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छत्तीस गढ़ में नसबंदी कराने वाली ८३ महिलाओं को प्राणों का संकट:११महिलाओं की मृत्यु

प्रधानमंत्री ने विदेशी दौरे के दौरान बिलासपुर की दुर्भाग्‍यपूर्ण त्रासदी पर संवेदना प्रगट करते हुए छत्‍तीसगढ़ के मुख्‍यमंत्री से स्थिति की जानकरी प्राप्त की | गौरतलब है के नसबंदी परिवार कल्याण विभाग का एक राष्ट्रीय कार्यक्रम है और इसमें बरती गई कोताही के कारण नसबंदी करने वाली ८३ महिलाओं के जान पर बन आई है|११ महिलाओं की मृत्यु हो चुकी है |
भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने बिलासपुर की दुर्भाग्‍यपूर्ण त्रासदी पर छत्‍तीसगढ़ के मुख्‍यमंत्री डॉ. रमन सिंह से बातचीत की।
प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने एक ट्वीट में कहा है, ‘प्रधानमंत्री ने बिलासपुर में हुई दु:खद घटना पर छत्‍तीसगढ़ के मुख्‍यमंत्री डॉ. रमन सिंह से बातचीत की। प्रधानमंत्री ने इस त्रासदी पर चिंता जताई। प्रधानमंत्री ने डॉ. रमन सिंह से पूरे मामले की व्‍यापक जांच और कार्रवाई सुनिश्चित करने को कहा है।
गौरतलब है के भाजपा शासित राज्य छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में एक साथ ८३ नसबन्दियों के बाद तबीयत बिगड़ने पर इलाज के दौरान महिलाओं की मौतों का सिलसिला जारी है।समाचार लिखे जाने तक मृतकों की संख्या 11 हो गई है |
प्रदेश सरकार ने आनन फानन में चार चिकित्सकों को निलंबित कर दिया जबकि स्वास्थ्य सेवा निदेशक का मात्र स्थानांतरण ही किया गया है|
डॉ डेथ का नाम पा चुके डाक्टर गुप्ता के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने के भी निर्देश दिए गए हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार सकरी (पेंडारी) गांव में शनिवार को एक निजी अस्पताल में शासकीय परिवार कल्याण स्वास्थ्य शिविर में 83 महिलाओं का आपरेशन किया गया था। बाद में महिलाओं ने उल्टी और सिरदर्द की शिकायत की तब उन्हें अस्पताल पहुंचाया गया। अभी तक इस घटना में 11 महिलाओं की मौत हो गई है।जबकि इसके चार गुना महिलाओं की स्थिति नाजुक है
हमेशा की तरह सरकारी खजाना खोलते हुए स्वास्थ्य विभाग ने प्रत्येक मृत महिला के परिवार के लिए चार-चार लाख रुपए की सहायता देने का निर्णय लिया है जबकि अस्वस्थ महिलाओं को नि:शुल्क इलाज के साथ-साथ प्रति मरीज 50-50 हजार रुपए की सहायता दी जानी है |