अमरोहा से सांसद देवेन्द्र नागपाल ने सत्ता रुड सामज वादी पार्टी ज्वाइन करके पार्टी को मजबूती और पंजाबी समाज को विशेष पहचान दिलाने के लिएसमर्पित भाव से प्रयास कयाने की घोषणा की है|अमरोहा से २००९ में रालोद के टिकट पर चुनाव जीत कर आये देवेन्द्र नागपाल ने यधपि रालोद पार्टी छोड़ दी है और लगभग दो वर्ष पूर्व ही २०१४ में १६ वी लोक सभा का चुनाव नहीं लड़ने की घोषणा की हुई है इसके उपरान्त भी उन्होंने समाजवादी पार्टी ज्वाइन की है और अब प्रदेश भर में समाजवादी के लिए कार्य करने की घोषणा की है नागपाल ने कहा है कि अब पंजाबी समाज को राजनीती में नई पहचान दिलाने और पंजाबी समाज के उत्थान के लिए भी समर्पित भाव से कार्य करेंगे |देवेन्द्र नागपाल ने अपना राजनितिक और सामाजिक जीवन २००० से शुरू किया था २००५ तक जिला पंचायत के सदस्य रहे|उसके पश्चात २००७ तक उत्तर प्रदेश की लेजिस्लेटिव असेंबली के सदस्य बने |२००९ में सांसद बने | इंडस्ट्री+पेटिशंस कमेटी के सदस्य भी हैं |अमरोहा की इस सीट पर उनसे पहले उनके भाई हरीश नागपाल ने २००४ में बतौर निर्दलीय चुनाव जीता था|यहाँ नागपाल बंधुओं का विशेष प्रभाव है ऐसे में रालोद+भाजपा +कांग्रेस का समाजवादी पार्टी से कडा मुकाबिला होगा| शायद यही कारण है कि अभी तक रालोद की वेबसाइट पर से रालोद के संसद के रूप में नागपाल का नाम हटाया नहीं गया है विकिपीडिआ को भी अप्डेट नहीं किया गया है | बताते चलें कि कभी यह छेत्र कांग्रेस का गढ़ हुआ करता था १९५२+१९५७+१९६२के पश्चात १९८४+में कांग्रेस ने जीत दर्ज की|इसके पश्चात १९६७+१९७१ में कम्युनिस्ट पार्टी का कब्ज़ा रहा |जनता पार्टी के उदय से १९७७ और १९८० में यह सीट जनता पार्टी के खाते में चली गई|१९८९ में जनता दल आ गया |भारतीय जनता दल के क्रिकेटर चेतन चौहान ने १९९१ और १९९८ में ऑफ स्पिन बोलिंग और धुआंधार बैटिंग से भाजपा का खाता खोला|समाजवादी पार्टी [१९९६]और १९९९ में बहुजन समाज वादी पार्टी के टिकट से रशीद अल्वी भी जीते
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चौ..अजित सिंह ने अपने सांसद देवेन्द्र नागपाल और सारिका सिंह को निलंबित किया
राष्ट्रीय लोक दल[रालोद] ने लोक सभा के चुनावों में उतरने के लिए संगठन को चुस्त दुरुस्त करने की कवायद तेज कर दी है|बीते दिन पार्टी की मीटिंग के पश्चात आज एक बड़ा कदम उठाते हुए अपने दो सांसद देवेन्द्र नागपाल और श्रीमति सारिका सिंह को रालोद से निलंबित कर दिया है|
रालोद अध्यक्ष चौधरी अजित सिंह ने इन दोनों बागी सांसदों को पत्र लिखकर इस मामले पर अपना प़क्ष प्रस्तुत करने को कहा है। यदि ये ऐसा करने में असफल रहते हैं तो संगठन से निष्कासन के साथ-साथ इन पर दल-बदल कानून के तहत लोकसभा की सदस्यता समाप्त करने की कार्रवाई भी की जाएगी।
गौरतलब है कि पिछले छह माह से समाचार पत्रों में विभिन्न सार्वजनिक स्थलों पर इनके द्वारा दिए गए पार्टी विरोधी वक्तव्य प्रकाशित हो रहे थे। सारिका सिंह बघेल समाजवादी पार्टी से आगामी लोकसभा चुनाव में आगरा से प्रत्याशी घोषित हो चुकी हैं। हाईकोर्ट के निर्देश पर अपर सिविल जज कनिष्ठ प्रभार ने एक अपराधिक केस में सांसद सारिका सिंह बघेल एवं उनके पति देवेंद्र सिंह बघेल के खिलाफ तलाशी वारंट जारी किए थे |
देवेन्द्र नागपाल ने भी सार्वजनिक मंच से रालोद छोड़ने का ऐलान किया है। दोनों ने अखबारों में प्रकाशित पार्टी विरोधी वक्तव्यों और गतिविधियों का खण्डन भी नहीं किया है।
पार्टी अध्यक्ष चौधरी अजित सिंह ने दोनों सांसदों को पत्र लिखकर रालोद विरोधी गतिविधियों और बयानों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए एक सप्ताह के अन्दर जवाब मांगा है। यदि इन्होंने तय समय सीमा के अन्दर कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया तो दल-बदल कानून के तहत कार्रवाई की जाएगी।
देवेन्द्र नागपाल का रालोद से टिकट कट गया है इसीलिए दूसरी पार्टी से पींगे बढ़ा रहे हैं
रालोद प्रदेश अध्यक्ष मुन्ना सिंह चौहान ने फोन पर बताया कि देवेन्द्र नागपाल ने बीते चार सालों में अपने छेत्र में विकास का कोई कार्य नहीं किया है||पार्टी कार्यक्रमों में शामिल नहीं होते|यहांतक कि जिला संगठन से दूर रहते हैं |इसीलिए अब पार्टी के केन्द्रीय न्रेतत्व ने देवेन्द्र नागपाल का टिकट काटने का फैंसला कर लिया है|शायस इसीलिए अब नागपाल के पास किसी भी दूसरी पार्टी की शरण में जाने के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं बचा है|
गौरतलब है कि अमरोहा से २००९ में १५ वी संसद के लिए रालोद के टिकट पर चुनाव जीते देवेन्द्र नागपाल ने आज कल रालोद के खिलाफ बगावती तेवर दिखाने शुरू कर दिए हैं| उन्होंने पार्टी पर आरोप लगाया कि पार्टी अपने उद्देश्य और सिधान्तों से भटक चुकी है| उन्होंने जाटों के समर्थन के लिए समाजवादी पार्टी से मदद लेने की कवायद तेज़ कर दी है|और ऐसा ही भरोसा वोह आज कल मदद मांगने वाले जाटों को भी दिला रहे हैं|गौर तलब है कि जाट रालोद के मुखिया अजित सिंह का पारंपरिक वोट बैंक है और अब उसमे सेंध लगाने की तैयारी हो रही है| पार्टी विरोधी इसी गतिविधि पर प्रदेश अध्यक्ष ने अपनीप्रतिक्रिया दी है|
बताते चलें कि पूर्व निर्दलीय सांसद हरीश नागपाल के भाई.है देवेन्द्र नागपाल|सोबर्स क्लब और जिला सहकारी बैंक के अध्यक्ष रहे है | शराब व्यवसाई देवेन्द्र नागपाल अपने पिता स्वर्गीय श्री रामदास नागपाल के आदर्शों के अनुरूप गरीब परिवारों की बेटियों, उनकी चिकित्सा उपचार शिक्षा आदि की शादी के लिए सहायता प्रदानकरने के कारण प्रसिद्ध है |
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