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इंडिगो+स्पाइस जेट+गो एयर में हड़कम्प:टिकेट्स75 %तक सस्ते:क्या वाकई ये बजट एयर लाइन्स हैं

झल्ले दी झल्लियां गल्लां

चिंतित हवाई यात्री

ओये झल्लेया ये एयर लाइन्स वालों को कौन सी भसूड़ी पड़ गई|गो एयर की रीस में इंडिगो+स्पाइस जेट जैसी बजट एयर लाइन्स ने भी अपने टिकेट्स ७५ % तक सस्ते कर दिए हैं | लेकिन यारा स्पाइस जेट ने एक अप्रैल शुरू होने वाली यात्रा में यह रियायत देने की घोषणा की है ओये अगर ये अप्रैल फूल नहीं हुआ तो यात्रा में स्वाद आ जायेगा

झल्ला

भापा जी इस छूट से एक बात तो साबित होती है कि ये एयर लाइन्स अभी तक सस्ती या बजट एयर लाइन्स होने का ढोल पीट रही थी मगर वास्तव में सबसे महंगी एयर लाइन्स साबित हो रही हैं झल्लेविचारानुसार बेशक टाटा की एयर एशिया के आने की धमक से इंडिगो +स्पाइस जेट+गो एयर में भी हड़कम्प मच गया हैलेकिन इसके साथ ही एक अप्रैल से छूट देने के पीछे एक सन्देश दिया जा रहा है कि देश में एयर ट्रैवेलर्स के साथ राष्ट्रीय नियामक को भी अप्रैल फूल बनाने में ये लोग कितने सक्षम हैं|

एयर एशिया के भारतीय आकाश में आने से इंडिगो+ स्पाइस जेट आदि के सस्ती एयर लाइन होने के ढोल की पोल खुल जानी है

झल्ले दी झल्लियां गल्लां

चीटेड हवाई यात्री

ओये झल्लेया मुबारकां ओये भारतीय आकाश पर कब्ज़ा करने के इंडिगो जैसी कथित सस्ती एयर लाइन्स[FIA] और भाजपाई सुब्रामणियम स्वामी के मंसूबों पर पानी फिर गया ओये सिविल एविएशन रेगुलेटर [DGCA] ने शायद पहली बार किसी एस एल पी पर इतना जल्दी निर्णय दिया है ओये अब तो टाटा के साथ एयर एशिया जैसी वास्तविक [GENUINE]सस्ती एयर लाइन्स को उड़ान[ AOP] भरने की आज्ञा मिल ही जायेगी

झल्ला

भापा जी अभी तक भारतीय आकाश पर इंडिगो+स्पाइस जेट +
का ही कब्ज़ा था इसीलिए ये मन मर्जी से स्टाफ +यात्रियों की सुविधाओं को काटते हुए सस्ती एयर लाइन्स होने का ढोल पीटते आ रहे हैंऐसे में अगर कोई जेन्युइन सस्ती एयर एशिया सरीखी एयर लाइन्स आ गई तो इंडिगो आदि के ढोल की पोल खुल जानी हैं इसके साथ ही लुभाव में ३० मिलियन $ भी तो आ जायेंगे|

एयर लाइन्स के लिए केंद्र सरकार ने पिटारे तो खोले मगर बजट एयर लाइन्स के यात्रियों से भी जरूरी सुविधाएँ बेहद दूर

