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नरेन्द्र मोदी ने समस्यायों के साथ उनके रोचक उपाय बता कर राष्ट्रीय न्रेतत्व की क्षमता का सराहनीय प्रदर्शन किया

गुजरात के मुख्य मंत्री नरेन्द्र मोदी ने राजधानी के होटल ताज में चल रहे इंडिया टुडे कॉनक्‍लेव में समस्यायों के साथ उनके हल बता कर अपनी राष्ट्रीय क्षमता का प्रदर्शन किया| अपने भाषण में मोदी चार बार पानी के घूँट भरते हुए हर एक मिनट को बांध कर रखा।उन्होंने इस कॉनक्‍लेव में पूर्व की भांति एक गुजराती या किसी वर्ग विशेष की तरह बात नहीं की बल्कि बतौर भारतीय भाषण दिया। हाँ उन्होंने गुजरात में कराये जा रहे विकास के कार्यों पर देश को चलाये जाने की इच्छा जरुर प्रगट की| उन्‍होंने कहा कि भारत को पड़ोसी देशों से मित्रवत रिश्‍ते बनाने की जरूरत है, लेकिन हमारे हितों को दरकिनार करके नहीं। उन्‍होंने कहा, “मेरा सपना है कि एक दिन भारत खुद हथियार बनाये और दूसरे देशों को सप्‍लाई करे। ऐसा करने से गंदे हथियार दलालों से छुटकारा मिलेगा,और हम आत्‍मनिर्भर भी होंगे, हमारा देश गर्व के साथ खड़ा हो[हथियारों कि यह बात उन्होंने पूर्व जनरल वी पी मालिक के एक प्रश्न के उत्तर में कही] लेकिन इसके साथ ही उन्होंने कहा कि आज फौज या आर्थिक शक्ति के बजाये ज्ञान के आधार पर विश्व में शिखर पर पहुंचा जा सकता है|और ज्ञान के मामले में भारत हमेशा आगे रहा है|इस अवसर पर दंगों और पी एम् के प्रश्नों पर बचते भी दिखाई दिए

नरेन्द्र मोदी ने समस्यायों के साथ उनके रोचक उपाय बता कर राष्ट्रीय न्रेतत्व की क्षमता का सराहनीय प्रदर्शन किया

नरेन्द्र मोदी ने समस्यायों के साथ उनके रोचक उपाय बता कर राष्ट्रीय न्रेतत्व की क्षमता का सराहनीय प्रदर्शन किया

उन्‍होंने गुड गवर्नेन्‍स से लेकर यूपीए सरकार की खामियों तक हर बात पर प्रकाश डाला और भारत के संघीय ढांचे को बनाये रखने पर जोर दिया। इस भाषण में आम आदमी को बहुत करीब से देखने वाले एक दूरदर्शी राजनीतिज्ञ की झलक मिली |जनता से संवाद कायम करने की अटल बिहारी वाजपई की झलक आज उनके [संभवत] उत्तराधिकारी मोदी में मिली |उन्होंने ना केवल विकास का मार्ग बताया वरन अपने भाषण में रोचकता बनाए रखने के लिए हलके फुल्के व्यंगात्मक तीर भी छोड़े| उन्‍होंने हर उस मुद्दे को उठया, जो आम जनता से जुड़े हैं| उन्‍होंने नरेगा की जगह डेवलपमेंट गारंटी स्‍कीम को जरुरी बताते हुए कहा कि इससे लोगों को खुद ब खुद रोजगार मिलता।
उन्‍होंने कहा कि देश का समुचित विकास तब तक नहीं हो सकता, जब तक हम लोगों को यह अहसास नहीं दिलायेंगे कि वो जो कर रहे हैं वो राष्‍ट्र के लिये कर रहे हैं।उन्होंने वोट बैंक की राजनीती से ऊपर उठ कर तकनीक+निज़ीकरण और यहाँ तक हथियारों के एक्सपोर्ट को जरुरी बताया| रेलवे की पटरियों पर निजी ट्रेन चलवाने के एक अनूठे मार्ग को उजागर किया| जब राहुल ने मोदी से पूछा कि क्‍या उनकी मां ने सोचा है कि आप प्रधानमंत्री बनें, मोदी ने जवाब दिया यहां चर्चा विकास की चल रही है, माता और पिता ऐसे में कोई मायने नहीं रखते| कोई भावुक्‍तापूर्ण कथा काम नहीं आती, कोई मां रोती नहीं, सिर्फ काम बोलता है। हर मुद्दे पर मोदी ने तथ्‍यों के साथ जवाब दिये। चाहे बात सॉलिड वेस्‍ट मैनेजमेंट की हो, या सोलर पावर प्रोजेक्‍ट की। मोदी ने आंकड़ों के साथ जवाब दिये। मोदी तैयारी के साथ नहीं आते, बल्कि वो हमेशा तैयार रहते हैं|उन्होंने अपने विपक्षपर कटाक्ष करने की परिपाटी का भी पालन किया |उन्होंने कहा कि प्रधान मंत्री ने मोदी के विकास के सुझाव स्वीकारे मगर उनपर अमल नहीं करवा पाए

