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Indian National Congress Questions On Dream Projects Of PM “Make In India”

[New Delhi] Indian National Congress Questions On Dream Projects Of PM “Make In India”
Congress Has Alleged That FDI Is Not Coming Through Yet
Congress Said
.The latest research report of leading brokerage firm Emkay Global has said that half of the private equity/venture capital funds in 2014 went into companies like Flipkart, Snapdeal and funds of Kotak, Shriram Capital, Sutherland Global Services etc and not into the manufacturing sector. Shri Modi’s foreign visits have not produced much, so far.
2014-15 was not the year with the highest FDI inflows.
India had received total investments of Rs 46,556 crore in 2011-12 while the inflows in 2014-15 were Rs 44,291 crore. In Dollar terms, India has got more than 31 billion Dollars as FDI inflow in 2011-12 and 2007-08.
Congress Questioned
So what about the hype about Shri Modi’s foreign visits?
Comparing FDI inflows With Their Own UPA Govt Congress Given These Datas
From all countries in the last 15 years stands at Rs 12,93,303 crore (or roughly USD 258 billion). Shri Modi says Japan has pledged US$ 34 billion, USA US$ 41 billion, the Chinese promised US $ 20 billion and the French around US$ 2 billion in investments. You add the nearly US$ 70 billion promised by UAE and you get close to US$ 170 billion, which is quite close to the 258 billion India has got as FDI in the last 15 years.
The only problem is that this money is not coming through as yet.

सारे किन्तु +परंतुओँ पर विराम लगाते हुए जेटएयरवेज का एतिहाद के साथ दो हजार करोड़ का सौदा पूरा हो ही गया

सारे किन्तु +परंतुओँ पर विराम लगाते हुए आज जेट एयरवेज का एतिहाद एयरलाइंस के साथ सौदा पूरा हो ही गया है। विदेशी निवेश के मामले में यह अभी तक का सबसे बड़ा प्रोजेक्ट है|इस सौदे से दो हजार करोड़ +की विदेशी मुद्रा अायेगी| देश की इस अग्रणी एयर लाइन्स के शेयर्स में भी बढ़ोत्तरी दर्ज़ हो रही है शेयर भाव पर गुरुवार को बाजार खुलने के बाद असर दिखायी दे सकता है |एयर लाइन्स की वेबसाइट के अनुसार अब यह ट्रांसेक्शन पूरी हो गई है
जेट एयरवेज ने संयुक्त अरब अमीरात की एयलाइंस कंपनी एतिहाद को अपनी 24% हिस्सेदारी बेच दी है। कंपनी ने 10 रुपये मूल कीमत के 27,263,372 शेयर एतिहाद को बेचे हैं। इस तरह यह सौदा 2069 करोड़ रुपये में पूरा हुआ है।
अब जेट एयरवेज के चेयरमैन नरेश गोयल की कंपनी में 51% हिस्सेदारी होगी। वहीं, 25% हिस्सेदारी संस्थागत निवेशको की होगी।
शेयरधारको+ सीसीईए और सेबी समेत तमाम आवश्यक मंजूरियाँ मिल चुकी हैं।
इस खबर के आने से पूर्व शेयर बाजार में जेट एयरवेज के शेयर भाव में मजबूती का रुख रहा। बीएसई में यह 1.62% की बढ़त के साथ 325.75 रुपये पर बंद हुआ। जबकि एन एस ई में इसने १.४०% की बढत ली|
इससे पूर्व जेट एयरवेज ने इंडोनेशिया की गरुडा के साथ कोड शेयर [ code share ] का करार भी किया है |

जेट एयरवेज और एतिहाद के सौदे पर सुप्रीम कोर्ट ने स्टे लगाया :एयर लाइन के शेयर लुडके

