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इटली और सऊदी अरब की तरह अध्यात्मवाद को टूरिज्म से जोड़ने के लिए भारत में भी “प्रसाद” और “हृदय”

अध्यात्मवाद को टूरिज्म से जोड़ने के लिए भारत में भी “प्रसाद” और “हृदय” \
भारत में भी इटली और सऊदी अरब की तरह अध्यात्मवाद को टूरिज्म से जोड़ा जाएगा पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व के स्थलों के साथ साथ धार्मिक स्थलों को भी आकर्षक बनाया जाएगा |इटली और सऊदी अरेबिया की तर्ज पर भारत में भी टूरिज्म को अध्यात्मवाद से जोड़ने के प्रयास शुरू हो गए हैं |गौरतलब है कि इटली और सऊदी अरेबिया में बढ़ी संख्या में प्रतिवर्ष धार्मिक टूरिस्ट आते हैं और वहां की आर्थिक व्यवस्था को सुदृढ़ करते हैं|केंद्रीय पर्यटन मंत्री डॉ महेश शर्मा ने वाराणसी के एक कार्यक्रम में अध्यात्म से जुड़े पर्यटन के महत्व पर स्वयं प्रकाश डालते हुए कहा कि धार्मिक यात्रा के कायाकल्प तथा आध्यात्मिक सुदृढ़ीकरण और हेरिटेज सिटी विकास के लिए सरकार ने दो नई योजनाएं- “प्रसाद” और “हृदय” बनायी हैं। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि पर्यटन और संस्कृति के क्षेत्र में सुरक्षा, स्वच्छता और आतिथ्य सत्कार के मामले में कोई समझौता नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार का विजन पर्यटन के जरिए आतंकवाद का मुकाबला करने का भी है।
उल्लेखनीय है कि भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने वाराणसी में 5 दिवसीय सांस्कृतिक उत्सव ‘संस्कृति’ का उद्घाटन भी किया है |
मालूम हो कि देश में राष्ट्रीय स्तर की ३६८० मोनुमेंट्स और साइट्स हैं|जिनका रख रखाव ऐएसआई द्वारा किया जाता है इनमे से २५ मोनुमेंट्स को मॉडल की तरह
विकसित किया जाना है|इनमे से अधिकांश सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व के हैं| सरकार द्वारा [१]गंगा सर्किट[२]कृष्णा सर्किट[३]बुद्ध सर्किट[४]पूर्वोत्तर सर्किट [५]केरल सर्किटको विकसित करने की योजना है जिनके लिए चालू वर्ष में ५०० करोड़ रुपयों का प्रावधान किया गया है|
फोटो कैप्शन
The Minister of State for Culture (Independent Charge), Tourism (Independent Charge) and Civil Aviation, Dr. Mahesh Sharma, at Assi Ghat, in Varanasi on December 24, 2014.

दिल्ली के अंतराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर सुरक्षा संबंधी अनेकों उपकरण निर्धारित मानकों के अनुरूप नहीं हैं