सिविल एविएशन छेत्र में केंद्र सरकार ने लोक सभा में बेशक सुधारों के हवाई जहाज उड़ाये मगर यात्री सुरक्षा के नाम पर ये सभी कागजी जहाज ही साबित हो रहे हैं | लगातार फायदा दिखाने वाली बजट एयर लाइन्स “इंडिगो” और “स्पाइस जेट” की उड़ानों में सुरक्षा व्यवस्था में ढील और यात्री स्वास्थ्य के प्रति अपर्याप्त व्यवस्था के उदाहरण सामने आये हैं |ये निजी एयर लाइन्स आये दिन किराये में कमी के ढोल पीटती रहते हैं लेकिन यात्री सुविधाओंऔर सुरक्षा के नाम पर ये बेहद महंगी साबित हो रही हैं | एयर लाइन्स में आपात स्वास्थ्य सेवा विशेष रूप से हृद्य रोगियों के लिए कोई चिकित्सक उपलब्ध नहीं रहता इसका ज्वलंत उदाहरण
दिल्ली से कोलकाता जा रही स्पाइस जेट की गुरुवार की फ्लाइट में देखने को मिला |इसमें सवार एक यात्री की मौत हो गई। लखनऊ में इमरजेंसी लैंडिग कराई गई।प्राप्त जानकारी के अनुसार स्पाइस जेट एसजी-608 की फ्लाइट कोलकाता से दिल्ली जा रही थी। इसी बीच एक यात्री विवेक की तबियत खराब हो गई जिसके फलस्वरूप लखनऊ में विमान की इमरजेंसी लैंडिग कराई गई।जहां उसे मृतक [BroughtDead]घोषित किया गया |यदि समय रहते प्लेन में ही आपातकालीन चिकित्सा सुविधा मिल जाती तो शायद यात्री की जान बच सकती थी |
इसके अलावा सुरक्षा जांच के प्रति लापरवाही का एक ज्वलंत उदाहरण इंडिगो [सिंगापोर से चेन्नई] की अंतराष्ट्रीय फलाइट में दिखाई दिया| कुआला लम्पुर/मलेशिया में इंडिगो एयर लाइन्स की एक फलाइट में सुरक्षा जांच को धत्ता बताते हुए [या मिली भगत से] सोने की तीन ईंटें स्मगल करके लाइ जा रही थी इन्हें एक टॉयलेट में पाकेट बना कर रखा गया था एक यात्री द्वारा स्पॉट किये जाने पर उस पाकेट को अज्ञात डिक्लेअर किया गया और एक्सप्लोसिव का डाउट क्रिएट किया गया इससे डेड सौ यात्रियों में स्वाभाविक हड कम्प मच गया| प्राप्त जानकारी के अनुसार उस पाकेट में सोने के तीन छड़ें बरामद हुई | इसके पश्चात यात्रियों को अनावश्यक जाँच प्रकरण की परेशानी झेलनी पड़ी|
गौरतलब है कि भारतीय हवाई अड्डा प्राधिकरण (एएआई) का गठन भारतीय हवाई अड्डा प्राधिकरण अधिनियम, 1994 के अंतर्गत किया गया था और यह राष्‍ट्रीय हवाई अड्डा प्राधि‍करण और भारतीय अंतर्रा‍‍ष्‍ट्रीय प्राधिकरण को एक करने के साथ 1 अप्रैल, 1995 से अस्तित्‍व में आया।तभी से एयर लाइन्स को बढ़ावा देने के प्रयास तो होते रहे हैं लेकिन यात्रियों की सुविधा के लिए कोई विशेष प्रयास नहीं दिखता| सिविल एविएशन राज्य मंत्री के सी वेणु गोपाल ने लोक सभा में सुविधाओं के नाम पर विकास का दावा करते बताया भी है कि
[१]अधिसूचित घरेलू एयरलाईनों के लिए लैन्डिंग और पार्किंग शुल्‍कों की वर्तमान दरों को 25 % तक कम किया गया है।
[२] देश में कोई भी हवाई अड्डा असुरक्षित नहीं है।
[३]80 सीटों से नीचे की अधिकतम प्रमाणित क्षमता वाले हवाई जहाजों पर संचालन के लिए लैन्डिंग शुल्‍क नहीं लगाया गया है।
[४]पूर्वोत्‍तर क्षेत्र, जम्‍मू और कश्‍मीर, अण्‍डमान एवं निकोबार द्वीप समूह और लक्षद्वीप (रक्षा हवाई अड्ड़ों के अलावा) पर अधिसूचित घरेलू एयरलाईनों के लिए लैन्डिंग और पार्किंग शुल्‍कों की वर्तमान दरों को 25 % तक कम किया गया है|
वेणुगोपाल ने स्वीकार किया है कि २०११ से कुल १०३ फ्लाइट्स की इमेरजेंसी लैंडिंग कराई गई है इनमे से कुछके लिए टेक्निकल कारण हो सकते हैं लेकिन अधिकाँश में इसके विपरीत स्थिति दिखाई देती है इसके बावजूद भी यात्रियों की चिकित्सा सुविधा या सुरक्षा के प्रति कोई गम्भीरता नहीं दिखती| इससे पूर्व भी अति सुरक्षित और विश्व प्रसिद्द कहे जाने वाले आई जी आई एयर पोर्ट पर सोने के बिस्कुट के पैकेट टायलेट में मिल चुके हैं ड्रग्स स्मगलिंग के लिए स्मगलरों द्वारा प्राईवेट एयर लाइन्स का,[विशेष कर नार्थ ईस्ट ] इस्तेमाल किया जा रहा है| इस केस में स्पाईस जेट का नाम आया है तो इससे पूर्व सीमा पर तस्करी के लिए इंडिगो एयर लाइन्स के एक अधिकारी का नाम आ चुका है|

