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आंदोलनरत किसानों के फ्री टोलप्लाजा किसके काम के ?

#आंदोलनरतकिसान
ओए झल्लेया! हमने केंद्र की सरकार के गोड्डे लगवा ही वापिस पिंड जाणा है
आंदोलन को तेज करने के लिए हमने टोलप्लाजा फ्री करवा दिए अब हसाडे यूनियन नेता 14 दिसंबर को भूख हड़ताल पर बैठेंगे ।
यदि सरकार वार्ता करना चाहती है, तो हम तैयार हैं; लेकिन हम पहले तीन नए कृषि कानूनों को निरस्त करने पर चर्चा करेंगे
#झल्ला
भापा जी! टोल प्लाजा फ्री करवाने का फायदा क्या?
दिल्ली में टोलटैक्स देने वाले वाहनों को आने जाने नही दे रहे ऐसे में फ्री टोलप्लाजा किसके काम का??
प्रतीकात्मक अनशन ठीक है लेकिन ट्रैफिक जाम से जहां मरीजों को दिक्कत हो रही हैं वहीं पर्यावरण का भी सत्यानाश हो रहा है।सरकार कह रही है कि आपलोगों की सारी शंकाएं दूर करने के लिए संशोधन लाई जा सकते हैं लेकिन आप तीनों कानून वापिसी पर ही अड़े हैं

वयोवृद्ध बादलने अवार्ड लौटाने की घोषणा करके किसान आंदोलन की टेबल को एसएडी की तरफ मौडा

(चंडीगढ़,पंजाब)वयोवृद्ध बादलने अवार्ड लौटाने की घोषणा करके किसान आंदोलन की टेबल को एसएडी की तरफ मौडा
प्रकाश सिंह बादल ने कृषि कानूनों के विरोध में पद्म पुरस्कार वापस किया
प्रकाश सिंह बादल ने अवार्ड लौटाने की घोषणा करके किसान आंदोलन की टेबल को एसएडी की तरफ मौडा
पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने केन्द्र सरकार के कृषि कानूनों के विरोध में बृहस्पतिवार को पद्म विभूषण पुरस्कार वापस कर दिया। इसके साथ ही दूसरे व्योवर्द्ध सुखदेव सिंह ढींढसा और कांग्रेस के जलन्धर छावनी से विधायक परगट ने भी अपने अवार्ड लौटाने की बात कही है
शिरोमणि अकाली दल के नेता बादल ने कहा,‘‘ मैं जो हूं , वो जनता के कारण हूं ,खासतौर पर आम किसान के कारण। आज जब उसने अपने सम्मान से ज्यादा खोया है तो ऐसे में मुझे पद्म विभूषण पुरस्कार रखने का कोई औचित्य नहीं समझ आता।’’
पार्टी ने एक बयान में कहा,‘‘ प्रकाश बादल ने भारत सरकार द्वारा किसानों के साथ की गई धोखाधड़ी, बेरूखी और कृषि कानूनों के विरोध में किसानों के चल रहे शांतिपूर्ण और लोकतांत्रिक आंदोलन पर सरकार के रुख के विरोध में पद्म विभूषण लौटा दिया है।’’