[नई दिल्ली]दिल्ली के अंतराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर सुरक्षा संबंधी अनेकों उपकरण निर्धारित मानकों के अनुरूप नहीं हैं |यह स्वीकारोक्ति संसद में की गई |
राष्ट्र की राजधानी के अंतराष्ट्रीय एयर पोर्ट पर उपलब्ध एक्‍सरे मशीन+मैटल डिटेक्‍टर+सीसीटीवी कैमरे+सहित सुरक्षा संबंधी अनेक उपकरण मानकों के अनुरूप नहीं हैं| नागर विमानन राज्‍य मंत्री डॉ. महेश शर्मा ने आज संसद में बताया कि केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल ने दिल्‍ली हवाई अड्डे पर खराब एक्‍सरे मशीन, खराब मैटल डिटेक्‍टर तथा अपर्याप्‍त सीसीटीवी कैमरों सहित सुरक्षा संबंधी अनेक समस्‍याओं की पहचान की है। इसमें बंद पड़े कुछ सीसीटीवी कैमरे, अपर्याप्‍त सीसीटीवी कवरेज और शैडो जोन, कुछ सुरक्षा उपकरणों अर्थात् डोर मैटल डिटेक्‍टर, हैंड हेल्‍ड मैटल डिटेक्‍टर, विस्‍फोटक ट्रेस डिटेक्‍टर की बड़ी/छोटी मरम्‍मतों को करने में विलंब चारदीवारी घुसपैठ टोह प्रणाली को संतुलित करने की आवश्‍यकता, मल्‍टी डॉकिंग सुविधा से युक्‍त एयरोब्रिजों से संबंधित सुरक्षा कारक आदि शामिल हैं। इस विषय में दिल्‍ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट (प्रा.) लि. को आवश्‍यक कार्रवाई करने की सलाह दी गई है |ताकि हवाईअड्डे पर किसी अवांछनीय घटना से बचा जा सके।
डॉ. शर्मा ने लिखित उत्‍तर में बताया कि सुरक्षा अवसंरचना की कमी को दूर करने से संबंधित सुरक्षा एजेंसियों और हवाईअड्डा प्रचालकों के साथ नियमित बैठकें आयोजित की जाती हैं। इसके अतिरिक्‍त, बीसीएएस द्वारा हवाईअड़डों पर सुरक्षा संबंधी चूकों से बचने के लिए समय-समय पर आवश्‍यक दिशा निर्देश/अनुदेश जारी किए गए हैं। सुरक्षा इंतजामों को पुख्‍ता करने के लिए उठाए गए कुछ कदमों में हवार्इ अड्डों पर सीआईएसएफ की समयबद्ध तैनाती, बड़े हवाई अड्डों पर त्‍वरित प्रतिक्रिया टीमों की तैनाती और निरीक्षणों और छद्म जांचों द्वारा सुरक्षा इंतजामों की नियमित मॉनीटरिंग शामिल हैं।
विमानन क्षेत्र से अर्जित राजस्‍व
डॉ. महेश शर्मा ने लोकसभा में एक अन्य प्रश्‍न के लिखित उत्‍तर में बताया कि सरकार ने वर्ष 2010-11 से 2012-13 तक प्रत्‍यक्ष कर के रूप में 607.55 करोड़ रूपये राजस्‍व अर्जित किया। इसके अलावा वर्ष 2011-12 से 2013-14 तक सेवा कर के रूप में 7126.19 करोड़ रूपये राजस्‍व अर्जित किया गया।
डॉ. शर्मा ने बताया कि भारत में नागर विमानन क्षेत्र में पिछले 20 वर्ष के दौरान लगातार वृद्धि होती रही है और वर्ष 2004-05 से 2011-12 के दौरान 16 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि दर्ज की गई है।

२३६८९८ चिकित्सा पर्यटकों की सेवा करके बीते साल 1,07,671 करोड़ रुपयों की आय भी हुई

[नई दिल्ली] भारत में चिकित्सा पर्यटन के लिए जारी किये जा रहे चिकित्‍सा वीजा बेहद लोक प्रिय हो रहे हैं |वर्ष २०१३ में विश्व के 236898 मरीजों की सेवा की गई और इससे 1,07,671 करोड़ रुपए की आय भी हुई |
इस छेत्र के लिए केंद्र स्तर पर विशेष योजना तैयार की जा रही हैं |
पर्यटन राज्‍य मंत्री डॉ. महेश शर्मा ने आज लोकसभा को बताया कि सरकार ने उपचार के लिए भारत आने वाले विदेशियों के लिए विशेष योजना तैयार की है। सरकार ने विदेशी मरीजों के लिए चिकित्‍सा वीजा शुरू किया है।
डॉ. शर्मा ने एक प्रश्‍न के लिखित उत्‍तर में बताया कि पिछले 3 वर्षों के दौरान चिकित्‍सा पर्यटन पर भारत आने वाले विदेशियों की संख्‍या
2011,== 138803,
2012 ==171021
2013 == 236898 थी।
इन तीन वर्षों के दौरान भारत में पर्यटन में से हुई विदेशी मुद्रा आय क्रमश:
२०११== 77,591 करोड़ रुपए,
२०१२==94,487 करोड़ रुपए और
२०१३==1,07,671 करोड़ रुपए रही।

घाटे से अभिशिप्त एयर इंडिया ने अपनी भू सम्पत्तियों के मुद्रीकरण के लिए एनबीसीसी से समझौता किया

