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आयुर्वेद एवं होम्‍योपैथी के इलाज के लिए भी स्वास्थ्य बीमा लाभ लिया जा सकता है

आयुर्वेद एवं होम्‍योपैथी के इलाज के लिए भी बीमा लाभ लिया जा सकता है|बीमा नि‍यामक एवं वि‍कास प्राधि‍करण ने यह घोषणा की है|
केन्‍द्रीय स्‍वास्‍थ्‍य एवं परि‍वार कल्‍याण मंत्री गुलाम नबी आजाद ने आज लोक सभा में एक प्रश्‍न के लि‍खि‍त उत्‍तर में कहा कि केंद्र सरकार ने आयुर्वेद एवं होम्‍योपैथी के लि‍ए क्रमश: जयपुर में राष्‍ट्रीय आयुर्वेद संस्‍थान तथा कोलकाता में राष्‍ट्रीय होम्‍योपैथी संस्‍थान की स्‍थापना की है। इसके अलावा नई दि‍ल्‍ली में अखि‍ल भारतीय आयुर्वेद संस्‍थान तथा शि‍लांग में पूर्वोत्‍तर आयुर्वेद एवं होम्‍योपैथी संस्‍थान की मंजूरी दे दी गई है। 12वीं पंचवर्षीय योजना के दौरान अखि‍ल भारतीय होम्‍योपैथी संस्‍थान के लि‍ए 50 करोड़ रुपए की राशि‍ स्‍वीकृत की गई है।
बीमा नि‍यामक एवं वि‍कास प्राधि‍करण (आईआरडीए) ने बताया है कि‍आईआरडीए स्‍वास्‍थ्‍य बीमा वि‍नि‍यम 2013 (वि‍नि‍यम संख्‍या 5 (1) ) ने स्‍वास्‍थ्‍य बीमा पॉलि‍सि‍यों में पहले से ही आयुष को इसके दायरे में लाये जाने का प्रावधान है, जि‍समें आयुर्वेदि‍क एवं होम्‍योपैथि‍क बीमा शामि‍ल हैं।
इस प्रावधान के अनुसार बीमा कम्‍पनि‍यां गैर एलोपैथि‍क इलाज के लि‍ए बीमा सुवि‍धा उपलब्‍ध करा सकती हैं, बशर्ते कि‍इलाज कि‍सी सरकारी अस्‍पताल या मान्‍यता प्राप्‍त सरकारी संस्‍थान तथा/ या भारतीय गुणवत्‍ता परि‍षद द्वारा मान्‍यता प्राप्‍त/ स्‍वास्‍थ्‍य से संबंधि‍त राष्‍ट्रीय प्रत्‍यायन बोर्ड द्वारा मान्‍यता प्राप्‍त या कि‍सी अन्‍य उपयुक्‍त संस्‍थान द्वारा कि‍या गया हो।

बीमा कंपनियों के कब्जे में उपभोक्ताओं के अरबों रुपयों से सम्बंधित घोटाले की खबरें भी आने लग गई हैं

बीमा कंपनियों के खातों में बिना दावे के जमा उपभोक्ताओं के अरबों रुपयों से सम्बंधित घोटाले की खबरें भी आने लग गई हैं |
बीमा छेत्र में भी घोटाले की खबरें आने लग गई हैं| ये घोटाले बीमा कंपनियों के खातों में बिना दावे[ [ Unclaimed ] के जमा अरबों रुपयों से सम्बंधित हैं|
इन्शुरन्स रेगुलेटरी & डेवलपमेंट अथॉरिटी[ Insurance Regulatory and Development Authority ] [ IRDA ]द्वारा इसका खुलासा किया गया है| वित्त मंत्रालय के एम् ओ एस नमो नारायण मीणा ने एक प्रश्न के उत्तर में राज्य सभा में जानकारी देते हुए कहा है कि आई आर डी ऐ ने बताया है कि३१ दिसंबर २०१२ तक जीवन बीमा निगम [एल आई सी] के खातों में पालिसी होल्डर्स का ७३२.६७ करोड़ रूपया अन कलैमैंड था| इसके अलावा अन्य जीवन बीमा और बिना जीवन बीमा कंपनियों के कब्जे में ३१ मार्च तक पालिसी होल्डर्स का अन कलैमैंड ३१२२.६८ और १०१०.४६ करोड़ रूपया था| इस सम्बन्ध में सरकार द्वारा कोई सर्वे नहीं कराया गया है| आई आर डी ऐ ने ४ अगस्त २०१० को सभी इन्शुरन्स कंपनियों को अवगत कराया था कि यह सारा अन कलैमैंड खजाना किसी भी सूरत में हथियाया या राईट आफ[ will not be appropriated/written back, ] नहीं किया जाना है|