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संसद में फ़ूड सिक्यूरिटी बिल को बहुमत दिलाने वाली सोनिया गाँधी की अपनी तबियत बिगड़ गई

संसद में फ़ूड सिक्यूरिटी बिल को बहुमत दिलाने वाली सोनिया गाँधी की अपनी तबियत बिगड़ गईसंसद में फ़ूड सिक्यूरिटी नामक गेम चेंजर बिल को बहुमत दिलाने वाली यूं पी ऐ की अध्यक्षा श्री मति सोनिया गाँधी की अपनी तबियत बिगड़ गई|
कांग्रेस अध्यक्षा श्रीमती सोनिया गांधी की संसद में अचानक तबीयत बिगड़ गई हैंप्राप्त खबरों के मुताबिक फिलहाल उन्हें एम्स में ले जाया गया है| . उनके साथ राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और रॉबर्ट वाड्रा एम्‍स में मौजूद है| विपक्ष के सभी संशोधनों के प्रस्तावों को गिरा कर फ़ूड सिक्यूरिटी बिल को बहुमत हासिल हो गया |
संसद की कार्यवाही के दौरान श्रीमति सोनिया गाँधी अपने पुत्र सांसद राहुल गांधी और केंद्रीय मंत्री कुमारी सैलजा के साथ सदन से बाहर जाती देखी गई|इस दौरान उन्हें कुछ लडखडाते हुए भी देखा गया जिस के फलस्वरूप उन्हें कुमारी शेलजा का सहारा लेते हुए भी देखा गया| प्राप्त जानकारी के अनुसार उन्हें कल से ही वायरल बुखार है| इसके उपरांत भी उन्होंने आज सुबह से ही फ़ूड सिक्यूरिटी बिल पर चर्चा का न्रेत्त्व किया| भाषण के स्वर में भी स्वाभाविक आक्रामकता के बजाय एक उत्तेजना दिखाई दी |

C G H S Doctors are directed to be polite and courteous with the patients

Doctors /para-medical staff working in Central Government Health Scheme [CGHS ] are directed to be polite and courteous in their behavior with the patients .
Ministry of health & Family Welfare has been receiving complaints/grievances in respect of the following major aspects.
[ 1].Administrative:- Misbehavior by medical and paramedical staff, Shortage of staff, Punctuality etc.
[2.] Technical:- Delay in settlement of medical reimbursement claims (MRCs), Supply of substitute medicines instead of the prescribed by the Govt. specialists, Delay in supply of indented medicines, etc.
[ 3.] Related to empanelled hospitals:
Denial of credit facility, Misbehavior of hospital doctors/staff, overcharging, etc.
[4]. Related to Internet accessibility
Disruption in services due to breakdown in internet connectivity, etc.
Union Minister of Health & Family Welfare Ghulam Nabi Azad in written reply to a question in the Lok Sabha has said that his Ministry has taken following remedial steps
[1](Administrative)Instructions have been issued to the doctors /para-medical staff working in CGHS to be polite and courteous in their behavior with the patients.
In specific cases transfers have also been made and disciplinary actions initiated. Contractual doctors are appointed to meet the requirement of Medical Officers. Regular inspections are carried out by competent authorities.
[2] (Technical):-The time limit for clearance of MRC bills has been fixed.
CGHS doctors are advised to prescribe generic medicines to the maximum extent. The indented medicines are supplied through various local chemists to avoid the delay.
[3]( Related to empanelled hospitals): Penalty is imposed and suitable action is initiated against the erring empanelled private hospitals.
[4](Related to Internet accessibility): -Medical Officers have been instructed not to stop to provide the consultation/treatment in case of failure of internet connection.
Apart from the above, S M S Alert system has been introduced aiming at bringing transparency in delivery of services as major initiative. Redressal Committees have also been formed by CGHS.
The allocation of financial resources is based on the evaluation of specific requirements/demands projected by the CGHS units and availability of resources.

