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नरेंद्र मोदी को अमेरिकी वीजा न दिए जाने की अपील करने वाले सांसदों के पत्र में फर्जी वाडे की परतें खुल रही है

गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को अमेरिकी वीजा न दिए जाने की अपील करने वाले सांसदों के पत्र में फर्जी वाडे की परते खुलने लग गई है
|[१] ९ सांसदों ने हस्ताक्षर करने से इन्कार किया है
[२] इस पत्र में २९ सांसद कांग्रेस के ही हैं सो विपक्ष इसके पीछे कांग्रेस का हाथ देख रहा है भाजपा ने इस पूरे मामले की जांच की मांग भी कर दी हैअब तक मोदी पर हमलावर कांग्रेसी नेता इस मामले से पल्ला झाड़ने लगे हैं|
[३] इस अभियान के पीछे एन आर आई ग्रुप की भूमिका भी सामने आने लगी है
भारत के 65 सांसदों की ओर से ओबामा प्रशासन को चिट्ठी फैक्स भेज कर मोदी को वीजा न दिए जाने का आग्रह किया है| आठ माह पुर्व भी ऐसा ही पत्र लिखा गया था लेकिन उस समय ऎसी हलचल नही हुई थी लेकिन अब उस पत्र की प्रति फेक्स किये जाने से मामला तूल पकड़ता जा रहा है|

नरेंद्र मोदी को अमेरिकी वीजा ?

नरेंद्र मोदी को अमेरिकी वीजा ?

[१] सीताराम येचुरी[२]अच्युतन,[३]केपी रामालिंगम[४]वंदना चह्वाण[५]संजीव नायक[६] एम राव कोवासे आदि सांसदों ने हस्ताक्षर करने से इंकार किया है|येचुरी ने तो इसे कट एंड पेस्ट का मामला बता कर शक की सुई किसी षड्यंत्र की तरफ घुमा दी है|
इस मुहिम के अगुआ मुहम्मद अदीब अभी भी इस पर अड़े हैं कि सभी सांसदों के दस्तखत सही हैंजबकि कांग्रेस और सरकार भी पल्ला झाड़ रही है। विदेश राज्यमंत्री परनीत कौर ने इस तरह की किसी अपील से असहमति जताई | कांग्रेस प्रवक्ता राज बब्बर ने भी पल्ला झाड़ते हुए कहा,’कांग्रेस को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि अमेरिका मोदी को वीजा देता है या नहीं।
भाजपा प्रवक्ता प्रकाश जावड़ेकर ने आशंका जताई कि यह कांग्रेस का षड्यंत्र है। एक अन्य प्रवक्ता मीनाक्षी लेखी ने कहा कि अगर कोई सांसदों के हस्ताक्षर का दुरुपयोग करता है तो उस पर तत्काल कार्रवाई होनी चाहिए। भाजपा के सांसद सुदर्शन भगत ने तो लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार को पत्र लिखकर हस्ताक्षर में फर्जीवाड़े की जांच की मांग भी कर डाली है।
अमेरिका में मोदी के खिलाफ पिछले आठ वर्षो से अधिक समय से अभियान चलाने वाले भारतीय अमेरिकी समूहों ने सांसदों द्वारा ओबामा को पत्र भेजने को जायज ठहराया है। ये समूह अमेरिका को इस बात के लिए राजी करने में कामयाब रहे हैं कि मोदी को वीजा न दिया जाए। इन समूहों ने यह भी कहा कि ओबामा को भेजे खत पर हस्ताक्षर करने वाले कुछ नेता अब दबाव में इससे इन्कार कर रहे हैं।
यह बात भी निकल कर आ रही है कि इसी समूह ने भारत में एक सांसद को अन्य सांसदों से हस्ताक्षर कराने का कार्य सौंपा था | सांसद पियूष गोएल के अनुसार यह समूह लाबिंग के लिए धन भी खर्च करता है| अब सवाल उठता है कि क्या इस लाबिंग के लिए विदेश से धन आया अगर आया तो बेहद गंभीर आरोप है | वाल मार्ट जैसी संस्थाओं द्वारा रिटेल में विदेशी निवेश के लिए लाबिंग कराई गई थी और उस पर धन भी खर्च किया गया था अभी तक उसकी जाँच कि मांग पर कार्यवाही नहीं हुई है अब यह एक और लाबिंग का मामला आया है|इसमें भी विदेशी धन का आरोप लग रहा है
इसके अलावा कांग्रेस पर मोदी के खिलाफ विदेशी हाथ का इस्तेमाल कराने का आरोप लगाया जा रहा है|माना जा रहा है कि भाजपा ने नरेंदर मोदी को पी एम् के उम्मीदवार के रूप में चुनावों में उतारने का मन बना लिया है|यदि मोदी को अमेरिका में वीजा मिल जाता है तो भारत में चुनावों के दौरान उसे भुनाया जा सकता है |कांग्रेस यह रिस्क लेने को तैयार नही है संभवत इसीलिए यह चक्रव्यूह रचा गया है लेकिन इस चक्रव्यूह में स्वयम कांग्रेस ही फंसती दिखाई दे रही है|

