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कनाडा के रक्षा मंत्री हरजीत सिंह ने भी भेदभाव के दंश को झेला

[नई दिल्ली]कनाडा के रक्षा मंत्री हरजीत सिंह ने भी भेदभाव के दंश को झेला
कनाडा के भारतीय मूल के रक्षा मंत्री हरजीत सिंह सज्जन ने आज कहा कि उन्हें कनाडा की सेना में ‘‘भेदभाव का सामना’’ करना पड़ा क्योंकि वह ‘‘अलग दिखते’’ थे।
उन्होंने कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन त्रुदू[JustinTrudeau] की पत्नी सोफी ग्रेगोरी त्रुदू[Trudeau] की मौजूदगी में यह टिप्पणी की।
उन्होंने कहा, ‘‘ मेरा जन्म भारत में हुआ था और जब मैं पांच साल का था, कनाडा चला गया… जब मैं 18 साल का था और वहां सेना में शामिल हो गया, मैंने भेदभाव का सामना किया क्योंकि मैं अलग दिखता था, हालांकि मैं एक कनाडाई हूं…।’’
सज्जन वैश्विक अभियान ‘शी विल ग्रो इन्टू इट’ की एशिया में शुरूआत के मौके पर यहां लोगों को संबोधित कर रहे थे।
सज्जन प्रधानमंत्री त्रुदू के साथ भारत की यात्रा पर आए हैं। कल वे लोग अमृतसर भी गए थे।
उन्होंने कहा, ‘‘ मैं एक छोटे गांव का रहने वाला हूं और कनाडा जाने से पहले साधारण जीवन जीता था।’’उन्होंने भारत में कुपोषण के शिकार महिलाओं का भी उल्लेख किया

कैनेडियन “अटवाल” भारत की “ब्लैक लिस्ट” में नहीं,फिर भी उसके वीजा पर सवाल

[नई दिल्ली]कैनेडियन “अटवाल” भारत की “ब्लैक लिस्ट” में नहीं,फिर भी उसके वीजा पर सवाल
कैनेडियन गर्मख्याली “अटवाल” को लेकर भारत के विदेश और गृह मंत्रालयों में तालमेल का अभाव है
विदेश मंत्रालय के प्रेस ब्रीफिंग में पूछे गए एक प्रश्न में मंत्रालय के अधिकारी रवीश कुमार ने गर्मख्याल जसपाल अटवाल को भारत का वीजा देने में
अनभिज्ञता जाहिर की
और कनाडियन रात्रि भोज में अटवाल के नाम को निरस्त किये जाने की सूचना देते हुए कहीं न कहीं अटवाल को आतंकवादी स्वीकार किया
लेकिन केंद्रीय गृह मंत्रालय के ताजा ब्यान के अनुसार जसपाल अटवाल अब भारत की ब्लैक लिस्ट में नहीं है| मंत्रालय के अनुसार हाल ही में १५० सिख टेररिस्ट को ब्लैक लिस्ट से हटाया जा चूका है |ये लोग अब अन्य लोगों की भाँती भारत में आजा सकते हैं|सम्भवत इसी छोट का फायदा उठा कर अटवाल भारत में कनाडा के उच्चायुक्त नादिर पटेल के भोज में निमंत्रण पा गया होगा|
मालूम हो के जसपाल अटवाल प्रतिबंधित इंटरनेशनल सिख युथ फेडरेशन से जुड़ा एक सिख टेररिस्ट था |पंजाब के मिनिस्टर मालकियत सिंह सिद्धू पर १९८६ में गोलियां बरसाने के अपराध में २० साल की सजा पा चूका है|वर्तमान में अटवाल कनाडा की राजनीति में बेहद सक्रिय है और भारत के मीडिया के भी निशाने पर है |
अब प्रश्न यह उठता है के जब अटवाल ब्लैक लिस्ट में नहीं है और अपने अपराध की सजा पा चूका है तब कैनेडियन प्रधान मंत्री के सम्मान में दिए जाने वाले भोज से उसका नाम क्यूँ काटा गया |भारतीय मंत्रालयों को अटवाल के भारत मेंप्रवेश करने लिए जारी हुए वीजा के विषय में अनभिज्ञता क्यूँ दर्शाई जा रही है
फाइल फोटो
गोल्डन टेम्पल अमृतसर