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ऍफ़ ऐ ऐ ने सुरक्षा दावों को आइना दिखाते हुए भारतीय सिविल एविएशन को डाउन ग्रेड किया

अमेरिकन एविएशन फेडरेशन[FAA] ने भारतीय एविएशन मिनिस्ट्री के तमाम विकास के दावों को झुटलाते हुए भारत को एविएशन के छेत्र में डाउन ग्रेड करते हुए सेकंड केटेगरी में डाल दिया है जबकि भारत के एविएशन मिनिस्टर चौ.अजित सिंह का दावा है कि उनका वि‍मानन सुरक्षा रि‍कार्ड वि‍श्‍व के औसत से बेहतर है| ऍफ़ ऐ ऐ कि इस रिपोर्ट के पश्चात अब भारतीय हवाई जहाज़ों के लिए अमेरिका की उड़ान कठिन हो जायेगी| इससे ओवरसीज फ्लाइट्स के लिए प्रसिद्द जेट एयरवेज और एयर इंडिया को विशेष रूप से परेशानी हो सकती है|इस विषय में एयर इंडिया की वेबसाइट पर कोई स्प्ष्टीकरण नहीं दिया गया है|
भारतीय सिविल एविएशन मिनिस्ट्री का दावा है कि वैश्विक गुणवत्ता के लिए केवल संगठन[ Organisation] के छेत्र में ही पर्याप्त सफलता नहीं मिल पाई है जबकि शेष अन्य ७ महत्पूर्ण छेत्रों में आशातीत सफलता मिली है |इसके समर्थन में आंकड़ें निम्न हैं
अंतर्राष्‍ट्रीय नागर वि‍मानन संगठन (आईसीएओ) का यूनीवर्सल सेफ्टी ओवरसाइट ऑडि‍ट प्रोग्राम (यूएसओएपी) के बारे में भारत का आकलन वि‍श्‍व के औसत से बहुत अच्‍छा है। यूएसओएपी के अधीन आईसीएओ ने आठ महत्‍वपूर्ण तत्‍वों यथा वि‍धान, संगठन, लाइसेंसिंग, संचालन, उड़ान क्षमता, दुर्घटना जांच, वि‍मान नौवहन और हवाई अड्डों की पहचान की है। 31 दि‍संबर 2012 को यूएसओएपी की लेखा-परीक्षा परि‍णामों पर आधारि‍त आईसीएओ 2013 सुरक्षा रि‍पोर्ट के अनुसार भारत की उन देशों में गि‍नती है, जि‍नका कारगर कार्यान्‍वयन वि‍श्‍व के औसत 61 प्रति‍शत से ऊपर है। भारत का कारगर कार्यान्‍वयन 79.1 प्रति‍शत है।
31 दि‍संबर 2012 को भारत की स्‍थि‍ति‍ का वैश्‍वि‍क सुरक्षा के साथ संक्षि‍प्‍त तुलनात्‍मक ब्‍यौरा नि‍म्‍नलि‍खि‍त है:-
महत्‍वपूर्ण तत्‍व
=================================कारगर कार्यान्‍वयन
वैश्‍वि‍क औसत (31 दि‍संबर 2012 को)=====वैश्‍वि‍क औसत (वर्तमान स्‍थि‍ति‍ )==========भारत की स्‍थि‍ति (31 दि‍संबर 2012 को )
[1]वि‍धान========70.0========================66.9===========================85.7
[2]संगठन========63.0========================63.5=============================57.1
[3]लाइसेंसिंग=====71.0=========================71.5==============================89.6