Use of Tobacco and Nicotine ,as Ingredients, in any Food Products Is Prohibited:Tobacco tear lives and families apart

 Use of Tobacco and Nicotine ,as Ingredients, in any Food Products Is Prohibited:Tobacco tear lives and families apart

Use of Tobacco and Nicotine ,as Ingredients, in any Food Products Is Prohibited:Tobacco tear lives and families apart

Use of Tobacco and Nicotine ,as Ingredients, in any Food Products Is Prohibited . Government has launched a nationwide campaign “Tears You Apart”, to raise public awareness about the dangers of smokeless tobacco.
Government of India has prohibited the use of tobacco and nicotine as ingredients in any food products.Government has notified the Food Safety and Standards (Prohibition and Restrictions on Sales) Regulations, 2011 dated 1st August 2011, under the Food Safety and Standards Act, 2006, which prohibit the use of tobacco and nicotine as ingredients in any food products. Regulation 2.3.4 is as under:
“Product not to contain any substance which may be injurious to health: Tobacco and nicotine shall not be used as ingredients in any food products”.
So far 33 States / Union Territories have issued orders for implementation of the Food Safety Regulations banning manufacture, sale and storage of food products including Gutka and Pan Masala containing tobacco or nicotine. (Madhya Pradesh, Kerala, Bihar, Himachal Pradesh, Rajasthan, Maharashtra, Mizoram, Chandigarh, Chattisgarh, Jharkhand, Haryana, Punjab, Delhi, Gujarat, Uttar Pradesh, Nagaland, Andaman & Nicobar, Daman & Diu, Dadra and Nagar Haveli, Uttarakhand, Odisha, Andhra Pradesh, Goa, Sikkim, Manipur, Arunachal Pradesh, J&K, Assam, West Bengal, Tripura, Tamil Nadu, Karnataka and Puducherry).
.Union Minister of Health & Family Welfare Shri Ghulam Nabi Azad in written reply to a question in the Lok Sabhahas stated that The campaign public service announcement (PSA) was filmed in B. Barooah Cancer Institute in Guwahati, Assam and at the Tata Memorial Hospital in Mumbai, Maharashtra. The PSA features real victims who are suffering from horrific cancers and disfigurements as a result of their chewing addiction. It also includes comments from relatives of victims, who describe how tobacco-related illnesses have destroyed careers, family life, and added to financial burdens.
The PSA graphically warns the public that tobacco can literally tear lives and families apart, and urges smokeless tobacco users to quit the habit.
The Ministry, under the National Level Public Awareness Campaign, has launched other media campaigns both in national as well as regional electronic channels (both TV & Radio/FM) , outdoor media and print media focusing on the harmful effects of smokeless tobacco use.
The Ministry has notified the new graphic health warnings which have come into effect from 1st April 2013. Three sets of graphic health warnings each have been notified for smokeless as well as smoking forms of tobacco.
The Ministry has also notified the rules to regulate depiction of tobacco products or their use in films and TV programmes. As per these rules, all films and TV programmes (both Indian & Foreign) depicting tobacco products or their use have to screen a health spot of 30 seconds duration and a disclaimer of 20 seconds duration on the harmful effects of tobacco use, at the beginning and the middle of the films and TV programmes.

