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Dr Harsh Vardhan Desires “Silent Diwali” Noise Pollution Free And Eco Friendly Diwali

Dr Harsh Vardhan ,Minister of Health and Family Welfare,Desires “Silent Diwali”Eco Friendly Diwali He Says ” cultural sentiments should not cause suffering of people,
Union Minister Writes to Delhi L-G to implement cracker ban+ sensitise people
Dr Harsh Vardhan, Union Health Minister, has urged Mr Najeeb Jung, Lieutenant-Governor of Delhi, to ensure that the nation’s capital celebrates a “silent Diwali” this year.
The Minister, in an email to the LG, stated that noise-pollution free Diwalis are fast becoming the norm in many parts of the country.
A Supreme Court order of July 2005 had banned the bursting of fire crackers in residential areas, he pointed out.
He wrote, “The implementation of the apex Court’s order has been practically absent in Delhi. Some state governments have been quite successful in ensuring quietness in the revelries.
Dr Harsh Vardhan unequivocally rejected the position of apologists saying, “Many excuses have been offered by administrations of the past for Delhi’s general disregard (of the Supreme Court’s order). The reasons advanced vary from “cultural” to “police insufficiency”. These are all unacceptable.”
The Minister, who has already announced that he is in the process of constituting an expert group to recommend nation-wide measures to prevent noise pollution, recalled progressive governments cannot reconcile cultural sentiments with the suffering of people, especially children and old people.
He pointed out to the L-G, “Firecrackers which sell under a variety of names lead to noise pollution which causes many physical diseases for people of all age groups. Small children and senior children are traumatized the most during the Diwali season because of the tendency to burst loud crackers is most manifested during the night. Many psychological disorders are also caused.”
Dr Harsh Vardhan recalled from his three decades of experience as a practising ENT surgeon in Delhi, how cases of traumatic perforation of the ear drums tended to show a distinct increase in the aftermath of Diwali. Apart from that there are many burn cases and eye injuries, he noted.

दिल्ली विधान सभा भंग कराने के लिए अब “आप”पार्टी ने पांच सवाल दागे

[नई दिल्ली]दिल्ली के उपराज्यपाल पर दबाब नीति के अंतर्गत”आप”पार्टी ने पांच सवाल दागे |
दिल्ली की विधानसभा भंग कराने के लिए दिल्ली के उपराज्यपाल पर दबाब बनाने के लिए “आप” पार्टी द्वारा पांच सवाल दागे गए हैं
उपराज्यपाल श्री नजीब जंग ने 4 सितंबर को राष्ट्रपति को पत्र लिखकर दिल्ली में सरकार बनाने के लिए भाजपा को न्यौता देने की अनुमति मांगी है जिसका कांग्रेस और “आप” विरोध करती आ रही हैं |
“आप” पार्टी का कहना है कि उपराज्यपाल का राष्ट्रपति को पत्र लिखना बहुत ही गंभीर घटना है और उपराज्यपाल के इस कदम की संवैधानिक वैद्यता पर कई जटिल सवाल उठ खड़े होते हैं। इस पूरी कवायद में नैतिकता की कमी भी दिखती है।राष्ट्रपति को लिखे पत्र पर उपराज्यपाल के चुप्पी साधने और दिल्ली में संविधान का हनन करने की कोशिशों पर केंद्र सरकार द्वारा अपनी आंखे बंद करने के बाद आम आदमी पार्टी ने ताजा हालात के मद्देनजर उपराज्यपाल से अपेक्षित कुछ जटिल सवालों को सार्वजनिक करने का फैसला किया है।
विधायकों को रिश्वत देने के बीजेपी के प्रयासों के तमाम सबूत संबंधित अधिकारियों को सौंपे जाने के उपरान्त आम आदमी पार्टी ने उपराज्यपाल से पांच सवाल पूछे हैं
[1]माननीय उपराज्यपाल महोदय, क्या यह एक महज संयोग है कि आप दिल्ली में हर कीमत पर बीजेपी की सरकार बनवाने की कोशिश कर रहे हैं, जबकि 12 दिसंबर को भाजपा विधायक दल के नेता डा. हर्षवर्धन लिखित में यह स्पष्ट कर चुके हैं कि बहुमत न होने के कारण वो विपक्ष में बैठना पसंद करेंगे, तो क्या अब भाजपा अपने स्टैंड से पलट गई है?
[2] आप बीजेपी को सरकार बनाने के लिए जरूरी शर्तों को पूरा करने से क्यों छूट दे रहे हैं
[3] पिछले वर्ष दिसंबर में जब आम आदमी पार्टी की सरकार बननी थी तो आपने समर्थन पत्र पर जोर दिया था। आम आदमी पार्टी द्वारा 36 विधायकों का समर्थन पत्र दिए जाने के बाद ही आपने सरकार बनाने की अनुमति दी थी। वही मानदंड आज बीजेपी के लिए क्यों नही?
[4]इस वर्ष फऱवरी में जब अरविंद केजरीवाल ने सरकार से इस्तीफा दिया था तब भी बीजेपी विधानसभा में सबसे बड़ी पार्टी थी। तब आपने बीजेपी को न्योता क्यों नहीं दिया ?
[5] संवैधानिक पद पर आसीन होते हुए आप कैसे असंवैधानिक तरीके से सरकार गठन की अनुमति दे सकते हैं जबकि इस मामले में हम आपको अहम सबूत पहले ही सौंप चुके हैं ?

