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बेनी प्रसाद वर्मा के शाब्दिक बाणों को भाजपा ने अमर्यादित और अप्रासंगिक बता कर टिपण्णी के भी लायक नहीं समझा

कांग्रेस के केन्द्रीय इस्पात मंत्री बेनी प्रसाद वर्मा के तीखे शाब्दिक बाणों से उत्तर प्रदेश में सत्ता रुड समाज वादी पार्टी बेशक विचलित नज़र आ रही है लेकिन प्रदेश में भाजपा न्रेतत्व बेनी के ब्यानों को अमर्यादित और अप्रासंगिक बता कर टिपण्णी के भी लायक नहीं समझ रही है|बेनी प्रसाद वर्मा ने अपने पूर्व पार्टी समाजवादी की आलोचना करते हुए भाजपा को भी लपेट लिया |मीडिया के समक्ष बेनी ने कहा कि १६ वी लोक सभा में उत्तर प्रदेश की ८० सीटों में से कांग्रेस को ४० और समाजवादी की अर्थी उठाने के लिए सपा के ४ सांसद ही आयेंगे |अपनी वर्तमान सहयोगी बसपा को उन्होंने ३६ सीट तो केंद्र में मुख्य विपक्षी पार्टी के लिए मात्र १० सीटों के लिए भविष्यवाणी की |इस पर प्रतिक्रिया देने के लिए जब भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डाक्टर लक्ष्मी कान्त वाजपई से संपर्क किया गया तो उन्होंने बेनी प्रसाद वर्मा की टिपण्णी को अमर्यादित और अप्रसांगिक बताया और कहा कि यह टिपण्णी के लायक भी नहीं है|उन्होंने कहा कि यह जनता तय करेगी कि किसको कितनी सीटें मिलेगी|

 बेनी प्रसाद वर्मा के शाब्दिक बाणों को भाजपा ने अमर्यादित और अप्रासंगिक बता कर टिपण्णी के भी लायक नहीं समझ

बेनी प्रसाद वर्मा के शाब्दिक बाणों को भाजपा ने अमर्यादित और अप्रासंगिक बता कर टिपण्णी के भी लायक नहीं समझ


लोक सभा के चुनावों के लिए भाजपा की तैय्यारियों के विषय में पूछे जाने पर पहले उन्होंने कांग्रेस और सपा की नकारत्मक उपलब्धियों का ब्योरा दिया|उन्होंने बताया कि[१] महंगाई जनक+भ्रष्टाचार पोषक+कांग्रेस[२] बसपा की जातिवादी नीति और सपा के कुशासन से जनता तंग आ चुकी है| इसीलिए जनता अब बदलाव चाहती है|इस संधर्भ में अपनी सकारत्मक उपलब्धियों का वर्णन करते हुए डा. वाजपई ने बताया कि भाजपा के सुशासन+राष्ट्रवाद+अटल बिहारी वाजपई सरकार की स्वछ छवि के आधार पर जनता के बीच जायेंगे और देश में सात भाजपा शासित प्रदेशों में आये क्रांतिकारी विकास से जनता को जागरूक किया जाएगा|
उन्होंने बताया कि[१] लाडली लक्ष्मी यौजना के अंतर्गत बिना धर्म और जाति के भेद भाव किये कन्यायों को १८०००/- दिए जा रहे हैं और १८ साल होने पर १०००००/= दिए जा रहे हैं|[२]गावं से स्कूल जाने वाली छात्रा को एक साईकिल दी जा रही है[३]किसानो को जीरो प्रतिशत ब्याज पर लोन दिया जा रहा है|
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष और मेरठ शहर[वरिष्ठ] विधायक डाक्टर वाजपई ने गर्व से बताया कि संयुक्त राष्ट्र द्वारा विकास की द्रष्टि से भाजपा शासित राज्य गुजरात को विश्व में दूसरा और मध्य प्रदेश को ४२वा राज्य घोषित किया है |इनके अलावा किसी भी और राज्य को शामिल नहीं किया गया है|
डाक्टर वाजपई ने दावा किया है कि उत्तर प्रदेश में भी लाडली लक्ष्मी +१८ साल पूरे होने पर एक लाख की राशि+ छात्राओं को साईकिल और किसानों को बिना ब्याज के ऋण उपलब्ध कराया जाएगा|