तमिल नाडू में श्रीलंकन क्रिकेटर्स नही खेलेंगे:पिक्चर अभी बाकी है


झल्ले दी झल्लियाँ गल्लां

एक क्रिकेट प्रेमी

ओये झल्लेया हसाडी राजनीती किस दिशा में हमें ले जा रही है ? अब तमिल नाडू में फरमान जारी हो गया है कि तमिल नाडू में होने वाले इंडियन प्रीमियर लीग [आई पी एल ]के मई में दो मैचों में श्रीलंकन प्लेयर्स को खेलने नही दिया जाएगा| ओये यार कल कहा जाएगा कि पूरे देश में श्रीलंकन प्लेयर्स को खेलने नहीं दिया जाएगा|भाई ऐसा कैसा चलने दिया जा रहा है|

झल्ला

अरे मेरे भोले बालक ये लड़ाई राजनितिक वर्चस्व के लिए है|वहां की विपक्षीऔर केंद्र में यूं पी ऐ की सहयोगी रही पार्टी डी एम् के ने श्रीलंका में तमिल के उत्पीडन को मुद्दा बना कर एक बड़ी लकीन खींच दी है|अब २०१४ के चुनाव आने वाले हैं इन चुनावों में कहीं डी एम् के के हाथ तीर न लग जाये इसीलिए मुख्य मंत्री जय ललिता ने यह तुक्का चला दिया है|अब आई पी एल वाले भी ठहरे शुद्ध व्यापारी सो उन्होंने इस तुक्के को भी सर आँखों पर धारण करके मान लिया कि तमिल नाडू में खेले जाने वाले दोनों मैचों में श्रीलंकन प्लेयर्स को नही खिलाया जाएगा|मैच अगले माह पूरे देश में

तमिल नाडू में श्रीलंकन क्रिकेटर्स नही खेलेंगे:पिक्चर अभी बाकी है

तमिल नाडू में श्रीलंकन क्रिकेटर्स नही खेलेंगे:पिक्चर अभी बाकी है

खेले जाने हैं सो पिक्चर अभी बाकी है|

सरकार स्थिर है और इसकी पतवार सशक्त हाथों में है: श्रीलंका के तमिलों के हितों की चिंता है

हमारी सरकार स्थिर है और सरकार की पतवार हमारे सशक्त हाथों में है ,हमारी सरकार के बहुमत को किसी भी पार्टी ने चेलेंज भी नही किया है ऐसे में हमें कोई खतरा नहीं है इसीलिए हम देश में विकास की नाव को लगातार आगे खे ते [चलाते]रहेंगे| श्रीलंका में तमिलों का ही सिर्फ अब प्रश्न है इसके लिए प्रस्ताव को ड्राफ्ट करने उसकी भाषा या कंटेंट पर आम सहमती बनाने के प्रयास किये जा रहे है|ये आत्म विश्वास आज दिल्ली में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में सरकार ने व्यक्त किया| वित्त मंत्री पी चिदम्बरम+संसदीय कार्यमंत्री कमल नाथ और सूचना एवं प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी ने संयुक्त रूप से प्रेस कांफ्रेंस में यह विश्वास व्यक्त किया|

सरकार स्थिर है और इसकी पतवार सशक्त हाथों में है: श्रीलंका के तमिलों के हितों की चिंता है

सरकार स्थिर है और इसकी पतवार सशक्त हाथों में है: श्रीलंका के तमिलों के हितों की चिंता है


