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Down Graded Indian Aviation’s Regulator DGCA Now To Watch Health Of Pilots

[New Delhi]I)Down Graded Indian Aviation Regulator DGCA Now To Watch Health Of Pilots
DGCA has set a committee to look into the norms for checking pilots’ health in the wake of the recent German wings plane crash.
“There is a committee which is looking into it (the norms for assessing pilots health),” Director General of Civil Aviation M Sathiyavathy told reporters.She, however, refused to elaborate more on the issue.
“I cannot comment further,” Sathiyavathy said.The move by Directorate General of Civil Aviation comes in the wake of the recent Germanwings airline plane crash in the Alps in which it is alleged that a mentally disturbed co-pilot crashed the plane killing all 150 people onboard.
As of now, nine domestic airlines, which employ over 3,000 pilots, carry out such tests on their pilots at the point of induction but there are no subsequent appraisals of their mental state. They, however, undergo physical fitness tests every six months.
Sathiyavathy also said that the DGCA is also recertifying all flying schools and non-scheduled operators, following the restoration of India’s aviation safety rating back to the top category by the US aviation watchdog Federal Aviation Administration (FAA) early this month.
The FAA had downgraded India from Category I to Category II last January.
“For re-certification, we took up Air India and Jet Airways on a priority basis as they fly to the United States.
Then we took up Vistara, Air Pegasus and Air Costa (the two regional carriers operating out of the southern region). Other scheduled airlines are being taken up now,” DGCA said.
The re-certifcation implies that the aviation regulator is satisfied that the airlines meet all the prescribed safety and security norms.She was speaking on the sidelines of a function jointly organised by the Ministry of Civil Aviation and the Federation of Indian Chambers of Commerce
The function was organised to announce the dates for the 5th edition of the India Aviation international conference- exhibition in Hyderabad from March 16 next year. .

सिविल एविएशन के अपग्रेडेशन के पार्श्व में कहीं गडकरी का परिवहन समझौता तो नहीं छुपा हुआ?

झल्ले दी झल्लियां गल्लाँ

भाजपाई चेयर लीडर

ओये झल्लेया मुबारकां ओये
अमरीका परिवहन मंत्री एंथनी फॉक्‍स ने परिवहन के क्षेत्र में हसाडे नाल सहयोग के ज्ञापन पर हस्‍ताक्षर कर दिए हैं ओये अब तो हो जाणी है बल्ले बल्ले

झल्ला

चतुर हो चुके सेठ जी ये सिविल एविएशन के अपग्रेडेशन के पार्श्व में कहीं गडकरी का परिवहन समझौता तो नहीं छुपा हुआ?आपजी के नितिन गडकरी का यह समझौता वाकई बधाई का पात्र है लेकिन झल्लेविचारानुसार आप जी के मंत्री फ्लाइट में मैचबॉक्स [लाइटर] लेकर चलते हैं इसके बायजूद इसी फॉक्स ने भारतीय सिविल एविएशन का ग्रैड बढ़ाये जाने की भी सूचना दी है| इसीलिए इस अपग्रेडेशन के पार्श्व में कहीं गडकरी समझौता तो नहीं छुपा हुआ ?

भारतीय मूल के रवि चौधरी को फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन के २१०० संघीय कर्मचारियों की कमान

वाशिंगटन [डीसी] भारतीय मूल के रवि चौधरी फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर के रूप में २१०० संघीय कर्मचारियों की कमान
श्री रवि भारतीय मूल के अमेरिकी नागरिक हैं |इन्हें फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन[एफएए] के एक अहम पद पर नियुक्त किया गया है।
वायु सेना केपूर्व अधिकारी श्री रवि को नौ विभिन्न क्षेत्रों में उड्डयन संचालन की देखरेख और क्रियान्वयन का प्रभार सौंपा गया है।
जार्ज टाउन यूनिवर्सिटी से शिक्षित श्री रवि पर एफएए में क्षेत्रीय एवं केंद्रीय संचालन के कार्यकारी निदेशक के रूप में कार्य करते हुए 28.8 करोड़ डॉलर के बजट को क्रियान्वित करने और देशभर के नौ क्षेत्रों में 2100 से ज्यादा संघीय कर्मचारियों का नेतृत्व करने कार्यभार होगा

एटीएफ[जेट फ्यूल]को”जिन्स”मान कर इसपर लगने वाले वैट को 4% घटाओ रोजगार लाओ:उद्योग जगत