संसद चले या ना चले बजट सत्र में बिजनेस हो या न हो मगरएक नहीं, तीन- तीन शेर[ couplet] तो चल ही निकले

संसद चले या ना चले बजट सत्र में बिजनेस हो या न हो मगर शेरो शायरी चल ही निकलती है और जब शेर[ couplet]पड़ने वाले प्रधान मंत्री और प्रमुख विपक्षी नेता हो तो संसद मेजें थपथपा कर और मीडिया प्रस्तुत करके दाद देता रहता है| लोकसभा में ६ मार्च बुधवार को प्रधानमंत्री डाक्टर मनमोहन सिंह और विपक्ष की सदन में नेत्री श्रीमति सुषमा स्वराज के बीच बातचीत शेर-ओ-शायरी के साथ हुई।भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष नेता राजनाथ सिंह प्रतीकों और मुहावरों का सहारा लेकर अपने विरुद्ध प्रधानमंत्री के कड़े तेवरों को बुझते दिए की फड़फड़ाती लौ तक कह डाला|
राजनाथ सिंह ने कहा कि उन्होंने बीते नौ साल में पी एम् को इतने आक्रामक तेवर अपनाते नहीं देखा। साथ ही कटाक्ष किया कि वह इसे अच्छा संकेत मानते हैं क्योंकि ये वैसा ही है, जैसे बुझने से पहले दिये की लौ तेज हो जाती है।
इसके अलावा राज्य सभा के सदस्य डाक्टर मनमोहन सिंह ने लोकसभा में आकर विपक्ष की नेत्री श्रीमति सुषमा स्वराज के आरोपों का जवाब शायरी से देकर माहौल को अंत में मनोरंजक बना दिया। भाजपा पर प्रहार करते हुए प्रधानमंत्री ने शेर पढ़ा कि हमें है उनसे वफा की उम्मीद जो नहीं जानते वफा क्या है। इसके बाद श्रीमति सुषमा ने कहा कि उनकी शेर का कर्ज नहीं रखेंगी और एक शेर का जवाब वह दो शेर से देंगी । इस पर लोकसभा अध्यक्षा मीरा कुमार भी चुटकी लेने में पीछे नहीं रही और बोला कि फिर तो उन[पी एम्] पर उधार हो जाएगा। प्रधानमंत्री के जवाब में श्रीमति सुषमा ने दो शेर पढ़े कि कुछ तो मजबूरियां रही होंगी, यूं ही कोई बेवफा नहीं होता और कहा कि वह देश के साथ बेवफाई कर रहे हैं। इसी क्रम में उन्होंने दूसरा शेर पढ़ा कि तुम्हें वफा याद नहीं हमें जफा याद नहीं जिंदगी और मौत के दो ही तराने हैं एक तुम्हें याद नहीं, एक हमें याद नहीं।संसद में चले इस आकस्मिक मुशायरे में दाद देने के नियम का पालन करने से भी सदस्य चूक गए| ये तीनो शेर और प्रतीक अपने आप में काबिले तारीफ़ हैं मगर अधिकाँश सदस्यों ने केवल अपने नेताओं के शेर पर ही मेजें थपथपा कर दाद दी
गौरतलब है कि शुरुआती दिनों में महंगाई+ अपराध +भ्रष्टाचार को लेकर प्रमुख विपक्ष और समान्य विपक्ष के साथ ही सत्ता रुड दल के सदस्यों द्वारा हंगामा मचता रहा | सदन स्थगित होते रहे, कार्यवाही बाधित होती रही |इन गंभीर मुद्दों पर चर्चा के लिए कोई भी गंभीर दिखाई नहीं दिया बेशक शेर अच्छे थे लेकिन |इस मुशायरे का मौजू [विषय]ज्वलंत समयायों पर आधारित होता तो और अच्छा लगता| इसीलिए यह नाचीज यह कहने को मजबूर है कि

