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Law Makers,Today,Showed Muscles To Tame “Jallikattu”In TN Assembly

[Chennai,TN] Law Makers,Today, Showed Muscles To Tame “Jallikattu” In TN Assembly
The Bull Fight “jallikattu” issue today echoed in the Tamil Nadu Assembly with opposition parties demanding a resolution on the matter even as the government slammed DMK and Congress over the ban imposed by the UPA dispensation against the bull-taming sport in 2011.
Finance Minister O Panneerselvam, also Leader of the House, said Chief Minister J Jayalalithaa was ‘determined’ to take legal steps to hold jallikattu in the state.
Soon after the Question Hour ended, opposition DMK sought to raise the issue but Speaker P Dhanapal denied permission saying the party could speak on the matter while participating in the debate to thank the Governor for his address to the House.
DMK, led by its Floor Leader M K Stalin, persisted for sometime before staging a walk-out.
CPI(M) and CPI demanded that the government move a resolution in the Assembly urging the Centre to enable conduct of jallikattu even as the Supreme Court had earlier this month stayed a central notification allowing the bull-taming sport to be held coinciding with the Tamil harvest festival of Pongal.
MMK, Congress and PMK also batted for jallikattu, but the national party and DMK came under government criticism.
The government of Congress-led UPA, in which DMK was a constituent, had banned jallikattu in 2011, drawing the ire of state political parties and the sport enthusiasts.
The BJP-led NDA government had earlier this month issued a notification allowing jallikattu, besides some other sports involving the animal in certain other states, which was subsequently stayed by the Supreme Court.
Protests had rocked Madurai and other southern parts, the hotbed of jallikattu activities, last week seeking that efforts be taken for conducting the sport this year.

वरिष्ठ सीताराम येचुरी बने माकपा के महासचिव

वरिष्ठ सीताराम येचुरी बने माकपा के महासचिव
वरिष्ठ सीताराम येचुरी को आज माकपा के नये महासचिव के तौर पर सर्वसम्मति से चुन लिया गया।
पार्टी ने विशाखापत्तनम में आयोजित अपने 21 वें सम्मेलन के समापन के मौके पर आज अपनी केंद्रीय कमेटी के 91 सदस्यों और 16 सदस्यीय पोलित ब्यूरो को भी चुना।
महासचिव चुने जाने के बाद माकपा बैठक को संबोधित करते हुए येचुरी ने कहा कि यह भविष्य का सम्मेलन है, हमारी पार्टी के भविष्य का और देश के भविष्य का।

कांग्रेस अध्यक्षा श्रीमती सोनिया गांधी ने सौ सांसदों के साथ राष्ट्रपति से “मोदी” सरकार की शिकायत की

[नई दिल्ली] कांग्रेस अध्यक्षा श्रीमती सोनिया गांधी ने आज सौ सांसदों के साथ ,राष्ट्रपति से ,मोदी सरकार की शिकायत की|
प्रमुख विपक्षी दल की नेत्री श्रीमती सोनिया गांधी ने आज अनेकों दलों के लगभग १०० सांसदों के साथ राष्ट्रपति भवन तक पैदल मार्च किया और भूमि अधिग्रहण बिल २०१३ पर लाये जा रहे संशोधनों के खिलाफ राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपा |उन्होंने कहा कि एन डी ऐ सरकार द्वारा लाये जा रहे भूमि अधिग्रहण बिल संशोधनों के विरोध में आये हैं जिसे रोकने के लिए उन्होंने राष्ट्रपति से हस्तक्षेप की मांग भी की| सपा+टी एम सी+सी पी आई+सी पी आई [एम] आदि मार्च में शामिल हुए |बसपा प्रमुख सुश्री मायावती ने यूं पी में कांग्रेस से अलग दिखने के लिए मार्च में कांग्रेस के साथ खड़े होने से इंकार किया है |
इससे पूर्व कांग्रेस अध्यक्षा ने लोक सभा में आंध्र प्रदेश का मुद्दा भी उठाया |

