[नई दिल्ली]देसी एयरलाइन्स से लेन दारी वसूलने में नाकामयाब सरकारी एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया अब अंतराष्ट्रीय बाजार में संभावनाएं तलाशने जाएगी यह महत्वकांक्षा आज व्यक्त की गई है|वर्तमान में जीएमआर+जीवीके ग्रुप इस फील्ड में मौजूद हैं | ऐ ऐ आई देसी एयरपोर्ट्स के अलावा गल्फ देशों में भी उपलब्धियां हासिल कर चुकी है इस छेत्र में विकास में सफल +अग्रणी कंपनी साबित हुई है | इसी से उत्साहित होकर कमपनी ने अब विदेशों में भी अपने पंख फ़ैलाने के संकेत दिए हैं |उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार १२५ एयरपोर्ट्स का प्रबंधन+१८ अंतराष्ट्रीय ट्रैफिक आदि का कार्यभार हैं|मौजूदा एयरपोर्ट अथॉरिटी एम्प्लाइज यूनियन भी देशी एयरपोर्ट्स के निजीकरण का विरोध कर रही है |ऎसे में विदेशों में संभावनाएं तलाशी जा रही है |लेकिन अभी हाल ही में सिविल एविएशन मंत्रालय द्वारा संसद में जारी आंकड़ों के अनुसार देसी और विदेशी एयरलाइन्स पर एयर पोर्ट अथॉरिटी को 2,739 करोड़ रुपये की देनदारी है जिसकी वसूली के लिए आये दिन महज नियमों का हवाला दिया जा रहा है |
इस भरी भरकम में रकम में ३८८.९३ करोड़ रुपये विदेशी एयरलाइन्स से भी वसूले जाने हैं जबकि लगातार मुनाफा कमाने वाली इंडिगो एयरलाइन्स ने २० करोड़ और गोएयर ने ३२ करोड़ रुपये देने हैं|स्पाइस जेट और जेटएयरवेज पर ३८७.०२ करोड़ रुपये देय है |
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