 संसद चले या ना चले बजट सत्र में बिजनेस हो या न हो मगरएक नहीं तीन- तीन शेर[ couplet] तो चल ही निकले

संसद चले या ना चले बजट सत्र में बिजनेस हो या न हो मगरएक नहीं तीन- तीन शेर[ couplet] तो चल ही निकले

ख़ाक हो जायेंगे हम उनकों यकीन होने तक

डाक्टर मन मोहन सिंह ने आज हैदराबाद बम्ब ब्लास्ट के पीड़ितों का दुःख दर्द बांटा:सहायता का आश्वासन दिया

डाक्टर मनमोहन सिंह ने आज रविवार २४ फरवरी को हैदराबाद बम्ब ब्लास्ट के पीड़ितों का दुःख दर्द बांटाऔर इस संकट की घड़ी में धेर्य नहीं खोने के लिए हैदराबाद के नागरिकों को धन्यवाद और बधाई दी | उन्होंने घटनास्थल के निरीक्षण के साथ ही यशोदा [१५ मिनट्स]और ओमनी[१० मिनट्स] [ yashoda and Omni. ] हॉस्पिटल्स में घायलों के दुःख दर्द को बांटा और सभी प्रकार की सहायता का आश्वासन दियाऔर व्यवस्थापकों के दिशा निर्देश भी दिए|पी एम् ने स्वयम कहा कि मै आप लोगों का दुःख दर्द बांटने आया हूँ |पी एम् का स्वागत राज्य के मुख्यमंत्री और राज्यपाल ने किया। इसके फौरन बाद उनका काफिला दिलसुखनगर और फिर यशोदा अस्पताल की तरफ मुड़ गया जहां घायलों का इलाज चल रहा है। यहां पर उन्होंने पीड़ितों के जल्द स्वस्थ होने की कामना की और कहा कि वह यहां पर पीड़ितों का दर्द बांटने के लिए आए हैं। उन्होंने कहा कि इस हमले के दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।
गौरतलब है कि गुरुवार को पांच मिनट्स के अंतराल में हुए दो बम ब्लास्ट में 16 लोगों की मौत हो गई थीऔर ११९ घायल हो गए| प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने हैदराबाद के लोगों के प्रति एकजुटता प्रदर्शित करने के लिए गुरुवार को हुए विस्फोटों के स्थलों का आज दौरा किया और अस्पतालों में भर्ती घायलों से मुलाकात की। इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने शांति की अपील करते हुए नगर के लोगों की सराहना की कि वे उकसाने वाली कार्रवाई से अप्रभावित रहे।
प्रधानमंत्री ने अस्पतालों में विस्फोट पीड़ितों से मुलाकात करने के बाद कहा, मैं यहां हैदराबाद के लोगों का दुख बांटने आया हूं। मैं शोकसंतप्त परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं और घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना करना हूं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने लोगों को सभी मेडिकल सहायता का आश्वासन दिया है। दिल्ली से वायुसेना के एक विशेष विमान से हैदराबाद पहुंचे मनमोहन सिंह ने कहा, राज्य सरकार ने आश्वासन दिया है कि इलाज के लिए हर मदद दी जाएगी।
प्रधानमंत्री ने शांति की अपील करते हुए कहा, मैं लोगों से दुख की इस घड़ी में शांति बनाए रखने का आह्वान करता हूं। मुझे खुशी है कि हैदराबाद के लागों ने उकसाने वाली पर ध्यान नहीं दिया। प्रधानमंत्री ने विस्फोटों की निंदा करते हुए कहा था कि इस कायराना हरकत के जिम्मेदार लोग दंड से नहीं बच सकेंगे।
विस्फोटों में घायल हुए के परमेश्वर की मां को दिलासा देते हए प्रधानमंत्री ने कहा कि उनके पुत्र का हरसंभव ख्याल रखा जाएगा।
दिल्ली रवाना होने से पहले प्रधानमंत्री ने आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन किरण कुमार रेड्डी से ऐसे उपाय करने को कहा, जिसके तहत विस्फोटों के कारण शारीरिक रूप से अशक्त हो गए और गंभीर रूप से घायल हुए लोगों को रोजगार मुहैया कराया जा सके।
डाक्टर मनमोहन सिंह ने मुख्यमंत्री और राज्य के मंत्रियों के साथ एक समीक्षा बैठक भी की, जिसमें पुलिस महानिदेशक वी दिनेश रेड्डी ने मामले की जांच में हुई प्रगति से उन्हें अवगत कराया। प्रधानमंत्री को बताया गया कि क्लोज सर्किट कैमरों से मिले फुटेज और जेल में कुछ संदिग्ध लोगों से हुई पूछताछ से ‘ठोस सुराग’ मिले हैं। डीजीपी ने प्रधानमंत्री से कहा, हम राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के साथ तालमेल में काम कर रहे हैं और उम्मीद है कि जल्दी ही मामले को सुलझा लिया जाएगा।मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री की तीन घंटे की यात्रा के दौरान उन्हें सूचित किया कि हैदराबाद में निगरानी बढ़ाने के लिए करीब 3500 क्लोज सर्किट कैमरे लगाए जा रहे हैं।