[4]संचालन=======66.0=========================66.0==============================87.7
[5]उड़ान क्षमता====72.0=========================72.9==============================91.1
[6]दुर्घटना जांच====51.0=========================53.6==============================75.3
[7]वि‍मान नौवहन===53.0=========================54.7==============================55.8
[8]हवाई अड्डा========58.0=======================57.7=============================87.4
महत्‍वपूर्ण तत्‍वों के कारगर कार्यान्‍वयन में केवल एक क्षेत्र है, जि‍समें भारत मामूली कमजोर है, वह है ‘संगठन’। इसके लि‍ए भारत ने उड़ान संचालन के मुख्‍य नि‍रीक्षक (सीएफओआई), उप-सीएफओआई, वरि‍ष्‍ठ सीएफओआई और एफओआई के 75 पद बनाए हैं। आशा है कि‍ इन पदों की भर्ती के बाद इस तत्‍व का कारगर कार्यान्‍वयन भी वि‍श्‍व के औसत से बेहतर हो जाएगा। वास्‍तव में, ‘वि‍धान’ तत्‍व के क्षेत्र में अमेरि‍का का स्‍थान (80.95) भारत के (85.71) से नीचे है| गौरतलब है कि संसद में सरकार स्वीकार कर चुकी है कि डी जी सी ऐ के अंतर्गत हवाई यात्राओं की सुरक्षा के लिए ५७%स्टाफ की कमी है और इसी सप्ताह केवल ७५ पदों कि रिक्तियों को भरने की घोषणा की गई है इसके अलावा सुरक्षा के मानकों के दावों को झुटलाते हुए इंडिगो जैसी अग्रणी निरंतर लाभ कमाने वाली निजी एयर लाइन्स भी खतरनाक उड़ान भर रही हैं | मालूम हो कि डीजीसीए, कोहरे के समय सभी एअरलाइनों के साथ लगातार संपर्क में रह कर सीएटी III अनुवर्ती विमानों और सीएटी III प्रशिक्षित पायलटों की तैनाती सुनिश्‍चित करता है लेकिन उड़ानों समय रहते उन पर रोक थाम नहीं लगा पा रहा शायद इसी अकर्मण्यता के कारण ही इंदिरा गांधी अंतर्राष्‍ट्रीय हवाई अड्डे, दिल्‍ली पर 29 जनवरी को दृश्‍यात्‍मकता शाम 1730 बजे के बाद कम होने लगी थी जबकि रनवे की दृश्‍यात्‍मकता दूरी रात 2030 बजे के बाद कम होनी शुरू हो गई थी। इस प्रवृत्‍ति को सभी एअरलाइनों के ध्‍यान में लाया गया। । लेकिन इस संबंध में बार-बार प्रयासों के बावजूद जेट एअरवेज+, गो एअर + इंडिगो की दो-दो फ्लाइटों का मार्ग बदलकर दिल्‍ली से जयपुर भेजा गया।यह यात्रियों के जीवन के साथ खिलवाड़ ही कहा जाएगा|उड़ान कम्प्लीट होने पर डी जी सी ऐ ने इन कंपनियों के टाइम्स स्लॉट केंसिल करके औपचारिकता पूरी कर दी है