इन तीनो वक्ताओं ने इंग्लिश +तमिल और हिंदी भाषा में मीडिया को संबोधित करते हुए बताया के कुछ दलों द्वारा प्रस्ताव के लिए कुछ सुझाव या आपत्तियां दी गई हैं उन पर चर्चा जारी है कुछ ही समय में इस पर निर्णय ले लिया जा जाएगा|
उन्होंने कहा की सरकार की कमजोरी का सवाल ही पैदा नहीं होता अभी बीते दिन ही आम आदमी के हित में बिल पास कराया है और ऐसा ही आगे भी कर लिया जाएगा| ९ सालों से लगातार घटक दलों के सहयोग से सरकार चला रहे है कभी बहुमत का प्रश्न नहीं आया अभी भी नहीं आएगा|
उन्होंने घटना क्रमका ब्यौरा देते हुए बताया कि तमिल नाडू में सत्ता रुड जयललिता की सरकार ने केंद्र को एक पत्र लिखा था जिसमे यूं एन में बनाए जा रहे प्रस्ताव में संशोधन के लिए कहा गया था कमोबेश यही मांग उनकी विरोधी डी एम् के ने भी की थी मगर बाद में करूणानिधि ने स्टेंड में थोड़ा परिवर्तन कर लिया| श्रीलंका में तमिलों के हितों के लिए स्वर्गीय इंदिरा गांधी और राजिव गांधी के समय से ही कांग्रेस के स्टेंड के विषय में सबको जानकारी है इसीलिए अब इसविषय को हल्का करने का कोई प्रयास नहीं किया जाएगा| अब केवल यूं एन के प्रस्ताव में संशोधन के लिए आम सहमती बनाने के प्रयास किये जा रहे हैं|
गौरतलब है कि ५३९ सदस्यों वाली संसद में बहुमत सिद्ध करने के लिए २७१ सांसदों की जरुरत है| डी एम् के के १८ सदस्यों को हटाने के बाद भी सरकार अल्प मत में नहीं दिखती|
कांग्रेस के =२०२
एन सी पी =०९
बी एस पी=२१
रालोद=०५
जी डी एस =०३
सपा=२२
और अन्य =२२ हैं
अज के नए घटना क्रम में सपा ने राजनीतिक पैतरें दिखाने शुरू कर दिए हैं यदि सपा अपना सपोर्ट वापिस लेते है तब कुछ चिंता की बात होगी लेकिन सरकार के आत्म विशवास को देखते हुए २०० सांसदों वाली नितीश कुमार की पार्टी के स्टेंड को समझा जा सकता है|

डी एम् के की करुणा से महरूम होकर भी मन मोहणी सरकार तो कायम है हां शेयर जरुर गिर गए


झल्ले दी झल्लियाँ गल्लां

एक प्रफुल्लित भाजपाई

ओये झाल्लेया मज़ा आ गया द्रविड़ मुनेत्र कडघम ने धाँसू मुनेत्र कडघम का रूप अख्तियार कर लिया है| ओये इन द्रविड़ों ने दिल्ली के आर्यों से लंका के खिलाफ कार्यवाही करने को कहना शुरू कर दिया है| चेन्नई गए पी चिदम्बरम+ ऐ के एंटोनी और गुलाम नबी की तिकड़ी भी करुणानिधि की करुणा नहीं पा सके| डी एम् के ने इस विषय पर यूं पी ऐ से अपने १८ सांसदों की सपोर्ट भी विडड्रा कर ली है| आरबीआई द्वारा रेपो और रिवर्स रेपो दरों में 25 आधार अंकों की कटौती के तमाम उपाय भी शेयर बाजारों को सम्भाल पाने में कामयाब नहीं रहे |ओये अब तो यूं पी ऐ की सरकार गिरे ही गिरे |हसादी सरकार बने ही बने|

डी एम् के की करुणा से महरूम होकर भी मन मोहणी सरकार तो कायम है हां शेयर जरुर गिर गए

डी एम् के की करुणा से महरूम होकर भी मन मोहणी सरकार तो कायम है हां शेयर जरुर गिर गए