कांग्रेस के १२७वे स्थापना दिवस पर बलात्कारियों को जल्द से जल्द सजा दिलाने और पीडिता को इलाज़ के लिए प्रतिबद्दता दर्शाई

कांग्रेस के १२७वे स्थापना दिवस

कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी ने जोर देकर कहा कि बर्बर सामूहिक बलात्कार मामले के अपराधियों को न्याय के कटघरे में लाने में समय व्यर्थ नहीं किया जाए, जबकि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।
कांग्रेस मुख्यालय में आज पार्टी के 127वें स्थापना दिवस के अवसर पर पार्टी का झंडा फहराया |इस अवसर पर मीडिया से बात करते हुए पार्टी अध्यक्षा श्री मति सोनिया गाँधी और पी एम् डाक्टर मनमोहन सिंह ने कहा कि वे भी 16 दिसंबर की बर्बर घटना को लेकर देश में पैदा गुस्से और रोष में उनके साथ हैं।
इस मौके पर अक्सर नव वर्ष की शुभकामनाएं देने वाली श्रीमति सोनिया ने इस बार ऐसा नहीं किया और कहा कि हमारा ध्यान उस युवा महिला पर है, जो बर्बर हमले के बाद अपनी जिंदगी के लिए संघर्ष कर रही है।
सोनिया ने 24, अकबर रोड पर पार्टी के झंडे को फहराने के बाद भावुक आवाज में कहा कि आज हमारी एकमात्र इच्छा यह है कि वह (पीड़ित) उबरे और हमारे पास वापस आए और इस तरह के बर्बर कृत्य को करने वाले अपराधियों को न्याय के कठघरे में लाने के लिए समय व्यर्थ नहीं किया जाए।
सोनिया के साथ खड़े प्रधानमंत्री ने आश्वासन दिया कि हमारी सरकार दोषियों को जल्द से जल्द सजा दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है। बलात्कार के आरोपियों की शीघ्र सुनवाई को लेकर सरकार की पहल के बारे में प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार ने भारत ने पूर्व प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति जेएस वर्मा के नेतृत्व में एक समिति बनाई है, जो महिलाओं के खिलाफ अपराध से संबंधित कानूनों को आधुनिक बनाने के लिए तरीके सुझाएगी।
मनमोहन सिंह ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष का कहना है कि हम जघन्य अपराध पर देश के गुस्से और रोष में उनके साथ हैं। हमारी प्रार्थनाएं बहादुर युवती के साथ हैं और उसका सर्वश्रेष्ठ संभव इलाज किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि दिल्ली उच्च न्यायालय की पूर्व न्यायाधीश उषा मेहरा को यह पता करने के लिए नियुक्त किया गया है कि क्या घटना के बाद की घटनाक्रम में किसी की खामी या लापरवाही रही।