एटीएफ[जेट फ्यूल]को”जिन्स”मान कर इसपर लगने वाले वैट को 4% घटाओ रोजगार लाओ:उद्योग जगत
नागर विमानन मंत्री ने उद्योग जगत के प्रतिनिधियों के साथ नागर विमानन के मुद्दे पर चर्चा की
केन्द्रीय नागर विमानन मंत्री पी. अशोक गजपति राजू ने बजट-पूर्व विचार-विमर्श में नागर विमानन उद्योग के प्रतिनिधियों के साथ नागर विमानन से संबंधित मुद्दे पर चर्चा की। अपने मुख्य भाषण में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अर्थव्यवस्था पर हवाई यात्रा का बहुविध प्रभाव पड़ता है और इसलिए नागर विमानन क्षेत्र को अपनी पूरी संभावना का लाभ उठाने की दिशा में अनुमति देने का निर्णय किया जाना चाहिए।
उन्होंने आश्वासन दिया कि सरकार का अनेक हिस्से एक साथ मिलकर नागर विमानन उद्योग की समस्याओं का समाधान ढूढेंगे।
विचार-विमर्श के दौरान अन्य विषयों के साथ-साथ सुरक्षा उपकरणों का स्तर बढ़ाने, एमआरओ उपकरण के लिए ‘ग्रीन’ चैनल स्थापित करने और हवाई खोज सुविधाओं के लिए समुचित धनराशि आवंटित करने के बारे में भी चर्चा की गयी।
इस दौरान उद्योगजगत के प्रतिनिधियों ने एमआरओ क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए कई सुझाव दिए,
जिनमें सेवा कर हटाने, एमआरओ गतिविधियों पर वैट में कमी लाने, दस-वर्षीय कर मुक्ति, एमआरओ घटकों पर केन्द्रीय उत्पाद शुल्क हटाने के सुझाव शामिल हैं। यह बताया गया है
यदि ये उपाय किए जाते हैं तो एक अरब डॉलर से भी अधिक धनराशि के बल पर देश में एमआरओ गतिविधियों में लगभग एक लाख रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे।
हितधारकों ने यह भी अनुरोध किया कि
एटीएफ को ‘घोषित जिन्स’ माना जाए ताकि एटीएफ पर वैट को 4 प्रतिशत तक घटाया जा सके।
इससे एयरलाइन और अधिक व्यवहार्य हो जाएंगे, क्योंकि एटीएफ का लागत में 45 %से अधिक योगदान है। इस बैठक में फिक्की, एएमसीएचएएम, अमरीका-भारत विमानन सहयोग कार्यक्रम, एफएए और अन्य संगठनों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। नागर विमानन मंत्रालय में सचिव श्री वी. सोमासुन्दरन ने भी बैठक में भाग लेने वाले लोगों को संबोधित किया।

ऍफ़ ऐ ऐ द्वारा, भारतीय नागर विमानन छेत्र को डाउन ग्रेड किये जाने से स्टार अलायन्स पर प्रभाव नहीं

