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अमेरिका में अप्रवासन कानून बना और उसमे भारतीय आई टी जगत को हानि हुई तो भारत सरकार डब्‍ल्‍युटीओ के समक्ष जा सकती है

अमेरिका में अगर नया अप्रवासन कानून बना और उसमे भारतीय आई टी जगत को हानि हुई तो भारत सरकार डब्‍ल्‍युटीओ विवाद निपटान निकाय के समक्ष जा सकती है|
संयुक्‍त राज्‍य अमरीका [ USA ]में ओबामा केयर[ OBAMACARE ] के अंतर्गत आप्रवास Immigrationसुधार विधेयक की प्रगृति से आई टी उद्योग की चिंता पर भारत सरकार सावधानी से नजर रख रही है इस विषय में [१]मई, 2013 [२] जून 2013 में रणनीतिक वार्ता और [३]जुलाई 2013 में आयोजित बैठकों के दौरान अमरीकी पक्ष को आईटी कंपनियों की चिंताओं से अवगत कराया जा चूका हैं चूंकि यह अभी कानून नही बना है इसीलिए इसके विरुद्ध कार्यवाही से बचा जा रहा है | सूत्रों के अनुसार अप्रवासन के सुधारों के नाम पर इस नए कानून के अस्तित्व में आने पर भारत सरकार डब्‍ल्‍युटीओ विवाद निपटान निकाय के समक्ष अपना विरोध दर्ज़ करा सकती है|
गौर तलब है के संयुक्‍त राज्‍य सीनेट ने 27 जून, 2013 को ‘सीमा सुरक्षा, आर्थिक अवसर और आप्रवास आधुनिकीकरण अधिनियम 2013’ नामक विधेयक सं. एस 744 पारित किया। यद्यपति, उम्‍मीद की जा रही है कि मौजूदा विधेयक से विदेशी विद्यार्थियों पर, जिनमें भारतीय विद्यार्थी भी शामिल हैं, कोई प्रतिकूल असर नहीं पड़ेगा तथापि भारतीय आईटी उद्योग इस से चिंतित है |इस विधेयक में किए गए कुछ प्रावधानों पर लगातार चिंता व्‍यक्‍त की जा रही है मुख्यत यह चिंता कुशल गैर-आप्रवासी वीजा से संबंधित शर्तों पर है, | अमरीकी संसद के दोनों सदनों में संसदीय प्रक्रियाएं पूरी करने के बाद यदि इसे लागू किया गया तो संभव है कि एच1-बी/एल-1 वीजा आश्रित फर्मों की जिम्‍मेवारियां और बढ़ जाएंगी,| भारतीय आई टी उद्योग को जिन समस्यायों से जूझना पड़ उनमे सकता है मुख्य निम्न हैं [१]अधिक वेतन;
[२]अमरीकी एजेंसियों द्वारा अधिकाधिक लेखा परीक्षा;
[३]अविस्‍थापन गारंटी/‍
[४]अतिरिक्‍त भर्ती संबंधी नोटिस की अपे‍क्षाएं;
[5]और बढ़ा हुआ वीजा-शुल्‍क शामिल हैं।
बताते चले के [१] मई, 2013 में होमलैंड सिक्‍यूरिटी वार्ता,
[२] जून 2013 में रणनीतिक वार्ता और
[३]जुलाई 2013 में सीईओ मंच की हाल ही में आयोजित बैठकों के दौरान गृह मंत्री+ वित्‍त मंत्री+ वाणिज्‍य एवं उद्योग मंत्री तथा +विदेश मंत्री द्वारा मंत्रालय स्‍तर पर अमरीकी पक्ष को आईटी कंपनियों की इन सभी चिंताओं से अवगत करा दिया गया है।
वाशिंगटन स्थित भारतीय दूतावास आईटी उद्योग के साथ मिलकर इस सीनेट विधेयक के संबंध में भारतीय आईटी कंपनियों की चिंताओं के बारे में अमरीकी कांग्रेस में और अधिक जागरुकता पैदा करने की बाबत कार्य कर रहा है।
सरकार इस सीनेट विधेयक की विश्‍व व्‍यापार संगठन (डब्‍ल्‍युटीओ) अनुकूलता की दृष्टि से जांच कर रही है। हालांकि, इस मामले को समुचित समय पर डब्‍ल्‍युटीओ विवाद निपटान निकाय के समक्ष तभी लाया जा सकता है जब यह ‘सीनेट विधेयक’ कानून बन जाए।
मालूम हो कि अमेरिका के प्रेजिडेंट बराक ओबामा अपनी अप्रवासन नीति को अपर्याप्त और टूटी[Broken]मानते हैं और उसमे सुधार लाने के लिए कामन सेन्स इमीग्रेशन बिल लाये हैं और सीनेट में उसे पास भी करा लिया अब कांग्रेस में पास करने के लिए लगातार राजनितिक दबाब बनाया जा रहा है | अब यदि यह कानून बन जाता है तो भारतीय आई टी कंपनियों के माध्यम से अमेरिका के विकास में योगदान दे रहे भारतीय कम्पनियाँ और टेक्नोक्रेट्स दोनों प्रभावित होंगे इनके लिए प्रतिस्पर्द्धा में जीतना कठिन किया जा सकता है|