[नई दिल्ली]घाटे से अभिशिप्त एयर इंडिया ने अपनी भू सम्पत्तियों के मुद्रीकरण के लिए एनबीसीसी से समझौता किया
निरंतर घाटा दर्ज करा रही नेशनल कर्रिएर एयर इंडिया ने अपनी भू सम्पत्तियों को समेटना शुरू कर दिया है |इसी कढ़ी में भू-सम्‍पत्तियों के मुद्रीकरण के लिए नेशनल बिल्डिंग्स कंस्‍ट्रक्‍शन कार्पोरेशन लिमिटेड (एनबीसीसी) के साथ एक समझौता भी किया गया |
एयर इंडिया के अध्‍यक्ष व प्रबंध निदेशक रोहित नन्‍दन ने कहा कि पूरे देश में एयर इंडिया के 106 सम्‍पत्ति हैं, जिनमें से कुछ लीज पर हैं और कई तो बेकार पड़े हैं। इस वजह से यह समझौता किया गया है ताकि एयर इंडिया की सम्‍पत्तियों को विकसित और पुनर्वि‍कसित किया जा सके। उन्‍होंने कहा कि इस समझौते के जरिए अगले 10 वर्षों में मुद्रीकरण के जरिए 5 हजार करोड़ रूपये जुटाने का प्रयास किया जाएगा |
नगर विमानन मंत्रालय के अनुसार इस समझौता ज्ञापन में सम्‍पत्तियों को विकसित करने के लिए तीन मॉडलों का प्रावधान है। पहले मॉडल में भूमि की कीमत पार्टनरशिप में एयर इंडिया के हिस्‍से में होगी। जबकि परियोजना को विकसित करने की जिम्‍मेदारी एनबीसीसी की होगी। सम्‍पत्ति बेचे जाने पर तयशुदा औसत से एनबीसीसी और एयर इंडिया इस राशि को बाटेंगी। दूसरे मॉडल में एनबीसीसी एयर इंडिया को सम्‍पत्ति की कीमत का कुछ हिस्‍सा एकदम दे देगी और वह परियोजना लागत भी वहन करेगी। सम्‍पत्ति को बेचे जाने पर राशि को भी तयशुदा औसत के आधार पर बांटा जायेगा। तीसरे मॉडल में एनबीसीसी एयर इंडिया के लिए परियोजना पूरा करेगा और लागत भी खुद लगायेगा और वह एयर इंडिया से एक तय लाभ लेता रहेगा। इस तरह इन मॉडलों के जरिए एनबीसीसी के सहयोग से एयर इंडिया अपनी सम्‍पत्तियों से पूरा लाभ उठाने का प्रयास करेगा।
एयर इंडिया ने आज अपने अधिशेष भू-सम्‍पत्तियों के मुद्रीकरण के लिए नेशनल बिल्डिंग्स कंस्‍ट्रक्‍शन कार्पोरेशन लिमिटेड (एनबीसीसी) के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्‍ताक्षर किया है। जिसे एक गैर-प्रतिबद्ध और गैर-विशेष समझौता बताया गया है|
इस समझौते का उद्देश्‍य देश-विदेश में कई प्रतिष्ठित परियोजनाओं को सफलतापूर्वक पूरा करने के एनबीसीसी के अनुभव को एयर इंडिया के व्‍यापक अधिशेष भू-सम्‍पत्तियों के मुद्रीकरण के साथ जोड़ना है।
नागरिक उड्डयन मंत्री श्री अशोक गजपति राजू ने कहा कि टीम भावना ही सफलता की कुंजी है और आपसी सहयोग से एयर इंडिया और एनबीसीसी देश के विकास को गति दे सकते हैं। उन्‍होंने पुराने नियम-कानूनो मो नागरिक उड्डयन क्षेत्र की प्रगति में बाधक बताया |
इस मौके पर उपस्थित शहरी विकास और संसदीय कार्य मंत्री श्री वैंकेया नायडु ने कहा कि स्‍मार्ट शहरों का विकास इस सरकार के महत्‍वपूर्ण लक्ष्‍यों में से एक है और यह समझौता इस दिशा में एक छोटा कदम है। उन्‍होंने कहा कि एयर इंडिया को लाभ कमाने के लिए तुरंत आवश्‍यक कदम उठाने चाहिए और लगातार नुकसान में एयर इंडिया को चलाना अब स्‍वीकार्य नहीं है।
नागरिक उड्डयन राज्‍य मंत्री डॉ. महेश शर्मा ने कहा कि उनका मंत्रालय अगले 6 महीनों के लक्ष्‍य तय करेगा ताकि एयर इंडिया समेत इस क्षेत्र की तमाम समस्‍याओं का समाधान किया जा सके। शहरी विकास राज्‍य मंत्री श्री बाबुल सुप्रियो ने एयर इंडिया की विमान सेवाओं की सराहना की।
फोटो कैप्शन
The Union Minister for Urban Development, Housing and Urban Poverty Alleviation and Parliamentary Affairs, Shri M. Venkaiah Naidu , Union Minister for Civil Aviation, Shri Ashok Gajapathi Raju Pusapati witnessing the exchanging of the signed documents of an MoU between the Air Indian and NBCC for joint venture, in New Delhi on December 04, 2014.

