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Tag: DMK

Cong Leader Chidambaram Rattles Over Ally DMK For Less Seats

[Pudukottai,TN] Congress Senior Leader Chidambaram Rattles Over Seat Sharing With DMK
Senior Congress leader P Chidambaram today expressed dissatisfaction over seat-sharing arrangement with ally DMK, saying his party has been allotted “seats which we do not need”.
As per Ex FM ,Congress is allotted only 41 seats to contest. in these 41 seats, many seats are not desired by Cong.
Addressing a party meeting he said “We do not know whether they (Congress leadership) will field candidates as per our wish. But, we cannot neglect (contesting polls) it just by saying we are not happy,”
After much deliberations, Congress and DMK had arrived at their seat-sharing formula on April 4, for the May 16 polls with the national party being allotted 41 constituencies.
A well-known local Congress leader, M Jothimani, had earlier publicly expressed dissatisfaction over Aravakurichi in Karur being allotted to DMK

Opposition,Just After Question Hour,Stages Walkout in TN Assembly

[Chennai,TN] Opposition ,Just After Question Hour,Stages Walkout in TN Assembly
Opposition parties in the Tamil Nadu Assembly, including DMK and DMDK, today staged a walkout after Speaker P Dhanapal denied them permission to raise some issue.
Soon after the Question Hour ended, DMK Legislator Durai Murugan tried to raise some issue but the Speaker did not allow it, saying the matter was under his consideration and that he could take it up later.
However, DMDK and Left party MLAs also joined DMK and were seen insisting the Speaker to take up the issue for discussion.
They remained standing and were seen arguing with Dhanapal, who was firm in not allowing the matter to be discussed today.
He said he did not allow any of the remarks made by the MLAs to go on record.
After the repeated pleas by the opposition failed to yield any result, DMK, DMDK, Left and PMK staged a walkout from the House.

Law Makers,Today,Showed Muscles To Tame “Jallikattu”In TN Assembly

[Chennai,TN] Law Makers,Today, Showed Muscles To Tame “Jallikattu” In TN Assembly
The Bull Fight “jallikattu” issue today echoed in the Tamil Nadu Assembly with opposition parties demanding a resolution on the matter even as the government slammed DMK and Congress over the ban imposed by the UPA dispensation against the bull-taming sport in 2011.
Finance Minister O Panneerselvam, also Leader of the House, said Chief Minister J Jayalalithaa was ‘determined’ to take legal steps to hold jallikattu in the state.
Soon after the Question Hour ended, opposition DMK sought to raise the issue but Speaker P Dhanapal denied permission saying the party could speak on the matter while participating in the debate to thank the Governor for his address to the House.
DMK, led by its Floor Leader M K Stalin, persisted for sometime before staging a walk-out.
CPI(M) and CPI demanded that the government move a resolution in the Assembly urging the Centre to enable conduct of jallikattu even as the Supreme Court had earlier this month stayed a central notification allowing the bull-taming sport to be held coinciding with the Tamil harvest festival of Pongal.
MMK, Congress and PMK also batted for jallikattu, but the national party and DMK came under government criticism.
The government of Congress-led UPA, in which DMK was a constituent, had banned jallikattu in 2011, drawing the ire of state political parties and the sport enthusiasts.
The BJP-led NDA government had earlier this month issued a notification allowing jallikattu, besides some other sports involving the animal in certain other states, which was subsequently stayed by the Supreme Court.
Protests had rocked Madurai and other southern parts, the hotbed of jallikattu activities, last week seeking that efforts be taken for conducting the sport this year.

स्पाइस जेट एयर लाइन पर से घाटे वाले “मारन”खानदान का अभिशाप उतरा

झल्ले दी झल्लियां गल्लाँ

स्पाइस जेट एयर लाइन्स का चीयर लीडर

ओये झल्लेया मुबारकां !ओये हसाड़ी सोणी बजट एयर लाइन पर से मारन खानदान का अभिशाप उतर गया |अब घाटे का कोई कलंक नहीं लगेगा | कलानिधि मारन+पत्नी कावेरी कलानिधि + प्रबंध निदेशक एस. नटराजन ने तत्काल प्रभाव से निदेशक मंडल से इस्तीफा दे दिया है |ओये अब मारन परिवार के ५८.४६ %शेयर्स भी काबिल अजय सिंह ने खरीद लिए हैं | हसाड़ी स्पाइस जेट के लाभ वाले स्पाइस में आ जायेगा स्वाद |हसाड़ी एयर लाइन बन जाणी है नंबर वन की एयर लाइन

