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Tag: Jhalli Galla

“आप”दिल्ली में सत्ता गंवाने के बाद”दिल्ली”का तख्त कब्जाने के लिए समर्थन देने और लेने की बात करने लगी

झल्ले दी झल्लियां गल्लां

आम आदमी पार्टी का चीयर लीडर

ओये झल्लेया हसाडे सोणे ते सुररथे अरविन्द केजरीवाल साहब ने फ़रमाया है कि १६वी लोक सभा के लिए २०१४ में होने वाले चुनावों में हसाड़ी पार्टी को १०० सीटें तो मिले ही मिलें और अगर ऐसा हो गया तो हसाड़ी मर्जी के बगैर दिल्ली [केंद्र] में किसी की भी सरकार नहीं बनेगी

झल्ला

अरे मेरे चतुर सुजाण जी दिल्ली में आप जी की ही सरकार बनी थी लेकिन आप ही कहते फिरते थे कि हम किसी का सहयोग ना तो लेंगे और ना ही देंगे और अपने सत्ता गवां दी अब दिल्ली राज्य की सत्ता गंवाने के बाद सहयोग लेने और देने की बात करने लगे हो यानि असली रंग में आने लग गए हो

पके पकाए नितीश कुमार जब झोली में आ गिरे तो सड़े गले लालू प्रसाद यादव को गले में बाँध कर कौन चुनाव लड़ना चाहेगा


झल्ले दी झल्लियाँ गल्लां

कांग्रेसी चीयर लीडर

ओये झल्लेया देखा हसाड़े राज्य में न्याय के लिए देर हो सकती है अंधेर नहीं |17 साल बाद ही सही हसाड़े सहयोगी ही सही लेकिन लालू प्रसाद यादव को दोषी करार दे ही दिया गया लालू प्रसाद यादव को सी बी आई की विशेष अदालत ने चारा घोटाले में दोषी घोषित कर दिया है| ओये इसके अलावा पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्र और जे डी यूं सांसद जगदीश शर्मा सहित कुल 44 लोगों पर दोष साबित कर दिया है|
इन्हें 37.7 करोड़ रुपये का घोटाला करने के आरोप में दोषी करार दिया है. ओये अब न 3 अक्टूबर को इन्हें सजा होवे ही होवे लालू यादव के बेटे तेजस्वी यादव ने कहा है की वो इस

झल्ला

ओ मेरे चतुर सुजाण जी अप लोग राजनीतिक शतरंज के पुराने माहिर हो आपजी की झोली में पके पकाए नितीश कुमार अपनी जे डी यूं सहित आ गिरे हैं ऐसे में एन चुनावों के वक्त सड़े गले लालू प्रसाद यादव और उनकी आर जे डी को गले में बाँध कर फिरना तो घाटे की ही राजनीती होगी के नहीं ?

दिग्विजय सिंह सत्ता के दूसरे वैकल्पिक केंद्र के साथ भाग्य आजमा रहे हैं तो इसमें एतराज क्या है


झल्ले दी झल्लियाँ गल्लां

एक दुखी कांग्रेसी

ओये झल्लेया ये हसाड़े राजा दिग्विजय सिंह को कौन सा कीड़ा काट गया ?ओये अच्छे खासे भाजपाइयों को निशाना बनाते बनाते अब अपनी कांग्रेस को ही ले बैठे |राजा जी कह रहे हैं कि सरकार में एक नहीं सत्ता के दो केन्द्र हैं |[१] यूं पी ऐ अध्यक्षा[२]पी एम्
और यहीं नही रुक रहे |कह रहे हैं कि यह व्यवस्था ठीक नहीं है सत्ता का एक मात्र केंद्र प्रधान मंत्री ही होना चाहिए|अब राजा जी के इस फरमान को भाजपाई चुनावी मुद्दा बनाने के धमकी देने लगे हैं| भई एक बात बताओ हसाडी अध्यक्षा श्रीमती सोनिया जी ने ही तो डाक्टर मन मोहन सिंह को पी एम् बनाया है ऐसे में कैसे पी एम् से कम रह सकती हैं|पी एम् से ऊपर नहीं तो बराबर रहना तो बनता ही है|

दिग्विजय सिंह सत्ता के दूसरे वैकल्पिक केंद्र के साथ भाग्य आजमा रहे हैं तो इसमें एतराज क्या है

दिग्विजय सिंह सत्ता के दूसरे वैकल्पिक केंद्र के साथ भाग्य आजमा रहे हैं तो इसमें एतराज क्या है

झल्ला

ओ मेरे चतुर सुजाण जी ये तो आप भी मानोगे कि आपके राजा जी ने अपने बयानों से आपकी सत्ता के कन्द्रों को संभाले रखा है |लेकिन दुर्भाग्य से इन्हें संभालने के लिए कोई आगे नहीं आया|वैसे तो इतिहास गवाह है जब किसी को भी बेरोकटोक काटने की आदत पड़ जाती हैऔर काटने के लिए उसे कोई नहीं मिलता तब वोह अपने को ही काटने लगता है|
इन्होने एक केंद्र को संभालने के लिए उस केंद्र के महत्वपूर्ण केंद्र राहुल गाँधी को पी एम् बनाने के लिए पार्टी में बज रहे बैंड में अपने ट्रम्पेट को शामिल किया तो आपलोग भड़क गए|ऐसे में झल्लेविचरानुसार सत्ता के दूसरे वैकल्पिक केंद्र के साथ भाग्य आजमाने में क्या हर्ज़ है?