अरविन्द केजरीवाल का असहयोग और उपवास २सरे दिन भी जारी:पहले दिन ३६७४३ समर्थक आये

अरविन्द केजरीवाल का असहयोग और उपवास २सरे दिन भी जारी:पहले दिन ३६७४३ समर्थक आये

अरविन्द केजरीवाल का असहयोग और उपवास २सरे दिन भी जारी:पहले दिन ३६७४३ समर्थक आये

आम आदमी पार्टी (आप) के सर्वोच्च नेता अरविंद केजरीवाल आज रविवार को दूसरे दिन भी लगातार उपवास पर रहे|
रामलीला मैदान व जंतर-मंतर की खुली जगह के स्थान पर उन्होंने इस आंदोलन के लिए यमुनापार की सुंदर नगरी की तंग गली को चुना है| आप की वेबसाइट पर पहले दिन के समर्थकों का आंकडा ३६७४३ दिखाया गया है|अरविंदकेजरीवाल के अनुसार उपवास तभी टूटेगा, जब दिल्ली वासियों के मन में बैठा सत्ता का डर निकल जाएगा।दिल्ली वासी भ्रष्टाचार के विरुद्ध एक जुट हो जायेंगे| उन्होंने दिल्‍लीवासियों से अपील की है कि वे बिजली-पानी का बिल न भरें। दिल्ली में बिजली-पानी के नाजायज़ रूप से बढ़े बिलों के खिलाफ, जनता को एकजुट करने के लिए यह असहयोग आन्दोलन और उपवास का कार्यक्रम चलाया गया है|
आप के नेताओं का कहना है कि बिजली और पानी के नाजायज़ बिलों से दिल्ली के आम आदमी की ज़िन्दगी हलकान है. यह बिल बढ़ने का एक ही कारण है – भ्रष्टाचार. दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित जी बिजली-पानी कंपनियों से मिली हुई हैं. वे जनता के हितों को बेचकर, बार बार बिजली पानी के दाम बढ़ा रही हैं. दूसरी तरफ प्रमुख विपक्षी पार्टी भाजपा चुप है या फिर विरोध का नाटक करती है.
सर्व विदित है कि २०१० में डीईआरसी के तत्कालीन चेयरमैन बरजिंदर सिंह ने बिजली के दाम कम करने का आदेश तैयार किया था, लेकिन दिल्ली कि मुख्य मंत्री शीला दीक्षित ने इसे रुकवा दिया | उस आदेश की प्रति दो साल से दिल्ली के बीजेपी नेताओं के पास थी लेकिन उनके विधायकों ने दो साल में एक बार भी इसे विधानसभा में नहीं उठाया. आज वो चुनाव के पहले विरोध का नाटक कर रहे हैं
ये . दोनों बड़ी पार्टियां बिजली-पानी की बड़ी बड़ी कंपनियों से मिली हुई हैं.श्री मति शीला ने दिल्ली में बिजली के दाम और बढ़ाने का निर्णय कर लिया है. उनका कहना है कि बिजली कंपनियों को २० हज़ार करोड़ का घाटा हुआ है. दिल्ली में ३५ लाख बिजली कनेक्शन हैं, अगर यह २० हज़ार करोड़ रुपया लोगों से वसूला गया तो औसतन हर परिवार को ५०००/- रूपए महीना अतरिक्त देने पड़ेंगे| आने वाले कुछ महीनों में दिल्ली में नाटक खेला जाएगा कि डीईआरसी बिजली के दाम बढ़ाएगा, शीला दीक्षित चुनाव के पहले सब्सिडी देकर बिल कम करने का नाटक करेंगी, और भाजपा विरोध का नाटक करेगी. जनता पिसती रहेगी.इस अन्याय से लड़ने के लिए हमें महात्मा गांधी का बताया रास्ता नज़र आता है. वे कहते थे कि – “जो अन्यायपूर्ण कानून हो, उसका पालन मत करो. उसके बदले में सरकार जो सज़ा दे तो वह भी भुगतने को तैयार रहो.”
इस आन्दोलन में कुछ नया पन भी दिख रहा है|जनता से सीधे जुड़े बिजली पानी के मुद्दे को लेकर अबकी बार जंतर मंतर या राम लीला मैदान जैसे खुले स्थान को नहीं चुना गया [१] वरन यमुनापार की सुंदर नगरी की तंग गली को चुना गया है|शायद अरविन्द को एहसास हो गया है कि दिल्ली के तख्त तक पहुंचाने के लिए वोटों की सीडियां इन्ही गली मोहल्लों से होकर निकलती हैं|[२] अरविन्द केजरीवाल ने उपवास पर बैठने से पहले माथे पर बहुत बड़ा लाल टीका लगाया हुआ है शायद यह भाजपा के वोट बैंक के लिए चुम्बक का काम कर सकेगा|[३]पहले दिन ३६७४३ समर्थकों के जुटाने का दावा अपने आप में “आप” के उत्साह को बढाने के लिए पर्याप्त है |

मुलायम सिंह यादव अब खुल्लम खुल्ला लाल कृषण आडवाणी से कांग्रेस के खिलाफ कुश्ती के दाव सीखने लग गए


झल्ले दी झल्लियाँ गल्लां

एक दुखी कांग्रेसी

ओये झल्लेया ये माननीय मुलायम सिंह यादव को क्या हो गया ?बुढापे में भी राजनितिक कुश्ती के लिए ताल ठौक रहे हैं|अच्छे खासे हसाड़े साथ रह कर सी बी आई का सुख भोग रहे थे|अब अचानक हमारे खिलाफ ही लंगर घुमाने लग गए| और तो और अपनी धुर्र विरोधी भाजपा से हाथ मिलाने में भी गुरेज नहीं कर रहे ओये अब तो खुल्लम खुल्ला लाल कृषण आडवाणी से हमारे खिलाफ कुश्ती के दाव सीखने लग गए हैं| ८० सांसदों वाली यूं पी के अखाड़े में हमें ही चित करने को डंड पैलने गए हैं |