“आप” के स्टिंग+प्रेस कांफ्रेंस के सहारे पार्टी का सियासी वजूद+विधायक बच पाएंगे?

“आप” के स्टिंग+प्रेस कांफ्रेंस के सहारे पार्टी का सियासी वजूद+विधायक बच पाएंगे?
“आप” को सियासी वजूद बचाने और अपने विधायकों को बांधे रखने के लिए स्टिंग+प्रेस कांफ्रेंस का ही सहारा रह गया है|अभी तक किसी ठोस उपलब्धि के अभाव में ये दोनों बैसाखियाँ क्या”आप” पार्टी की सियासत को जिन्दा रख पाएंगी इस पर संदेह गहराता जा रहा है |
आम आदमी पार्टी [आप]अपने सियासी वजूद के लिए स्टिंग +प्रेस कांफ्रेंस रूपी दो बैसाखियों पर चल रही है|इनके सहारे क्या “आप ” दिल्ली की सत्ता तक दोबारा पहुँचने तक अपने विधायकों को एक जुट रख पाएगी यह यक्ष प्रश्न आज सब तरफ उत्तर तलाश रहा है|
भाजपा को रोकने के नाम पर आये दिन “आप” के न्रेतत्व द्वारा कांग्रेस+भाजपा[कथित ईमानदार]+जे डी [यूं] +निर्दलीय विधायकों से बातचीत का हवाला दिया जा रहा है|इसके पीछे अपने विधायकों को यह सन्देश देना भी एक उद्देश्य हो सकता है कि दिल्ली में जल्द उनकी ही सरकार बनने वाली हैऔर अगर सरकार नही बनी तो चुनाव निश्चित हैं|
प्रेस कांफ्रेंस और स्टिंग के सहारे आये दिन भाजपा पर हमलावर हो रही “आप” पार्टी ने खोजी वेबसाइट “तहलका” की तर्ज पर दिल्ली भाजपा के उपाध्यक्ष शेर सिंह डागर को बंगारू लक्ष्मण बनाने का प्रयास किया|इस स्टिंग में भाजपा नेता के घर जाकर “आप” के विधायक को सौदे बाजी करते हुए दिखाया गया है|जिसे भाजपा ने तत्काल नकार दिया|उसी स्टिंग की सी डी को बतौर एविडेंस सर्वोच्च न्यायालय में प्रस्तुत करने का प्रयास किया गया|लेकिन न्यायालय द्वारा स्टिंग सी डी को स्वीकार नहीं किया गया |उसके पश्चात आनन फानन में प्रेस कांफ्रेंस बुलाई गई और पांच दिन पुराने पत्र को लेकर एल जी पर भाजपा के लिए बैटिंग करने का आरोप लगा दिया गया |
जिस एल जी नजीब जंग ने अरविन्द केजरीवाल को सी एम की शपथ दिलाई थी उसी एल जी को आश्चर्यजनक रूप से गालियां दी जाने लगी फिर उसी एल जी के पास आज[ बुधवार] सुबह सी डी लेकर पहुँच गए और विधान सभा भंग करने के लिए अनुरोध कर दिया| संसद में पहुंचे पंजाब से चार सांसद भी कुछ खास उपलब्धि दर्ज नहीं करा पाये हैं |
दिल्ली के बाहर मरीना बीच पर भी आज मौन विरोध प्रदर्शन किया गया| यहाँ भी कुछ खास भीड़ जुटाने में सफलता नहीं मिली
आप-तमिलनाडु शाखा के लगभग 30 सदस्य ही मरीना समुद्र तट पर अपने मुंह पर पट्टी बांधकर विरोध प्रदर्शन करते दिखाई दिए| उत्तर प्रदेश के मेरठ में बीते दिनों कलेक्ट्रेट पर धरना प्रदर्शन करने आये “आप” के कुछ टोपी धारक केवल मीडिया के कैमरों तक ही सिमित होकर रह गए |
दरअसल दिल्ली में भाजपा को सरकार बनाने से रोकने की कोशिश में मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट के रुख के बाद “आप” पार्टी के लिए मुसीबत और बढ़ गई है।
अपना सियासी वजूद बचाने के साथ उसे अपने विधायकों को भी टूटने से बचाए रखना जरूरी हो गया है क्योंकि एल जी अगर भाजपा को सरकार बनाने के लिए न्योता देते हैं और बहुमत सिद्ध करने के लिए गुप्त मतदान होता है तो निश्चित माना जा रहा है कि “आप” के विधायक भाजपा के पक्ष में बढ़ी संख्या में टूटेंगे| इसीलिए “आप” पार्टी आये दिन स्टिंग+प्रेस कांफ्रेंस और मीडिया में ब्यान देकर लगातार भाजपा पर दबाब बनाने और चर्चा में रहने को मजबूर है|सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार भाजपा के पी एम नरेंद्र मोदी दिल्ली में जोड़ तोड़ करके सरकार नहीं बनाना चाहते लेकिन अगर उनकी पार्टी को न्योता मिलता है और गुप्त मतदान होता ही तो निश्चित रूप से भाजपा की सरकार बन जाएगी|इसीलिए अंतिम विकल्प के रूप में अरविन्द केजरीवाल सदन में बहुमत के लिए गुप्त मतदान को भी चुनौती देने के लिए संविधान की दुहाई दे सकते हैं