ईसाईयों के धार्मिक स्थलों में हो रही तोड़ फोड़ का मुद्दा राज्य सभा में भी गूंजा

[नई दिल्ली]ईसाईयों के धार्मिक स्थलों में हो रही तोड़ फोड़ का मुद्दा आज राज्य सभा में भी गूंजा |सीपीआई के तमिल नाडू से सांसद डी राजा ने आज राज्य सभा में इस विषय में चिंता व्यक्त की|सरकार की तरफ से मुख्तार अब्बास नकवी ने भी इसे गंभीरता से लिए जाने का आश्वासन दिया |
भाजपा शासित हरियाणा के हिसार में निर्माणाधीन ईसाई चर्च में तोड़ फोड़ की गई जबकि एक दूसरे चर्च में धार्मिक चिन्हों का अपमान किया गया है|चुनावों के दौरान दिल्ली में भी पांच धार्मिक स्थलों में तोड़ फोड़ की घटनाएँ हो चुकी हैं |मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि ऐसी घटनाओं को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा
उधर पाकिस्तान में भी रविवार को दो गिरजाघरों को निशाना बनाया गया, जिसमें पन्द्रह लोगों की मौत हो गई।
उधर टी एम सी शासित पश्चिमी बंगाल के नदिया में जीसस एंड मैरी कान्वेंट स्कूल की ७२ वर्षीय नन केसाथ दुष्कर्म और लूट की घटना हुई है |गवर्नर के एन त्रिपाठी ने लोगों से सजगता अपनाने का आह्वाहन किया
इसके आलावा पड़ौसी मुल्क में भी गिरजाघरों को कट्टर लोग निशाना बना रहे हैं |बीते दिन दो गिरजाघरों में फिदाईन हमलों में १५ लोग मारे गए और ८० लोग जख्मी हो गए

हरियाणा वि स की ९० सीटों के लिए १३५१ में से ६०३ उम्मीदवार निर्दलीय

[नई दिल्ली]हरियाणा वि स की ९० सीटों के लिए १३५१ में से ६०३ उम्मीदवार निर्दलीय |
हरियाणा विधानसभा के लिए १५अगस्त को होने जा रहे चुनाव में कुल १३५१ उम्मीदवारों के भाग्य का फैंसला होगा इनमे से ६०३ उम्मीदवार निर्दलीय हैं और 297 पंजीकृत राजनीतिक दलों (राष्‍ट्रीय एवं राज्‍य स्‍तर पर मान्‍यता प्राप्‍त को छोड़कर)से हैं| ९० सीटों की विधान सभा के लिए १०९ महिलायें मैदान में हैं |
इन चुनावों में १२ एन अार आई सहित कुल ६३१८५७७ मतदाता मताधिकार का प्रयोग करेंगे |
शरद पवार की राष्‍ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) ने एक भी उम्मीदवार मैदान में नहीं उतारा |मतदाताओं के अनुसार सबसे बड़ा विधानसभा क्षेत्र============76-बादशाहपुर -एसी (316567) है जबकि सबसे छोटा विधानसभा चुनाव क्षेत्र=========70-नारनौल- एसी===(126804)बताया गया है |
चुनाव आयोग दवारा जारी आंकड़ें निम्न हैं
क्रम संख्‍या.====मद=================================आंकड़े
[1]===========कुल मतदाता===========================पुरूष =====8737116
महिलाएं ===7479439
सेवा – =====102022
================================================एनआरआई मतदाता – 12 (पहले ही शामिल )
——————————
================================================ कुल – 16318577
[2]============विधानसभा क्षेत्रों के प्रकार=============================================सामान्‍य : 73
अ जा : 17
ज जा: शून्‍य
—————
कुल: 90 मतदाता क्षेत्र
[3]===========कुल उम्‍मीदवारों की संख्‍या============================1351
[4]==========विधानसभा क्षेत्र जहां 15 से ज्‍यादा उम्‍मीदवार हैं=================30
[5]==========विधानसभा क्षेत्र जहां 31 से ज्‍यादा उम्‍मीदवार हैं================शून्‍य
[6]==========महिला उम्‍मीदवारों की कुल संख्‍या==========================109
[7]==========नाम एवं संख्‍या विधानसभा क्षेत्र जहां उम्‍मीदवारों की अधिकतम संख्‍या है======== 57-भिवानी एसी(31 उम्‍मीदवार)
[8]==========उन विधानसभा क्षेत्रों की संख्‍या एवं नाम जहां न्‍यूनतम उम्‍मीदवारों की संख्‍या है====12-शाहबाद एसी एवं 79-नूह एसी(7उम्‍मीदवार)
[9]=========पार्टीवार उम्‍मीदवारों की सूची====भाजपा=================================================90
बसपा=================================================87
सीपीआई===============================================14
सीपीएम================================================17
भारतीय राष्‍ट्रीय कांग्रेस====================================== 90
राष्‍ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी)==================================0
इनेलो (भारतीय राष्‍ट्रीय लोकदल)=================================88
हजकां (बीएल)=============================================65
पंजीकृत राजनीतिक दल(राष्‍ट्रीय एवं राज्‍य स्‍तर पर मान्‍यता प्राप्‍त को छोड़कर)====297
निर्दलीय==================================================603
कुल====================================================1351
[10]==============================मतदाताओं के अनुसार सबसे बड़ा विधानसभा क्षेत्र============76-बादशाहपुर -एसी (316567)
[11]========================== मतदाताओं के अनुसार सबसे छोटा विधानसभा चुनाव क्षेत्र=========70-नारनौल- एसी===(126804)
[12]
तैनात किए गये सामान्‍य, व्‍यय, पुलिस एवं जागरूकता पर्यवेक्षकों की संख्‍या
सामन्‍य पर्यवेक्षक – 46
व्‍यय पर्यवेक्षक – 21
पुलिस पर्यवेक्षक – 5
जागरूकता पर्यवेक्षक 10
सूक्ष्‍म पर्यवेक्षक 16357
[13]====तैनात किये गये मतदानकर्मी (लगभग)===================70,000 (लगभग)
[14]====मतदान केन्‍द्रों की संख्‍या=============================16357
[15.]
चुनाव के दौरान इस्‍तेमाल की जाने वाली इलेक्‍ट्रानिक वोटिंग मशीनों की संख्‍या
कंट्रोल यूनिटें – 18320
मतदान यूनिटें – 24000
(लगभग संख्‍या )

