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Tag: Japanese Chamber of Commerce and Industry

नरेंद्र मोदी ने जापान के व्यापारियों को कहा कम एंड मेक इन इंडिया:निप्पॉन किडनरेन लंच

[टोक्यो]उदार प्रतिक्रिया से अविभूत भारतीय प्रधानमंत्री ने जापान के व्यापारियों को अनेको सुविधाएँ देने का आश्वासन दिया
जापान के वाणिज्य और उद्योग चैम्बर एवं जापान-भारत व्यापार सहयोग समिति-निप्पॉन किडनरेन द्वारा आयोजित दोपहर के भोज पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक कुशल व्यापारी की भांति भाषण दिया और कम मेक इन इंडिया की तर्ज पर वहां के व्यापारियों को भारत में निवेश के लिए आमंत्रित किया|
इस अवसर पर उन्होंने आश्वासन दिया कि जापान के निवेश प्रस्तावों में सहायता प्रदान करने के लिए भारतीय प्रधानमंत्री कार्यालय के अधीन विशेष प्रबंधन दल का गठन किया जाएगा |
श्री मोदी ने सामरिक रणनीति पर भी विचार व्यक्त करते हुए चीन की विस्तारवादी नीति के विरुद्ध विकास वादी भारत और जापान को एक जुट होने का आह्वाहन भी किया उन्होंने कहा कि जापान और भारत को विस्तारवाद की वैश्विक प्रवृत्तियों के बीच विकासवाद के लिए एक ताकत बनना चाहिए|
प्रधानमंत्री श्री मोदी ने आज घोषणा की कि जापान के वित्तीय प्रस्तावों में मदद करने के लिए सीधे प्रधानमंत्री के कार्यालय के अधीन एक विशेष प्रबंधन दल स्थापित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि व्यापार प्रस्तावों की समीक्षा के लिए जापान द्वारा चयनित दो नामजद व्यक्ति निर्णय लेने वाले दल का हिस्सा होंगे।
उन्होंने उल्लेख किया कि गुजरात के मुख्यमंत्री के रुप में शायद उनका जापानी व्यापार जगत के साथ बहुत महत्वपूर्ण संबंध रहा है। उन्होंने कहा कि वह सुशासन, व्यापार सुविधा और नीतियों को सरल बनाने की नीतियों के महत्व को समझते हैं। उन्होंने जापान के व्यवसायियों और निवेशकों को अनावश्यक देरी समाप्त करने के लिए नीति संचालित निर्णय लिए जाने का आश्वासन दिया। अपनी सरकार के पहले सौ दिनों की पहल पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के नियमों को सरल बनाने के कदम की व्यापक सराहना हुई है। वर्ष 2014-15 की पहली तिमाही में 5.7 प्रतिशत की सकल घरेलू उत्पाद वृद्धि से एक बड़ी सकारात्मक भावना का सृजन हुआ है। भारत और जापान दोनों देशों की सरकारों को मिले स्पष्ट जनादेश से राजनीतिक स्थिरता पैदा हुई है और इससे द्विपक्षीय संबंधों को मजबूती मिलेगी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि वह चाहते हैं कि भारत कौशल विकास के लिए जापानी मॉडल का अनुसरण करे, ताकि इसके जनसांख्यिकीय लाभ से कुशल कामगारों की वैश्विक आवश्यकता को पूरा किया जा सके। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री कार्यालय में प्रबंधन के जापानी सिद्धांतों को शुरू करने का कदम उठाने की पहल उन्होंने ही की थी।
जापान के व्यवसायियों से भारत में निवेश करने का आह्वान करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत-जापान संबंधों को न केवल व्यापार बल्कि इससे आगे ले जाना है। उन्होंने कहा कि 21वीं सदी एशिया की सदी होगी। लेकिन आश्चर्य व्यक्त किया कि यह कैसे दिखेगी। इस सदी के लोगों की उम्मीद को पूरा करने के लिए भारत और जापान को बड़ी भूमिका निभानी होगी।
विकास वाद बनाम और विस्तार वाद के दृष्टिकोण की रूप रेखा बताते हुए उन्होंने कहा कि भारत और जापान को दुनिया को बुद्ध की राह दिखानी चाहिए और विकास के लिए एक शक्ति के रूप में कार्य करना चाहिए। उनके साथ भारत के व्यापार जगत की कौन-कौन सी हस्ती जापान आई है इस बारे में प्रधानमंत्री ने कहा कि ये सभी लोग भारत को आगे ले जाने में भागीदार हैं। अब भारत और जापान को एशिया और विश्व अपनी भागीदार निभानी चाहिए।
फोटो कैप्शन
The Prime Minister, Shri Narendra Modi delivering the keynote address at Business Luncheon, in Tokyo, Japan on September 01, 2014.