पर्यटन उद्देश्‍यों के लिए सैटेलाइट फोन के उपयोग पर लगे प्रतिबंध हटेंगे

[ नई दिल्ली ]रोमांचक पर्यटन के लिए टूर संचालकों के लिए सैटेलाइट फोन का उपयोग सम्भव होगा|
पर्यटन मंत्रालय द्वारा रोमांचक पर्यटन के लिए टूर संचालकों द्वारा सैटेलाइट फोन का उपयोग की योजना पर कार्य किया जा रहा था जिसे अब अंतिम रूप दिया जा रहा है|
केन्‍द्रीय पर्यटन मंत्रालय ने गृह मंत्रालय द्वारा स्‍वीकृति प्राप्‍त टूर संचालकों को सैटेलाइट फोन की खरीद, पंजीकरण और उपयोग की एक योजना को अंतिम रूप दे दिया है।
केन्‍द्रीय पर्यटन राज्‍य मंत्री (स्‍वतंत्र प्रभार) डॉ. महेश शर्मा ने लोक सभा में बताया कि द एडवेंचर टूर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एटीओएआई) ने पर्यटन उद्देश्‍यों के लिए सैटेलाइट फोन के उपयोग पर लगे प्रतिबंध को समाप्‍त करने के लिए पर्यटन मंत्रालय से गुजारिश की थी। संचार सुविधाओं की कमी के कारण ऊंचे पहाड़ों पर चढ़ाई और ट्रैकिंग आदि जैसे कुछ रोमांचक खेलों पर प्रभाव पड़ता है। भारत में पर्वतारोहण, ट्रैकिंग, रिवर राफ्टिंग, पैरासेलिंग, पैराग्‍लाइडिंग और बंगी जम्पिंग जैसे विभिन्‍न रोमांचक खेल उपलब्‍ध हैं।

Dr Mahesh Sharma To Introduce Weekly Monitoring System In Culture Ministry

[New Delhi]Dr Mahesh Sharma To Introduce weekly monitoring system In The Ministry Of Culture So That 67% Of Funds Could Be Utilized As Per Guidelines
Outlining the priorities over the next one month, Dr Sharma said that cleaning the monuments under the Swachha Bharat Campaign, providing security to tourists and connectivity to poorly connected destinations will be implemented soon.
Dr Sharma takes a review of the working of the Organisations under the charge of Ministry of Culture Insists on timely spending of funds and a weekly monitoring system
The Minister of State for Culture (Independent Charge), Tourism (Independent Charge) has said that a weekly monitoring system will be introduced soon for the various organizations under the Union Ministry of Culture. The Minister insisted on timely spending of funds while reviewing their working at the First meeting of the Heads of Organisations under the charge of Ministry of Culture in New Delhi today.
The Minister emphasized that 67% of the funds must be spent by December as per guidelines and targets must be met by the various organizations.
Dr. Sharma revealed that it is a dream of the Prime Minister that the rich cultural heritage of India should reach the remotest corner of the world via media of tourism and on wings of civil aviation. India is identified by virtue of its rich heritage, and the Ministry of Culture comprises of the custodians of this rich cultural heritage, a distinction of which they should be proud, he added. To highlight the importance of these organizations and their officials, a booklet on all the organizations and its officials under the Ministry of Culture will be published, the Minister said.
The Minister said that social media and interactive website can provide a major platform to increase the visibility of the Indian culture especially amongst foreign tourists.

The Secretary, Ministry of Culture, Mr. Ravinder Singh took a review of the performance of all the organizations including timely spending of funds. The representatives of various organizations under the Ministry of Culture including, ASI, NMML, SNA, IGNCA. National School of Drama, Lalit Kala Academy, zonal cultural centers etc attended the meeting.