इंडिगो ने मुनाफे की ऊंचाई को छह गुना बढ़ा कर वधाई की पात्रता हासिल कर ली, अब तो ऐ ऐ आई को सवा करोड़ मिल ही जाएगा


झल्ले दी झल्लियाँ गल्लां

इंडिगो एयर लाइन्स का एक चीयर लीडर

ओये झल्लेया देखा हसाड़े लो कॉस्ट+बजट एयरलाइंस इंडिगो का कमाल ओये ऐ टी ऍफ़ की कीमतों में बेतहाशा बढोत्तरी और डालर के मुकाबिले रुपये में गिरावट के बावजूद हमने अपने मुनाफे की रफ़्तार को छह गुना बढा कर 787 करोड़ रुपए तक पहुंचा दिया

Low Cost Indigo air lines

Low Cost Indigo air lines

झल्ला

हाँ बाऊ जी वाकई आप जी बधाई के बड़े वड्डे पात्र हो ही गए हो अब तो आप जी का दिल भी उतना ही वड्डा हो गया होगा अब तो आप जी ऐ ऐ आई का सवा करोड़ का कर्जा मय ब्याज चुका ही दोगे|क्यों ठीक हैं ना ठीक???

नागरिक उड्डयन मंत्रालय,निजि एयर लाइन्स और एयर इंडिया को आर्थिक संकट से बाहर निकलने का रास्ता नहीं सूझ रहा

नागरिक उड्डयन मंत्रालय+निजि एयर लाइन्स और एयर इंडिया को वर्तमान आर्थिक संकट से बाहर निकलने का रास्ता नहीं सूझ रहा है संभवत इसीलिए अब राज्यों पर दबाब बनाया जाने लगा है| नागरिक उड्डयन मंत्रालय + निजि एयर लाइन्स और सरकारी उपक्रम एयर इंडिया आज कल आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं|सरकारी नीतियों के कारण यौजनाएं अपेक्षित परिणाम नही दिखा रही है यहाँ तक कि इस लाइन की साख पर भी प्रश्न चिन्ह लगना शुरू हो गया है|
[१] एयर इंडिया के मुंबई महानगर स्थित 23 मंजिले भवन को किराये पर लेने के लिए कोई आवेदन नहीं आया है|इस विफलता के पश्चात ऐ आई ने अब अपनी कुछ आवासीय संपत्तियों को ई नीलामी के लिए रखा है।एयर इंडिया ने अब ई.नीलामी प्रक्रिया के जरिये मुंबई और गुड़गांव के प्रमुख स्थानों पर स्थित अपनी आवासीय संपत्तियों को बेचने का प्रस्ताव रखा है।एयरलाइन्स की वेबसाइट पर जारी बोली दस्तावेज में कहा गया है”एयर इंडिया ई.नीलामी प्रक्रिया के जरिये मुंबई और गुड़गांव के प्रमुख स्थानों पर स्थित अपनी आवासीय संपत्तियों को बेचने का प्रस्ताव करती है”
[२] इंडिगो और स्पाईस जेट आदि जैसी ७ एयर लाइन्स से कर्जे का २१११ .४३ करोड़ रूपया वसूलने में अभी तक असमर्थ रहे नागर विमानन मंत्रालय द्वारा अब विमान कंपनियों को राहत देने के लिए राज्यों पर दबाब बनाया जाने लगा है|नागर विमानन मंत्रालय द्वारा अब राज्य सरकारों को हवाई जहाज़ों के तेल[ ATF ] के टैक्स में कमी करने को दबाब बनाया जाने लग गया है| नागर विमानन मंत्रालय के हवाले से भाषा ने कहा है कि मंत्रालय द्वारा विमान ईंधन पर करों में कमी लाने के लिए राज्य सरकारों को राजी करने का प्रयास जारी रखा जाएगा|इससे नकदी के संकट से जूझ रही विमानन कंपनियों को कुछ राहत मिल सकेगी|विमानन कंपनियां इस समय रुपये में गिरावट और कच्चे तेल की कीमतों में तेजी की मार से ग्रस्त हैं।