अमेरिका के उज्जवल भविष्य के लिए अप्रवासन बिल पर कांग्रेस को तत्काल मंजूरी दे देनी चाहिए:बराक ओबामा

राष्ट्रपति बराक ओबामा ने आज फिर कांग्रेस से आग्रह किया है कि राष्ट्र हित में अप्रावासन [BrokenImmigration ] नीति को शीघ्र मंजूरी दे दी जाये
अपने साप्ताहिक संबोधन में बराक ओबामा ने कहा कि दो सप्ताह पूर्व द्विदलीय सीनेट ने बड़ी संख्या में अप्रवासन नीति[ commonsense imm igration reform, ] को मजूरी देकर इसे कांग्रेस को भेजा थाi इस नीति से देश की आर्थिक स्थिति +सामाजिक सुरक्षा में सुधर तो आयेगा ही इसके साथ ही अप्रवासन कानून को हमारे सिद्धांतों के अनुरूप आधुनिक जामा पहनाया जा सकेगा| इसीलिए ब्रोकन अप्रवासन नीति के सुधारों के लिए कांग्रेस को भी अब तत्काल अपनी मंजूरी दे देनी चाहिए| यह अमेरिका के उज्जवल भविष्य के लिए जरुरी भी है|
उन्होंने बताया कि अमेरिका में अवैध रूप से रहने वाले अप्रवासियों की संख्या ११ मिलियन पर पहुँच गई है|इन्हें राष्ट्र की मुख्य धारा में लाने से चौमुखी विकास होगा| राष्टपति ने बीते दिनों जारी एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि यदि सीनेट का यह प्लान कानून बन जाता है तो देश कि इकोनोमी में ५% की वृद्धि होगी और मात्र दो दशकों में ही १.४ ट्रिलियन डॉलर्स की अतिरिक्त आय होगी |उन्होंने स्मरण करते हुए कहा कि अमेरिका हमेशा से ही आप्रवासियों का देश रहा है| इन सब ने मिल कर अमेरिका को विश्व का सिरमौर देश बनाया है लेकिन वर्तमान में ऐसी अनेको प्रतिभाओं को राष्ट्र की मुख्य धारा से दूर रखा जा रहा है|इन्हें कानूनी अधिकार देने से ये लोग भी देश के विकास में यौग्दान दे सकेंगे|उन्होंने आशा व्यक्त करते हुए कहा कि जब पूर्व प्रेजिडेंट बुश और वोह[बराक ओबामा ] इस मसले पर सहमत हो सकते हैं तब कांग्रेस के डेमोक्रेट्स और रिपब्लिकन्स को एक जुट होकर राष्ट्र हित में अप्रवासन बिल को मंजूरी दे देनी चाहिए ताकि इसे कानून बनाने के लिए उन्हें [ओबामा]को हस्ताक्षर करने का सुअवसर मिल सके|