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Tag: Immigration Law

शक्तिशाली लोकतंत्र अमेरिका के राष्ट्रपति ओबामा सबसे बढे गणतंत्र समारोह में मुख्य अथिति होंगें

सबसे शक्ति शाली लोकतंत्र अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा सबसे बढे गणतंत्र समारोह २६ जनवरी में मुख्य अथिति की भूमिका निभा सकते हैं प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें न्योता भेज दिया है |
भारत के प्रधानमंत्री श्री मोदी ने गणतंत्र दिवस पर राष्ट्रपति ओबामा को मुख्य अतिथि होने का न्योता दिया है
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने यूंएसऐ के प्रेजिडेंट बराक ओबामा को गणतंत्र दिवस २६ जनवरी पर मुख्य अतिथि होने का आमंत्रण दिया है। पी एम ने ट्वीट किया है “इस गणतंत्र दिवस के अवसर पर अपने बीच एक मित्र के होने की आशा है….. इस अवसर पर राष्ट्रपति ओबामा को मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया है।प्रेजिडेंट ओबामा पहले अमेरिकन राष्ट्रपति होंगे जो इस भव्य आयोजन में मुख्य अथिति होंगे |
नरेंद्र मोदी के इस नए प्रयोग से भारत और अमेरिका में आई नजदीकियां पूरे विश्व को दिखाई जाएंगी |इससे अमेरिका को बेशक बढ़ा बाजार मिलेगा लेकिन भारत को भी अपनी स्थिति को दृढ़ता से रखना होगा|हो सकता है दोनों देशों में व्यापार में कुछ स्वभाविक असंतुलन रहेगा लेकिन लाखों भारतीय तकनीकी एक्सपर्ट्स ओबामा की आउट सोर्सिंग नीति के दंश से पीड़ित हैं |आज ओबामा ने लगभग ५० लाख गैरकानूनी प्रवासियों को नागरिकता देने की घोषणा की है और २१ नवम्बर की शाम को लॉस वेगास में जाकर हस्ताक्षर भी करने वाले हैंलेकिन कानूनी तौर पर वहां के विकास में भरपूर योगदान दे रहे +सेवा कर रहे भारतीयों को ग्रीन कार्ड और उनके आश्रितों के लिए वर्किंग वीजा की सरलता के विषय में कोई निर्णय नहीं आया है|ओबामा ने अपने भाषण में इस मसले को देखने का जिक्र तो किया हैमगर उसे हल करने के विषय में कोई वचन बद्धता जाहिर नहीं की है |गौरतलब है के अमेरिका में कार्यरत भारतीयों को ग्रीन कार्ड के लिए ६-७- सालों तक लटकाया जा आरहा है जिसके अभाव में उनके आश्रित वहां काम करने के लिए वर्किंग वीजा नहीं प्राप्त कर पाते श्री मोदी ने अपने अमेरिकी दौरे के दौरान इस समस्या को सुलझाने का आश्वासन दिया था अब उसे पूरा करने का समय आ गया है|

पी चिदम्बरम ने अमेरिका में भारतीय टेक्नोक्रेट्स के भविष्य सम्बन्धी लाये जा रहे आव्रजन नीति को भी उठाया

भारत सरकार के वित्‍त मंत्री पी.चिदंबरम ने अमेरीका कांग्रेस की प्रतिनिधि सभा के सदस्‍यों से मुलाकात में भारत-अमेरीका संबंधों के विभिन्‍न आयामों पर चर्चा करते हुए अमेरिका में भारतीय टेक्नोक्रेट्स के भविष्य पर लगाई जा रही अटकलों को भी उठाया|
केंद्रीय वित्‍त मंत्री श्री पी.चिदंबरम ने वाशिंगटन डीसी की यात्रा के दौरान कल अमेरिकी कांग्रेस की प्रतिनिधि सभा के सदस्‍यों से मुलाकात की। इस बैठक में अमेरिका में भारत की राजदूत सुश्री निरूपमा राव, वित्‍त मंत्रालय के आर्थिक कार्य विभाग के सचिव डॉ. अरविंद मायाराम भी उपस्थित थे।
बैठक में भारत और अमेरिका के संबंधों के विभिन्‍न आयामों पर चर्चा हुई। अनिवार्य लाइसेंसिंग+ पेटेंट सुरक्षा+ अमेरिकी कांग्रेस में आव्रजन विधेयक तथा रक्षा + वित्‍तीय सेवाओं जैसे क्षेत्रों में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश बढ़ाने जैसे मुद्दों पर विशेष रूप से चर्चा हुई।

