Ad

Tag: JhalliPoetry

मुलायम होंगे कठोर या खांसते रह जायेंगे?या फिर कोई दावँ नया दिखलायेंगे??

मुलायम होंगे कठोर या खांसते रह जायेंगे,या फिर कोई दावँ नया दिखलायेंगे
सपा की साइकिल का अब क्या होगा ,ट्यूब बचेगी या टायर तबाह होगा
पहिया कौन सा कौन लेकर भागेगा,सपा की साइकिल का अब क्या होगा
चैन स्नैच होगी या पैडल कोई टूटेगा ,हैंडल किसके हाथों अब टूटेगा
कॅरियर पर लदा माल किसका होगा ,चचा भतीजे में से कौन हैंडल लूटेगा ,
मुलायम होंगे कठोर या खांसते रह जायेंगे,या फिर कोई दावँ नया दिखलायेंगे
भुआ या भगवा के हाथों सत्ता गवाएंगे ,सपा की साइकिल का अब क्या होगा?

पत्ते टूटे कोम्पल फूंटी प्रकृति नववधू सुहाई ,मनवा बजे ढोलक फाग मस्ती छाई

Happy Spring
बसंत ऋतू आई आई ,बूढ़ा मनवा भी ले अंगड़ाई
कामदेव का बाण चला ,उल्लास उमंग फिर भाई
पत्ते टूटे कोम्पल फूंटी प्रकृति नववधू सी सुहाई ,
मनवा बजे ढोलक डम डम फाग की मस्ती छाई
हर ठौर ऋतु सुहावनी छाई,सुगंध मादकता लाइ
कहाँ ढूँढू अपना सजन,कहाँ छुपा है मोरा मदन
पवन चले सनन सनन ,मनवा उड़े गगन गगन
कहाँ ढूँढू अपना सजन, कहाँ छुपा है मादक मदन