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Tag: Defence Deals

अमेरिकी रक्षा सौदों से डॉलर भाव बढ़ेगा इसीलिए हथियारों का सम्पूर्ण ज्ञान हथियाना ज्ञानी की पहचान होगी

झल्ले दी झल्लियां गल्लाँ

भाजपाई उत्साहित चीयर लीडर

ओये झल्लेया मुबारकां !ओये देख्या हसाडे सोणे नरेंद्र मोदी का कमाल, ओये एक के बाद एक अमेरिकी दिग्गज इंडिया में पधारने लग गए हैं| बराक ओबामा ने जब से नरेंद्र मोदी के लिए कम सितम्बर गाया है तभी से वहां के भारी भरकम नेता यहां आने लग गए हैं |जॉन केरी जैसे भारी भरकम नेता के बाद आज डिफेन्स सेक्रेटरी चक हेगेल तीन दिन के लिए भारत आ गए हैं| ओये अब तो मानता है न कि मोदी में है दम सारी दुनिया मान रही है उसे परम

झल्ला

अरे मेरे भोले सेठ जी
इन अमेरिकियों पर इतना गुमान मत करो ये लोग तो बरसों से लंबित डिफेन्स परचेस पर हाथ मारने आ रहे हैं |पहली डील लगभग २०००० करोड़ की हो सकती है |चूंकि हमें भी पाकिस्तान और चीन का मुकाबिला करने के लिए आधुनिक हथियार चाहियें और अमरीका देने को राजी भी हैलेकिन झल्लेविचारानुसार अमेरिका को डॉलर्स में पेमेंट करते ही उसका मार्किट तो आप हो जाएगा और भारतीय रुपया नीचे आ जाएगा इसीलिए हथियारों के निर्माण+ कलपुर्जे+मरम्मत+ आदि आदि की जानकारी बिना भाव बढ़ाये वसूलना होगा| अमेरिकी रक्षा सौदों से भारतीय रुपये के मुकाबिले डॉलर भाव बढ़ेगा इसीलिए हथियारों का सम्पूर्ण ज्ञान हथियाना ज्ञानी मोदी की पहचान होगी

केंद्र सरकार अपने रक्षा सचिव को कैग के बजाय अकाउंटेंट के रूप में इस्तेमाल कर सकता है ;जनहित याचिका

नए कैग की न्युक्ति को लेकर आर टी आई के बाद अब पी आई एल दाखिल कर दी गई है| राष्ट्रपति डा, प्रणव मुखर्जी ने देश के लेखानियंता[ Comptroller ]& [ AuditorGeneral ] के रूप में केंद्र सरकार के रक्षा सचिव शशिकांत शर्मा को शपथ दिला दी है लेकिन इसको चुनौती देते हुए उच्चतम न्यायालय में गुरुवार को एक जनहित याचिका भी दायर कर दी गई।याचिका में कहा गया है कि वह खुद रक्षा सचिव के रूप में काम कर चुके हैं और हाल के दिनों में रक्षा सौदे में अनेकों घोटालों की बात सामने आई है। कहा गया है कि रक्षा विभाग के एक पक्षकार द्वारा किया जाने वाला लेखा आडिट निष्पक्ष कैसे हो सकता है|।इस जनहित याचिका की सुनवाई ग्रीष्मावकाश के बाद होने की प्रबल संभावना है।
उल्लेखनीय है कि श्री शर्मा ने आज ही सीएजी[ CAG ] के रूप में शपथ ली है। राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने उन्हें पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। श्री शर्मा का कार्यकाल 24 सितंबर 2017 तक होगा। उन्होंने विनोद राय का स्थान लिया है जो कल सेवानिवृत्त हो गए। श्री शर्मा इससे पहले रक्षा सचिव थे।
आम आदमी पार्टी के प्रशांत भूषण ने भी यह आरोप लगाया है कि ‘शर्मा ने 2003 से 2010 तक रक्षा मंत्रालय में संयुक्त +अतिरिक्त सचिव के रूप में अलग-अलग पदों पर काम किया है । इसके बाद 2011 में रक्षा सचिव बने। इस दौरान लाखों-करोड़ों के रक्षा सौदे हुए।इन सौदों पर आपत्ति कि जा रही है और इनका आडिट किया जाना है|
1976 बैच के बिहार कैडर से आईएएस अफसर शशिकांत शर्मा जुलाई 2011 से रक्षा सचिव हैं। और फिलहाल सर्विस एक्सटेंशन पर हैं|यूनिवर्सिटी ऑफ यॉर्क से राजनीति विज्ञान में मास्टर डिग्री हासिल करने वाले हैं। रक्षा सचिव बनने से पहले वे वित्त मंत्रालय में सचिव (वित्त सेवाएं) थे। उसके पहले 2003 से 2010 के दौरान उन्होंने रक्षा मंत्रालय में ही संयुक्त सचिव, अतिरिक्त सचिव और महानिदेशक (खरीद) पदों पर भूमिका निभाई है।
कैग न्युक्ति की प्रक्रिया
इस न्युक्ति पर पहले भी आर टी आई के माध्यम से आपत्ति उठाई जा चुकी है|जिसके जवाब में केंद्र सरकार ने यह स्वीकार किया है कि कैग की न्युक्ति के लिए योग्यता का कोई माप दंड नही है|परम्परा को ही न्युक्ति का आधार बनाया गया है|बताया गया है कि
[१]कैग की नियुक्ति 6 साल या 65 वर्ष की आयु तक के लिए होती है।
[२]वित्त मंत्रालय के प्रस्ताव पर सरकार राष्ट्रपति को सिफारिश भेजती है।
[३]इसके लिए कोई औपचारिक व्यवस्था नहीं है। पुरानी परंपरा का ही पालन होता है।
[४]कैग के पद पर नियुक्ति के लिए योग्यता के संबंध में कोई शर्त नहीं है।
[५]इसके लिए कोई सलेक्शन कमेटी नहीं । सरकार जिसे चाहे उसे बना सकती है।