झल्ला

ओ मेरे भोले भापा जी मारन परिवार के सर पर जिसका साया था वोह डीएमके परिवार का सूरज भी डूब रहा है|यहाँ तक कि इन्हें फायदा पहुंचाने वाली महा शक्तिशाली कांग्रेस भी बाहर हो गई है |
ऐसे में जो मिलता है लेकर निकलने में ही अक्लमंदी है |

G K Vasan Shuns Congress And Shunts His Loyalty In New Regional Congress Party

G K Vasan Shuns Congress And Shunts His Loyalty In New Regional Congress Party
Congress suffered a split in Tamil Nadu
Dealing a blow to the struggling Congress, its senior leader and former union minister G K Vasan today announced resignation from the Congress and disclosed his desire to float a new outfit in this southern Nadu.
, Vasan announced at a crowded press conference in Chennai that he and his supporters have decided to resign from Congress
The Congress has lost Tamil Nadu To Regional Parties[From DMK To Now AIADMK] in the past few years,and so the decision of GK Vasan, to quit the party and start another regional outfit in Tamil Nadu may not create storm in the Politics Of The State GKVasan
G K Vasan is a son of late Congress stalwart GK Moopanar.

राम सेतुओं को पार करके ही तो विपक्षी रावण मारे जाते हैं

झल्ले दी झल्लियां गल्लाँ

भाजपाई चीयर लीडर

ओये झल्लेया देखा हमने जो कहा था वोह करके दिखा भी दिया |ओये हसाडे रोड ट्रांसपोर्ट मिनिस्टर नितिन गडकरी जी ने लोक सभा में एलानिया कह दिया है कि श्री राम दवारा निर्मित राम सेतु +सेतु समुद्रम को किसी भी हालत में तोड़ा नहीं जाएगा |फिलहाल यह मुद्दा फिलहाल उच्चतम न्यायालय में विचाराधीन हैऔर वहां भी हसाड़ी सरकार द्वारा जन भावनाओं के अनुरूप ही पक्ष रखा जाएगा | ओये ओनली डी एम के जैसे थाली के बैंगन को खुश करने और यहाँ तक कि शिपिंग कैनाल प्रोजेक्ट के लिए भी तोड़ा नहीं जाएगा |हां यह जरूर है कि इस पौराणिक धरोहर को बचाते हुए विकास की तमाम संभावनाएं तलाशने में पूरा जोर लगा दिया जाएगा

झल्ला

ओ मेरे सेठ जी ऐसे राम सेतुओं को पार करके ही तो विपक्षी रावण मारे जाते हैं| सत्ता सिंहासन मिलता है |अब दक्षिण पर कब्ज़ा करने के लिए आतुर आप जी की पार्टी ऐसे महत्वपूर्ण सेतु को क्यूँ तोड़ने लगी |झल्लेविचारानुसार उलटे इस पौराणिक सेतु को पर्यटन का आकर्षण बना देगी नाम और पैसा भी कमाएगी|

मार्कण्डेय काटजू साहब की ईमानदारी पर सवालिया तो निशान लगेंगे लेकिन मोरल कर्ज की अदायगी हो जाएगी

झल्ले दी झल्लियां गल्लां

कांग्रेसी चीयर लीडर

ओये झल्लेया हसाडे अपने जस्टिस मार्कण्डेय काटजू ने भाजपा को खुश करने के लिए १० साल पुरानी घरैड को ब्लॉग करके हमें एक नई भसूड़ी डाल दिया है | अब सब तरफ से कहा जा रहा है कि पी एम रहे सोणे ते मन मोहने डॉ मन मोहन सिंह कोहली की केंद्र में सरकार को साउथ की डी एम के के हाथों से बचाने के लिए कानून मंत्री हंसराज भारद्वाज ने तमाम विरोधों के बावजूद [सुप्रीमो एम करुणा निधि को जमानत देने वाले] भृष्ट जज ई अशोक कुमार को पदोन्नति दी थी|ओये हसाडे भारद्वाज ने भी कह दिया है कि डी एम के ने उनपर दबाब जरूर बनाया था लेकिन उन्होंने कोई तरफदारी नहीं की| भई अनुसूचित जाति के जज को उत्पीड़न से बचाने के लिए ओनली जांच होने तक जज को ट्रांसफर नहीं करने को कहा गया था

