आवश्यकता पर बल दिया|
[२]स्पोर्ट्स मिनिस्टर जीतेन्द्र सिंह ने आई पी एल को लेकर हो रहे खुलासों पर शर्मिंदगी दिखाई|
[३] संसद में विरोधी मगर क्रिकेट में साथ साथ भाजपा के राज्य सभा में नेता और बी सी सी आई के उपाध्यक्ष अरुण जेटली तथा कांग्रेस के संसदीय कार्य मंत्री और आई पी एल के चेयर मैन राजीव शुक्ला ने कानून मंत्री कपिल सिब्बल के यहाँ जा कर क्रिकेट में एक सशक्त कानून की मांग करके अपना विरोध जताने के ओपचारिकता पूरी कर दी है|गौरतलब है की कपिल सिब्बल पहले ही इसके लिए आदेश दे चुके हैं|वास्तव में राजीव शुक्ल शुरू से ही श्रीनिवासन के बचाव में रवि वसानी कमिटी की रिपोर्ट की प्रतीक्षा करने की बात कहते रहे हैं|जेटली शुरू से ही मामले पर चुप्पी साधे हुए हैं|
[४]क्रिकेट जगत के एक और महायौद्धा शरद पवार की राजनितिक पार्टी एन सी पी के प्रवक्ता डी पी त्रिपाठी ने और उत्तर प्रदेश में सत्ता रुड समाजवादी पार्टी के नेता नरेश अग्रवाल ने श्रीनिवासन के तत्काल इस्तीफे की मांग कर डाली है| इसके अलावा कांग्रेस के ही एक अन्य सहयोगी लालू प्रसाद यादव और बिहार के मुख्य मंत्री नितीश कुमार ने बड़े हलके स्वभाव में आई पी एल की आलोचना करके पल्ला झाड लिया है|
[५]सहारा श्री सुब्रोतो रॉय ने पुणे वारियर से अपनी फ़्रेञ्चाईसी को समाप्त कर दिया है और अपनी सिक्यूरिटी जब्त किये जाने से क्षुब्ध होकर रॉय ने श्रीनिवासन के अवगुण गिनाते हुए तत्काल हटाये जाने की मांग करने शुरू कर दी है| टाइम्स नॉव के एंकर अरनव गोस्वामी को दिए इंटर व्यू में रॉय ने श्रीनिवासन को नकारा साबित किया है|
जेंटल मैन गेम क्रिकेट में स्पॉट +मैच फिक्सिंग और बेटिंग के माध्यम से राष्ट्र विरोधियो के हाथ मजबूत किये जा रहे हैं ऐसे में बी सी सी आई के कर्णधार अपने सुप्रीमो को बचाने के लिए दुनिया भर की दलीलें देते फिर रहे हैं| दिल्ल्ली और मुम्बई पोलिस में भी फुटबाल शुरू हो गया है यहाँ तक के नेताओं ने वाईड बालिंग शुरू करके समय लिया जा रहा है ऐसे में यह कहना अनुचित नही होगा के जेंटल मैन का यह गेम अब असभ्य लोगों का खेल बन चुका है|

पोलिटिकली+कल्चरली सेंसरशिप स्वीकार्य है : सीधे एल के अडवाणी के ब्लाग से

एन डी ऐ इन वेटिंग और वरिष्ठ पत्रकार लाल कृषण अडवाणी ने अपने नवीनतम ब्लॉग के पश्च्य लेख[ TAILPIECE ] के माध्यम से इन्टरनेट के माध्यम से व्यक्त किये जा रहे विचारों पर लगाई जा रही सेंसरशिप का उल्लेख किया है | उन्होंने सी आई ऐ [CIA ]के पूर्व निदेशक MichaelHayden के हवाले से पोलिटिकली+कल्चरली [ POLITICALLY AND CULTURALLY ] सेंसरशिप को बेहतर बताया है| श्री आडवाणी ने माइकल हेडेन [ MichaelHayden ] की पुस्तक के हवाले से विश्व में तीन प्रकार की सेंसरशिप का उल्लेख किया है|
[१]