The Union Finance Minister, Shri P. Chidambaram with the Members of US Congress, the Co-Chair of House India Caucus Congressman, Mr. Joe Crowley from New York, the Congressman, Mr. Ami Bera from California and the Congressman, Mr. Erik Paulsen from Minnesota, during a meeting, in Washington DC on July 11, 2013.

The Union Finance Minister, Shri P. Chidambaram with the Members of US Congress, the Co-Chair of House India Caucus Congressman, Mr. Joe Crowley from New York, the Congressman, Mr. Ami Bera from California and the Congressman, Mr. Erik Paulsen from Minnesota, during a meeting, in Washington DC on July 11, 2013.


वित्‍त मंत्री ने फिर कहा कि सुरक्षा और रक्षा आदि जैसे क्षेत्रों में दोनों देशों के बीच काफी अच्‍छा सहयोग है तथा दोनों देशों के बीच असैन्‍य परमाणु समझौता एक ऐतिहासिक समझौता था। उन्‍होंने यह भी बताया कि भारतीय कानून बौद्धिक संपदा अधिकार (आईपीआर) का समर्थन करता है और अनिवार्य लाइसेंस तथा पेटेंट रजिस्‍ट्रेशन प्रदान करने की प्रक्रिया डब्‍ल्‍यूटीओ के अनुसार होती है तथा यह न्‍यायिक समीक्षा के अधीन है। वित्‍त मंत्र श्री पी.चिदंबरम ने अपनी घरेलू ज़रूरतों को पूरा करने तथा वैश्विक अर्थव्‍यवस्‍था को फिर से संतुलित करने के लिए भारत के विनिर्माण केंद्र बनने के महत्‍व पर भी ज़ोर दिया। आव्रजन के मुद्दे पर वित्‍त मंत्री ने भारत की चिंता भी जाहिर की क्‍योंकि बौद्धिक कामगारों के अस्‍थायी स्‍थानांतरण के मुद्दा को (जो कि किसी भी परिभाषा में ‘आव्रजन नहीं हैं’) आव्रजन के एक बड़े मुद्दे से जोड़ा गया है।
कांग्रेस के सदस्‍यों ने भारत और अमेरिका के संबंधों को बढ़ाने और दोनों देशों के बीच आपसी लाभप्रद सहयोग को आगे बढ़ाने में अपनी दिलचस्‍पी जाहिर की। वालमार्ट के प्रतिनिधियों ने भी वित्‍त मंत्री से मुलाकात की।
फोटो कर्टसी पी आई बी

अप्रवासन नीति पर सहमती हासिल करने के लिए बराक ओबामा दबाब काम आ रहा है: सीनेट बहस के लिए सहमत