 मुलायम सिंह यादव अब खुल्लम खुल्ला लाल कृषण आडवाणी से कांग्रेस के खिलाफ कुश्ती के दाव सीखने लग गए

मुलायम सिंह यादव अब खुल्लम खुल्ला लाल कृषण आडवाणी से कांग्रेस के खिलाफ कुश्ती के दाव सीखने लग गए

झल्ला

ओ मेरे चतुर सुजाण जी अब आप जी ने भी तो बची खुची ३ सांसदों वाली रालोद के साथ मिल कर २२ सांसदों के नेता अखिलेश यादव की सरकार के खिलाफ यूं पी के दंगल में उतर आये हो|पीछे से २१ सांसदों वाली मायावती को भी लगा लिया है|ऐसे में सपा को भी तो अपने लिए नए समीकरण तलाशने जरुरी हैं| बकौल मुलायन सिंह यादव भय के बिना प्रीत’ नही होती सो पुत्र को सत्ता प्रेम सिखाने के लिए सत् के छिन्न जाने के भय भी दिखाते रहना जरुरी है| मैं ठीक हूँ या क्या में ठीक हूँ ?

मुलायम सिंह यादव के वेटिंग गेम के संकेत आते ही चेन्नई में स्टालिन के घर सी बी आई की चल रही रेड रोक दी गई

एम् करुणानिधि के बेटे स्टालिन के घर पर मारे जा रहे सीबीआई के छापे अचानक रोक दिए गए हैं| इसे सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह को सरकार से सपोर्ट विड्रा करने से रोकने और पी चिदम्बरम का कद तमिल नाडू में बढाने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है| सपा की चल रही संसदीय दल की मीटिंग से एक खबर आई कि मुलायम सिंह यादव ने श्रीमती सोनिया गांधी द्वारा माफ़ी मांगने और बेनी प्रसाद वर्मा के विरुद्ध कार्य वाही के लिए कुछ समय माँगा है| इस खबर के तत्काल पश्चात खबर आई कि स्टालिन के विरुद्ध सी बी आई के छापे रोक दिए गए हैं| यह अपने आप में आश्चर्य जनक कदम है|
गौरतलब है कि पांच साल पुराने अवैध रूप से आयातित कार की ड्यूटी चोरी के मामले में स्टालिन के घर पर सीबीआई ने छापेमारी की। ये छापा ऐसे वक्त में पड़ा है जब सरकार से समर्थन वापिस लिए डीएमके को दो दिन ही बीते हैं। सीबीआई ने स्टालिन के सेक्रेटरी के घर पर भी छापेमारी की है। स्टालिन के पिता एम् करुणानिधि १८ सांसदों वाली डी एम् के के सुप्रीमो हैं|

मुलायम सिंह यादव के वेटिंग गेम के संकेत आते ही चेन्नई में स्टालिन के घर सी बी आई की चल रही रेड रोक दी गई

मुलायम सिंह यादव के वेटिंग गेम के संकेत आते ही चेन्नई में स्टालिन के घर सी बी आई की चल रही रेड रोक दी गई


बताया जा रहा है कि डीआरआई ने सीबीआई से विदेशी कार आयात के मामले में ड्यूटी टैक्स चोरी की शिकायत की थी। इसके बाद सीबीआई ने 20 करोड़ रुपये के अवैध कार आयात मामले में स्टालिन के घर छापेमारी की। अब कहा जा रहा है कि स्टॅलिन का नाम ऍफ़ ई आर में दर्ज़ नहीं है|
स्टालिन, करुणानिधि के परिवार के तीसरे सदस्य हैं जिससे सीबीआई पूछताछ कर रही है। इससे पहले 2011 में उनकी मां दयालु अम्मल और बहन कनीमोझी से पूछताछ की गई थी।
बहरहाल, करुणानिधि के बेटे स्टालिन के घर सीबीआई छापे और उन्हें अचानक रोके जाने से फिर सवाल उठ रहे हैं|[१] क्या स्टॅलिन ने सरकार से समर्थन वापसी की कीमत चुकाई हैक्योंकि विदेशी कार आयात का ये मामला 5 साल पुराना है। तो सीबीआई अब तक चुप क्यों रही। जब तक डीएमके का साथ मिलता रहा, सीबीआई चुप रही,लेकिन डीएमके के समर्थन वापस लेते ही सीबीआई स्टालिन के घऱ पहुंच गई। कहा गया है कि एमके स्टालिन के पुत्र उदयनिधि इस अवैध विदेशी कार का उपयोग करते हैं और सीबीआइ पूरे मामले की जांच करने में जुटी है।
[२]पुरानी कहावत है कि अगर बहु [पुत्र वधु] को डांटना हो तो बेटी को सुनाया जाता है|कमोबेश सी बी आई की इस तरह से डी एम् के विरोधी कार्यवाही से मुलायम सिंह यादव को सन्देश दिया गया है|
[३] सपा द्वारा वेटिंग गेम का संकेत देते ही सी बी ई की कार्य वही क्यों रोक दी गई|
[४] वित्त मंत्री पी चिदम्बरम द्वारा सी बी आई कि इस छापे मारी पर असंतोष व्यक्त करते ही छापे मारी रोकी गई|इसे चिदम्बरम के अपने होम स्टेट तमिल नाडू में कद बढाने के कदम के रूप में देखा जा रहा है
[५]भाजपा प्रकाश जावडेकर और सपा के नरेश अग्रावाल ने संसद में इस मुद्दे उठाने का संकेत दिया है|बेशक सरकार की छवि कुछ प्रभावित हुई है लेकिन सरकार का संभावित राजनितिक उद्देश्य पूरा हो गया है|सपा ने सरकर से अपना समर्थन वापिस लेने में जल्द बाजी को त्याग कर वेटिंग गेम का एलान कर दिया है|

