Ad

Tag: EGovernance

भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था में लोचशील प्रणाली बेहद मजबूत होती है:प्रणब मुखर्जी

भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था में लोचशील प्रणाली बेहद मजबूत होती है:प्रणब मुखर्जी
वित्तीय मामलों के एक्सपर्ट राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने आज भारतीय व्‍यापार सेवा के प्रशिक्षुओं और अधिकारियों को लोचशील प्रणाली की मजबूती का अध्याय पढ़ाया |
भारतीय व्‍यापार सेवा के आठ प्रशिक्षुओं और 20 अधिकारियों के एक समूह ने आज (25 अगस्‍त, 2014) राष्‍ट्रपति भवन में राष्‍ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी से मुलाकात की।
अधिकारियों को संबोधित करते हुए राष्‍ट्रपति ने कहा कि पिछले वर्षों के दौरान भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था में काफी बदलाव हुये हैं। सभी समय के लिए किसी नीति को प्रासंगिक नहीं माना जा सकता है। वही प्रणाली मजबूत होती है जो बदलते समय के साथ बदलाव के प्रति लोचशील हो। इसलिए हमारी नीतियां ऐसी होनी चाहिए जो अर्थव्‍यवस्‍था में लोचशीलता और मजबूती लाने में मददगार हो, ताकि हमारी अर्थव्‍यवस्‍था का विकास हो।
राष्‍ट्रपति ने कहा कि पिछले वर्षों में विदेश व्‍यापार की भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था में महत्‍वपूर्ण भूमिका रही है। भारत की विदेश व्‍यापार नीति में निर्यात पर मुख्‍य रूप से लगातार जोर दिया जा रहा है। विदेश व्‍यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) में ई-गवर्नेंस में वृद्धि और खुद डीजीएफटी की बदलती भूमिका के कारण अधिकारियों को अब व्‍यापार सुविधा प्रदाताओं के रूप में काम करना होगा, न कि केवल नियामकों के रूप में। इन योजनाओं के माध्‍यम से प्रत्‍येक चरण में व्‍यापार सुविधाओं को पूरा करना होगा, जिसमें किसी योजना की रूपरेखा तैयार करने से लेकर इन योजनाओं के माध्‍यम से निर्यातकर्ताओं को लाभ प्रदान करना शामिल है। व्‍यापार सुविधा प्रदाताओं के रूप में भारतीय व्‍यापार सेवा के अधिकारी हमारी आर्थिक आवश्‍यकताओं को पूरा करने में सक्षम होंगे।
भारतीय विदेश व्‍यापार संस्‍थान, नई दिल्‍ली में फिलहाल भारतीय व्‍यापार सेवा आठ प्रशिक्षुओं को प्रशिक्षण दिया जा रहा है, जबकि 20 अधिकारी देश के विभिन्‍न हिस्‍से में कार्यरत हैं।
फोटो कैप्शन
The President, Shri Pranab Mukherjee with the Probationers of Indian Trade Service (2006 & 2012 Batches) from Indian Institute of Foreign Trade and Indian Trade Service Officers (2004-2008 Batches), at Rashtrapati Bhavan, in New Delhi on August 25, 2014.