झल्ला

ओ मेरे चतुर सुजाण ! आपजीकी जिस सरकार के भ्र्ष्टाचार की एक घटना को अपने पेट में दफ़न कर के दस साल तक रखने वाले जस्टिस काटजू ने उसी सरकार से प्रेस कौंसिल आफ इंडिया के चेयरमैन का ओहदा हासिल किया था अब उसका कार्यकाल समाप्ति की तरफ है|ऐसे में कांग्रेस में कश्मीरी मूल के राहुल गांधी के विरुद्ध बढ़ते असंतोष को डाइवर्ट करने के लिए सोणे ते मन मोहने कोहली साहब की तरफ ऊँगली मोड़ने से बेशक काटजू साहब की ईमानदारी पर सवालिया निशान लगेंगे लेकिन मोरल कर्ज की अदायगी हो जाएगी |

जस्टिस काटजू ने १० साल पुराने केस पर हथौड़ा चला कर पूर्व पी एम को विलेन साबित करने का प्रयास किया

सुप्रीम कोर्ट के जज और मद्रास हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रहे प्रेस कौंसिल आफ इंडिया के मौजूदा चेयरमैन तेज तर्रार मार्कंडेय काटजू ने अपने ब्लॉग में एक १० साल पुराने केस पर हथौड़ा चला कर बहुउद्देशीय तीर चलाये| १० साल पुराने इस रहस्योद्घाटन के साथ काटजू ने १० जनपथ को बचाते हुए [१]पूर्व प्रधान मंत्री डॉ मन मोहन सिंह को यूं पी ऐ सरकार का मुख्य विलेन साबित करने का प्रयास किया है | क्योंकि दस साल पहले के इस भ्र्ष्टाचार को उजागर करने के पीछे की मंशा देखी जाये तो साफ दिखाई देता है कि इसका उद्देश्य केवल और केवल सनसनी पैदा करके डॉ मन मोहन सिंह को कांग्रेस का विलेन साबित करना ही है|क्योंकि अगर काटजू साहब दोषी जस्टिस को सजा दिलाना चाहते तो दोषी जज का नाम और उसकी सरंक्षक पार्टी का नाम जरूर बताते लेकिन उन्होंने इसे जानने के लिए मीडिया को यह होम वर्क दे दिया लेकिन उनका सहयोग करते हुए”आप”पार्टी के वरिष्ठ नेता और प्रमुख वकील प्रशांत भूषण ने दोषी जज का नाम अशोक कुमार बताया है
[२] दस साल पुराना कोई स्कोर अब सेटल किया जा रहा है
[३]मौजूदा सरकार पर दबाब बना है
इस मुद्दे को लेकर राज्यसभा में एआईएडीएमके [AIADMK ]सांसदों ने जमकर हंगामा किया गाजा पट्टी पर चर्चा को लेकर फंसी हुई केंद्र सरकार पर साउथ की पोलिटिकल पार्टी के विरुद्ध कार्यवाही का दबाब बढ़ा |इसीके फलस्वरूप सदन की कार्यवाही दोपहर तक रोकनी पड़ी।
लोकसभा के बिजनेस को भी प्रभावित किया गया |गौरतलब है कि जस्टिस काटजू को यूं पी ऐ की सरकार के कार्यकाल में प्रेस कौंसिल आफ इंडिया का चेयरमैन बनाया गया था और उन्होंने और तत्कालीन सूचना प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी ने बखूबी मीडिया पर दबाब भी बनाये रखा |इस नजदीकी पर सम्भवत पर्दा डालने के लिए कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने बिना देर लगाए कहा,कि पूर्व जस्टिस काटजू एनडीए से नजदीकी बढ़ाना चाहते हैं। मनीष तिवारी ने भी एकचैनल को बाइट देकर काटजू पर निशाना साधा है|
जस्टिस काटजू ने एक चैंनल पर दावा किया कि यूपीए सरकार को गिरने से बचाने के लिए एक भ्रष्ट जज[ई अशोक कुमार] का प्रमोशन किया गया था। जस्टिस काटजू के मुताबिक, जब वह जिला जज थे तो मद्रास हाईकोर्ट के कई जजों ने प्रतिकूल टिप्पणियां[ ACR] की थीं, उसके बावजूद वोह जज हाईकोर्ट में एडिशनल जज बन गए।
जस्टिस काटजू का आरोप है कि नवंबर 2004 में उनके मद्रास हाईकोर्ट के जज बनकर जाने तक वह जज इसी पद पर रहे। इस जज को तमिलनाडु के एक बड़े नेता का समर्थन हासिल था। जस्टिस काटजू का कहना है कि इस जज के बारे में भ्रष्टाचार की कई रिपोर्ट्स मिलने के बाद उन्होंने भारत के चीफ जस्टिस आरसी लोहाटी से इस जज के खिलाफ गुप्त जांच की गुजारिश की थी। आईबी को उस जज के खिलाफ पर्याप्त सबूत मिले हैं फिर भी एडिशनल जज के उनके कार्यकाल को एक साल के लिए और बढ़ा दिया गया। जस्टिस काटजू का कहना है कि सरकार को समर्थन दे रही तमिलनाडु की एक पार्टी ने जज को हटाये जाने का जोरदार विरोध किया और उस पार्टी के मंत्रियों ने मनमोहन सिंह को उनकी सरकार गिराने की धमकी भी दी थी। इसके साथ जस्टिस काटजू ने राजनितिक रूप से एक रोचक किस्सा सुनाया जिसके अनुसार एयर पोर्ट पर डॉ मन मोहन सिंह को सरकार गिराने के लिए ब्लैक मेल किया गया जिसके फलस्वरूप डॉ सिंह ने दोषी जज के कार्यकाल को आगे बढ़वाने के लिए ग्रीन सिग्नल दे दिया | लेकिन इसके समर्थन में वोह कोई प्रमाण नहीं दे पाये केवल सूत्रों के हवाले का जिक्र कर कर ही रह गए

