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गोपीनाथ मुंडे की दुर्घटना में हुई मृत्यु से सबक लेकर ,डॉ हर्षवर्धन ट्रैफिक के प्रति जागरूकता अभियान चलाएंगे

भारत के स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री गोपीनाथ पांडुरंग राव मुंडे की सड़क दुर्घटना में मंगलवार को हुई मृत्यु से सबक लेते हुए ट्रैफिक नियमों के पालन के प्रति जागरूकता अभियान चलाने की बात कही है | डॉक्टर हर्षवर्धन ने आज दावा किया है कि अगर गोपीनाथ मुंडे ने सीट बेल्ट पहना होता तो उनकी जान बच सकती थी|
मुंडे का मंगलवार को एक कार हादसे में निधन हो चुका है|डाकटरों की रिपोर्ट के अनुसार आंतरिक चोटें मृत्यु का कारण बनी हैं|
मुंडे के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए महाराष्ट्र के बीड जाने से पहले चांदनी चौक से भाजपा के सांसद और केंद्रीय स्वास्थय मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने कहा, के ट्रैफिक के प्रति गलत धारणा के कारण उन्होंने अपना एक अच्छा दोस्त खो दिया|
शोकाकुल सांसद ने पिछली सीट बेल्ट को पहनना उतना ही ज़रूरी बताया जितना आगे की सीट का बेल्ट
डॉ हर्षवर्धन ने कहा कि अधिकांश लोग मानते हैं कि कार में पिछली सीट पर लगाई गयी बेल्‍ट केवल सजावट के उद्देश्‍य से लगाई जाती है। वास्‍तव में अगली सीटों की बैल्‍ट की तरह पिछली सीट पर बैल्‍ट लगाना भी अनिवार्य होता है। किसी अप्रिय स्थिति में यह जीवन बचाने का कारण हो सकती है।
मंगलवार को लाल बत्‍ती को पार कर एक प्राइवेट इंडिका कार ने श्री मुंडे की कार को साइड से टक्‍कर मार दी थी। इस दुर्घटना से उनकी कार को तो अधिक क्षति नहीं पहुंची लेकिन कार को लगे तेज धक्‍के की वजह से श्री मुंडे की गर्दन के जोड़ और उनकी रीढ़ की हड्डी को गंभीर चोट पहुंचीजो घातक सिद्ध हुई
स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री ने अगस्‍त, 1997 में ऐसी ही घटी एक अन्य दुर्घटना में ब्रिटेन की प्रिंसेस डायना की मृत्यु का भी उदाहरण दिया |
इस दुर्घटना ग्रस्त कार में सिर्फ सीट बैल्‍ट लगाने वाला ही एक मात्र बचा था |
इसके अलावा 2007 में दिल्‍ली के पूर्व मुख्‍यमंत्री साहिब सिंह वर्मा का भी एक सड़क दुर्घटना में निधन हो गया था। डॉ. हर्ष वर्धन ने कहा कि श्री वर्मा ने यदि सीट बैल्‍ट लगाई होती तो उनकी जान बच सकती थी।कभी-कभी ऐसा होता है कि जब व्‍यक्ति दुर्घटना के कारण बाहर नहीं गिरता, तब भी उसके शरीर को गंभीर चोट पहुंचती है। ऐसा ही मुंडे के साथ भी हुआ |
डॉ. हर्षवर्धन ने कहा, अमरीका में अनुसंधान से पता चला है कि सीट बैल्‍ट बांधने से कार की अगली सीट पर बैठे यात्री को जान का जोखिम 45 % कम हो जाता है जबकि सामान्‍य से गंभीर किस्‍म की चोट लगने का जोखिम 50 % घट जाता है। वैन और स्‍पोर्ट युटिलिटी वाहनों की पिछली सीट पर बैठे लोगों ने यदि सीट बैल्‍ट लगा रखी हो तो कार दुर्घटना के दौरान जान का जोखिम 75 % मामलों में बेहतर ढ़ग से टाला जा सकता है।दुर्भाग्य वश भारत में सीट बेल्ट को अब भी गंभीरतापूर्वक लागू नहीं किया गया है। य‍ह गंभीर चिंता का विषय है।
डॉ. हर्षवर्धन ने आश्वासन दिया कि स्‍वास्‍थ्‍य और परिवार कल्‍याण मंत्रालय गाड़ी चलाते समय सुरक्षा नियमों की अनदेखी करने वाले लोगों को जागरूक करने की पहल करेगा।
फोटो कैप्शन
The Union Minister for Health and Family Welfare, Dr. Harsh Vardhan flagging off the rally of school students to commemorate World No Tobacco Day, in New Delhi on May 30, 2014.