आयुर्वेद एवं होम्‍योपैथी के इलाज के लिए भी स्वास्थ्य बीमा लाभ लिया जा सकता है

आयुर्वेद एवं होम्‍योपैथी के इलाज के लिए भी बीमा लाभ लिया जा सकता है|बीमा नि‍यामक एवं वि‍कास प्राधि‍करण ने यह घोषणा की है|
केन्‍द्रीय स्‍वास्‍थ्‍य एवं परि‍वार कल्‍याण मंत्री गुलाम नबी आजाद ने आज लोक सभा में एक प्रश्‍न के लि‍खि‍त उत्‍तर में कहा कि केंद्र सरकार ने आयुर्वेद एवं होम्‍योपैथी के लि‍ए क्रमश: जयपुर में राष्‍ट्रीय आयुर्वेद संस्‍थान तथा कोलकाता में राष्‍ट्रीय होम्‍योपैथी संस्‍थान की स्‍थापना की है। इसके अलावा नई दि‍ल्‍ली में अखि‍ल भारतीय आयुर्वेद संस्‍थान तथा शि‍लांग में पूर्वोत्‍तर आयुर्वेद एवं होम्‍योपैथी संस्‍थान की मंजूरी दे दी गई है। 12वीं पंचवर्षीय योजना के दौरान अखि‍ल भारतीय होम्‍योपैथी संस्‍थान के लि‍ए 50 करोड़ रुपए की राशि‍ स्‍वीकृत की गई है।
बीमा नि‍यामक एवं वि‍कास प्राधि‍करण (आईआरडीए) ने बताया है कि‍आईआरडीए स्‍वास्‍थ्‍य बीमा वि‍नि‍यम 2013 (वि‍नि‍यम संख्‍या 5 (1) ) ने स्‍वास्‍थ्‍य बीमा पॉलि‍सि‍यों में पहले से ही आयुष को इसके दायरे में लाये जाने का प्रावधान है, जि‍समें आयुर्वेदि‍क एवं होम्‍योपैथि‍क बीमा शामि‍ल हैं।
इस प्रावधान के अनुसार बीमा कम्‍पनि‍यां गैर एलोपैथि‍क इलाज के लि‍ए बीमा सुवि‍धा उपलब्‍ध करा सकती हैं, बशर्ते कि‍इलाज कि‍सी सरकारी अस्‍पताल या मान्‍यता प्राप्‍त सरकारी संस्‍थान तथा/ या भारतीय गुणवत्‍ता परि‍षद द्वारा मान्‍यता प्राप्‍त/ स्‍वास्‍थ्‍य से संबंधि‍त राष्‍ट्रीय प्रत्‍यायन बोर्ड द्वारा मान्‍यता प्राप्‍त या कि‍सी अन्‍य उपयुक्‍त संस्‍थान द्वारा कि‍या गया हो।

ट्रेंड पायलट्स की कमी से जूझ रही सरकार एयर पोर्ट्स के आधुनिकीकरण के लिए ही यौजनाएं बनाने में जुटी है

ट्रेंड पायलट्स की कमी से जूझ रही सरकार एयर पोर्ट्स के आधुनिकीकरण के लिए ही यौजनाएं बनाने में जुटी है विमानपत्‍तनों की संख्‍या सरकार एक तरफ तो यह स्वीकार कर रही है कि देश में टाइप रेटेड पायलट्स (Type rated Pilots or Pilot-in-Command) की बेहद कमी है और निजी विमान कम्पनियां चीख चीख कर कह रही हैं कि हाल ही में ७८ विदेशी पायलट्स और कम हो गए हैं | सरकार कहती है कि फॉरेन एयरक्र्यू टेम्पररी औथोराइसेशन (FATA) और को- पायलट्स से काम चलाया जा रहा है|इसके उपरांत भी केवल विमानों की अंधाधुंध खरीद और एयर पोर्ट्स के आधुनिकीकरण+ स्‍तरोन्नयनके नाम पर ही सारी यौजनाएं बनाई जा रही है|
नागर विमानन मंत्रालय में राज्‍य मंत्री श्री के सी वेणुगोपाल ने आज लोक सभा में पूछे गए एक प्रश्‍न के लिखित उत्‍तर में बताया कि हवाईअड्डों के आधुनिकीकरण तथा स्‍तरोन्नयन के‍ हिस्‍से के रूप में, कोलकाता+ चेन्‍नई+रांची+ रायपुर+पुडुचेरी+ भुवनेश्‍वर तथा जैसलमेर (सिविल इन्‍क्‍लेव) में हवाई अड्डों पर नए टर्मिनल भवनों को निर्माण कार्य पूरा कर लिया गया है। ये टर्मिनल अत्‍याधुनिक यात्री सुविधाओं ये युक्‍त हैं। एएआई ने गोवा, तिरूपति, तेज, बड़ोदरा, चण्‍डीगढ़, पेक्‍योंग,कडप्‍पा तथा खजुराहो एयरपोर्ट में नए टर्मिनल भवनों का कार्य प्रारंभ कर दिया है।
बेशक आधारभूत संरचना [ INFRASTRUCTURE ] की बेहद जरुरत है और इस दिशा में कार्य किये भी जाने चाहिए लेकिन एयर लाइन्स के छेत्र में पिलोत्स्स के महत्त्व को नकारा नही जा सकता|सरकार ने इनकी हड़ताल को तोड़नी में तो सफलता प्राप्त कर ली लेकिन पायलट्स की कमी को पूरा करने के लिए कोई प्रभावी कदम उठता नही दिख रहा|यहाँ तक कि डोमेस्टिक टूरिज्म को बढावा देने के लिए भी छोटे एयर पोर्ट्स को अनदेखा किया जा रहा है|मेरठ और लुधिआना का उद्हारण दिया जा सकता है| इसके आलावा यहाँ याह भी बताना जरुरी है कि आधुनिकीकरण के नाम पर जो यौजनाएं बनी जा रही हैं उनकी असलियत जानने के लिए आई जी आई एयर पोर्ट में आये दिन जल भराव से फ्लाईट्स के कैंसिलेशन के आंकड़ों को आसानी से देखा जा सकता है|