आरएसएस के दशहरा पर भी लगा राजनीतिक ग्रहण:खबर चलाने के लिए डी डी की आलोचना

आरएसएस के दशहरा पर भी लगा राजनीतिक ग्रहण:खबर चलाने के लिए डी डी की आलोचना राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को लेकर सेक्युलर पार्टियां अक्सर भाजपा की आलोचना करती आई है आज भी सरसंघचालक मोहन भागवत के दूरदर्शन पर टेलीकास्ट को लेकर प्रधान मंत्री पर निशाना साधा गया है |कांग्रेस+लेफ्टिस्ट सी पी आई +आम आदमी पार्टी आदि ने पब्लिक ब्राडकास्टिंग का दुरूपयोग बताया है| सत्ता रुड भाजपा ने आर एस एस प्रमुख की बातों को प्रासंगिक बताया|आर एस एस प्रमुख मोहन भागवत ने जहाँ नरेंद्र मोदी की सरकार की पीठ थपथपाई वहीं मोदी ने भी सर संघ चालक द्वारा उठाये गए सुधारों के मुद्दो को स्पोर्ट किया |
आर एस एस का ८९ वां स्थापना पारम्परिक तरीके से देश भर में मनाया गया |इस दशहरे पर प्रतिवर्ष की भांति गणवेश में मार्च पास्ट निकाला गया |नागपुर के रेशम बाग़ मुख्यालय पर सरसंघचालक मोहन भागवत का भाषण हुआ|अबकी बार सत्ता परिवर्तन होने के फलस्वरूप दूरदर्शन ने भी अन्य चैनलों के साथ इसका प्रसारण किया|क्योंकि यह पहली बार हुआ है सो विपक्ष को मौका हाथ लग गया |कांग्रेस और सी पी आई ने इस प्रसारण को पब्लिक ब्रॉडकास्टर का दुरूपयोग कह कर इसका विरोद्ध किया |एक इतिहासकार रामचन्द्र गुहा ने ट्वीट करके इन मुद्दे को यह कह कर हवा दी कि विजय दशमी भाषण की लाइव कवरेज सरकारी मशीनरी का दुरूपयोग है|
कांग्रेस ने भी इसे केरी करते हुए एक घंटे के टेलीकास्ट को खतरनाक परंपरा बताया और आर एस एस को विवादित संघठन बताने में देरी नहीं की |
इनफार्मेशन एंड ब्राडकास्टिंग मिनिस्टर प्रकाश जावड़ेकर ने यह कह कर पल्ला झाड़ा कि प्रसार भारती को स्वयत्तता है और ख़बरों के महत्व के अनुसार उन्हें निर्णय लेने की पूरी स्वतंत्रता हैप्रधान मंत्री ने स्वयं रक्षा कमान सँभालते हुए मोहन भागवत के भाषण को सार्वगर्भित और प्रसांगिक बताया