खुल्लमखुल्ला

सेंसर शिप के लिए दबंग चाइना का ज्वलंत उदहारण दिया जा सकता है| चाइना में फेस बुक+ट्विटर+टुम्बिर आदि सोशल साईट्स को थियमनन चौक कांड के बाद [ Tianenmen Square ] सरकार द्वारा खुल्लम खुल्ला बैन कर दिया गया| दलाई लामा के तिब्बत आन्दोलन पर चर्चा पर पूर्णतया पाबंदी है|
[२]

शर्मनाक भेड़ छननी

[ SHEEPISH:Filter ]इसके सपोर्ट में टर्किश सरकार का उदहारण दिया गया है| टर्किश सरकार स्वयम को इंटरनेट यूसर्स के साथ असहज मानती है| बेशक यहाँ चीन की तरह खुल्लम खुल्ला दबंगई नही है फिर भी सूचना या चेतावनी दिए बगैर ही लगभग ८००० वेबसाइट ब्लाक कर दी गई है|
[३]

पोलिटिकली+कल्चरली स्वीकार्य

[POLITICALLY AND CULTURALLY ]इस फ़िल्टर को सबसे भिन्न बताया गया है| इसके लिए साउथ कोरिया+ जर्मनी + मलेशिया के उधारण हैं| यह सेंसर शिप चुनिन्दा और कानूनन कुछ स्पेशल केसों पर ही लागू होती है| जिसे छुपाया नहीं जाता +जबरदस्ती थोपा नही जाता+चोरी छुपे लागू नहीं किया जाता| हेडेन की पुस्तक में इस तरीके की सेंसरशिप की कामना की गई है|
सर्व विदित है के भारत में इमरजेंसी के कारण श्री आडवाणी आदि राजनीतिज्ञों ने जेलों में कष्ट सहे थे|और उस उत्पीडन से उबरने के लिए जनता पार्टी का गठन किया गया था| अब फिर से देश में सोशल मीडिया पर पाबन्दी लगाने के लिए प्रयास शुरू हो गए हैं ऐसे में यह लेख आई ओपनर हो सकता है|

जेंटल मैन के गेम आइ पी एल में फिक्सिंग की जांच होने तक श्रीनिवासन को आफिस से बाहर बैठाना सभ्यता की निशानी होगी