सरकार स्थिर है और इसकी पतवार सशक्त हाथों में है: श्रीलंका के तमिलों के हितों की चिंता है

हमारी सरकार स्थिर है और सरकार की पतवार हमारे सशक्त हाथों में है ,हमारी सरकार के बहुमत को किसी भी पार्टी ने चेलेंज भी नही किया है ऐसे में हमें कोई खतरा नहीं है इसीलिए हम देश में विकास की नाव को लगातार आगे खे ते [चलाते]रहेंगे| श्रीलंका में तमिलों का ही सिर्फ अब प्रश्न है इसके लिए प्रस्ताव को ड्राफ्ट करने उसकी भाषा या कंटेंट पर आम सहमती बनाने के प्रयास किये जा रहे है|ये आत्म विश्वास आज दिल्ली में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में सरकार ने व्यक्त किया| वित्त मंत्री पी चिदम्बरम+संसदीय कार्यमंत्री कमल नाथ और सूचना एवं प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी ने संयुक्त रूप से प्रेस कांफ्रेंस में यह विश्वास व्यक्त किया|

सरकार स्थिर है और इसकी पतवार सशक्त हाथों में है: श्रीलंका के तमिलों के हितों की चिंता है

सरकार स्थिर है और इसकी पतवार सशक्त हाथों में है: श्रीलंका के तमिलों के हितों की चिंता है


इन तीनो वक्ताओं ने इंग्लिश +तमिल और हिंदी भाषा में मीडिया को संबोधित करते हुए बताया के कुछ दलों द्वारा प्रस्ताव के लिए कुछ सुझाव या आपत्तियां दी गई हैं उन पर चर्चा जारी है कुछ ही समय में इस पर निर्णय ले लिया जा जाएगा|
उन्होंने कहा की सरकार की कमजोरी का सवाल ही पैदा नहीं होता अभी बीते दिन ही आम आदमी के हित में बिल पास कराया है और ऐसा ही आगे भी कर लिया जाएगा| ९ सालों से लगातार घटक दलों के सहयोग से सरकार चला रहे है कभी बहुमत का प्रश्न नहीं आया अभी भी नहीं आएगा|
उन्होंने घटना क्रमका ब्यौरा देते हुए बताया कि तमिल नाडू में सत्ता रुड जयललिता की सरकार ने केंद्र को एक पत्र लिखा था जिसमे यूं एन में बनाए जा रहे प्रस्ताव में संशोधन के लिए कहा गया था कमोबेश यही मांग उनकी विरोधी डी एम् के ने भी की थी मगर बाद में करूणानिधि ने स्टेंड में थोड़ा परिवर्तन कर लिया| श्रीलंका में तमिलों के हितों के लिए स्वर्गीय इंदिरा गांधी और राजिव गांधी के समय से ही कांग्रेस के स्टेंड के विषय में सबको जानकारी है इसीलिए अब इसविषय को हल्का करने का कोई प्रयास नहीं किया जाएगा| अब केवल यूं एन के प्रस्ताव में संशोधन के लिए आम सहमती बनाने के प्रयास किये जा रहे हैं|
गौरतलब है कि ५३९ सदस्यों वाली संसद में बहुमत सिद्ध करने के लिए २७१ सांसदों की जरुरत है| डी एम् के के १८ सदस्यों को हटाने के बाद भी सरकार अल्प मत में नहीं दिखती|
कांग्रेस के =२०२
एन सी पी =०९
बी एस पी=२१
रालोद=०५
जी डी एस =०३
सपा=२२
और अन्य =२२ हैं
अज के नए घटना क्रम में सपा ने राजनीतिक पैतरें दिखाने शुरू कर दिए हैं यदि सपा अपना सपोर्ट वापिस लेते है तब कुछ चिंता की बात होगी लेकिन सरकार के आत्म विशवास को देखते हुए २०० सांसदों वाली नितीश कुमार की पार्टी के स्टेंड को समझा जा सकता है|

