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सुनंदा पुष्कर की मौत को दिल्ली पोलिस ने१साल बाद अस्वाभाविक स्वीकार किया:जहर की जाँच विदेश में होगी

[नई दिल्ली]सुनंदा पुष्कर की मौत को दिल्ली पोलिस ने१साल बाद अस्वाभाविक स्वीकार किया:जहर की जाँच विदेश में होगी एक साल बाद सुनंदा पुष्कर [५०]की मौत को दिल्ली पोलिस ने अस्वाभाविक मौत स्वीकार किया |लेकिन मौत के कारण बने जहर की क्वांटिटी और क़्वालिटी और शरीर में प्रवेश कराये जाने के तरीके की जाँच विदेश में कराई जानी है|
कांग्रेस नेता शशि थरूर की पत्नी व्यवसाई श्रीमती सुनंदा पुष्कर की रहस्यमय परिस्थितियों में मौत के मामले में आज एक नया सनसनीखेज मोड़ आ गया है |
दिल्ली पुलिस ने आज इस संबंध में हत्या का मामला अज्ञात के विरुद्ध दर्ज किया।
पुलिस ने एम्स की मेडिकल रिपोर्ट के बाद यह मामला दर्ज किया जिसमें कहा गया है कि सुनंदा की मौत स्वाभाविक नहीं थी और जहर के कारण मौत हुयी। हालांकि अभी तक जहर का प्रकार + क्वांटिटी और किसी संदिग्ध के रूप में कोई जानकारी नही दी गई है |
दिल्ली पोलिसके टॉप अधिकारी बी एस बस्सी के अनुसार हत्या की वजह शरीर में जहर का पाया जाना है।
श्रीमती सुनंदा कांग्रेस के पूर्व केंद्रीय मंत्री शशि थरूर की पत्नी थी।
शशि थरूर ने अपनी पत्नी के पोस्टमार्टम रिपोर्ट समेत अन्य रिपोर्ट की मांग की है
इस नए मोड़ पर राजनीतिक बयानबाजी शुरू हो गई है।
भाजपा नेता सुब्रहमण्यम स्वामी ने शशि थरूर की गिरफ्तारी की मांग की है वहीं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने मामले को सनसनीखेज बनाने से परहेज किया रशीद अल्वी ने निष्पक्ष जांच की बात कही है|
पिछले साल की 17 जनवरी को दिल्ली के “लाली” होटल के एक कमरे में सुनंदा पुष्कर की रहस्यमय हालात में मौत हो गई थी।
उस वक्त दवाओं के ओवरडोज को मौत की वजह बताया गया था। मौत के बाद कई सवाल उठे थे। विसरा रिपोर्ट को दोबारा एम्स के तीन डॉक्टरों के पास जांच के लिए भेजा गया था जिसमे मृतका के शरीर में जहर के अंश मिले थे।

द हिन्दू:एन अल्टरनेटिव हिस्ट्री वेंडी डोनेगर की विकृत मानसिकता का परिचायक ;सुब्रमणियम स्वामी