लो जी अब AIADMKजयललिता भी प्रधान मंत्री बनना चाह रही है

झल्ले दी झल्लियां गल्लां

दुखी भाजपाई

ओये झल्लेया देख तो जय ललिता के नखरे + रस्सी जल गई मगर अभी तक बल नहीं गए+ बुढ़ापा आ गया मगर हीरोइनों वाली मांग अभी भी किये जा रही हैं |ओये AIADMKकी मीटिंग में कहने लग गई कि प्रधान मंत्री तो में ही बनूंगी यारा अभी तक तो पंजाब+यूं पी+ही हसाडे गुजराती मोदी का रास्ता रोक रहे थे लेकिन ये तो तमिल नाडु से भी ताळ ठुकने लग गई

झल्ला

अरे भोले सेठ जी तिरुचिरापल्‍ली की रैली के बाद जब जय ललिता ने आपजी के नरेंदर मोदी से मिलने से इंकार किया था तभी आप को उनकी चाल को समझ जाना चाहिए था अरे भापा जी लोक सभा के लिए २०१४ में चुनाव होने हैं और अपनी जान के दुश्मन डी एम् के एम् करूणानिधि को पटखनी देने के लिए ४० सीटों पर कब्ज़ा ज़माना भी जरूरी हैं और यह तभी सम्भव है जब तमिल नाडु की जनता को लगे कि अबकी बार उनका नेता भी पी एम् बन सकता है |वैसे झल्लेविचारानुसार कांग्रेस की आस्तीन में पी चिदंबरम का पत्ता भी छुपा हुआ है उसकी काट भी तो जरूरी है

नरेन्द्र मोदी के वीजा प्रकरण में ,राष्ट्रीय गौरव को ताक पर रख कर, माननीय सांसद चले बराक ओबामा के दरबार

