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ब्लैकमनी को वाइट में बदलवाने के लिए अन्य के बैंक खातों के उपयोगियों को चेतावनी

[नईदिल्ली]ब्लैकमनी को वाइट में बदलवाने के लिए अन्य के बैंक खातों के उपयोगियों को चेतावनी
ब्लैकमनी को वाइट में परिवर्तित करने के लिए अन्य के बैंक खातों का उपयोग करने वाले टैक्स चोरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी
इस उद्देश्‍य के लिए अपने बैंक खातों के दुरुपयोग की अनु‍मति देने वाले लोगों पर उकसाने के लिए आयकर अधिनियम के तहत मुकदमा चल सकता है, सरकार ने लोगों से अपील की है कि वे काले धन को परिवर्तित करने वालों के लालच में न आएं और इस तरीके से काले धन को सफेद करने के अपराध में भागीदार न बनें तथा इसे समाप्‍त करने में सरकार से जुड़कर उसकी मदद करें
पहले घोषणा की गई थी कि कारीगरों, कामगारों, गृहणियों इत्‍यादि द्वारा बैंकों में जमा की जाने वाली छोटी राशियों पर आयकर विभाग वर्तमान आयकर छूट सीमा के 2.5 लाख रुपये रहने के तथ्‍य को ध्‍यान में रखते हुए कोई भी सवाल नहीं करेगा। इस बीच, ऐसी जानकारियां मिली हैं कि कुछ लोग अपने काले धन को नये नोटों में बदलने के लिए अन्‍य व्‍यक्तियों के बैंक खातों का उपयोग कर रहे हैं, जिसके लिए उन खाताधारकों को इनाम भी दिया जा रहा है जो अपने खातों के इस्‍तेमाल की अनुमति देने पर सहमत हो जाते हैं। इस तरह की गतिविधि जन धन खातों में भी होने की सूचना मिली है।
यह स्‍पष्‍ट किया गया है कि यदि यह बात साबित हो जाती है कि किसी बैंक खाते में जमा की गई राशि खाताधारक के बज़ाय किसी और व्‍यक्ति की है तो इस तरह की कर चोरी पर आयकर के साथ-साथ जुर्माना भी लगाया जा सकता है। यही नहीं, जो व्‍यक्ति इस उद्देश्‍य के लिए अपने खाते के दुरुपयोग की अनुमति देगा उस पर उकसाने के लिए आयकर अधिनियम के तहत मुकदमा चलाया जा सकता है।
हालांकि, अपनी ही नकद बचत राशि को बैंक खाते में जमा करने वाले वास्‍तविक व्‍यक्तियों से कोई भी सवाल नहीं पूछा जायेगा।

कैश ट्रांसक्शन के लिए लगी लाईनों में मरने वालों के लिए मुआवजा दो:गोविंदाचार्य

[नई दिल्ली] कैश ट्रांसक्शन के लिए लगी लाईनों में मरने वालों के लिए मुआवजा दो:गोविंदाचार्य |अभी तक ४० लोगों की मौत की खबर है
राजनितिक चिंतक के एम् गोविंदाचार्य ने विराग गुप्ता के माध्यम से सरकार को लीगल नोटिस भेजा है जिसमे बैंकों+ऐ टी एम् के बाहर मरने वालों के लिए मुआवजे की मांग की है |
चिंतक ने आरोप लगाया है के सरकार द्वारा बड़े नोटों की बंदी का हड़बड़ी में लिया गये फैसले से पूरी अर्थव्यवस्था ठप्प सी हो गई है।
इस आपाधापी में अभी तक 40 लोगों की मौत की खबर है|
गोविंदाचार्य के अनुसार सरकार द्वारा बड़े नोटों की बंदी के फैसले के बाद विभिन्न वर्गों को छूट देने का फैसले के लिए कानून में प्रावधान ही नहीं है। सरकार द्वारा नोटों के उपयोग की छूट के लिए आरबीआई एक्ट 1934 की धारा 26(2) के तहत 8 नवंबर को जो नोटिफिकेशन जारी की गई उसके लिए रिजर्व बैंक के सेंट्रल बोर्ड की अनुशंसा जरूरी है जिसका पालन ही नहीं हुआ। इतने बड़े फैसले में सरकार की विफलताओं से पूरा देश त्रस्त है
लीगल नोटिस में तीन दिनों के भीतर पीड़ितों को मुआवजे तथा आरबीआई के अनुमोदन के बाद नए कानून की मांग की गई है।