Kejriwal Hooked bouncer from Shinde and welcomed Inquiries Starting from AAP Party’s Funds

[New Delhi]Aam Aadmi Party (AAP) Nationl convener Arvind Kejriwal ,Today, Hooked the bouncer from Home minister Sushil kumar Shinde and welcomed any inquiry Of Political Funds Of Parties Starting from AAP Party’s Funds.He made It clear that As far as the question of foreign funding is concerned, all the funds that AAP has got from foreign are from people who hold Indian passport. By receiving funds from Indians, who are holding Indian passports, even if they are abroad, is not illegal under any law of the country.
Quoting ADR’s analysis it is stated that Congress and BJP had got funding from a foreign company – Vedanta – something which is not allowed under the Sections 3 and 4 of the Foreign Contributions (Regulation) Act 1976.
It Is Questioned “Thus the question is whether the other political parties follow what they preach about transparency? Are they ready to share the source of their funding?”
AAP Party Spokes person A Murlidharan said “We instead welcome any kind of impartial inquiry. But the question that AAP asks is that whether any other political party can claim similar transparency? When AAP was formed, we announced it clearly that we are coming not to do politics but to change the dirty politics. We feel there cannot be anything better for political system in India than investigation into sources of political funding. Because of this, AAP welcomes union home minister’s statement regarding prove into AAP funds. We feel that alongwith AAP, there should be a probe into funds of all political parties of the country and if corruption is found in any of them than their leaders should be sent to jail”
It Is said that Inquiry into funding of political parties should start from AAP and AAP Party has no problem with it.
However, if the union home minister doesn’t order inquiry into funding of all political parties than it would be clear that BJP, Congress and all other political parties are securing funds for themselves through corruption.
spokes person said AAP is unlike those political parties and has name of all donors unlike those political parties who don’t reveal sources of donations which are of less than Rs 20,000 – because at present they are not required to reveal the name of the individuals or organisations who contribute less than Rs 20,000.
A recent study by the Association for Democratic Reforms showed that 2/3rd (75 %) of the funding of our political parties like BJP, Congress, BSP comes from unknown sources.
As per ADRs analysis, the total income of the six national political parties – [1]Congress[2] Bharatiya Janata Party[3] Bahujan Samaj Party (BSP)[4] Nationalist Congress Party (NCP)[5] Communist Party of India (CPI) [6]Communist Party of India (Marxist) (CPI-M) –between 2004-05 and 2011-12 – was Rs 4,895.96 crores.
It Is Alleged that Of the total of Rs 4895.96 crores, 2/3rd (around 75 %) of their income (Rs 3,674.50 crores) came from unknown sources. These figures were based on analyses of income tax returns and statements filed with the Election Commission by the political parties during 2004-05 to 2011-12.

नरेन्द्र मोदी के वीजा प्रकरण में ,राष्ट्रीय गौरव को ताक पर रख कर, माननीय सांसद चले बराक ओबामा के दरबार