इंडिगो और स्पाइस जेट जैसी एयर लाइन्स से कर्ज वसूलने में असमर्थ सिविल एविएशन मिनिस्ट्री अब ब्याज वसूलने का दावा कर रही है

इंडिगो और स्पाइस जेट जैसी लगातार लाभ कमाने वाली बजट एयर लाइन्स से भी करोड़ों रुपयों का लबित , एयर पोर्ट्स का किराया, वसूलने के लिए कोई कड़ा कदम उठता नहीं दिख रहा |सरकार द्वारा संसद में सात कंपनियों से २१११ .४३ की लेनदारी सम्बन्धी ब्यान देकर ही इतिश्री कर ली गई है| यहाँ तक प्रधान मंत्री डॉ मन मोहन सिंह ने भी संसद में रुपये की गिरती कीमत पर चिंता तो व्यक्त की और अनेको सुधारों की जरुरत पर बल दिया इनमे सब्सिडी में कमी+ बीमा और पेंशन संबंधी सुधार+ अफसरशाही लाल फीताशाही को दूर करना और माल एवं सेवा कर लागू करना शामिल हैं|लेकिन ऐसे कंपनियों से वसूली के लिए कोई कड़े कदम को शामिल नहीं कर पाए हैं | जहाँ एक तरफ देश आर्थिक संकट से जूझ रहा है|प्रधान मंत्री डॉ मन मोहन सिंह स्वयम तरलता की कमी का रोना रो रहे हैं वहीं लाभ कमाने वाली एयर लाइन्स से भी कर्जा वसूलने के लिए कोई प्रभावी कदम उठता नहीं दिख रहा|
३१/३/२०१३ तक के प्रस्तुत आंकड़ों के अनुसार देश की सात एयर लाइन्स से २१११.४३ करोड़ रुपये वसूले जाने हैं| डिफाल्टर कंपनियों में विभिन्न विदेशी एयर लाइन्स भी हैं|इसके अलावा इंडिगो+स्पाईस जेट+जेट एयर लाइन्स जैसी बजट एयर लाइन्स पर भी क्रमश २.८९+८०.१७+१००.१६+देन दारी है| यह मामूली रकम नहीं हैं|इसके बावजूद भी केवल ब्यान बाजी ही जारी है| गौरतलब है कि देश में कार्यरत ७ एयर लाइन्स ने भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण को २१११.४३ करोड़ रूपये का कर्ज़ चुकाना है |इनसे कर्ज वसूलने में असमर्थ सिविल एविएशन मिनिस्ट्री कर्ज पर ब्याज वसूलने की बात कर रही है| यह अपने आप में हास्यास्पद लग रहा है| |ये आंकड़े नियत्रक एवं महालेखापरीक्षक की लेखापरीक्षा के मद्देनजर है|नागर विमानन राज्य मंत्री श्री के.सी.वेणुगोपाल ने बीते दिन लोकसभा में स्वीकार किया है कि ये विमानन कंपनियां किसी कारण से देय राशियों का भुगतान करने में विफल रही हैंलेकिन इसके साथ ही उन्होंने अपनी महत्वकांक्षी यौजना का उल्लेख करते हुए दावा किया कि डिफाल्टर कंपनियों से विलंबित भुगतान के लिए ब्याज वसूला जाएगा|यानि सांप पकड़ने का मंत्र आता नहीं और चले हैं बिच्छू के बिल में हाथ डालने|
——————————-(करोड़ रुपये में)
डिफाल्टर कंपनियों का विवरण
क्रम सं.— –एयरलाइंस का नाम———— देय राशि*
[१]————-एअर इंडिया समूह—————1539.75
[२]————-विभिन्न विदेशी एयरलाइनें——-193.49
[३]————-किंगफिशर एयरलाइंस————186.26
[४]————-जेट एयरलाइंस समूह————-100.16
[५]————-स्पाइसजेट——————— —80.17
[६]————-गो एयरलाइंस—————— —8.71
[७]————-इंटरग्लो एविएशन (एंडिगो)—— –2.89