केंद्र सरकार ने पहले तो मधुमेहरोधी दवा पर प्रतिबंध लगाया लेकिन दो माह के पश्चात ही हटा भी लिया :अवसाद को लेकर भी दीर्घावधि अध्ययन नहीं है

केंद्र सरकार ने पहले तो मधुमेहरोधी दवा पर प्रतिबंध लगाया लेकिन दो माह के पश्चात ही हटा भी लिया :अवसाद को लेकर भी दीर्घावधि अध्ययन नहीं है चिकित्सा पत्रिकाओं में प्रकाशित खबरों के आधार पर कार्यवाही करते हुए केंद्र सरकार ने पहले तो मधुमेहरोधी दवा पर प्रतिबंध लगाया लेकिन दो माह के पश्चात ही दवाओं से संबंधित तकनीकी सलाहकार बोर्ड (डीटीएबी) की विशेषज्ञ समिति की राय पर इस दवा के विनिर्माण तथा बिक्री से संबंधित निलंबन को वापिस लेने की सिफारिश कर दी गई है| इसके अलावा अवसाद को लेकर भारत में जनसंख्या आधारित कोई भी दीर्घावधि अध्ययन नहीं है|ये रहस्योद्घाटन केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री गुलाम नबी आजाद ने आज लोकसभा में प्रश्नों के के लिखित उत्तर में किया |
[अ]उन्होंने बताया कि दिनांक 18 जून, 2013 को अपने राजपत्र अधिसूचना जीएसआर 379(ई) के तहत सरकार ने मानव प्रयोग के लिए पायोग्लिटाजोन दवा के विनिर्माण, इसकी बिक्री और वितरण पर रोक लगा दी थी। सरकार ने यह कदम चिकित्सा पत्रिकाओं में प्रकाशित खबरों पर उठाया, जिसमें इस दवा के लगातार उपयोग पर स्वास्थ्य सुरक्षा संबंधी चिंताएं व्यक्त की गई हैं। हालांकि दवाओं से संबंधित तकनीकी सलाहकार बोर्ड (डीटीएबी) ने इस उद्देश्य के लिए गठित विशेषज्ञ समिति की राय पर इस दवा के विनिर्माण तथा बिक्री से संबंधित निलंबन को वापिस लेने की सिफारिश की । सलाहकार बोर्ड ने यह भी सिफारिश की कि इस दवा के विपणन की अनुमति दी जाए जिसमें एक चेतावनी का खाना बना हो, साथ ही इस दवा को फार्माकोविजिलेंस कार्यक्रम की निगरानी में रखा जाए। तदानुसार सरकार ने दिनांक 31 जुलाई, 2013 को जारी की गई राजपत्र अधिसूचना जीएसआर 520(ई) के तहत इस दवा के विनिर्माण और बिक्री से संबंधित निलंबन को वापस ले लिया। इसके निलंबन से संबंधित कुछ शर्तें रखी गईं,[१] जिसके तहत विनिर्माताओं को दवा के पैकेट पर प्रचार संबंधी जानकारियां उपलब्ध करानी होगी।
इसकी जानकारी केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री गुलाम नबी आजाद ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।
इसके अलावा केन्द्रीय मंत्री ने यह भी स्वीकार किया कि