भाजपा के नेता सुब्रामणियम स्वामी ने पुस्तक ‘द हिन्दू : एन अल्टरनेटिव हिस्ट्री को विकृत इतिहास लेखन और इसकी लेखिका शिकागो विश्वविद्यालय में सहायक प्रोफेसर वेंडी डोनेगर को विकृत मानसिकता का परिचायक बताया
दिल्ली विश्वविद्यालय के स्टूडेंट यूनियन ला सेन्टर – 1 तथा संस्कृति द्वारा आयोजित संगोष्ठी को संबोधित करते हुए डा. सुब्रह्मण्यम स्वामी ने कहा कि ऐसा विकृत इतिहास लेखन लेखिका की विकृत मानसिकता का परिचायक है. |सभा को संबोधित करते हुए चेतावनी भरे अन्दाज़ में डा. स्वामी ने कहा कि यदि लेखिका वेंडी डोनेगर भारत में आती है और उन पर भारतीय दंड संहिता अंतर्गत मुकदमा चलाया जाय तो लेखिका को सारी उम्र जेल में बिताना पडेगा.
भारतीय संविधान तथा भारतीय दंड संहिता की धाराओं को पढकर बताते हुए कहा कि भारतीय दंड संहिता अंतर्गत लेखिका वेंडी डोनेगर के ऊपर एक नही कई मुकदमें दायर किया जा सकता है. |
भारत के मानचित्र में कश्मीर नही दिखाना भारतीय संविधान के विरुद्ध है. संविधान में मौलिक अधिकार संबंधी भाग में जो स्वतंत्रता के अधिकार दिए गए हैं इसमें व्यक्ति के विचारों की अभिव्यक्ति प्रमुख है. लेकिन संविधान में जितने मौलिक अधिकार दिए गए हैं, उनमे से कोई भी अधिकार ‘असीमित’ नही है. सभी अधिकारों पर कुछ न कुछ सीमाएँ हैं. इस अवसर पर डा. सुब्रह्मण्यम स्वामी ने शिक्षा बचाओ आन्दोलन समिति के मीडिया विभाग द्वारा लिखित एक पुस्तक “सफलता की कहानी” का विमोचन किया.
ध्यातव्य है कि 10 फरवरी 2014 को दीनानाथ बत्रा तथा अन्य और पेगुइन पब्लिसर्स के मध्य में सिविल सूट नं. 360/2011 के मध्य अनुबंध हुआ है जिसमें पेगुइन बुक इंडिया प्राईवेट लिमिटेड ने तत्काल प्रभाव से ‘द हिन्दू : एन अल्टरनेटिव हिस्ट्री’ की पुस्तक को तत्काल वापस ले लिया था तथा पकाशक पेंगुईन द्वारा अपने खर्च पर सम्पूर्ण पुस्तकें देश से एकत्रित करा ली जाएगी और उनको नष्ट कर दिया जाएगा. यह पुस्तक पुनः से प्रकाशित नहीं होगी. पुस्तक में हिन्दु देवी-देवताओं का अपमान, क्रान्तिकारियों तथा इतिहास को विकृत रूप से प्रस्तुत करने के परिणामस्वरूप यह मुकदमा अतिरिक्त जिला न्यायाधीश साकेत की अदालत में केस दर्ज किया गया था.
शिक्षा बचाओ आन्दोलन समिति के संयोजक दीनानाथ बत्रा ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि इस प्रकार की आपत्तिजनक पुस्तकों से भारत पर ‘बौद्धिक आक्रमण’ के माध्यम से अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत की छवि धूमिल की जा रही है, जो कि असहनीय है. हम इस प्रकार के बौद्धिक-आक्रमण का जवाब देने के लिए प्रतिबद्ध है.
शिक्षा बचाओ आन्दोलन समिति के सह संयोजक अतुल कोठारी ने कहा कि लेखिका वेंडी डोनेगर की पुस्तक ‘द हिन्दू : एन अल्टरनेटिव हिस्ट्री’ को अब सन्दर्भ के रूप में उपयोग नही किया जा सकेगा. यह बहुत बडी बात है. देश के नौजवानों को इस प्रकार के बौद्धिक – आक्रमण के खिलाफ आगे आना चाहिए.
शिक्षा बचाओ आन्दोलन समिति के मीडिया प्रभारी राजीव गुप्ता ने मीडिया को बताया कि व्यक्ति की स्वतंत्रता वहीं खत्म हो जाती है, जहाँ से दूसरे की नाक शुरू होती है. अत: हमें यह दूसरे के अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को ध्यान में रखकर ही आचरण करना चाहिए.
दिल्ली विश्वविद्यालय के स्टूडेंट यूनियन ला सेन्टर – 1 तथा संस्कृति द्वारा आयोजित संगोष्ठी में विधि संकाय के डीन डा. अश्वनी बंसल तथा दिल्ली विश्वविद्यालय संस्कृति प्रमुख सौरभ समेत लगभग 300 विद्यार्थियों से ने भाग लिया.