निजी एयर लाइन्स जेट एयरवेज़ में मिडिल ईस्ट की एयर लाइन्स एतिहाद के २ हजार करोड़ के निवेश को चुनौती देने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकर से जवाब माँगा है इससे कंपनी के शेयर भी लुडक गए हैं भाजपा में शामिल हुए सुब्रामनियम स्वामी ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर करकेजेट एतिहाद के सौदे को भारत के हितों के विरुद्ध बता कर तत्काल उसे निरस्त कराये जाने की मांग की है जिसे संज्ञान में लेते हुए इस सौदे पर स्टे लगा कर चार हफ़्तों में केंद्र से जवाब माँगा गया है |.
गौरतलब है कि इकनोमिक अफेयर्स की कैबिनेट समिति [The Cabinet Committee on Economic Affairs (CCEA) ] ने ३ अक्टूबर २०१३ को जेट एयरवेज के २४% शेयरों की एतिहाद को बिक्री के लिए सहमती प्रदान कर दी थी| इसके विरुद्ध स्वामी ने सुप्रीम कोर्ट में पी आई एल दायर कर दी |इस स्टे से जेट एयरवेज के शेयर गिरे
बीते दिन बी एस ई के शेयर ३७१.४० पर बंद हुए थे और आज ३७२.६० पर खुले लेकिन सुप्रीम कोर्ट के आदेश के पश्चात ४% कि गिरावट के साथ ३५६.६० पर दिखाई दिए| एन एस ई में भी ३.८% कि गिरावट दर्ज़ की गई|
उल्लेखनीय है कि बंबई शेयर बाजार के सेंसेक्स ने 20,000 का मनोवैज्ञानिक स्तर हासिल किया है

38.09 करोड़ रुपये के विदेशी प्रत्‍यक्ष निवेश के तीन और प्रस्‍तावों को स्‍वीकृति मिली: सिक्‍योरिटीज़ सर्विसिस लिमिटेड ने प्रस्ताव वापिस लिया

केंद्र सरकार ने विदेशी प्रत्‍यक्ष निवेश के तीन और प्रस्‍तावों को स्‍वीकृति दी
केन्‍द्र सरकार ने विदेशी प्रत्‍यक्ष निवेश[ FDI ]के लगभग 38.09 करोड़ रुपये के 3 और प्रस्‍तावों को मंजूरी दी है।
इससे पूर्व 6 अगस्‍त, 2013 को जारी विज्ञप्ति में बताया गया था कि सरकार ने विदेशी प्रत्‍यक्ष निवेश के लगभग 343.99 करोड़ रुपये के 12 प्रस्‍तावों को मंजूरी दी है और यह भी बताया गया था कि विदेशी प्रत्‍यक्ष निवेश के 6 प्रस्‍तावों पर फैसला बाद में लिया जाएगा। सरकार ने अब इन 6 प्रस्‍तावों पर विचार करने के बाद इनमें से 3 प्रस्‍तावों को स्‍वीकृति प्रदान कर दी है,
(२) प्रस्‍तावों को फिलहाल स्‍थगित रखा गया है और
(१) प्रस्‍ताव आवेदक द्वारा वापस ले लिया गया है।
जिन 3 प्रस्‍तावों को स्‍वीकृत किया गया है, उनका विवरण इस प्रकार है:-
(अ ) मैसर्स मीगाट्रॉनिक इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, चेन्‍नई- इस कम्‍पनी का प्रस्‍ताव पूरी तरह से विदेशी स्वामित्व वाली सहायक कम्‍पनी वेल्‍डिंग उपकरण कम्‍पनी की स्‍थापना के संबंध में कार्योंपरांत स्‍वीकृति के संबंध में है। इसके लिए 2 करोड़ रुपये का विदेशी प्रत्‍यक्ष निवेश पहले भी आ चुका है।
(आ ) मैसर्स फ्रैंक्‍लिन टेम्‍पलटन ऐ‍सेट मैनेजमेंट (‍इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड, मुबंई- इस कम्‍पनी का प्रस्‍ताव पूरी तरह से विदेशी स्वामित्व वाली सहायक कम्‍पनी संपदा प्रबंधन कम्‍पनी के संबंध है, जो विभिन्‍न वैकल्पिक निवेश फंडों (एआईएफ) के लिए निवेश प्रबंधक के रूप में कार्य करेगी और सेबी (एआईएफ) के उपनियमों के अंतर्गत निर्धारित अनिवार्य राशि देगी।
(इ ) मैसर्स इक्विटास होल्‍डिंग्‍स प्राइवेट लिमिटेड- इस कम्‍पनी का प्रस्‍ताव एक निवेश कम्‍पनी में विदेशी प्रत्‍यक्ष निवेश के प्रतिशत में वृद्धि से संबंधित है, जो आवासी से गैर-आवासी शेयर होल्‍डरों को शेयरों के हस्‍तांतरण के कारण हुआ है। इसके लिए 36.09 करोड़ रुपये का विदेशी प्रत्‍यक्ष निवेश हो चुका है।
मैसर्स कैसलटन इन्‍वेस्‍टमेंट लिमिटेड, मॉरीशस और मैसर्स ग्‍लैक्‍सो स्‍मिथ क्‍लाइन प्राइवेट लिमिटेड, सिंगापुर का प्रस्‍ताव और मैसर्स यूरेकेट इंडिया कैटलिस्‍ट सर्विसिस प्राइवेट लिमिटेड, गुजरात का प्रस्‍ताव फिलहाल स्‍थगित कर दिया गया है।
मैसर्स आईएल एंड एफएस सिक्‍योरिटीज़ सर्विसिस लिमिटेड ने दो भारतीय कम्‍पनियों से संबंधित प्रस्‍ताव वापस ले लिया है।

सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने प्रत्‍यक्ष विदेशी निवेश सीमा संशोधन प्रस्‍ताव पर भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण और भारतीय प्रेस परिषद के विचार मांगे

सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने प्रत्‍यक्ष विदेशी निवेश सीमा संशोधन प्रस्‍ताव पर भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण और भारतीय प्रेस परिषद के विचार मांगे
प्रिंट और प्रसारण क्षेत्र में प्रत्‍यक्ष विदेशी निवेश की अधिकतम सीमा संबंधी वित्‍त मंत्रालय के परामर्श पत्र पर सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने प्रसारण क्षेत्र के मुद्दों पर भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) की सिफारिशें और प्रिंट मीडिया संबंधी मामलों पर भारतीय प्रेस परिषद (पीसीआई) की टिप्‍पणियां मांगी हैं। चूंकि ट्राई और पीसीआई के साथ परामर्श प्रक्रिया में समय लगेगा, इसलिए मंत्रालय ने औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग को सूचित किया है कि प्रिंट और प्रसारण क्षेत्रों में प्रत्‍यक्ष विदेशी निवेश की मौजूदा सीमा जारी रहेगी तथा यथास्थिति बनी रहेगी।
इसके पूर्व प्रत्‍यक्ष विदेशी निवेश सीमा पर परामर्श पत्र के मसौदे की प्राप्ति के बाद मंत्रालय ने संबंधित मुद्दों पर प्रिंट और प्रसारण क्षेत्रों के हितधारकों के विचार लिए थे। बातचीत के दौरान विभिन्‍न विचार सामने आए थे, जिनके कारण बात तय नहीं हो पाई थी। उल्‍लेखनीय है कि इंडियन न्‍यूजपेपर सोसायटी (आईएनएस) ने अपने विचार देने के लिए और समय मांगा था। इसके अलावा न्‍यूज ब्रॉडकास्‍टर्स एसोसिएशन (एनबीए) ने भी अभी तक अपनी टिप्‍पणियां नहीं दी हैं। इस स्थिति को देखते हुए मंत्रालय ने यह मामला ट्राई और पीसीआई को सौंप दिया है।