SC Refuses to Stay Demonetisation Notification:Blow To Cong Move

[New Delhi,]SC Refuses to Stay Demonetisation Notification
Supreme Court today refused to stay the government’s notification demonetising Rs 500 and Rs 1,000 currency notes but asked it to spell out the steps taken to minimise public inconvenience.
Bench Of Chief Justice T S Thakur and D Y Chandrachud said.”We will not be granting any stay,”
The remarks were made after some advocates insisted on a stay.
Senior advocate Kapil Sibal, appearing for one of the petitioners, however, said he was not asking for a stay on the notification but seeking answers from the government about the steps taken to remove public inconvenience.
The bench asked Attorney General Mukul Rohatgi to file an affidavit about the measures already undertaken by the government and the RBI to minimise public inconvenience and also the steps likely to be undertaken in future.
Without issuing any notice to the Centre or the RBI, the bench posted the matter for further hearing on November 25

Banks To Use Indelible Ink On Customers Coming Repeatedly

NewDelhi] Banks To Use Indelible Ink On Customers Coming Repeatedly PM “Modi” Reviewed Supply of Currency for the Second Time in 2 Days Last Night And To Eraze The Cash Crunch Demon ,Various New Decisions Are Taken
[1]As per DEA Secretary Shashi Kant Banks to put Indelible Ink on People Withdrawing Money
Because Same People Coming Repeatedly Are Considered Responsible for Long Queues;
[2]Religious Places Receiving Donations in Smaller Denominations are being urged to Immediately Deposit the same in Banks to Increase The Transaction
[3]Cash availability with branch post offices and district cooperative banks has also been enhanced:
: People in large numbers started queuing up outside ATMs and banks since early morning also to withdraw valid currency notes from vending machines and exchange demonetised bills.
While banks remained closed yesterday on account of Guru Nanak Jayanti in many parts of the country, cash-starved customers again were disappointed today with most of the ATMs running out of the cash.
Even at some ATMs which had cash were facing server issues, making people wait in the queue frustrated.
Many households are running out of even piggy bank money saved by their children for meeting essential daily provisions.
Banks’ infrastructure is unable to handle the huge rush resulting in long serpentine queue where average waiting time is 4 hours, especially for exchange.
ATMs will still take two more weeks before they start dispensing new high-value Rs 500 and 2000 notes. Currently, they are dispensing Rs 100 notes which make them go dry in few hours.