अमेरिका में अप्रवासन नीति पर राष्ट्रपति बराक ओबामा की मेहनत रंग लाने लगी है सीनेट ने इस पर बहस के लिए सहमती प्रदान कर दी है यदि ओबामा की रणनीति से दबाब लगातार बनता रहा तो ११ मिलियन अवैद्ध आप्रवासियों के फायदे वाले इस प्रस्ताव से रिपब्लिकन्स को ४ जुलाई तक बचने का कोई रास्ता नही बचेगा|ओबामा का कहना है कि यदि अब इस बिल को मंजूरी नही दी गई तो समझा जाएगा कि विरोधी देश के टूटे[BROKEN ] अप्रवासन कानून के साथ ही जीना चाहते हैं|
राष्ट्रपति ने आज एक कदम आगे जा कर कहा कि अमेरिका स्वयम में अप्रवासियों का राष्ट्र है| अन्य विभागों या संस्थानों के समान व्हाईट हाउस में भी विश्व भर से आया ऐसा ही स्टाफ है | प्रत्येक स्टाफर की प्रग्रती की कहानी है जो प्रेरणा दायक है| अब इनके द्वारा अपने अप्रवासन काल में की गई प्रग्रती कहानी प्रकाशित कराई जा रही है | इटली+भारत+पाकिस्तान+पोलैंड +अर्जेंटीना+मेक्सिको आदि के मूल निवासी अमेरिका में मात्र १०-२० डालर्स लेकर अमेरिका में आये और यहाँ उन्होंने राष्ट्र की प्रग्रती में महत्वपूर्ण योगदान दिया और अपनी पीढ़ियों के लिए सुनहरा भविष्य बनाया|आज ये सभी सच्चे अमेरिकी हैं| यही कारण है कि टूटी अप्रवासन नीति को फिर से आर्किटेक्ट किया जाना जरुरी है|
अप्रवासन कानून में खामियों के मध्य नजर गैर कानूनीअप्रवासियों की मौजूदगी से देश की अर्थ व्यवस्था के साथ सुरक्षा व्यवस्था पर भी प्रश्न चिन्ह बताया जा रहा हैं| इस सबसे बचाव के लिए सामान्य ज्ञान वाला व्यवहारिक कानून बनाना मौजूदा समय की उचित मांग है| इसी परिपेक्ष्य में ओबामा ने देश के नेताओं और लेबर ग्रुपों को एड्रेस करते हुए ४ जुलाई तक व्यवहारिक अप्रवासन कानून बनाने के लिए आगे आने का अहवाह्न किया है|
बेशक रिपब्लिकन्स ने फिलहाल इस पर बहस के लिए हामी भर दी है लेकिन इसे कानून का दर्जा देने की राह इतनी आसान नही है| अनेको रिप्लिकंस इसे लॉन्ग टर्म के लिए क्रिटिकल मान रहे हैं और इसमें अनेकों संशोधन की मांग कर रहे हैं|

बराक ओबामा ने अप्रवासन समस्या के निदान के लिए सामान्य ज्ञान वाले व्यवहारिक बिल को आवश्यक बताया

अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा ने साप्ताहिक संबोधन में अप्रवासन समस्या का निदान करने के लिए व्यवहारिक बिल को आवश्यक बताया| ओबामा ने कहा कि यू एस ऐ की सीनेट शीघ्र इस दिशा में सकारात्मक निर्णय लेगी|अप्रवासन कानून में खामियों के मध्य नजर गैर कानूनीअप्रवासियों की मौजूदगी से देश की अर्थ व्यवस्था के साथ सुरक्षा व्यवस्था पर भी प्रश्न चिन्ह हैं| इस सबसे बचाव के लिए सामान्य ज्ञान वाला व्यवहारिक कानून बनाना मौजूदा समय की उचित मांग है| इसे परिपेक्ष्य में ओबामा ने देश के नेताओं और लेबर ग्रुपों को एड्रेस करते हुए व्यवहारिक अप्रवासन कानून बनाने के लिए आगे आने का अहवाह्न किया है|

एच वन वीजा[HIB] पर अमेरिका जाने वाले हाईली स्किल्ल्ड के लिए एक अच्छी खबर : सरकार को अतिरिक्त आय भी होगी

रोज़गार की तलाश में एच वन वीजा पर अमेरिका जाने वालों के लिए एक अच्छी खबर आई है|सीनेट जुडीशियरी समिति ने आज इमीग्रेशन को क्लीयर करते हुए ११.५ मिलियन अनाधिकृत रेसिडेंट्स और एच वन वीसा पर आने वालों के लिए वार्षिक सीमा को ६५००० से बड़ा कर ११०००० कर दिया गया है आवश्यकता पड़ने पर इस सीमा को १८०००० किया जा सकता है| यूं एस सी आई एस[ USCIS ] विभाग के अनुसार इससे पूर्व वर्ष २०१४ के लिए प्राप्त १२४००० एप्लीकेशंस की लाटरी के आधार पर स्किल्ड ६५००० को एच वन वीजा के लिए चुना जा चुका है| अब इस क्लियरेंस पर अमेरिकन हाउस की मोहर लगनी शेष है|
यह प्रस्ताव पिछले कई माह से समलैंगिक आदि विवादों के कारण लंबित था| अनाधिकृत रेसिडेंट्स को अधिकृत करने के लिए ५००$के दंड का प्रावधान रखा गया है यदि यह संसद में स्वीकृत हो जाता है तो ११.५*५०० =५५००००००० $ की आय होगी