डी एम् के की करुणा से महरूम होकर भी मन मोहणी सरकार तो कायम है हां शेयर जरुर गिर गए


झल्ले दी झल्लियाँ गल्लां

एक प्रफुल्लित भाजपाई

ओये झाल्लेया मज़ा आ गया द्रविड़ मुनेत्र कडघम ने धाँसू मुनेत्र कडघम का रूप अख्तियार कर लिया है| ओये इन द्रविड़ों ने दिल्ली के आर्यों से लंका के खिलाफ कार्यवाही करने को कहना शुरू कर दिया है| चेन्नई गए पी चिदम्बरम+ ऐ के एंटोनी और गुलाम नबी की तिकड़ी भी करुणानिधि की करुणा नहीं पा सके| डी एम् के ने इस विषय पर यूं पी ऐ से अपने १८ सांसदों की सपोर्ट भी विडड्रा कर ली है| आरबीआई द्वारा रेपो और रिवर्स रेपो दरों में 25 आधार अंकों की कटौती के तमाम उपाय भी शेयर बाजारों को सम्भाल पाने में कामयाब नहीं रहे |ओये अब तो यूं पी ऐ की सरकार गिरे ही गिरे |हसादी सरकार बने ही बने|

डी एम् के की करुणा से महरूम होकर भी मन मोहणी सरकार तो कायम है हां शेयर जरुर गिर गए

डी एम् के की करुणा से महरूम होकर भी मन मोहणी सरकार तो कायम है हां शेयर जरुर गिर गए

झल्ला

सेठ जी ये दूर के सुहावने ढोल हैं सो ज्यादा खुश मत होवो|मन मोहनी सरकार को बाहर से समर्थन दे रहे मायावती और मुलायम सिंह ने सपोर्ट को वापिस नहीं लिया है| इसीलिए सरकार तो स्थिर है हाँ शेयर बाज़ार जरुर सहम गया है|
सपा के नेता प्रोफ.रामगोपाल यादव ने तो डीएमके को ब्लैक मेलर तक बता दिया है| इसके अलावा भाजपा से रूठी रूठी जे डी यु का कुछ पता नहीं कब पाला बदल ले ,इसीलिए सेठ जी ये मन मोहणी सरकार कहीं नहीं जा रही| २०१४ में ऐ आई ऐ डी एम् के को ठिकाने लगाने के लिए ही ये सारी दंड बैठक हो रही है| हाँ इस चक्कर में बेचारे शेयर बाजारों में भारी गिरावट जरुर आ गई है | प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स २८५ .१० अंकों की गिरावट के साथ 19,००८ .१० पर और निफ्टी ८९ .३० अंकों की गिरावट के साथ 5,७४५ .९५ पर बंद हुआ है|

मुलायम सिंह यादव और बेनी प्रसाद वर्मा लोक सभा में भीड़ गए:संसद नहीं चली

अपने अपने प्रभावी छेत्रों में एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगाने वाले सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव और केन्द्रीय इस्पात मंत्री बेनी प्रसाद वर्मा आज सोमवार को लोक सभा में भीड़ गए| मुलायम सिंह यादव ने कहा कि या तो बेनी प्रसाद को बर्खास्त किया जाना चाहिए वरना सबूत होतोउन्हें [ मुलायम सिंह] को गिरफ्तार किया जाना चाहिए
लोकसभा में समाजवादी पार्टी सुप्रीमो नेता मुलायम सिंह यादव और केंद्रीय इस्पात मंत्री बेनी प्रसाद वर्मा ने एक दूसरे पर तीखे हमले बोले। इसे लेकर सदन में समाजवादी पार्टी के सांसदों ने जमकर हंगामा किया। शोर न थमते देख लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार को सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी। मुलायम सिंह ने लोकसभा में बेनी प्रसाद को यहां तक कह दिया कि इनकी औकात क्या है, यह खुद को क्या समझते हैं। इसके बाद समाजवादी पार्टी ने बेनी प्रसाद वर्मा को मंत्री पद से बर्खास्त करने की मांग की।
उधर, बेनी के बयान पर बढ़ते बवाल को देखते हुए सरकार ने उनके बयान से किनारा कर लिया है। संसदीय कार्यमंत्री कमलनाथ ने मुलायम सिंह के बारे में दिए गए बेनी प्रसाद वर्मा के बयान की निंदा की। कांग्रेस पार्टी ने मुलायम सिंह के प्रति नरम रुख अपनाते हुए अपने मंत्री के बयान को खेदजनक बताया।
गौरतलब है कि बेनी प्रसाद वर्मा ने एक विवादित बयान में मुलायम सिंह यादव पर आतंकियों को संरक्षण देने का गंभीर आरोप लगाया इससे पूर्व उन्होंने मुलायम सिंह को बदमाश तक कहा |और अपनी उनसे अपनी[बेनी] जान को खतरा बताया जिस पर समाजवादी पार्टी और मुलायम सिंह की तरफ से कड़ी आपत्ति जताई गई।