अगस्ता वेस्टलैंड चापर डील की जांच में देश का सबसे पुरानी सरकारी संस्था रक्षा लेखा विभाग सहयोग करेगा

 अगस्ता वेस्टलैंड चापर डील की जांच में देश का सबसे पुरानी सरकारी संस्था रक्षा लेखा विभाग सहयोग करेगा

अगस्ता वेस्टलैंड चापर डील की जांच में देश का सबसे पुरानी सरकारी संस्था रक्षा लेखा विभाग सहयोग करेगा

२५० वर्ष पुराना रक्षा लेखा विभाग संभवत देश का सबसे पुराना सरकारी विभाग है यह विभागअपनी जिम्मेदारी को निभाने के लिए अब वी वी आई पी हेलीकाप्टर खरीद में लगाये गए दलाली के आरोपों की जांच में सहयोग करने को आगे आ गया है|एयर फाॅर्स के अधिकारीयों के साथ जांच में इस विभाग के भा,र ,ले,से,[I D A S]के अनुभवी अधिकारी भाग लेंगे| यदपि इस विभाग की वेबसाईट पर इस विषय में कोई जानकारी पर हाथ नहीं रखा जा सका है लेकिन मीडिया में छन्न कर आ रही ख़बरों के अनुसार रक्षा लेखा विभाग के अधिकारी जांच में सहयोग करेंगे| इस विभाग के अधिनस्त कार्यालय पूरे देश में हैं|
गौरतलब है कि बोफोर्स के बाद रक्षा सौदों में सबसे बड़ी दलाली के रूप में ३६०० करोड़ के अगस्ता हेलीकाप्टर की खरीद में ३६० करोड़ की दलाली खाए जाने के आरोप लगाये जा रहे हैं| रक्षा लेखा विभाग जैसा कि नाम से ही ज्ञात होता है रक्षा मंत्रालय का ही एक अहम हिस्सा है | इसका मुख्यालय उलन बटार दिल्ली छावनी में है|वर्तमान में इस विभाग को रक्षा सेवाओं और उनकी सहायक इकाईयों को वित्तीय सलाह देना+ रक्षा सौदों का भुगतान करना+ और रक्षा सेवाओं के खातों का आंतरिक आडिट का दाईत्व दिया गया है|इन दाईतवों को निभाने में कड़ा परिश्रम किया जा रहा है|वित्तीय सलाहकार श्रीमती प्रीति मोहंती और अतिरिक्त रक्षा लेखा महानियंत्रक अरविन्द राणा कौशल अनुभवी होने के साथ ही कार्य कुशलता और इमानदारी के लिए जाने जाते हैं|इस विभाग ने स्वयम जाँच में सहयोग का आश्वासन दिया है तो इसे विभाग के अपने सीनियर होने के अहसास के साथ जोड़ कर देखा जाना चाहिए |यह कहना उचित ही होगा कि आंतरिक आडिट और वित्तीय सलाह देने का दाईत्व रक्षा लेखा विभाग का है लेकिन आये दिन बाह्य आडिट एजेंसी कैग द्वारा ही मुद्दे उछाले जाते रहे हैं|यहाँ यह कहना भी अन्यथा नहीं होगा कि इससे पूर्व बोफोर्स तोप काण्ड में इस विभाग के दिल्ली स्थित एक कार्यालय का का नाम उछाला गया था |एक पत्रिका ने तो रक्षा लेखा नियंत्रक द्वारा बोफोर्स के नाम जारी चेक को भी छापा था |अब इस चापर डील में एक सेवान्रिवत वायुसेना अध्यक्ष का नाम आरहा है सो हाई प्रोफाईल इस केस में संभवत इन्ही आरोप प्रत्यारोपों से बचने के लिए रक्षा लेखा विभाग ने अगस्ता वेस्टलैंड चापर डील की जांच का जिम्मा उठाया है सो इस दिशा में नए सकारात्मक परिणाम आने की संभावना दिखने लगी है|