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अरुणजेटली जी!सरकार की दूसरी वर्षगांठ पर विज्ञापन रिश्वत पर निशुल्क सलाह

[नई दिल्ली]अरुण जेटली जी! सरकार की दूसरी वर्षगांठ पर विज्ञापन रिश्वत की रोकथाम के लिए निशुल्क सलाह|इसे कृपया दूसरी वर्षगाँठ की बधाई समझें|
विज्ञापनों के माध्यम से रिश्वत का काला बाजार गर्म है , चूंकि आप और आपकी पार्टी रिश्वतखोरी को समाप्त करने का बीड़ा उठाये हुए हैं सो इस पुनीत लक्ष्य की प्राप्ति के लिए आपको एक [निशुल्क] सलाह अर्पित हैं
आये दिन राज्य और केंद्र सरकारों के विभिन्न विभागों द्वारा क्लासिफाइड और पोस्टर लाइक विज्ञापन छपवाए जाते है ये आज नहीं वरन दशकों से छपवाए जा रहे हैं|
अब चूंकि मीडिया में इनकी बाढ़ आने लगी है और कहीं न कहीं काला बाजारीके साथ राजनीति भी होने लगी है सो इनका विरोध भी उत्पन्न हो गया है|
विज्ञापन रिश्वत के विरुद्ध आपने अभी हाल में स्वयं पीड़ा और रोष व्यक्त किया था |
इसीलिए यह सलाह समर्पित है
दिल्ली+यूपीऔर अब बिहार से भी एक ही विभाग से एक दिन में अनेकों विज्ञापन छपवाए जा रहे हैं| पूरे पेज केविज्ञापन लुटाए जा रहे हैं
आपको ज्ञात ही होगा के कुछ मीडिया घराने विज्ञापनों के बदले कुछ काली कमीशन भी अर्पित करते हैं |
ईश्वर झूट ना बुलवाए कुछ मीडिया वाले तो २०% से लेकर ४०% तक की कमीशन से डाटा की झोली भर डालते हैं|
अब आप ही सोचिये ५७० करोड़ रुपयों के विज्ञापन देने पर २०% के हिसाब से ११४ और ४०%की दर से २२८ करोड़ रुपये तो सीधे सीधे किसी न किसी की पॉकेट में गए और खुदा ना खास्ता केवल ५० करोड़रुपयों का बजट होतो आ गए १० /२० करोड़ रुपये |जाहिर है ये मीडिया और शासक में काले धन की बन्दर बाँट ही है |इसके बदले में मीडिया का भी फर्ज बनता है की वह विज्ञापन प्रदान करने वाले कृपालु को ऑब्लाइज करे|इस टेबिल के नीचे की ट्रांसेक्शन पर कोई डकार भी नहीं लेता|
इसीलिए आपको झल्ले की निशुल्क सलाह है के
आजकल विभागों में अपनी महंगी वेबसाइट हैं |जिन्हें ऑपरेट करने के लिए कर्मियों+अधिकारीयों की फौज भी है
ऐसे में उनके सभी विज्ञापन उनकी अपनी ही वेबसाइट पर क्यूँ ना अपलोड कराये जाएँऔर उनके लिंक एक मुख्य वेबसाइट पर दिए जाएँ |इससे खर्च काम होगा और लुभाव में सरकारी वेबसाईटें भी समयानुसार अपडेट होती रहेंगी|
फाइल फोटो अरुण जेटली