मुलायम सिंह यादव और बेनी प्रसाद वर्मा लोक सभा में भीड़ गए:संसद नहीं चली

मुलायम सिंह यादव और बेनी प्रसाद वर्मा लोक सभा में भीड़ गए:संसद नहीं चली


सपा सदस्यों के हंगामे के कारण उच्च सदन की बैठक भी स्थगित कर दी गई।
गौरतलब है कि बेनी प्रसाद वर्मा ने अपने लोकसभा क्षेत्र गोंडा में एक रैली को संबोधित करते हुए मुलायम सिंह को लूटेरा और आतंकवादियों को मदद करने वाला शख्स बताया था। इन आरोपों से भड़के मुलायम सिंह ने लोकसभा में बेनी प्रसाद पर हमला बोला, लेकिन केंद्रीय मंत्री बेनी प्रसाद ने मुलायम को फिर से करारा जवाब दिया। उन्होंने कहा कि जो मैंने कहा था उस पर कायम हूं।लेकिन इस बार उन्होंने अपने पूर्व की ब्यान को करवट देते हुए कहा किउन्होंने किसी धर्म का नाम नहीं लिया| इससे पूर्व समाज वादी पार्टी बेनी प्रसाद को पागल कह चुकी है|
उन्होंने कहा, ‘आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता है और न ही जाति, लेकिन मुलायम सिंह आतंकवादियों को मदद करते हैं।
मुलायम सिंह की बर्खास्त करने की मांग पर बेनी प्रसाद ने कहा कि मुलायम कौन होते हैं हटाने की मांग करने वाले। बेनी प्रसाद फिलहाल यूपीए सरकार में स्टील मंत्री हैं। वह कांग्रेस में आने से पहले समाजावादी पार्टी में ही थे। मुलायम और किसी कांग्रेस नेता के बीच इतनी तल्खी तब है जब समाजवादी पार्टी केंद्र में कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार को समर्थन कर रही है।आलोचनाओं के बावजूद बेनी प्रसाद वर्मा अपने कहे पर अडिग हैं।

आतंकवादी कौन है और कौन सा पागल है यह तो जांच का विषय है :सी बी आई से पूछो


झल्ले दी झल्लियाँ गल्लां

एक नया नया बना सोशलाईट

ओये झाल्लेया ये हसाड़े सोणे मुल्क में क्या गर्दी मची हुई है जिसे देखो एक दूसरे की पगड़ी उछालने में लगा हुआ है |ये राजनीतिक देश के दुःख से दुखी नहीं बल्कि अपने विरोधियों यहाँ तक ही अपने सहयोगियों के सुख से ज्यादा दुखी दिखने लगे हैं| अब देखो केन्द्रीय इस्पात मंत्री बेनी प्रसाद वर्मा और मुलायम सिंह यादव एक दूसरे की पगड़ी पे हाथ डाल रहे हैं |राज्य और देश की ज्वलंत समस्यायों से जनता का ध्यान बाँट रहे हैं|सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव को गुंडा कहने से जब मन नहीं भरा तो अब मुलायम सिंह को आतंक वादी बताने लग गए हैं| लेकिन आतंकवादियों से संबंध होने का आरोप मढने वाले केन्द्रीय मंत्री सुरक्षा एजेंसियों के पास जाने को तैयार नहीं हो रहे|अपने प्राणों को मुलायम सिंह यादव से खतरा तो बता रहे हैं मगर ऍफ़ आई आर दायर नहीं करवा रहे|उधर सपा सुप्रीमो बेनी के इस आरोप को भुना कर मुस्लिम वोट बैंक को लुभा रहे हैं| मुलायम सिंह ने लखनऊ में बेनी प्रसाद का नाम लिए बगैर कहा, ‘एक केंद्रीय मंत्री कहता है कि मुलायम आतंकवादियों से मिले हैं। अगर मुसलमानों की तकलीफ सुनना, उनके बीच जाना आतंकवादियों से मिलना है तो मुझे कोई कुछ भी कहे फर्क नहीं पड़ता |इससे यह बात साफ जरुर हो गई है कि उस केंद्रीय मंत्री [बेनी]की नजर में मुसलमान आतंकवादी हैं।पार्टी प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने कहा कि यह आरोप इसलिए लगाया है कि सपा प्रमुख मुसलमानों के साथ इंसाफ किए जाने की बात करते हैं।पहले पागल बताये गए बेनी बाबू अब राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की शाखा की उपज लगाने लग गए हैं |,

आतंकवादी कौन है और कौन सा पागल है यह तो जांच का विषय है :सी बी आई से पूछो

आतंकवादी कौन है और कौन सा पागल है यह तो जांच का विषय है :सी बी आई से पूछो

झल्ला

भापा जी थैली तो एक ही है|अब इसमें कौन आतंकवादी है और कौनसा पागल है +मुस्लिमो का दुश्मन है यह तो जांच का विषय है |सी बी आई से जांच करवाने के बाद ही कुछ असलियत का पता चल पायेगा इसीलिए आतंकवादी कौन है और कौन सा पागल है यह तो सी बी आई से पूछो