अवसाद को लेकर भारत में जनसंख्या आधारित कोई भी दीर्घावधि अध्ययन नहीं है,
[आ]

जिससे यह पता लगाया जा सके कि देश में अवसाद के मामले और अवसादरोधी दवाओं के उपभोग में वृद्धि हो रही है। हालांकि भारत में 11 केन्द्रों पर एक साथ किए गए अध्ययन के दौरान यह पता चला कि किसी व्यक्ति विशेष के जीवनकाल के दौरान अवसाद प्रकरण का विकास 9 प्रतिशत (जीवनकाल में प्रसार) था। इस अध्ययन से यह भी पता चला कि किसी भी 12 महीने की अवधि के दौरान किसी भी समय गंभीर अवसाद प्रकरण 4.5 प्रतिशत (अवधि प्रसार) रहा।
स्वास्थ्य जो कि राज्य की विषय वस्तु है और वैसे लोगों की संख्या जो अवसाद से ग्रसित हैं उऩका विवरण केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा राज्यवार/केन्द्रशासित प्रदेशवार नहीं रखा जाता। अवसाद के लिए किसी एक कारण को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता। अवसाद कई परिस्थितियों के कारण हो सकते हैं, जिनमें अनुवांशिक, जैविक, मनोवैज्ञानिक और अन्य तनाव संबंधित परिस्थितियां शामिल हैं।
मानसिक विकारों की समस्या के समाधान के लिए केन्द्र सरकार ने वर्ष 1982 से देश में राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम (एनएमएचपी) की शुरूआत की है। इस बीमारी का पता लगाने, उसके प्रबंधन और इसका उचित इलाज उपलब्ध कराने के उद्देश्य से जिला मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम (डीएमएचपी) के तहत 30 राज्यों/केन्द्रशासित प्रदेशों के 123 जिलों को लाया गया है।

भारतीय रुपये में गिरावट को रोक पाने में अक्षम आर बी आई ने अब बैंकों की तिजोरियों की सुरक्षा के लिए उपाय करने जरूर शुरू कर दिए हैं

भारतीय रुपये में गिरावट को रोक पाने में अक्षम भारतीय रिजर्व बैंक ने अब बैंकों की तिजोरियों की सुरक्षा के लिए उपाय करने जरूर शुरू कर दिए हैं| केन्‍द्रीय वित्‍त राज्‍य मंत्री श्री नमो नारायण मीणा ने आज लोकसभा में एक प्रश्‍न के लिखित उत्‍तर में बताया के रिजर्व बैंक की लखनऊ शाखा ने संबंधित बैंकों की क्षेत्रीय शाखाओं को नोटों के क्षतिग्रस्‍त होने से बचाने के लिए दीमक रोधी उपाय करने की सलाह दी है। इसके साथ ही तिजोरी रखने वाले बैंकों से रिजर्व बैंक नियमित आधार पर फिटनेस प्रमाण पत्र जमा करवाना आवश्यक होगा|
देश भर में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में रखे गये नोटों के क्षतिग्रस्‍त होने की कोई जानकारी हाल में उसके सामने उजागर नहीं हुई है, हालांकि वर्ष 2010 में स्‍टेट बैंक ऑफ इंडिया, फतेहपुर, बाराबंकी की तिजोरी में रखे गये 3 करोड़ 75 लाख रूपये के नोट दीमकों की वजह से क्षतिग्रस्‍त हो गए।
रिजर्व बैंक की साफ नोट नीति के तहत बैंकों में रखे गये नोटों को नुकसान से रोकने के लिए निम्‍नलिखित कदम उठाये गये है :
-[ १]. बैंकों में तिजोरी की दीवार भारतीय बैंक एसोसिएशन द्वारा स्‍वीकृत नियमों के अनुसार बनाई जाती है।
[2.] रिजर्व बैंक और तिजोरी रखने वाले बैंकों के बीच हुये करार के मुताबिक बैंक तिजोरी और भंडार में रखे गये सामान को सुरक्षित रखने के प्रति जिम्‍मेदार होंगे। [३]. बैंकों को तिजोरियों के बाढ़ग्रस्‍त क्षेत्र में न बनाने और भूतल में स्थित तहखानों में रिसाव और नमी से होने वाले नुकसान की संभावना को देखते हुए इनका निर्माण सावधानीपूर्वक करने के निर्देश दिये गये है।
[४]. तिजोरी रखने वाले बैंकों से रिजर्व बैंक नियमित आधार पर फिटनेस प्रमाण पत्र जमा करना होगा।
[५]. लंबे समय तक रखे जाने के कारण होने वाले नुकसान को रोकने के लिए नोटों को प्रथम प्रवेश प्रथम निर्गम के आधार पर जारी किया जाएगा। यह जानकारी केन्‍द्रीय वित्‍त राज्‍य मंत्री श्री नमो नारायण मीणा ने आज लोकसभा में एक प्रश्‍न के लिखित उत्‍तर में दी।