“आप” ने भाजपा की हॉर्स ट्रेडिंग कोशिशों का स्टिंग वीडियो जारी किया

[नई दिल्ली]”आप” ने भाजपा की हॉर्स ट्रेडिंग कोशिशों का स्टिंग वीडियो जारी किया आम आदमी पार्टी[आप] ने स्टिंग वीडियो से दिल्ली को लेकर भाजपा को एक बार फिर घेरने का प्रयास किया|
दिल्ली में सरकार बनाने के भाजपा के प्रयासों को पलीता लगाने के लिए “आप” पार्टी ने स्टिंग वीडियो जारी किया है | ऑपरेशन फर्दाफाश के नाम से जारी इस वीडियो में शेर सिंह डागर+दिनेश मोहनिया+यादव आदि की वार्तालाप को दिखलाया गया है |
दिल्ली में सरकार बनाने की चल रही कोशिशों के बीच”आप”पार्टी ने आज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की और बीजेपी पर चार करोड़ रुपयों में विधायकों की खरीद−फरोख्त का आरोप लगाया है।
ऑपरेशन पर्दाफाश के नाम से जारी इस स्टिंग वीडियो में आरोप लगाया है कि दिल्ली बीजेपी के उपाध्यक्ष शेर सिंह डागर ने विधायक दिनेश मोहनिया को खरीदने की कोशिश की।
“आप” पार्टी का आरोप है कि उन्हें 4 करोड़ रुपया ऑफर किया गया है
भाजपा के नेता प्रतिक्रिया के लिए उपलब्ध नहीं हो पाये |

“आप”ने ,अबकी बार, भाजपा पर हॉर्स ट्रेडिंग का आरोप दोहराने के लिए रिकार्डेड वायस मैसेज का सहारा लिया

आप पार्टी ने एक बार फिर भाजपा पर हॉर्स ट्रेडिंग का आरोप लगा कर राजनीतिक सनसनी पैदा करने का प्रयास किया|लेकिन इस बार पार्टी के मुखिया ने रिकार्डेड वायस मैसेज जारी किया है| आम आदमी पार्टी[आप]के सर्वोच्च नेता अरविन्द केजरीवाल ने रिकार्डेड वायस मैसेज जारी किया है जिसमे भाजपा पर दिल्ली में सरकार बनाने के लिए विधायकों की खरीद फरोख्त का आरोप लगाया है और इस सियासी तिजारत के लिए २० करोड़ रुपये प्रति विधायक बताई गई है|
दिल्ली विधान सभा में आप पार्टी के 27 और भाजपा के 28 विधायक हैं। कांग्रेस के खाते में केवल आठ विधायक हैं।दो निर्दलीय+जदयू + भाजपा समर्थक शिरोमणि अकाली दल से एक-एक विधायक हैं।कुल ७० विधायकों वाली वि सभा में तीन सीटें खाली भी हैं | ऐसे में सरकार बनाने के लिए५०% =३४ विधायकों की जरुरत होगी|इन आकंड़ों के अनुसार २८ विधायकों वाली भाजपा द्वारा ,बहुमत के लिए, खरीद फरोख्त की संभावना जताई जा रही है |इसके लिए केजरीवाल ने प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी से चुप्पी तोड़ने का भी आग्रह किया है