नरेन्द्र मोदी ने समस्यायों के साथ उनके रोचक उपाय बता कर राष्ट्रीय न्रेतत्व की क्षमता का सराहनीय प्रदर्शन किया

गुजरात के मुख्य मंत्री नरेन्द्र मोदी ने राजधानी के होटल ताज में चल रहे इंडिया टुडे कॉनक्‍लेव में समस्यायों के साथ उनके हल बता कर अपनी राष्ट्रीय क्षमता का प्रदर्शन किया| अपने भाषण में मोदी चार बार पानी के घूँट भरते हुए हर एक मिनट को बांध कर रखा।उन्होंने इस कॉनक्‍लेव में पूर्व की भांति एक गुजराती या किसी वर्ग विशेष की तरह बात नहीं की बल्कि बतौर भारतीय भाषण दिया। हाँ उन्होंने गुजरात में कराये जा रहे विकास के कार्यों पर देश को चलाये जाने की इच्छा जरुर प्रगट की| उन्‍होंने कहा कि भारत को पड़ोसी देशों से मित्रवत रिश्‍ते बनाने की जरूरत है, लेकिन हमारे हितों को दरकिनार करके नहीं। उन्‍होंने कहा, “मेरा सपना है कि एक दिन भारत खुद हथियार बनाये और दूसरे देशों को सप्‍लाई करे। ऐसा करने से गंदे हथियार दलालों से छुटकारा मिलेगा,और हम आत्‍मनिर्भर भी होंगे, हमारा देश गर्व के साथ खड़ा हो[हथियारों कि यह बात उन्होंने पूर्व जनरल वी पी मालिक के एक प्रश्न के उत्तर में कही] लेकिन इसके साथ ही उन्होंने कहा कि आज फौज या आर्थिक शक्ति के बजाये ज्ञान के आधार पर विश्व में शिखर पर पहुंचा जा सकता है|और ज्ञान के मामले में भारत हमेशा आगे रहा है|इस अवसर पर दंगों और पी एम् के प्रश्नों पर बचते भी दिखाई दिए

नरेन्द्र मोदी ने समस्यायों के साथ उनके रोचक उपाय बता कर राष्ट्रीय न्रेतत्व की क्षमता का सराहनीय प्रदर्शन किया

नरेन्द्र मोदी ने समस्यायों के साथ उनके रोचक उपाय बता कर राष्ट्रीय न्रेतत्व की क्षमता का सराहनीय प्रदर्शन किया

उन्‍होंने गुड गवर्नेन्‍स से लेकर यूपीए सरकार की खामियों तक हर बात पर प्रकाश डाला और भारत के संघीय ढांचे को बनाये रखने पर जोर दिया। इस भाषण में आम आदमी को बहुत करीब से देखने वाले एक दूरदर्शी राजनीतिज्ञ की झलक मिली |जनता से संवाद कायम करने की अटल बिहारी वाजपई की झलक आज उनके [संभवत] उत्तराधिकारी मोदी में मिली |उन्होंने ना केवल विकास का मार्ग बताया वरन अपने भाषण में रोचकता बनाए रखने के लिए हलके फुल्के व्यंगात्मक तीर भी छोड़े| उन्‍होंने हर उस मुद्दे को उठया, जो आम जनता से जुड़े हैं| उन्‍होंने नरेगा की जगह डेवलपमेंट गारंटी स्‍कीम को जरुरी बताते हुए कहा कि इससे लोगों को खुद ब खुद रोजगार मिलता।
उन्‍होंने कहा कि देश का समुचित विकास तब तक नहीं हो सकता, जब तक हम लोगों को यह अहसास नहीं दिलायेंगे कि वो जो कर रहे हैं वो राष्‍ट्र के लिये कर रहे हैं।उन्होंने वोट बैंक की राजनीती से ऊपर उठ कर तकनीक+निज़ीकरण और यहाँ तक हथियारों के एक्सपोर्ट को जरुरी बताया| रेलवे की पटरियों पर निजी ट्रेन चलवाने के एक अनूठे मार्ग को उजागर किया| जब राहुल ने मोदी से पूछा कि क्‍या उनकी मां ने सोचा है कि आप प्रधानमंत्री बनें, मोदी ने जवाब दिया यहां चर्चा विकास की चल रही है, माता और पिता ऐसे में कोई मायने नहीं रखते| कोई भावुक्‍तापूर्ण कथा काम नहीं आती, कोई मां रोती नहीं, सिर्फ काम बोलता है। हर मुद्दे पर मोदी ने तथ्‍यों के साथ जवाब दिये। चाहे बात सॉलिड वेस्‍ट मैनेजमेंट की हो, या सोलर पावर प्रोजेक्‍ट की। मोदी ने आंकड़ों के साथ जवाब दिये। मोदी तैयारी के साथ नहीं आते, बल्कि वो हमेशा तैयार रहते हैं|उन्होंने अपने विपक्षपर कटाक्ष करने की परिपाटी का भी पालन किया |उन्होंने कहा कि प्रधान मंत्री ने मोदी के विकास के सुझाव स्वीकारे मगर उनपर अमल नहीं करवा पाए