काले धन को स्वर्ण में खपाने वालों के लिए बुरी खबर:देना होगा पैन नंबर

[नई दिल्ली]काले धन को सोने की खरीद में खपाने वालों के लिए बुरी खबर:देना होगा पैन कार्ड नम्बर
नए आदेशों के अनुसार सोना या स्वर्ण आभूषण खरीदने वालों के लिए अपना पैन कार्ड नंबर देना अनिवार्य कर दिया गया है |बिना पैन कार्ड नंबर के स्वर्ण बेचने वाले स्वर्णकार और उसके ग्राहक को कार्यवाही के लिए तैयार हो जाना चाहिए |यह चेतावनी केंद्र सरकार के वित्त मंत्रालय के वित्त सचिव डॉ. हसमुख अधिया द्वारा जारी की गई है |अधिया ने लोगों द्वारा पूछे जा रहे प्रश्नों के उत्तर में यह स्पष्ट किया है|
गौरतलब हे के १००० और ५०० रुपयों के नोटों के चलन पर पाबंदी लगाए जाने के पश्चात् रातोंरात इस पीली धातू की खरीद बढ़ गई है जिससे मूल्यवान धातू के भाव में अप्रत्याशित उछाल आ गया है |विपक्ष भी इस पर लाल पीला हो रहा है
श्री अधिया द्वारा दिए गए उत्तर निम्न है
सवाल[१] ऐसा माना जा रहा है कि बहुत सारे लोग अब आभूषण खरीद रहे हैं, इससे निबटने के लिए विभाग किस तरह से तैयारी कर रहा है?
जवाब[१]जो भी व्यक्ति आभूषण खरीदता है उसे पैन नंबर देना होता है। हम क्षेत्रिय प्राधिकारियों को ये निर्देश जारी कर रहे हैं कि ये सुनिश्चित की जाए कि सभी आभूषण विक्रेता इस नियम का पालन करने में किसी तरह का समझौता ना हो पाए। उन आभूषण विक्रेताओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी जो आभूषण बिक्री के समय पैन नंबर नहीं लेते हैं। जब आभूषण बिक्री के बाद विक्रेता द्वारा नकद राशि जमा कराई जाएगी तब इसकी जांच की जाएगी कि वो बेचे गए आभूषण की रकम से मेल खाते हैं या नहीं। बिक्रेता ने ग्राहक का पैन नंबर लिया है या नहीं इसकी भी जांच की जाएगी।
बैंकों में पुरानी मुद्रा के रूप में जमा राशि पर आयकर विभाग द्वारा लिए गए फैसलों से संबंधित सवालों पर वित्त सचिव डॉ. हसमुख अधिया द्वारा दिए गए कुछ जवाब
सवाल[२]बहुत सारे छोटे व्यापारियों, गृहिणियों, कारीगरों, कामगारों के पास बचत के रूप में कुछ नकद राशि घरों में रखे हो सकते हैं, क्या अगर उसे बैंक में जमा कराने जाने पर आयकर विभाग पैसों को लेकर पूछताछ करेगा।
जवाब[२]सवाल में दिए गए वर्ग के लोग जो 1.5 या 2 लाख रुपये जमा कराने के लिए जाते हैं उन्हें चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है, क्योंकि ये आयकर की न्यूनतम सीमा के भीतर है। इस तरह की छोटी जमा राशि के लिए आयकर विभाग किसी को भी परेशान नहीं करेगा।
सवाल[३]क्या इस दौरान जमा की गई नकद रकम की रिपोर्ट आयकर विभाग लेगा। अगर हां, तो क्या 10 लाख नकदी जमा की सीमा को पार करने पर सूचित करने का वर्तमान नियम आगे भी जारी रहेगी।
जवाब[३]हम 10 नवंबर से 30 दिसंबर के बीच जमा कराई जाने वाली 2.5 लाख से ऊपर की हर नकदी रकम का और ऐसे खाते का हिसाब लेंगे। विभाग इस रकम और इसे जमा कराने वाले व्यक्ति द्वारा फाइल की गई आयकर रिटर्न का मिलान कर जांच करेगा। उसके बाद उसपर उचित कार्रवाई की जा सकती है।
सवाल[४] मान लीजिए की विभाग को ये पता चलता है कि किसी खाते में 10 लाख से ज्यादा की रकम जमा की गई है और वो रकम जमाकर्ता की घोषित आय से मेल नहीं खा रही है। ऐसे में जमाकर्ता पर कितना कर और जुर्माना लगाया जाएगा।
जवाब[४]इस तरह के मामलों को कर चोरी माना जाएगा। इन मामलों में आयकर अधिनियम की धारा 270 (ए) के हिसाब से कर की राशि वसूली जाएगी और साथ ही भुगतेय कर के अलावा 200% की राशि जुर्माना के रूप में भी वसूली जाएगी।