झल्ले दी झल्लियां गल्लां
हैरान परेशान इंडियन
ओये झल्लेया ये हसाडे सोणे मुल्क में क्या भसूड़ी पे गई है|ओये भाजपाई नरेंदर मोदी कांग्रेस की ऐसी तैसी करने के लिए आये दिन खजाने तलाशने का तंज दे रहे हैं तो दूसरी तरफ ऐ एस आई वगैरह वगैरह
अब तक की खोदाई में एक दमड़ी भी नहीं निकाल पाये हैं और अब वहाँ से सही सलामत निकलने की जुगत लड़ा रहेहैं |सरकारी अमले को भाभड़ भूसे में डाले रखने के लिए संत शोभन सरकार ने निशुल्क + बिना मांगे सरकार के हट जाने के ४८ घंटों में ही खजाना निकाल कर दे देने का आशीर्वाद उछाल दिया है|यार संतों के इस आशीर्वाद और सियासी अकर्मण्यता के अभिशाप के चक्कर में उन्नाव के डोंड़िआ खेड़ा में खोदाई के नाम पर हमारे टैक्स के लाखों रुपये गर्क हो चुके हैं पता नहीं कहाँ जा कर रुकेगा यह सिलसिला ?
झल्ला
अरे आदरणीय +माननीय+श्रीमान जीआपके संत शोभन सरकार यह भूल गए कि राजा राव रामबख्श सिंह के किले में खजाने को खोजने के लिए सरकार को आदेश उन्होंने ही दिया था अब जब सरकारें आ जाती हैं तो उन्हें लौटाने के लिए “सरकार” बेचारी साबित हो जाते हैं| अच्छे से अच्छी सरकारें भी अध्यात्म शास्त्र को पीछे छोड़ कर विज्ञानशास्त्र के नाम पर राजनीती शास्त्र का पाठ शुरू कर देती हैं इसीलिए कम से कम हिंदी भाषी चार राज्यों में चुनावों तक तो राजनीती शास्त्र ही चलेगा |जिसके अनुसार चुनावों तक खजाने के लिए खोदाई बंद करके विपक्ष को सत्ता की खोदाई का अवसर प्रदान नहीं किया जा सकता |
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