श्रीमति सोनिया गांधी ने कांग्रेस के अध्यक्ष पद पर १५ साल पूरे किये

देश कि सबसे शक्तिशाली महिला श्रीमति सोनिया गांधी ने आज १४ मार्च ,गुरुवार को सबसे बड़े और पुराणी पार्टी कांग्रेस के अध्यक्ष पद पर १५ साल पूरे कर लिए हैं| श्रीमति सोनिया गांधी ने पार्टी प्रमुख के तौर पर न सिर्फ कांग्रेस को दो बार केंद्र की सत्ता में वापस लौटाया बल्कि भारतीय राजनीति में एक दमदार भूमिका भी निभाई। 66 वर्षीया श्रीमति गांधी ने 1998 में 127 साल पुरानी इस पार्टी के अध्यक्ष पद को संभाला था और तब से वह लगातार इस पद पर बनी हुई हैं। लगातार सबसे अधिक समय तक पार्टी अध्यक्ष रहने का रिकॉर्ड अब उनके नाम के साथ जुड़ गया है।
इस दौरान परीक्षाओं की घड़ी कई बार आयीं लेकिन उन्‍होंने हमेशा उनका डट कर सामना किया,|लेकिनअनेकों परीक्षाएं ऐसी है जिन्‍हें वो कभी उतीर्ण नहीं कर पायीं।

श्रीमति सोनिया गांधी ने कांग्रेस के अध्यक्ष पद पर १५ साल पूरे किये

श्रीमति सोनिया गांधी ने कांग्रेस के अध्यक्ष पद पर १५ साल पूरे किये


[१]:नेतृत्व के लिए पार्टी हमेशा गांधी परिवार की मोहताज रही है। 1998 में भी कांग्रेस गांधी परिवार के नेतृत्व की मोहताज थी और 15 साल बाद भी पार्टी गांधी परिवार के ही वर्चस्व में है|
[ २]: 1998 में सीताराम केसरी के बाद से ज्यादातर प्रदेशों में कांग्रेसी नेता चुनावी जीत के लिए आलाकमान पर ही निर्भर हैं|अर्थार्त पार्टी में जी हुजूरी की परंपरा को खत्म नहीं किया जा सका है|।
[३]: ट्रांसपैरेंसी इंटरनेशनल के 2004 के करप्शन परसेप्शन इंडेक्स के आंकड़ों के मुताबिक भारत ईमानदार देशों की सूची में चार पायदान नीचे गिर कर 2012 में ९४ वें स्थान पर चला गया।
[ 4]: 1998 में लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की हार के बाद सोनिया ने पार्टी की कमान संभाली और 2004 में कांग्रेस जब कांग्रेस सत्ता में आई उस समय देश में महंगाई दर 3.77 % थी। फरवरी, 2013 में यही आंकड़ा तीन गुना बढ कर 10.91 % पर पहुंच गया। [५] : सोनिया का अनुभवी नेतृत्व पार्टी को इस बीमारी से नहीं बचा पाया है । [ ६] हिंदी बेल्‍ट वाले राज्यों में इसकी पकड़ लगातार कमजोर होती जा रही है|1998 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस का एक भी सांसद यूपी से संसद तक नहीं पहुंच पाया था। वहीं 2009 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को यूपी में 21 सीटें मिली थीं। लेकिन 2012 के विधानसभा चुनाव में पार्टी की हालत फिर खराब हो गई। पार्टी सपा,+बसपा और यहाँ तक की बीजेपी से भी पीछे रही।
बेशक अनेकों परीक्षाओं में सोनिया फेल हुई हैं मगर यह भी सत्य है कि राजीव गाँधी की आकस्मिक दुखद मृत्यु के पश्चात [१]विदेशी भारत में रहने का निर्णय लिया [२]कांग्रेस की लगातार झुकती जा रही रीड की हड्डी को सीधा किया [३] केंद्र में दूसरों की सरकार गिराई [४] अपने विरोधियों तक को कांग्रेस के साथ, [बेशक बाहर से ही] ,जोड़ा और सरकार बनाई[५] लगातार ९ साल तक सरकार चलाई और अभी भी चल रही है| |हाँ इस दौरान कांग्रेस के डी एन ऐ में भ्रष्टाचार और राजनीतिक मजबूरी का दोष आ गया है शायद ऐसा इसीलिए हुआ है कि पालिसी बनाने के पश्चात उसके कार्यान्वन के लिए सुपरविजन की तरफ ध्यान नहीं दिया जा रहा| इससे अब आगे आने वाले समय में विशेष कर २०१४ के चुनावों में परेशानी आ सकती है|