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पंजाब में सर्दी कम नहीं हो रही मगर कांग्रेसियों ने चंडीगढ़ में राजनितिक तापमान बढ़ा दिया

[चंडीगढ़,पंजाब] पंजाब में सर्दी कम होने का नाम नहीं ले रही लेकिन राजनीती का तापमान लगातार बढ़ता जा रहा है|इसका प्रमाण चंडीगढ़ में देखा जा सकता है| १७ वीं लोक सभा के लिए इस धनाढ्य यूनियन टेरिटरी से अपना भाग्य आजमाने के लिए कांग्रेस के दिग्गज ताल थोक रहे हैं | अभी तक कांग्रेस के पूर्व केंद्रीय मंत्री पवन बंसल+कांग्रेस के ही पूर्व केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी के अलावा आश्चर्यजनक रूप से कांग्रेस में अभी अभी आये डॉ नवजोत कौर सिद्धू ने भी कांग्रेस से दावे दारी पेश कर दी है|इस सीट पर फिलहाल भाजपा की किरण खेर काबिज हैं|कांग्रेस के लिए इन तीनों में से उपयुक्त चयन टेडी खीर ही रहेगी |पवन बंसल बूढ़े हो चुके हैं और इनपर भ्र्ष्टाचार के आरोप भी लगे हैं | चंडीगढ़ विशेष में इनका कोई विशेष योगदान भी स्मरणीय नहीं हैं | इसीलिए नवजोत कौर सिद्धू को प्राथमिकता देने के लिए बंसल को काटने में न्रेतत्व कोई देर नहीं लगाएगा लेकिन मनीष तिवारी ने अपनी दावेदारी छोड़ कर इस दौड़ को रोचक बना दिया है|| अब देखना है के राष्ट्रीय अध्यक्ष अपनी पार्टी के समर्पित +अनुभवी को प्राथमिकता देते हैं या फिर अभी अभी पार्टी में आये और इनकी प्रशंसा में जुटे सिद्धू परिवार को टिकट नवाजते हैं |
जीवन के सात दशक पूर्ण कर चुके पवन बंसल दसवीं+ तेरहवीं +चौदहवीं और पन्द्रवीं लोकसभा में प्रतिनिधित्व कर चुके हैं | सोलहवीं लोक सभा के लिए चंडीगढ़ में किरण खेर के हाथों हार माँ मुंह देख चुके हैं|डॉ मन मोहन सिंह के मंत्रीपरिषद में ७ माह के लिए रेलवे मंत्रालय संभाल चुके हैं| इसी काल में बंसल और इनके भतीजे पर करप्शन के आरोप लगे लेकिन कांग्रेस राज में उन्हने साबित नहीं किया जा सका|
५३ वर्षीय मनीष तिवारी ने भी अपनी पार्टी का यहां से टिकट माँगा है| तिवारी के परिवार में राजनीतिज्ञों का पुराना इतिहास है | साम्प्रदाइक सौहार्द की भी मिसाल है| दादके ब्राह्मण+नानके सिख+ पत्नी मुस्लिम हैं|
दादके नानके राजनीती में रहे हैं|इनके परिवार ने आतंकवाद के दंश झेले हैं| १९८४ में चंडीगढ़ में डॉ वी ऍन तिवारी[पिता] को आतंकवादियों ने गोली मार कार शहीद किया था |माता चंडीगढ़ में डेंटिस्ट हैं और पत्नी मुस्लिम समाज से हैं| केंद्र में महत्वपूर्ण मंत्रालय संभाल चुके हैं लेकिन अन्ना हजारे की आलोचना करके आलोचकों के निशाने पर रहे हैं |इन्होने लुधियाना से अकाली लीडर ग़ालिब को लगभग एक लाख वोटों के अंतर् से हराया था |
डॉ नवजोत कौर सिद्धू क्रिकेटर से कॉमेडियन और फिर पॉलिटिशियन बने नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी हैं और अमृतसर से भाजपा के टिकट पर विधायक बन चुकी हैं|इन्होने स्वास्थ्य विभाग में सेवायें देते हुए चिकित्स्कों के स्टिंग ऑपरेशन किये थे|पंजाब में भाजपा और सहयोगी अकाली दल से हमेशा ३६ का आंकड़ा रहा है|वर्तमान में सिद्धू का कांग्रेस के प्रथम परिवार से नजदीकियां बढ़ी हैं|