भारत में कर्णधारों द्वारा एक विशेष धर्म का पालन बड़े धर्म से किया जाता है और वोह धर्म है विपक्षी के परिवारजनों के सभी नैतिक अनैतिक कार्यों पर मौन धारण करना | इस राष्ट्रीय धर्म का पालन क्रिकेट जैसे राष्ट्रीय खेल में भी किया जा रहा है| इस खेल में छोटे मोटे आरोपियों को लोहे की सलाखों के पीछे रखने के लिए दिन रात पसीना बहाया जा रहा है लेकिन क्रिकेट के कर्णधारों के परिवार जनो के प्रति मौन धर्म का पालन पूरे धर्म से किया जा रहा है|
स्पॉट फिक्सिंग की जांच अब केवल तीन खिलाड़ियों तक ही सिमित नही रही इसकी आंच बड़े लोगों तक पहुँचने लगी है|भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी की पत्नी श्रीमति साक्षी धोनी और बी सी सी आई के टाप बॉस श्रीनिवासन के दामाद एम् गुरुनाथ का नाम भी आरोपियों में आने लगा है| गुरुनाथ स्वयम आई पी एल की टीम के फ्रेंचाइसी[C S K] हैं और उनके लिंक फिक्सिंग के आरोपियों से जुड़ रहे हैं|
श्री मति धोनी को एक मैच में एक आरोपी बिंदू दारा सिंह के साथ मैच में ठहाके लगाते देखा गया |उस मैच में धोनी के हाफ सेंचुअरी बनाने के बावजूद भी दूसरी टीम जीत गई| इसके अलावा स्वयम बिंदू ने अपने संबंधों को आई पी एल की एक टीम के मालिक मय्यपन गुरुनाथ [फ्रेंचाईसी] के साथ स्वीकार कर लिया है यह फ़्रेञ्चाईसी बी सी सी आई के चेयर मैन एन श्रीनिवासन का दामाद है|
दिल्ली +मुम्बई की पोलिस आये दिन एक के बाद एक नए खुलासे करके एक दूसरे पर स्कोर करने की कौशिश में हैं| कांग्रेस +भाजपा+एन सी पी आदि पार्टियों के राजनीतिक इस प्रकरण पर अफ़सोस जता रहे हैं मीडिया चिल्ला चिल्लाकर सबका ध्यान इस दिशा में ला रहा है | इस सब के बावजूद कोई श्रीनिवासन या एम् एस धोनी जैसों के विषय में बोलना भी गवारा नही कर रहा| पोलिस गुरुनाथ को आई पी सी की धारा १६० के अंतर्गत तत्काल पूछ ताछ तक के लिए अपने थाणे में नही बुला सकी|
कांग्रेस के संसदीय राज मंत्री राजीव शुक्ला[स्वयम भी पत्रकार ] की रटी रटाई स्टीरियो टाइप प्रतिक्रिया है कि कानून अपना काम कर रहा है|भाजपा कोटे के युवा नेता अनुराग ठाकुर तो किसी बात से अनभिज्ञता जाहिर करते फिर रहे हैं| भाजपा के राज्य सभा में नेता अरुण जेटली की क्रिकेट से बर्खास्तगी की मांग उठने लग गई है| इससे पूर्व पार्टी की लोक सभा में नेता श्री मति सुषमा स्वराज ने आइ पी एल पर प्रतिबन्ध लगाये जाने का विरोध जताया है|खेल से जुड़े एन सी पी के सुप्रीमो शरद पवार की चुप्पी टूटी नहीं है|टीम चयन के लिए जिम्मेदार के.श्रीकांत+ वरिष्ठ सुनील गवास्कर+कपिल देव आदि श्रीनिवासन के खिलाफ बोलने को तैयार नही दिख रहे है | पूर्व पी एम् अटल बिहारी वाजपई के दामाद से लेकर वर्तमान यूपी ऐ की अध्यक्षा के दामाद के केस में इसी धर्म का पालन किया जाता रहा है|अब क्रिकेट के चेयर मैन एन श्रीनिवासन के दामाद के केस में भी उसी लाईन को फॉलो किया जा रहा है|
देश और खेल के कर्णधारों का यह व्यवहार कहीं न कहीं इस धर्म का सन्देश जरुर देता है कि किसी के परिजनों पर अटैक नही करना चाहिए|
यहाँ यह कहना उचित ही होगा कि क्रिकेट कि सबसे बड़ी संस्था आई सी एल ने स्पॉट फिक्सिंग के मात्र आरोप के आधार पर पाकिस्तान के एम्पायर असद रऊफ को आगामी चैम्पियंस ट्रॉफ़ी क्रिकेट प्रतियोगिता से बाहर कर दिया है| लेकिन भारत में अपने प्रतिनिधि एन श्रीनिवासन को हटाने को तैयार नही है| अगर असद रऊफ़, की बर्खास्तगी खेल और प्रतियोगिता के हित में है और किसी भी जांच के नतीजे की प्रतीक्षा किये बगैर ही असद को हत्या जा सकता है तो एम् एस धोनी और एम् गुरुनाथ के विषय में कोई कार्यवाही नही की जा रही |यहाँ यह कहना अनुचित नही होगा के क्रिकेट को जेंटल मैन का गेम कहा जाता रहा है ऐसे में जेंटल मैन के नैतिक धर्म को कानून की पैचिदिगियों के नीचे नही दबाना चाहिए|इसीलिए आइ पी एल में वर्तमान फिक्सिंग की जांच होने तक एन श्रीनिवासन को आफिस से बाहर बैठाना सभ्यता की निशानी होगी|