भारतीय नागर विमानन छेत्र को फेडरल एविएशन एडमिनिस्‍ट्रेशन[FAA] द्वारा, सुरक्षा को लेकर, डाउन ग्रेड किये जाने से कोई प्रभाव नहीं पड़ेगायह दावा नागर विमानन राज्‍य मंत्री श्री के. सी. वेणुगोपाल ने लोकसभा में किया |
नागर विमानन राज्‍य मंत्री श्री के. सी. वेणुगोपाल ने लोकसभा में जानकारी दी कि एयर इंडिया के स्‍टार एलायंस में जुड़ने से फेडरल एविएशन एडमिनिस्‍ट्रेशन (एफएए) द्वारा भारतीय विमानन क्षेत्र की डाउन ग्रेडिंग से कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।
स्‍टार एलायंस ने इसकी पुष्टि भी की है कि एफएए सुरक्षा आकलन, संबंधित सरकारों तथा विमानन प्राधिकरण से संबंध रखता है तथा इसका स्‍टार एलायंस में एयर इंडिया के जुड़ने से प्रत्‍यक्ष प्रभाव नहीं पड़ेगा।
पिछले वर्ष दिसंबर, 2013 में स्‍टार एलायंस द्वारा की गई घोषणा के बाद इसके मुख्‍य कार्यकारी बोर्ड (सीईबी) ने सर्वसम्मति से पुन: एकीकरण को स्‍वीकार किया है। एकीकरण के तहत स्‍टार एलायंस की विभिन्‍न अपेक्षाओं+ प्रक्रियाओं + मानकों को अपनाना पड़ता है।
एयर मंत्री ने बताया कि करगिल के लिए अभी तक नियमित उड़ान शुरू नहीं हुई है ,जम्मू-कश्मीर में करगिल को हवाई सेवा से जोड़ने की संभावनाओं का पता लगाया जा रहा है। हालांकि यह हवाई सेवा प्रदाता एयरलाइनों पर निर्भर करता है कि वे विशेष स्थानों पर सेवा उपलब्ध कराते हैं या नहीं। यह मार्ग पर ट्रैफिक की मांग और वाणिज्यिक तौर पर मुनाफे पर भी निर्भर करता है।
करगिल तक पहली उड़ान 7 जनवरी, 2014 को उद्घाटन के मौके परभरने वाले ,एयर मंत्री ने बताया था कि क्षेत्रीय एयरलाइन परियोजना में सुधार दोबारा मूल्यांकन किया जा रहा है। ऑपरेटर ने आंतरिक मूल्यांकन, उड़ान संबंधी नीतियां बनाने और विलय एवं अधिग्रहण जैसे काम के लिए और समय मांगा था। आज की तारीख तक करगिल से या करगिल तक कोई घरेलू उड़ान की सुविधा नहीं है।
देशभर में हवाई परिवहन सेवाओं के बेहतर नियमन के लिए सरकार ने रूट डिसपर्सल गाइडलाइन्स (आरडीजी) का प्रस्ताव रखा है। आरडीजी के अनुसार, कैटेगरी-1 (मेट्रो) मार्ग पर अधिसूचित सभी एयरलाइन्स के लिए कैटेगरी-1 और कैटेगरी-2 मार्ग पर तैनात एयरलाइंस की पूरी क्षमता का 10 फीसदी होना जरूरी है। कैटेगरी-2 के मार्ग से पूर्वोत्तर राज्यों, जम्मू-कश्मीर (करगिल सहित), अंडमान एवं निकोबार और लक्षद्वीप के हवाई अड्डे जुडे हैं

ऍफ़ ऐ ऐ ने सुरक्षा दावों को आइना दिखाते हुए भारतीय सिविल एविएशन को डाउन ग्रेड किया