बजट और विदेशी एयर लाइन्स सहित ७ एयर लाइन्स से भारतीय विमानपत्तन को २१११.४३ करोड़ रूपये की वसूली लंबित है

देश में कार्यरत ७ एयर लाइन्स ने भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण को २१११.४३ करोड़ रूपये का कर्ज़ चुकाना है अब इन डिफाल्टर कंपनियों को विलंबित भुगतान के लिए ब्याज का भी भुगतान करना होगा|इसमें एयर इंडियन समूह १५३९.७५ के कर्ज़ से पहले नंबर पर है | विभिन्न विदेशी एयर लाइन्स से १९३.४९ करोड़ रुपये वसूले जाने हैं|इसके अलावा इंडिगो+स्पाईस जेट+जेट एयर लाइन्स जैसी बजट एयर लाइन्स पर भी क्रमश २.८९+८०.१७+१००.१६+देन दारी है| ये आंकड़े नियत्रक एवं महालेखापरीक्षक की लेखापरीक्षा के मद्देनजर है|नागर विमानन राज्य मंत्री श्री के.सी.वेणुगोपाल ने आज लोकसभा में 31.03.2013 को देय राशियों का कंपनीवार ब्यौरा निम्न बताया है :
——————————-(करोड़ रुपये में)
क्रम सं.—–एयरलाइंस का नाम————–देय राशि*
[१]————-एअर इंडिया समूह—————1539.75
[२]————-विभिन्न विदेशी एयरलाइनें——-193.49
[३]————-किंगफिशर एयरलाइंस————186.26
[४]————-जेट एयरलाइंस समूह————-100.16
[५]————-स्पाइसजेट————————80.17
[६]————-गो एयरलाइंस———————8.71
[७]————-इंटरग्लो एविएशन (एंडिगो)——–2.89
राज्य मंत्री ने यह स्वीकार किया कि उपरोक्त विमानन कंपनियां किसी कारण से देय राशियों का भुगतान करने में विफल रही हैं।
लोकसभा में नागर विमानन राज्य मंत्री ने लोक सभा के माध्यम से राष्ट्र को भरोसा दिलाया कि भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण नियमित मॉनीटरिंग द्वारा देय राशियों की वसूली के लिए पर्याप्त प्रयास कर रहा है। इस दिशा में निम्न कदम उठाये गए हैं:
[१] भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण की ऋण नीति के अनुसार डिफाल्टर कंपनियों को विलंबित भुगतान के लिए ब्याज का भुगतान करना होगा
[२]चूककर्ता एयरलाइनों को ” कैश एंड कैरी” आधार पर रखा जाएगा
[३]यातायात देय राशियों के संबंध में 12%की दर से ब्याज वसूला जाएगा
[४] गैर यातायात देय राशियों पर ब्याज करार की शर्तों एवं निबंधनों के अनुसार वसूला जाएगा जो 18 % या 12 %हो सकता है

इंडिगो में बैग को लेकर हंगामा तो एयर इंडिया पर बैग गुम होने पर ७५ हजार का जुर्माना