कांग्रेस के जश्न से यह तो साफ हो गया कि सोनिया और सिंह में कोई पंगा नही है


झल्ले दी झल्लियाँ गल्लां

एक आम आदमी पार्टी का परेशां नेता

ओये झाल्लेया ये कांग्रेस और भाजपा क्या आम जनता को भांभड भूसे में डाले जा रही है|ओये कांग्रेस अपनी नौंवी वर्षगाँठ पर जश्न मना रही है और नाकामी+ भ्रष्टाचार+शिथिलता के किस्सों को केमोफ्लेज करके अपनी कथित उपलब्धियों का ढोल पीट रही है दूसरी तरफ भाजपा ने कुछ किया नही और कांग्रेस को को गालियाँ निकाल कर ही सत्ता में आना चाह रही है| ओये देश की जनता को इन लोगों ने बेवकूफ समझ रखा है क्या?रोजगार में बढ़ोत्तरी+ मनरेगा के दैनिक भत्ता दोगुना करने+ खाद्य सब्सिडी में तीन गुना वृद्धि+ और सामाजिक क्षेत्र में बढ़ोत्तरी दिखाने वाले आंकड़े पेश किये जा रहे हैं ओये इनके पीछे छुपे घोटालों का कोई जिक्र नही है|भाजपा में प्रधान मंत्री के लिए घमासान मचा हुआ है ऐसे में देश हित में किसी तीसरी शक्ति को आना ही होगा |

झल्ला

ओ बू जी आज की रिपोर्ट कार्ड से दो बातें तो समझ में आई है कि यूं पी ऐ कि अध्यक्षा श्री मति सोनिया गाँधी और हसाडे सोणे ते मन मोहणे प्रधान मंत्री के बीच [१]कोई पंगा नही है [२]और कांग्रेस को मिला खाली ग्लास भरने के लिए अभी सत्ता का एक और कार्यकाल चाहिए |जहाँ तक आप जी का सवाल है तो श्रीमान जी आप पेड के नीचे बैठ कर आम के टूट कर आपकी झोली में गिरने की फिराक में हैं|खैर उम्मीद पर दुनिया कायम है जी

२३ मई को विनोद राय के रिटायर होने से केंद्र और कारपोरेट को राहत मिलती नही दिख रही :नए कैग को सरकार का मोहरा बताया

२३ मई का दिन कांग्रेस [ CONGRESS ]और रिलायंस[ Reliance ] के लिए कुछ ख़ास राहत प्रदान करने वाला नही होगा क्योंकि यह दिन कैग[ CAG ]विनोद राय[ VinodRai ] के लिए कैग कार्यालय में बेशक आखिरी दिन होगा| लेकिन नए कैग के रूप में जिस शशि कान्त शर्मा[ ShanshiKantSharma ] का चयन किया गया है उसके चयन प्रक्रिया में बरती जा रही गोपनीयता पर भी सवाल उठने लग गए हैं| राय २३ मई को रिटायर होंगे और नए कैग शर्मा एक बजे पद की शपथ लेंगे|
शर्मा को नए कैग के रूप में चुने जाने की प्रक्रिया जानने के लिए एक सरकारी अधिकारी द्वारा आर टी आई भी दाखिल की जा चुकी है जिसके उत्तर में पहले तो फाईल को इकोनोमिक्स अफेयर्स और सेंट्रल सचिवालय में तीन माह तक घुमाया जाता रहा अब जा कर १६ मई को बताया गया है केकैग के चयन के लिए किसी पात्रता की आवश्यकता नहीं है|
कैग के चयन के लिए कोई निश्चित गाईड लाईन नहीं है| इसीलिए सलेक्शन कमिटी के गठन करने के बजाय पुराने रिवाजों और प्रेक्टिस को ही आधार बनाया गया है|इसी का पालन करते हुए भारत सरकार के वित्त मंत्रालय ने शशी कान्त शर्मा का नाम प्रेजिडेंट के पास भेजा था |
इस उत्तर के अधर पर आम आदमी पार्टी[आप] ने इस चयन प्रक्रिया पर टिपण्णी करते हुए कहा है कि कैग का चयन किसी प्रकार की पारदर्शिता के बजाय पूर्णतया सरकार को बचाने के लिए किया गया है| यह सर्व विदित है कि आउट गोइंग कैग विनोद राय ने भ्रष्टाचार के अनेकों केस खोल कर सरकार और कुछ कारपोरेट घरानों की नींद हराम कर दी थी|
क्योंकि कैग का मुख्य कार्य डिफेन्स की खरीद का आडिट करना भी है और नए कैग लम्बे समय तक डिफेन्स सेक्रेट्री रहे हैं|और सरकार के सहयोगी रहे हैं| इसके अलावा के जी बेसिन को लेकर आडिट कि मांग को रिलायंस द्वारा टाला जा रहा है|इसके साथ ही दिल्ली में बिजली कम्पनियां अपने आडिट को नए कैग के आने तक टालने में सफल रही है|
आप पार्टी ने आरोप लगाया है कि कमजोर कैग सभी पोलिटिकल पार्टियों के लिए लाभकारी होगा शायद इसीलिए किसी पार्टी ने अभी तक नए कैग के चयन पर आपत्ति नही की है|
नए कैग का केंद्र सरकार के साथ का साथ या सहयोग इस प्रकार है| १९७६ बैच के बिहार केडरके आई ऐ एस अधिकारी है| जुलाई २०११ से लगातार डिफेन्स सेक्रेट्री हैं और रिटायरमेंट के पश्चात फ़िलहाल एक्सटेंशन पर हैं|इससे पूर्व रक्षा मंत्रालय में ही लगातार दस साल तक [२००३-२०१०] संयुक्त सचिव+अतिरिक्त सचिव+डी जी के पदों पर रहे हैं |इसी अवधि में रक्षा खरीद ज्यादा हुई है|

