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ताज महल,खजुराहो जैसे 100 अति-महत्वपूर्ण ऐतिहासिक धरोहरों को अब इंटरनेट के जरिए घर बैठे देखा जा सकेगा

[नई दिल्ली ] अजन्ता ,एलोरा की गुफाओं, खजुराहो या ताजमहल आदि भारतीय एतिहासिक धरोहरों को अब घर बैठे आन लाइन देखा जा सकेगा| इसके लिए भारतीय धरोहर ऑनलाइन परियोजना को शुरू किया गया है|केन्द्रीय संस्कृति मंत्री श्रीमती चन्द्रेश कुमारी कटोच द्वारा यह शुभारंभ किया गया है|
श्रीमती चन्द्रेश कुमारी कटोच ने आज भारतीय धरोहर ऑनलाइन परियोजना का शुभारंभ किया। परियोजना के तहत भारतीय पुरात्तव सर्वेक्षण गुगल कंपनी के साथ मिलकर अजन्ता और एलोरा की गुफाओं, खजुराहो और ताजमहल समेत भारत के 100 अति-महत्वपूर्ण ऐतिहासिक धरोहरों की 360 डिग्री की तस्वीरें ऑनलाइऩ उपलब्ध कराएगा। इस अवसर पर श्रीमती कटोच ने कहा कि ऐतिहासिक धरोहरों की ये तस्वीरें आम लोगों के लिए इंटरनेट पर उपलब्ध कराई जाएंगी। उन्होंने कहा कि इसका उद्देश्य देश की इन धरोहरों को बचाए रखने के प्रति लोगों खासकर युवाओं के बीच जागरूकता और रूचि पैदा करना है। उन्होंने कहा कि इंटरनेट पर उपलब्ध कराई गई जानकारियों से आम लोगों को ऐतिहासिक इमारतों के साथ जोड़ा जा सकेगा। उन्होंने उम्मीद जताई कि ऑनलाइन परियोजना से देश-विदेश में अरबों लोग भारत के विविधता भरे ऐतिहासिक धरोहरों को इंटरनेट के जरिए आसानी से देख सकेंगे, यह एक सुखद अनुभव होगा।
संस्कृति मंत्री ने कहा कि उन्हें इस बात की खुशी है कि भारतीय पुरात्तव सर्वेक्षण बदलते समय के साथ खुद को ढालता आया है और भारत के समृद्ध ऐतिहासिक धरोहरों के संरक्षण और प्रचार के लिए साझेदारी के अपने अभियान को पूरी शिद्दत के साथ आगे बढ़ा रहा है। उन्होंने कहा कि पुरात्तव सर्वेक्षण देश के 3678 ऐतिहासिक इमारतों के संरक्षण और रखरखाव की बड़ी भूमिका निभा रहा है।
संस्कृति मंत्रालय में अपर सचिव के के मित्तल ने कहा कि सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहरों के संरक्षण और अनुसंधान के क्षेत्र में भारतीय पुरात्तव सर्वेक्षण देश की अग्रणी संस्था है। ऐतिहासिक इमारतों, पुरातात्विक स्थलों और इनके भग्नावशेषों को संरक्षित करना इसकी प्रमुख जिम्मेदारी है। विभाग ने देश में 3678 ऐतिहासिक इमारतों को संरक्षित इमारत घोषित कर रखा है। इनमें से 20 विश्व धरोहर की श्रेणी में हैं। हाल ही में यूनेस्को ने राजस्थान के 6 किलों को विश्व धरोहर की श्रेणी में डाला है।