नरेन्द्र मोदी के वीजा प्रकरण में ,राष्ट्रीय गौरव को ताक पर रख कर, माननीय सांसद चले बराक ओबामा के दरबार भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने नरेन्द्र मोदी के लिए अमेरिकी वीजा की वकालत क्या की के भारत में सियासी हलकों में भूंचाल गया है| १२ दलों के 65 सांसदों ने राष्ट्रपति बराक ओबामा से अपील की है कि वह मोदी को वीजा नहीं देने की मौजूदा नीति को बनाएरखें |
12 राजनीतिक दलों से ताल्लुक रखने वाले इन ६५ सांसदों ने ओबामा को लिखे पत्र में कहा है, ‘हम सम्मानपूर्वक आपसे अपील करते हैं कि मिस्टर मोदी को अमेरिका का वीजा नहीं देने की मौजूदा नीति को बनाए रखा जाए।’| राज्यसभा के 25 सदस्यों + लोकसभा के 40 सदस्यों के हस्ताक्षर हैं। ये पत्र 26 नवंबर और 5 दिसंबर 2012 को लिखे गए थे जिन्हें रविवार के अवकाश के दिन व्हाइट हाउस को फिर से फैक्स किया गया है।
राजनाथ सिंह ने न्यू जर्सी में दिए अपने पहले ही भाषण में अमेरिकियों से मोदी के लिए वीजा पर लगे प्रतिबंध की आलोचना करते हुए उस पर से प्रतिबन्ध को हटाये जाने का आग्रह किया
राज नाथ सिंह के इस अभियान की हवा निकालने के लिए राज्यसभा के निर्दलीय और कांग्रेस के नजदीकी सांसद मोहम्मद अदीब ने कमान संभाल लीऔर ये पत्र भेज दिए
दावा किया गया है के इस पत्र पर अदीब के अलावा कांग्रेस के एसएस रस्मासुब्बु,साबिर अली+ अली अनवर अंसारी [जदयू]+रशीद मसूद+ एस अहमद [तृणमूल कांग्रेस]+असाउद्दीन ओवैसी [ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन]+ थिरुमावालावन [वीसीके]+ केपी रामालिंगम [डीएमके]+ सीताराम येचुरी [माकपा] + एमपी अच्युतन [भाकपा] के हस्ताक्षर हैं।
यह देश का दुर्भाग्य ही कहा जाएगा के देश की लड़ाई के लिए विदेश में मैदान तैयार किया जा रहा है| मुख्य विपक्षी दल भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राज नाथ सिंह द्वारा अमेरिका में जाकर अपने भावी प्रधान मंत्री पद के दावेदार नरेन्द्र मोदी के लिए वीसा का आग्रह करते हुए वोह राष्ट्रीय सम्मान के साथ कुछ खेलते हुए दिखाई दिए इसके साथ ही ६५ सांसदों के पत्र ने तो संसदीय प्रणाली की विश्वसनीयता पर ही प्रश्न चिन्ह लगा दिया है|
अगर इन सांसदों को नरेन्द्र मोदी के अमेरिका जाने में कोई वाजिब शिकायत है तो भी उन्हें मोदी के पासपोर्ट को कैंसिल कराने के लिए अपने ही देश की सरकार पर दबाब बनाना चाहिए था|लेकिन ऐसा नही करके केवल विदेशों में चिट्ठी भेज कर सियासी लाभ लेने की इस प्रवर्ती से देश की छवि को धक्का लगना स्वाभाविक ही है|यहाँ एक बात और प्रमुखता से उभर कर सामने आ रही है जिससे ६५ सांसदों की चिट्ठी की असलियत को ही चुनौती दी जाने लगी है|कहा जा रहा है के ओबामा को लिखी इस चिट्ठी में लेफ्टिस्ट सीता राम येचुरी के भी हस्ताक्षर हैं लेकिन आश्चर्यजनक रूप से येचुरी ने इसका खंडन कर दिया है|इसका अभिप्राय यह हुआ की मोदी को अमेरिकी वीसा को लेकर जो मुहीम चलाई जा रही है इसमें झोल दिखने लग गए हैं|
इस अवसर पर भाजपा और कांग्रेस के इन शुभ चिन्तक सांसदों के सूचनार्थ श्री मति इंदिरा गाँधी से जुडा हुआ यह किस्सा बताना जरुरी है| सर्व विदित है के श्रीमती इंदिरा गाँधी[ अब स्वर्गीय] का झुकाव रूस की तरफ था |एक बार उन्होंने इसी देश का दौरा किया मगर उन्हें एयर पोर्ट पर रिसीव करने कोई सम्मान जनक नेता या प्रतिनिधि नही आया तो उन्होंने अपने उस सरकारी दौरे को तत्काल अपने निजी दौरे में तब्दील कर दिया और राष्ट्रीय गौरव को बनांये रखा |