राजीव गाँधी को उनकी २२ वी पुण्य तिथि पर कांग्रेस ने भावभीनी श्रधांजलि अर्पित की

[मेरठ]दिवंगत राजीव गाँधी[ RajivGandhi ] को उनकी २२ वी पुण्य तिथि पर कांग्रेस के समर्पित कार्यकर्ताओं ने भावभीनी श्रधांजलि अर्पित की|बुढाना गेट स्थित पार्टी के कार्यालय में आयोजित इस श्रधांजलि सभा में दिवंगत नेता के जीवन से प्रेरणा लेने का आह्वाहन किया गया|
आश्चर्यजनक रूप से एक ऐ आई सी सी और दो पी सी सी सदस्यों के अलावा लगभाग २० कार्यकर्ता ही मौजूद थे जबकि यहाँ चार ऐ आई सी सी[ AICC ] और बाईस पी सी सी[ PCC ] सदस्य हैं|ऐसे महत्वपूर्ण आयोजन पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं के जमावड़े का आभाव कहीं न कहीं यह सन्देश जरुर देता है कि २०१४ के टारगेट को प्राप्त करने के लिए किये जा रहे कार्यों की जमीनी हकीकत कुछ और ही है |

आप पार्टी के आन्दोलन कारियों को दिल्ली के विधायकों ने धकियाया +धमकाया+ गुंडों से पिटवाया और पोलिस से पकड़वाया

आम आदमी पार्टी [आप] ने आज दिल्ली के विधायकों का घेराव किया जिसके फलस्वरूप अनेकों ने धमकाया एक आध ने पानी पिलाया तो कुछ नेताओं ने पोलिस का सहारा लेकर आन्दोलन कारियों को थाणे भी पहुंचाया |
आप पार्टी ने अपनी पूर्व घोषणा के अनुसार आज विधायकों का घेराव किया और बिजली पानी के बिलों की सर्पाकार रफ़्तार के साथ महिलाओं की सुरक्षा पर सवाल किये गए लेकिन पार्टी की प्रवक्ता अस्वति मुरलीधरन के अनुसार ज्यादातर विधायकों ने अपने छेत्र के वोटरों से मिलने से भी इंकार कर दिया|शान्ति पूर्वक आन्दोलन कर रहे कार्यकर्ताओं को पोलिस और अपने दबंगों के बल पर तितर बितर भी किया|
पार्टी ने कुछ उदहारण भी दिए हैं
शाहदरा में कांग्रेस के विधायक नरेन्द्र नाथ ने महिलाओं और बच्चो को भी नही बक्शा |२० कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार भी करा दिया गया| +सोमेश शौकीन ने तो पार्टी के कार्यालय आकर सबको धमकाया जिसके खिलाफ १०० नंबर पर ऍफ़ आई आर दर्ज़ करा दी गई है|मालवीय नगर में विधाक किरण वालिया के दबंगों ने आन्दोलन कारियों को निर्दयता से पीटा |तीन कार्यकर्ता घायल हुए हैं|
चीफ मिनिस्टर शीला दीक्षित के आवास की तरफ कूच करने वाले कार्यकर्ताओंको मार्ग में ही रोक कर तुगलक रोड पोलिस स्टेशन में भिजवाया गया| २० कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिए गया है| हैल्थ मिनिस्टर एक के वालिया[लक्ष्मी नगर] और रमेश बिदुरी[तुगलकाबाद ] के आवास के बाहर आँदोल कारियों को रोकने के लिए भारी पोलिस बंदोबस्त किया गया था जिसके दम पर आन्दोलन कारियों के म्यूजिक सिस्टम तोड़ डाले गए|गाँधी नगर के विधायक के घर की तरफ जाने वालों को कल्याण पूरी पोलिस स्टेशन ले जाया गया|