एक तरफ विमानन कम्पनियाँ यात्रियों पर रोजाना किसी न किसी बात को लेकर किराया बढाने पर लगी हैं मगर दूसरी तरफ सेवाओं के नाम पर सामान को लेकर यात्रियों का उत्पीडन शुरू हो गया है |आय की द्रष्टि से पहले नंबर पर इंडिगो एयर लाइन्स हो या राष्ट्रीय केरियर एयर इंडिया | एयर इंडिया जहां यात्रियों के बैग संभाल नही प् रही है तो इंडिगो बैग को लेकर यात्रियों को जेल भिजवाने पर लगी है|इंडिगो एयर लाइन्स की एक फ्लाईट में सूत न कपास और सभी में लट्ठम लट्ठ वाली स्थिति आते आते बची|हर तरफ लिखा रहता है कि लापता बैग से बचो उसकी सोचना दो इसी से संबवत प्रेरित होकर एक यात्री ने लापता बैग के विषय में जानकारी दी तो उसे ही पोलिस के हवाले कर दिया गया एक यात्री पीएस चौहान ने सुरक्षा के लिहाज से प्लेन के स्टाफ को लापता बैग के विषय में बताया मगर इस व्हिसल ब्लोअर को ही निशाना बनाकर कार्रवाईकर दी गई,
प्राप्त जानकारी के अनुसार जिम्मेदार नागरिक का फर्ज़ निभाने वाले को शाबासी देने की बजाय उनसे संदिग्ध आतंकवादी जैसा व्यवहार किया गया।बैग के स्वामी ने आकर एयरपोर्ट के भीतर मौजूद स्टाफ को बताया कि वह बैग उसका है। प्लेन के अपरिपक्व / स्टाफ ने उसकी कोई बात नहीं सुनी बस बम.. का हल्ला उड़ा दिया। विमान का अप्रिशिक्षित स्टाफ ने बदहवासी के आलम में सब तरफ हंगामा बरपा दिया|यात्रियों को बेवाजः घंटों परेशानी झेलनी पड़ी |
एयर इंडिया को उपभोक्ता फोरम ने सात साल पहले सेवा में खामी के लिए अब कंपनी पर ७५,००० रुपये का जुर्माना लगाया है|
दिल्ली से एक शादी समारोह में शामिल होने के लिए बैंकॉक जाने वाले एक यात्री का सामान इंडियन एयरलाइंस में गुम हो गया था। दक्षिण पश्चिम जिला उपभोक्ता विवाद निपटान फोरम ने एयरलाइंस को खोया बैग ढूंढने में बुरी तरह असफल रहने का दोषी पाया। फोरम के मुताबिक यह सेवा में अक्षमता का मामला है।
नरेंद्र कुमार की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने एयरलाइंस को शादी समारोह वाले सामानों के एवज में ४०,००० रुपये तथा हर्जाने व अदालती खर्च के मद में ३५,००० रुपये भुगतान का आदेश दिया है ।

बजट करियर इंडिगो एयर लाइन्स के १०% कमांडर पायलट्स एयर एशिया में स्विच ओवर को तैयार

बजट कैरियर और [कथित] लो कास्ट कैरियर के उपनाम से प्राख्यात निजी इंडिगो एयर लाइन्स के लगभग १०%कमांडर पायलट्स के नई आने वाली प्रतिस्पर्द्धी एयर लाइन्स एयर एशिया में जाने की तैय्यारी चल रही है| सूत्रों के अनुसार इंडिगो के कमांडर के वर्तमान पे स्लैब+ असहज कार्य शर्तों से अधिकांश पायलट कमांडर असंतुष्ट हैं और नई कंपनी एयर एशिया द्वारा आकर्षक वेतन मान देने के साथ ही सुविधा जनक कार्य शर्तें दिए जाने की संभावना है इसीलिए इस बड़े स्विच ओवर की सम्भावना है|यदि यह बदलाव फायनल हो जाता है तो अपने जहाजों के बेड़े को बढ़ाने के लिए प्रयासरत इंडिगो एयर लाइन्स के लिए यह नई चुनौती होगी जबकि एयर एशिया को बैठे बिठाए अनुभवी पायलट कमांडर मिल जायेंगे| इसके आलावा एयर एशिया के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा इंडिगो और स्पाइस जेट आदि एयर लाइन्स के लो कास्ट के दावों को चुनौती दे दी है| इस संभावना की पुष्ठी के लिए एयर एशिया और इंडिगो को मेल किये जाने पर कोई उत्तर प्राप्त नहीं हुआ है|