नरेन्द्र मोदी के वीजा प्रकरण में ,राष्ट्रीय गौरव को ताक पर रख कर, माननीय सांसद चले बराक ओबामा के दरबार भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने नरेन्द्र मोदी के लिए अमेरिकी वीजा की वकालत क्या की के भारत में सियासी हलकों में भूंचाल गया है| १२ दलों के 65 सांसदों ने राष्ट्रपति बराक ओबामा से अपील की है कि वह मोदी को वीजा नहीं देने की मौजूदा नीति को बनाएरखें |
12 राजनीतिक दलों से ताल्लुक रखने वाले इन ६५ सांसदों ने ओबामा को लिखे पत्र में कहा है, ‘हम सम्मानपूर्वक आपसे अपील करते हैं कि मिस्टर मोदी को अमेरिका का वीजा नहीं देने की मौजूदा नीति को बनाए रखा जाए।’| राज्यसभा के 25 सदस्यों + लोकसभा के 40 सदस्यों के हस्ताक्षर हैं। ये पत्र 26 नवंबर और 5 दिसंबर 2012 को लिखे गए थे जिन्हें रविवार के अवकाश के दिन व्हाइट हाउस को फिर से फैक्स किया गया है।
राजनाथ सिंह ने न्यू जर्सी में दिए अपने पहले ही भाषण में अमेरिकियों से मोदी के लिए वीजा पर लगे प्रतिबंध की आलोचना करते हुए उस पर से प्रतिबन्ध को हटाये जाने का आग्रह किया
राज नाथ सिंह के इस अभियान की हवा निकालने के लिए राज्यसभा के निर्दलीय और कांग्रेस के नजदीकी सांसद मोहम्मद अदीब ने कमान संभाल लीऔर ये पत्र भेज दिए
दावा किया गया है के इस पत्र पर अदीब के अलावा कांग्रेस के एसएस रस्मासुब्बु,साबिर अली+ अली अनवर अंसारी [जदयू]+रशीद मसूद+ एस अहमद [तृणमूल कांग्रेस]+असाउद्दीन ओवैसी [ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन]+ थिरुमावालावन [वीसीके]+ केपी रामालिंगम [डीएमके]+ सीताराम येचुरी [माकपा] + एमपी अच्युतन [भाकपा] के हस्ताक्षर हैं।
यह देश का दुर्भाग्य ही कहा जाएगा के देश की लड़ाई के लिए विदेश में मैदान तैयार किया जा रहा है| मुख्य विपक्षी दल भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राज नाथ सिंह द्वारा अमेरिका में जाकर अपने भावी प्रधान मंत्री पद के दावेदार नरेन्द्र मोदी के लिए वीसा का आग्रह करते हुए वोह राष्ट्रीय सम्मान के साथ कुछ खेलते हुए दिखाई दिए इसके साथ ही ६५ सांसदों के पत्र ने तो संसदीय प्रणाली की विश्वसनीयता पर ही प्रश्न चिन्ह लगा दिया है|
अगर इन सांसदों को नरेन्द्र मोदी के अमेरिका जाने में कोई वाजिब शिकायत है तो भी उन्हें मोदी के पासपोर्ट को कैंसिल कराने के लिए अपने ही देश की सरकार पर दबाब बनाना चाहिए था|लेकिन ऐसा नही करके केवल विदेशों में चिट्ठी भेज कर सियासी लाभ लेने की इस प्रवर्ती से देश की छवि को धक्का लगना स्वाभाविक ही है|यहाँ एक बात और प्रमुखता से उभर कर सामने आ रही है जिससे ६५ सांसदों की चिट्ठी की असलियत को ही चुनौती दी जाने लगी है|कहा जा रहा है के ओबामा को लिखी इस चिट्ठी में लेफ्टिस्ट सीता राम येचुरी के भी हस्ताक्षर हैं लेकिन आश्चर्यजनक रूप से येचुरी ने इसका खंडन कर दिया है|इसका अभिप्राय यह हुआ की मोदी को अमेरिकी वीसा को लेकर जो मुहीम चलाई जा रही है इसमें झोल दिखने लग गए हैं|
इस अवसर पर भाजपा और कांग्रेस के इन शुभ चिन्तक सांसदों के सूचनार्थ श्री मति इंदिरा गाँधी से जुडा हुआ यह किस्सा बताना जरुरी है| सर्व विदित है के श्रीमती इंदिरा गाँधी[ अब स्वर्गीय] का झुकाव रूस की तरफ था |एक बार उन्होंने इसी देश का दौरा किया मगर उन्हें एयर पोर्ट पर रिसीव करने कोई सम्मान जनक नेता या प्रतिनिधि नही आया तो उन्होंने अपने उस सरकारी दौरे को तत्काल अपने निजी दौरे में तब्दील कर दिया और राष्ट्रीय गौरव को बनांये रखा |