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Tag: kisan andolan

किसान मन की बात सुनाने नही बल्कि अपने मन की मनवाने आये हैं

#क्रोधितकिसान
ओए झल्लेया! ये क्या हो रहा है?
ओये इन काले कृषि कानूनों के खिलाफ हम लोग अपने मन की बात बताने दिल्ली आए हैं और यहां बेरिकेडिंग्स+पानी की बौछारों से स्वागत किया जा रहा है और मेजबानी करने के बजाय कोई काशी में तो कोई हैडराबाद में दिखाई दे रहा है
#झल्ला
भापे जी! आपलोगों ने जिस तरह से दिल्ली को घेर कर अर्थव्यवस्था +ट्रैफिक को जाम कर दिया है उससे तो लगता है कि आप लोग सुनाने नही बल्कि अपनी बात मनवाने आये हो

किसानआंदोलन में गुरु ग्रंथ साहिब की वाणी की बेअदबी ?

#किसानआंदोलन में गुरु ग्रंथ साहिब की वाणी की बेअदबी ?
‘सिख धर्मानुसार पवन गुरु, पानी पिता, #माताधरतमहत’ अर्थात हवा को गुरु, पानी को पिता और धरती को मां का दर्जा दिया गया है और पूरा विश्व गुरु नानक देव जी के प्रकाश पर्व की खुशियां बांट रहा है लेकिन दुर्भाग्यवश किसान रूप धरे गुरुनगरी अमृतसर से आये किसान रूपी सिख ने भारतमाता की जय बोलने को मना किया

रालोद ने लोक सभा में अमरोहा सीट के लिए तुरुप के आठवें कार्ड के रूप में राकेश टिकैत पर दावं लगाया

चौधरी अजित सिंह ने अपनी तुरुप का आठवां कार्ड खेलते हुए राकेश टिकैत को अमरोहा से टिकट दिया|राकेश टिकैत ने प्रदेश के गन्ना किसान और टोल प्लाजा को लेकर बड़े आंदोलन किये हैं|
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत अमरोहा से रालोद के टिकट पर लोक सभा का इलेक्शन लड़ेंगे |

Rakesh Tikait Kisan Union Spokesperson

Rakesh Tikait Kisan Union Spokesperson

राकेश टिकैत आज राष्ट्रीय लोकदल में शामिल हो गए। रालोद अध्यक्ष चौ. अजित सिंह जी ने इसकी विधिवत घोषणा की और अमरोहा लोकसभा के लिए राष्ट्रीय लोकदल की कमान सौंपी| श्री टिकैत भाकियू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष स्व. चौ. महेन्द्र सिंह[बाबा] टिकैत के पुत्र हैं।
श्री राकेश टिकैत ने कहा है कि रालोद और किसान यूनियन के मुद्दे एक ही हैं। राजनीतिक ताकत के बिना किसानों की लड़ाई नहीं लड़ी जा सकती। हमें चौ. चरण सिंह जी की सोच को आगे बढ़ाना है। उन्होंने कहा है कि हम चौ. अजित सिंह जी के नेतृत्व में किसानों की लड़ाई जारी रखेंगे और उनके हाथों को मजबूत करेंगे।गौरतलब है कि अमरोहा से रालोद के टिकट पर २००९ में चुनाव जीते देवेन्द्र नागपाल ने रालोद छोड़ कर सत्ता रुड सपा ज्वाइन करके चुनाव नहीं लड़ने का एलान किया हुआ है ऐसे में यहाँ कडा मुकाबिला होने के आसार हैं पिछले दिनों यहाँ ग्लैमर कार्ड खेले जाने की ख़बरें आ रही थी लेकिन मुकाबिला कड़ा देख अब राकेश टिकैत को मैदान में उतारा गया है| इस नएसमीकरण से बिजनौर के सांसद संजय चौहान की उम्मीदें समाप्त हो गई हैं

सरदार वी एम् सिंह ने चौ. टिकैत के किसान आन्दोलन में २५ दिन के धरने का रिकार्ड तोड़ा

किसान आन्दोलनो के इतिहास में आज एक और अध्याय जुड़ गया है| गन्ने को लेकर राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन का कमिश्नरी पार्क में चल रहा अनिश्चितकालीन धरना २३ मार्च ,शनिवार को २६ वें दिन भी जारी है |इस धरने ने बाबा महेंद्र सिंह टिकैत [अब स्वर्गीय]केसबसे लम्बे चले २५ दिन के धरने के रिकार्ड को तोड़ दिया है|अब तक सबसे लम्बे धरने का रिकार्ड बाबा टिकैत के ही नाम है| यह चौ. अजित सिंह की राजनीतिक चौधराहट को चुनौती भी है|
आज सुबह शहीदे आज़म भगत सिंह+सुखदेव+राजगुरु की शाहदत की स्मृति में हवन करा कर अमर शहीदों को श्रधांजली अर्पित की गई| ढोल नगाड़े से गीत गए गए| २४ मार्च को महा पंचायत है|दोपहर बाद धरना स्थल पर जा कर देखा तो किसान नेता सरदार वी एम् सिंह आराम की मुद्रा में दिखे लेकिन यहाँ भी कुछ किसान अपनी समस्यायों की चर्चा करते देखे गए|
धरने के इस रिकार्ड के विषय में प्रतिक्रिया और उपलब्धि के विषय में जानना चाहा तो उन्होंने किसी रिकार्ड ब्रेकिंग या उपलब्धि से बचते हुए कहा कि “मेरा मकसद किसी के रिकार्ड को तोड़ना नहीं है, बाबा टिकैत तो महान किसान नेता थे, मेरा मकसद केवल किसानो को उनका हक़ दिलाना है|और उसके लिए लड़ता रहूंगा”धरने में आ रहे रुकावटों के विषय में सरदार वी एम् सिंह कहना है कि “हां रुकावटें तो कई आ रही हैं,मिल मालिक और कुछ जिनकी चौधराहट को खतरा है वोह लोग जरुर रुकावटें पैदा कर रहे हैं|उन्होंने खुल कर चौधराहट को खतरा महसूस कर रहे चौधरियों के नाम का खुलासा नहीं किया |
उन्होंने किसानों की एकजुटता को जरुरी बताते हुए कहा कि क्रांति की बात करना बहुत ठीक है, मगर क्रांति व्यवस्था परिवर्तन में आनी चाहिए। गांव में दूध व फसल उत्पादन आदि में क्रांति की जरूरत है इसके लिए आवश्यकता पड़ी तो गावों में जाकर किसानों के आपसी झगडे़ निपटाकर उन्हे एकजुट करने का भागीरथी प्रयास किया जाएगा|२४ मार्च को महा पंचायत का एलान किया गया है|
उन्होंने अपने इस
आन्दोलन की उपलब्धियों
को दोहराते हुए कहा कि मलकपुर और मोदीनगर मिल किसानों को ब्याज देने लगी हैं, जो मिलें देरी से भुगतान करेंगी उन्हे 15 प्रतिशत ब्याज देना ही होगा। हालांकि अभी सरकार ने न्यायालय का आदेश आधा ही माना है। जून 2012 से ब्याज भुगतान दिया जा रहा है, जबकि आदेश पहली पर्ची से ही देने का है। कहा कि किसान अब जागरूक हो चुका है वह किसी के बहकावे में नहीं आएगा। बताया कि 24 मार्च को होनी वाली महापंचायत के लिए तैयारियां जोरों पर हैं। इस बार कई हजार किसान धरनास्थल पर पहुंचेंगे और विचार-विमर्श किया जाएगा।