अमेरिकन एविएशन फेडरेशन[FAA] ने भारतीय एविएशन मिनिस्ट्री के तमाम विकास के दावों को झुटलाते हुए भारत को एविएशन के छेत्र में डाउन ग्रेड करते हुए सेकंड केटेगरी में डाल दिया है जबकि भारत के एविएशन मिनिस्टर चौ.अजित सिंह का दावा है कि उनका वि‍मानन सुरक्षा रि‍कार्ड वि‍श्‍व के औसत से बेहतर है| ऍफ़ ऐ ऐ कि इस रिपोर्ट के पश्चात अब भारतीय हवाई जहाज़ों के लिए अमेरिका की उड़ान कठिन हो जायेगी| इससे ओवरसीज फ्लाइट्स के लिए प्रसिद्द जेट एयरवेज और एयर इंडिया को विशेष रूप से परेशानी हो सकती है|इस विषय में एयर इंडिया की वेबसाइट पर कोई स्प्ष्टीकरण नहीं दिया गया है|
भारतीय सिविल एविएशन मिनिस्ट्री का दावा है कि वैश्विक गुणवत्ता के लिए केवल संगठन[ Organisation] के छेत्र में ही पर्याप्त सफलता नहीं मिल पाई है जबकि शेष अन्य ७ महत्पूर्ण छेत्रों में आशातीत सफलता मिली है |इसके समर्थन में आंकड़ें निम्न हैं
अंतर्राष्‍ट्रीय नागर वि‍मानन संगठन (आईसीएओ) का यूनीवर्सल सेफ्टी ओवरसाइट ऑडि‍ट प्रोग्राम (यूएसओएपी) के बारे में भारत का आकलन वि‍श्‍व के औसत से बहुत अच्‍छा है। यूएसओएपी के अधीन आईसीएओ ने आठ महत्‍वपूर्ण तत्‍वों यथा वि‍धान, संगठन, लाइसेंसिंग, संचालन, उड़ान क्षमता, दुर्घटना जांच, वि‍मान नौवहन और हवाई अड्डों की पहचान की है। 31 दि‍संबर 2012 को यूएसओएपी की लेखा-परीक्षा परि‍णामों पर आधारि‍त आईसीएओ 2013 सुरक्षा रि‍पोर्ट के अनुसार भारत की उन देशों में गि‍नती है, जि‍नका कारगर कार्यान्‍वयन वि‍श्‍व के औसत 61 प्रति‍शत से ऊपर है। भारत का कारगर कार्यान्‍वयन 79.1 प्रति‍शत है।
31 दि‍संबर 2012 को भारत की स्‍थि‍ति‍ का वैश्‍वि‍क सुरक्षा के साथ संक्षि‍प्‍त तुलनात्‍मक ब्‍यौरा नि‍म्‍नलि‍खि‍त है:-
महत्‍वपूर्ण तत्‍व
=================================कारगर कार्यान्‍वयन
वैश्‍वि‍क औसत (31 दि‍संबर 2012 को)=====वैश्‍वि‍क औसत (वर्तमान स्‍थि‍ति‍ )==========भारत की स्‍थि‍ति (31 दि‍संबर 2012 को )
[1]वि‍धान========70.0========================66.9===========================85.7
[2]संगठन========63.0========================63.5=============================57.1
[3]लाइसेंसिंग=====71.0=========================71.5==============================89.6
[4]संचालन=======66.0=========================66.0==============================87.7
[5]उड़ान क्षमता====72.0=========================72.9==============================91.1
[6]दुर्घटना जांच====51.0=========================53.6==============================75.3
[7]वि‍मान नौवहन===53.0=========================54.7==============================55.8
[8]हवाई अड्डा========58.0=======================57.7=============================87.4
महत्‍वपूर्ण तत्‍वों के कारगर कार्यान्‍वयन में केवल एक क्षेत्र है, जि‍समें भारत मामूली कमजोर है, वह है ‘संगठन’। इसके लि‍ए भारत ने उड़ान संचालन के मुख्‍य नि‍रीक्षक (सीएफओआई), उप-सीएफओआई, वरि‍ष्‍ठ सीएफओआई और एफओआई के 75 पद बनाए हैं। आशा है कि‍ इन पदों की भर्ती के बाद इस तत्‍व का कारगर कार्यान्‍वयन भी वि‍श्‍व के औसत से बेहतर हो जाएगा। वास्‍तव में, ‘वि‍धान’ तत्‍व के क्षेत्र में अमेरि‍का का स्‍थान (80.95) भारत के (85.71) से नीचे है| गौरतलब है कि संसद में सरकार स्वीकार कर चुकी है कि डी जी सी ऐ के अंतर्गत हवाई यात्राओं की सुरक्षा के लिए ५७%स्टाफ की कमी है और इसी सप्ताह केवल ७५ पदों कि रिक्तियों को भरने की घोषणा की गई है इसके अलावा सुरक्षा के मानकों के दावों को झुटलाते हुए इंडिगो जैसी अग्रणी निरंतर लाभ कमाने वाली निजी एयर लाइन्स भी खतरनाक उड़ान भर रही हैं | मालूम हो कि डीजीसीए, कोहरे के समय सभी एअरलाइनों के साथ लगातार संपर्क में रह कर सीएटी III अनुवर्ती विमानों और सीएटी III प्रशिक्षित पायलटों की तैनाती सुनिश्‍चित करता है लेकिन उड़ानों समय रहते उन पर रोक थाम नहीं लगा पा रहा शायद इसी अकर्मण्यता के कारण ही इंदिरा गांधी अंतर्राष्‍ट्रीय हवाई अड्डे, दिल्‍ली पर 29 जनवरी को दृश्‍यात्‍मकता शाम 1730 बजे के बाद कम होने लगी थी जबकि रनवे की दृश्‍यात्‍मकता दूरी रात 2030 बजे के बाद कम होनी शुरू हो गई थी। इस प्रवृत्‍ति को सभी एअरलाइनों के ध्‍यान में लाया गया। । लेकिन इस संबंध में बार-बार प्रयासों के बावजूद जेट एअरवेज+, गो एअर + इंडिगो की दो-दो फ्लाइटों का मार्ग बदलकर दिल्‍ली से जयपुर भेजा गया।यह यात्रियों के जीवन के साथ खिलवाड़ ही कहा जाएगा|उड़ान कम्प्लीट होने पर डी जी सी ऐ ने इन कंपनियों के टाइम्स स्लॉट केंसिल करके औपचारिकता पूरी कर दी है