Arvind Kejriwal Supported The Demands Of Protesting Guest Teachers at Jantar Mantar

[New Delhi] Arvind Kejriwal Criticized Delhi Govt And Supported The Demands Of Protesting Teachers at Jantar Mantar
.The Aam Aadmi Party national convenor met the protesting guest teachers at Jantar Mantar and expressed solidarity with their demands. Kejriwal addressed the teachers present there and also answered their questions.
Making Clear AAP Party He said that the current administration should not have tampered with the February 6 order issued by the Aaam Aadmi Party (AAP) government, which clearly stated that services of those employed as guest teachers will not be disturbed till these posts will be filled up on a permanent basis.
Kejriwal reminded the protesting teachers about the AAP government’s decision to set-up a time bound committee to look into the issue of regularizing all those employed on a non-permanent basis by the Sheila Diskhit government over the years, which was the root cause of the problem.
He said the decision of the Delhi administration to discontinue the services of guest teachers working in government schools of the city was completely arbitrary and wrong
Kejriwal asked those sitting on an indefinite hunger strike to call it off, since their health was deteriorating in torrid heat and humidity.
The Delhi administration has discontinued the services of guest teachers since the month of May, without filling up these posts on a permanent basis, for which these teachers were to be considered and given weight age.
Targeting Delhi administration He said following the exit of the AAP government on February 14, the Delhi administration using the excuse of imposition of President’s rule, has been systematically overturning the pro-people decisions of his government to deliberately trouble the people.
Kejriwal Showed Solidarity and took two lady guest teachers sitting on an indefinite fast to the Ram Manohar Lohia Hospital for a check-up.
There are no consolidated figures to ascertain the exact number of guest teachers who were employed during the Sheila Dikshit regime, but it is estimated that the number is around 10,000.

“आप”और कांग्रेस ने अपने रिश्तों की राख से उठी उम्मीदों की नई चिंगारी पर इंकार का पानी डाला

झल्ले दी झल्लियां गल्लाँ

भाजपाई चीयर लीडर

ओये झल्लेया कांग्रेस और उसके नए रिश्तेदार “आप” पार्टी वालों की नंगई तो देख |दिल्ली राज्य में दोबारा चुनाव से बचने के लिए अंदर खाने ये दोनों जुगत लड़ा रहे हैं और पब्लिक में पाक साफ़ बनने का नाटक कर रहे हैं| “आप” पार्टी के अरविन्द केजरीवाल और कांग्रेस के अजय माकन दोनों ही बाकायदा प्रेस रिलीज़ जारी करके कहरहे हैं कि दिल्ली में सरकार बनाने के लिए इन दोनों रिश्तेदारों में कोई समझौता नहीं हुआ है |इनका हाजमा भी कमाल का है ओये यारा अजय माकन यह इल्जाम लगा रहे हैं कि “आप” ने सत्ता को दोबारा पाने के लिए यह खबर उड़ाई है और “आप” वाले मीडिया पर ही अपने तेवर दिखा रहे हैं |

झल्ला

ओ मेरे भोले सेठ जी केजरीवाल जी और माकन जी इस चिंगारी को बुझाने के लिए बेशक लाख ट्यूब वेल खोदें लेकिन यह सत्य है कि पुराने रिश्तों की राख से भी उम्मीदों का धुआं उठता है|

‘आप’ पार्टी के”बागी”विनोद कुमार बिन्नी ने दिल्ली सरकार से समर्थन वापस लिया

‘आप’ पार्टी के पूर्व “बागी”विधायक विनोद कुमार बिन्नी ने आज “बुधवार” को दिल्ली सरकार से समर्थन वापस ले लिया।
बिन्नी ने उपराज्यपाल नजीब जंग को पत्र लिखकर अपने इस निर्णय की जानकारी दी।
उल्लेखनीय है कि पार्टी विरोधी बयान देने के आरोप में “आप” नेअपने लक्ष्मी नगर से विधायक विनोद कुमार बिन्नी को बीते माह के अंतिम सप्ताह में पार्टी से निकाल दिया गया था।
पार्टी सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल से उनकी तू-तू मैं-मैं दिल्ली में सरकार गठन करने के समय भी हुई थी लेकिन उस समय योगेन्द्र यादव और मनीष सिसोदिआ आदि ने मामले को संभाल लिया था। इसके पश्चात दोनों में वैचारिक मतभेद हुए और बिन्नी ने केजरीवाल को तानाशाह तक कह दिया।अब फिर से बिन्नी ने दिल्ली कि सरकार को गिराने के लिए अकाली दल+जे डीयूं+निर्दलीय के अलावा आप पार्टी के कुछ विधायकों को इकट्ठा करना शुरू कर दिया था