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आशा के अनुरूप केंद्र ने डीडीसीए जांच के लिए दिल्ली के गोपाल सुब्रमनियम आयोग अवैध बताया

[नयी दिल्ली]आशा के अनुरूप केंद्र ने डीडीसीए जांच के लिए दिल्ली के गोपाल सुब्रमनियम आयोग अवैध बताया
केंद्र सरकार ने डीडीसीए मामलों की जांच के लिए दिल्ली की “आप “सरकार द्वारा गठित एक सदस्यीय जांच आयोग को ‘‘असंवैधानिक और अवैध’’ घोषित कर दिया है।
इस अपेक्षित निर्णय से अवगत कराते हुए दिल्ली के उपराज्यपाल के कार्यालय की तरफ से जारी किये गये एक पत्र में कहा गया है ‘‘भारत सरकार के गृह मंत्रालय ने कहा है कि दिल्ली सरकार के सतर्कता निदेशालय की तरफ से जारी अधिसूचना असंवैधानिक और गैर-कानूनी है इसलिए कानूनी रूप से इसका कोई प्रभाव नहीं होगा।’’
दिल्ली सचिवालय पर एक माह पहले छापेमारी के बाद अरविंद केजरीवाल की अगुवाई वाली आप सरकार और केंद्र सरकार के बीच टकराव चरम पर पहुंच गया था और इसी दरम्यान दिल्ली और जिला क्रिकेट संघ [डीडीसीए]मामलों की जांच के दिल्ली सरकार के निर्णय को नामंजूर किया गया है।अब दोनों सरकारों के बीच जारी आरोप प्रत्यारोप के और बढ़ने की आशंका हो गयी है।
छापेमारी के बाद दोनों सरकारों के बीच तकरार शुरू हो गयी थी। केजरीवाल ने आरोप लगाया था कि छापेमारी का उद्देश्य ऐसे दस्तावेजों को जब्त करना था जिसमें डीडीसीए में कथित भ्रष्टाचार का ब्यौरा दर्ज था। उन्होंने कहा कि ये दस्तावेज कथित तौर पर उस दौरान के थे जब वित्त मंत्री अरूण जेटली डीडीसीए के प्रमुख थे।
केजरीवाल ने इसके बाद पूर्व सॉलिसिटर जनरल गोपाल सुब्रमण्यम की अध्यक्षता में एक जांच आयोग गठित करने का निर्णय लिया, तब सुब्रमण्यम ने कहा था कि दिल्ली सरकार को इस तरह के जांच आयोग के गठन का अधिकार है

डीडीसीए विवाद में केजरीवाल खुद ही उलझे:आयोग ने जांच का सीधा प्रसारण माँगा

[नयी दिल्ली]डीडीसीए विवाद में केजरीवाल खुद ही उलझे:आयोग ने जांच का सीधा प्रसारण माँगा
डीडीसीए विवाद को उछाल कर अरविन्द केजरीवाल खुद ही उलझते जा रहे हैं|
डीडीसीए में कथित अनियमितताओं की जांच के लिए दिल्ली सरकार द्वारा गठित जांच आयोग के अध्यक्ष पूर्व सॉलीसीटर जनरल गोपाल सुब्रह्मण्यम ने सुनवाई को पारदर्शी बनाने के लिए इसका सीधा प्रसारण करने की जोरदार वकालत की है|
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को भेजे गए पत्र में उन्होंने कहा, ‘‘मैं यह भी साफ करना चाहूंगा कि मैंने पहले ही सार्वजनिक जांच का वादा किया है। वह उपयुक्त स्थान पर होना चाहिए। मैं इसका टेलीविजन पर प्रसारण करने की पेशकश करना चाहता हूं ताकि दुनिया में कोई भी देख सके कि कैसे आयोग इस मामले से निपटने के लिए आगे बढ़ता है।’’
उन्होंने कहा, ‘मैंने हमेशा माना है कि दुनिया के कई हिस्सों में जहां अदालत की कार्यवाही का टेलीविजन पर प्रसारण किया गया है, खासतौर पर ब्रिटेन और कनाडा में न्यायपालिका ने बिल्कुल पारदर्शी रहकर कुछ हासिल ही किया है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैं नहीं देखता हूं कि क्यों किसी मामले में जिसमें क्रिकेट शामिल है और खासतौर पर जिसका दीर्घकालिक प्रभाव है उससे उसी तरीके से क्यों नहीं निपटा जाना चाहिए।भाजपा का आरोप है के कांग्रेस के इशारे पर कीर्ति आज़ाद और आप पार्टी ने अरुण जेटली को बदनाम करने के लिए यह मुद्दा उछाला है|भाजपा का यह भी दावा है के इस मामले में जेटली को यूं पी ऐ सरकार द्वारा पहले ही क्लीन चिट दी जा चुकी है

जनाब गोपाल सुब्रमण्यम ने UPAशासन में जो न्याय मित्र बन कर चुपड़ी खाईं थी उनका दर्द तो अब NDAमें होना था

झल्ले दी झल्लियां गल्लां

कांग्रेसी चीयर लीडर

ओये झल्लेया ये मोदी सरकार तो अब न्यायधीशों की न्युक्ति में भी पंगा करने लग गई है ,लेकिन सभी एक जैसे “जी हजूर” नहीं होते|प्रमुख वकील न्याय प्रिय गोपाल सुब्रमण्यम ने तो सीधे सीधे नौ पेजों की चिट्ठी में लिख दिया है कि सुप्रीम कोर्ट में न्यायधीश की न्युक्ति उन्हें स्वीकार्य ही नहीं है |इस पर नए कानून मंत्री रवि शंकर प्रसाद को जवाब देते तो बन नहीं रहा उलटे सुब्रमण्यम पर सी बी आई को और छोड़ दिया है|

झल्ला

ओ मेरे चतुर सुजाण जी पुरानी कहावत है कि जिसने चुपड़ी खाई उसी के पेट में दर्द होता है |यूं पी ऐ सरकार को खुश करने के लिए गुजरात में सोहराबुद्दीन एनकाउंटर मामले की तफ्तीश में जनाब सुब्रमण्यम साहब एमिकस क्यूरी[न्याय मित्र] की भूमिका में थे उस समय जनाब ने मोदी के खासुलखास अमित शाह के विरुद्ध सी बी आई जाँच करवाने के लिए पूरे कानून को ही उधेड़ डाला था| उस समय उन्हें ख़्याल भी नहीं आय होगा कि जिस यूं पी ऐ के आँगन में वोह राजनितिक कबड्डी खेल रहे हैं वोह आँगन बदल भी सकता है| अब चूँकि जिस आँगन के वोह एक्सपर्ट हैं वोह आँगन ही बदल गया तो नया आँगन कुछ समय तकउन्हें टेड़ा तो दिखेगा ही|