झल्ला

सेठ जी ये दूर के सुहावने ढोल हैं सो ज्यादा खुश मत होवो|मन मोहनी सरकार को बाहर से समर्थन दे रहे मायावती और मुलायम सिंह ने सपोर्ट को वापिस नहीं लिया है| इसीलिए सरकार तो स्थिर है हाँ शेयर बाज़ार जरुर सहम गया है|
सपा के नेता प्रोफ.रामगोपाल यादव ने तो डीएमके को ब्लैक मेलर तक बता दिया है| इसके अलावा भाजपा से रूठी रूठी जे डी यु का कुछ पता नहीं कब पाला बदल ले ,इसीलिए सेठ जी ये मन मोहणी सरकार कहीं नहीं जा रही| २०१४ में ऐ आई ऐ डी एम् के को ठिकाने लगाने के लिए ही ये सारी दंड बैठक हो रही है| हाँ इस चक्कर में बेचारे शेयर बाजारों में भारी गिरावट जरुर आ गई है | प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स २८५ .१० अंकों की गिरावट के साथ 19,००८ .१० पर और निफ्टी ८९ .३० अंकों की गिरावट के साथ 5,७४५ .९५ पर बंद हुआ है|

श्रीनगर में फिदाईन हमले में शहीद हुए सुरक्षा कर्मियों को संसद ने श्रद्धांजलि दी: अफस्पा पर हंगामा

जे & के में कल हुए आतंकवादी हमले में शहीद हुए पांच सुरक्षा कर्मियों को आज लोक सभा में श्रधाजलि अर्पित की गई| जम्मू कश्मीर के श्रीनगर[बेमिना] में आतंकवादी हमले में कल भारतीय जवानों की शहादत पर लोक सभा ने चिंता व्यक्त की और विपक्ष ने सरकार से बयान दिए जाने की मांग की| भाजपा सदस्यों तथा श्रीलंकाई नौसेना द्वारा गिरफ्तार तमिल मछुआरों की रिहाई की मांग का मुद्दा द्रमुक और अन्नाद्रमुक सदस्यों द्वारा उठाए जाने के कारण हुए हंगामे से लोकसभा की बैठक आज शुरू होने के कुछ ही देर बाद दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गयी।
सुबह सदन की बैठक शुरू होने पर अध्यक्षा मीरा कुमार ने श्रीनगर में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल [C R P F ] ]के शिविर पर हुए आतंकवादी हमले का जिक्र किया और शहीद जवानों को सदन द्वारा श्रद्धांजलि दिए जाने के बाद प्रश्नकाल शुरू करवाया।
विपक्ष की नेता श्रीमती सुषमा स्वराज ने इस घटना पर सरकार से बयान दिए जाने की मांग की। मुख्य विपक्षी दल के अन्य सदस्य भी अपने स्थानों पर खड़े होकर अपनी नेता की बात का समर्थन करते देखे गए।

श्रीनगर में फिदाईन हमले में शहीद हुए सुरक्षा कर्मियों को संसद ने श्रद्धांजलि दी: अफस्पा पर हंगामा

श्रीनगर में फिदाईन हमले में शहीद हुए सुरक्षा कर्मियों को संसद ने श्रद्धांजलि दी: अफस्पा पर हंगामा


श्रीमति सुषमा ने कहा कि बार बार इस प्रकार की घटनाएं हो रही हैं और केवल सदन में श्रद्धांजलि देकर अपने कर्तव्य की पूर्ति कर ली जाती है।उन्होंने अजमेर शरीफ के दीवान द्वारा पाकिस्तान के पी एम् की विजिट का विरोध करने के लिए उन्हें सलाम किया लेकिन इसके साथ ही सरकार की पाकिस्तान के प्रति ढुल मूल नीति की आलोचना भी की |उन्होंने सुबह श्रद्धांजलि देते समय सत्ता पक्ष के अग्रिम पंक्ति के नेताओं की अनुपस्थिति पर सवालिया निशान लगाते हुए उन पर संवेदना हीन होने का आरोप भी लगाया | नेता प्रतिपक्ष ने आमर्ड फोर्सेस स्पेशल पावर एक्ट [A F S P A] का जिक्र करते हुए कहा के जिस इलाके में यह हमला हुआहै वहां से ही अफस्पा हटाने की सिफारिश की जा रही है|उनके इतना कहने के साथ ही दूसरी तरफ बैठे काश्मीर के सांसदों ने जोर शोर से इसका विरोध किया और अफस्पा हटाने के मांग को बल दिया|गौरतलब है कि कल श्रीनगर के बेमिना इलाके में एक स्कूल के निकट स्थित केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के शिविर पर आतंकवादियों द्वारा किए गए हमले में पांच जवान शहीद हो गए थे।