भाजपा के विधायक प्रो. विजय कुमार मल्होत्रा

के निवास पर पहुंचे आन्दोलन कारियों को बैठा कर पानी पिलाया गया और उनके बात सुन कर कार्यवाही का आश्वासन दे कर उन्हें लौटाया गया |
इस आन्दोलन के प्रति प्रतिक्रया जानने के लिए

मुख्य मंत्री निवास

पर फोन किया गया तो प्रेस मामलों को देख रहे श्री सत्यपाल ने बताया कि आप पार्टी ने सरकार को कोई लिखित में तो सूचना नहीं दी थी और ना ही इस सम्बन्ध में सरकार को कोई मांग पत्र ही दिया गया है इसीलिए इस पर प्रतिक्रया जरुरी नहीं है|
उन्होंने बताया कि आप पार्टी द्वारा रोजाना स्टैंड बदल लिया जाता है |सत्यपाल ने राजनीति का आरोप लगाते हुए कहा कि आप पार्टी ने चुनाव की तैयारी स्वरुप इस आन्दोलन को चलाया है अब चुनावों में सब दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा|
आप पार्टी ने दिल्ली के ७० विधायकों का घेराव करने की घोषणा की थी पार्टी की विज्ञप्ति में घेरे गए विध्य्कों कि संख्या नही बताई गई है इस सम्बन्ध में प्र्यस्कराने के उपरान्त भी पार्टी से संपर्क नही हो पाया

सुप्रीम कोर्ट के तोता प्रेम पर कांग्रेसी राजा दिग्विजय सिंह झल्लाए ,कोर्ट के लिए ही आईना ले आये

झल्ले दी झल्लियाँ गल्लां

एक दुखी मिस्टर ब्लैक कोर्ट[वकील]

ओये झल्लेया ये कांग्रेसी राजा दिग्विजय सिंह कौन सा कीड़ा काट रहा है है ?ओये अब उन्होंने सुप्रीम कोर्ट की टिपण्णी पर भी सिसायत शुरू कर दी है| कोल गेट की जांच की निगरानी करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने संदिग्ध गतिविधिओं पर सी बी आई को सरकार का तोता नहीं बनने की टिपण्णी तक कर दी इसे सी बी आई प्रमुख ने स्वीकार भी कर लिया और कहा कि हाँ सी बी आई स्वंतंत्र नहीं है|इसके अलावा इनकी सरकार के सहयोगी लालू प्रसाद यादव ने भी अपनी एतिहासिक रैली में तोता प्रेम को व्यक्त किया है लेकिन ये राजा जी सुप्रीम कोर्ट को ही हतोत्साहित करने का प्रयास करने लग गए हैं|

झल्ला

अरे श्रीमान जी दरअसल राजा दिग्विजय सिंह को अपने गृह प्रदेश से ताड़ी पार किया गया है |अपनी पार्टी में कोई महत्त्व नहीं दिया जा रहा | इनकी सलाह को नकार कर सत्ता के दो केन्द्रों के अस्तित्व को कायम रखा जा रहा है|इसीलिए बेचारे कभी कभाग ऐसी विवादित टिपण्णी दे कर अपनी मौजूदगी का अहसास करते रहते हैं और सरकार के विरुद्ध होने वाले कार्यवाही+राजनीतिक बयान या कोर्ट की टिपण्णी पर बेमांगे ही अपनी राय देकर उसे चर्चा के लिए मीडिया में उछालते रहते हैं|