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‘आप’ ने वक्फ बोर्ड की तालाबंदी को भाजपा+कांग्रेस+एल जी के सरमढ़ा

[नई दिल्ली ]’आप’ ने वक्फ बोर्ड की तालाबंदी को भाजपा+कांग्रेस+एल जी के सरमढ़ा
आम आदमी पार्टी[आप] ने आरोप लगाया के उपराज्यपाल नजीब जंग ने दिल्ली वक्फ़ बोर्ड के दफ़्तर पर ताला लगवाकर यह साबित कर दिया है एलजी साहब का उन लोगों से बड़ा गहरा सम्बंध है जिन्होने वक्फ़ बोर्ड की ज़मीनों को अवैध रुप से कब्जा कर वहां बड़े-बड़े शॉपिंग मॉल और पांच सितारा होटल बना रखे हैं।
आम आदमी पार्टी की तरफ़ से आयोजित की गई प्रेस कांफ्रेस में बोलते हुए दिल्ली प्रदेश संयोजक और राष्ट्रीय प्रवक्ता दिलीप पांडे ने कहा कि ‘दिल्ली वक्फ़ बोर्ड के दफ्तर पर ताला लगवाने का काम हो या फिर वक्फ़ बोर्ड पर ज़बरदस्ती सीबीआई जांच बिठाने का फैसला हो, ये दोनों ही फैसले उपराज्यपाल और दिल्ली के लाटसाहब नजीब जंग साहब ने भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के इशारे पर लिए हैं। आप विधायक अमानतुल्लाह ख़ान जब से दिल्ली वक्फ़ बोर्ड के चेयरमैन बने हैं उसके बाद से वक्फ़ बोर्ड ईमानदारी से काम कर रहा था और यह ईमानदारी कुछ बेइमान लोगों पर काल बनकर टूटने वाली थी लिहाज़ा एलजी साहब ने यह प्रकरण रच डाला। एलजी साहब कुछ बेइमान लोगों को बचाने के लिए वक्फ़ बोर्ड के चेयरमैन अमानतुल्लाह ख़ान के पीछे हाथ धो कर पड़ गए हैं।
प्रेस कांफ्रेंस में मौजूद दिल्ली वक्फ़ बोर्ड के चेयरमैन और आम आदमी पार्टी के ओखला से विधायक अमानतुल्लाह ख़ान ने कहा कि ‘पहले की सरकारों के वक्त बीजेपी और कांग्रेस ने दिल्ली वक्फ़ बोर्ड को भ्रष्टाचार का अड्डा बनाकर रखा हुआ था जिसे हमने आकर बदलने का प्रयास किया है और भ्रष्टाचार को खत्म करने की दिशा में काम करना शुरु किया है। यह इतिहास में पहली बार हुआ है कि मुस्लिम समाज के एक इदारे को बंद कराके सरकारी ताला लगवा दिया गया हो और दिल्ली के उपराज्यपाल महोदय ने यह सीधे तौर पर आरएसएस, बीजेपी और कांग्रेस के इशारे पर किया है |उन्होंने आरोप लगाया के बोर्ड की जमीनों पर बड़े-बड़े लोगों ने अवैध कब्जा कर रखा है तो उसमें पाया कि यह ज़मीन 1100 बीघा है और यहां बड़े-बड़े पांच सितारा होटल और शॉपिंग मॉल बने हुए हैं। यह ज़मीन साकेत और सिविल लाइन जैसे पॉश इलाके में भी है। यह सारी ज़मीन ग़लत तरीके से कब्जाई गई है एलजी साहब ने उन लोगों के इशारे पर ना केवल वक्फ़ बोर्ड पर शुक्रवार शाम 7 बजे ताला लगवा दिया बल्कि अब तो सीबीआई को भी हमारे पीछे छोड़ दिया है और झूठे मुकदमे बनाने की तैयारी शुरु कर दी गई है। एलजी साहब ने वक्फ़ बोर्ड के चेयरमैन के तौर पर मेरी नियुक्ति को यह कहते हुए गलत बताया है कि उस नियुक्ति पर उनके हस्ताक्षर नहीं है, हम एलजी साहब से पूछना चाहते हैं कि अगर यही कारण है तो अब आप हस्ताक्षर करने की औपचारिकता को पूरा कर सकते हैं. और अगर कुछ और कारण है तो उसका वाजिब जवाब दिल्ली के लाटसाहब महोदय यानि एलजी साहब को दिल्ली की जनता को देना चाहिए।
दिल्ली वक्फ़ बोर्ड के चेयरमैन अमानतुल्लाह ख़ान ने साथ ही कहा कि मैंने जब वक्फ़ बोर्ड की ज़िम्मेदारी सम्भाली तो पाया कि बोर्ड की कमाई सिर्फ़ 25 लाख रुपए महीना के करीब थी और अब हम इस कमाई को बढ़ाकर 1 करोड़ रुपए से भी उपर ले गए हैं, हमने मुस्लिम समाज की बेवा महिलाओं की पेंशन को बढ़ाकर 1500 रुपए कर दिया जो पहले सिर्फ 800 रुपए हुआ करती थी, इसके साथ ही हमने मुस्लिम समाज के बच्चों के लिए वज़ीफ़ों की शुरुआत भी की ताकि ग़रीब बच्चे अच्छी शिक्षा हांसिल कर सकें और यह सब ईमानदारी से काम करके के चलते ही मुमकिन हो सका। लेकिन यह ईमानदारी कुछ बेइमान लोगों के लिए दिक्कत भी पैदा करने वाली थी लिहाज़ा वो सारे बेइमान लोग इकठ्ठा हो गए और अब एलजी साहब को हथियार बनाकर हमें परेशान किया जा रहा है और हो सकता है कि कुछ दिन बाद सीबीआई द्वारा कुछ फर्ज़ी मुकदमे लगवाकर हमें जेल भी भेज दिया जाए। लेकिन हम एलजी साहब से प्रश्न पूछना चाहते हैं कि वो यह सब किसके इशारे पर कर रहे हैं ? एलजी साहब को जनता के बीच आकर यह बताना होगा। अगर ज़रूरत पड़ी तो हम अपनी सच्चाई की यह लड़ाई कोर्ट से लेकर जनता के बीच जाकर सड़क पर भी लड़ेंगे।