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महिलाओं के प्रति नकारात्‍मक अवधारणा बदलने के लिए मिलकर काम करना चाहिए:अंतर्राष्‍ट्रीय महिला दिवस पर प्रणब मुख़र्जी

महिलाओं को मताधिकार दिलाने के लिए १०५ वर्ष पूर्व प्रारम्भ किये गए अंतर्राष्‍ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर बेशक भारत में महिलाओं को केंद्रीय सत्ता में भागेदारी का अधिकार नहीं दिया जा सक है इस पर भी सामाजिक छेत्रों में महिलाओं का अभिनन्दन और सिभ कामनाएं जारी है
भारत के राष्‍ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी ने हर वर्ष 8 मार्च को मनाए जाने वाले अंतर्राष्‍ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर जारी अपने संदेश में कहा-
‘अंतर्राष्‍ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर मैं अपने देश के सभी क्षेत्रों में रहने वाली महिलाओं का अभिनन्‍दन करता हूं और उन्‍हें शुभ कामनाएं देता हूं।‘
jamos cartoonsउन्होंने प्राचीन भारत में महिलाओं के स्टेटस के विषय में बोलते हुए कहा ” भारत में स्‍त्रियों ने – राजनीतिक, शैक्षिक और आध्‍यात्‍मिक सभी क्षेत्रों में महानता प्राप्‍त की है। प्राचीन भारत में उन्‍हें स्‍वतंत्रता प्राप्‍त थी और वे सार्वजनिक जीवन में बराबरी के आधार पर भाग लिया करती थी। ऋग्वेद में महिलाओं को ऊंचा स्‍थान दिया गया है। यत्रनार्यस्‍तु पूज्‍यन्‍ते, रमन्‍ते तत्र देवता यानि जहॉं भी महिलाओं का आदर होता है, देवता वहीं रहते हैं। तैत्रीय उपनिषद में मातृदेवो भव कहा गया है इसका मतलब है आपकी माता आपके लिए देवता की तरह हो” प्रेसिडेंट ने स्‍वामी विवेकानन्‍द को कोट करते हुए कहा ” जिस देश में भी नारियों को सम्‍मान दिया जाता है वह महान बनता है”
“भारतीय संविधान में भी स्‍त्रियों की समानता पर जोर दिया गया है। संविधान में ही नहीं बल्‍कि भारतीय राष्‍ट्र में भी महिलाओं को बराबरी का दर्जा हासिल है। यहां राज्‍य ऐसे सक्रिय उपाय करता है जिससे लिंग आधारित भेदभाव नहीं होता। महिला सशक्‍तिकरण को ऐसा तत्‍व माना जाना चाहिए जिससे लिंग समानता की ओर हमारे प्रयास जाहिर ही न हों, बल्‍कि वे राष्‍ट्र निर्माण में उनके पूरी तरह शामिल होने में महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाएं।
हमें एक समाज के रूप में महिलाओं के प्रति नकारात्‍मक अवधारणा बदलने के लिए मिलकर काम करना चाहिए। महिलाओं को सुरक्षित और अनुकूल वातावरण मिलना चाहिए जहां उनकी प्रतिभा प्रस्‍फुटित हो और वे राष्‍ट्र निर्माण में पूरी तरह योगदान दे सकें। महिलाओं के इस अंतर्राष्‍ट्रीय दिवस पर हम सब महिला दिवस मनाने से हमारे समाज के हर सदस्‍य मे महिलाओं के लिए सर्वोच्‍च सम्‍मान की भावना बढ़े।
आई टी यूं ITU ने भी आई सी टी ICT के माध्यम से महिलाओं के विकास की बात कही है |आई टी यूं के अनुसार ७९ देशों में एक मिलियन डिस एडवांटेज महिलायें यूं एन के सहयोग से आई सी टी का लाभ उठा रही है |jamos cartoons
निजी एयर लाइन्स जेट एयरवेज और इलेक्ट्रॉनिक्स के छेत्र में गरानी डी ई एल एलDELL ने महिलाओं के लिए विशेष रियायतों की घोषणा की है
गौरतलब है कि .अमेरिका में सोशलिस्ट पार्टी के आवाहन, पर पहले सबसे पहले यह दिवस २८ फरवरी १९०९ में मनाया गया। उस समय इसका प्रमुख ध्येय महिलाओं को वोट देने के अधिकार दिलवाना था क्योंकि, उस समय अधिकर देशों में महिला को वोट देने का अधिकार नहीं था।
१९१७ में रुस की महिलाओं ने, महिला दिवस पर रोटी और कपड़े के लिये हड़ताल पर जाने का फैसला किया। यह हड़ताल भी ऐतिहासिक थी।भारत में सत्ता में भागे दारी केलिए महिला रिजर्वेशन बिल संसद में लंबित है और उसके प्रति राजनीतिक पार्टियों की केवल बयान बाजी ही हो रही हैं