संसद में कोयले की कालिख में सरकार के महत्वकांक्षी फ़ूड सिक्यूरिटी बिल भी सफेदी नही पा सके

[नई दिल्ली] संसद में आज कोयले की कालिख में सरकार के महत्वकांक्षी फ़ूड सिक्यूरिटी बिल भी सफेदी नही पा सके | : कोयला ब्लाक आवंटन से जुड़ी फाइलों के गुम होने पर कांग्रेस नीत संप्रग सरकार को कटघरे में खड़ा करने का प्रयास करते हुए भाजपा ने आज प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से पूरे घटनाक्रम पर जवाब देने की मांग की।
सरकार की ओर से हालांकि आश्वासन दिया गया कि गायब दस्तावेजों का पता लगाने में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी लेकिन कोयला घोटाले से जुडी महत्वपूर्ण [१५७]फाइलें कोयला मंत्रालय से गुम हो जाने के मुद्दे पर भाजपा सहित विभिन्न दलों के सदस्यों ने आज सरकार पर हमला जारी रखा और प्रधानमंत्री से जवाब मांगा।
भारी हंगामे के कारण राज्यसभा की बैठक चार बार के स्थगन के बाद अंतत: दिन भर के लिए स्थगित कर दी गयी।
कोलगेट के इस मुद्दे पर विपक्ष के हंगामे के कारण लोक सभा में भी कार्यवाही बाधित रही | सरकार का हालांकि कहना था कि वह दस्तावेजों का पता लगाने में कोई कोर कसर नहीं बाकी रखेगी।
जनता दल [यूनाइटेड] आज खाद्य सुरक्षा विधेयक के समर्थन में आया तो दूसरी ओर सपा अपनी कुछ शर्तों के अनुसार इसमें संशोधन पर अड़े हैं| गौरतलब है कि पिछले कुछ दिनों कोयला मंत्री श्री प्रकाश जायसवाल ने मीडिया में ब्यान दिया था कि कोयला घोटाले से जुडी अनेको महत्वपूर्ण फाईले मंत्रालय से गुम है जिसे लेकर विपक्ष ने प्रधान मंत्री और कोयला मंत्री की घेरा बंदी तेज कर दी |इसका असर संसद में भी दिखाई दिया|विपक्ष ने इसे लेकर संसद की कार्यवाही ठप्प रखी|गौरतलब है कि स्वर्गीय राजीव गाँधी के जन्म दिवस पर यूं पी ऐ सरकार फ़ूड सिक्यूरिटी जैसे महत्वपूर्ण बिल को पास करना चाहती थी लेकिन यह महत्वकांक्षा फ़िलहाल कोयले की कालिख में गुम ही रही |

लोकसभा ने पारित किया ,आतंकवाद के लिए ,पाकिस्तान के खिलाफ निंदा प्रस्ताव

लोकसभा ने पाकिस्तान में पनप रहे आतंकवाद के लिए पाकिस्तान के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पारित किया
सदन में ये प्रस्ताव लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार ने रखा था। प्रस्ताव में जम्‍मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर ‌पाकिस्तान द्वारा की जा रही गोलीबारी की निंदा की गई है।
गौर तलब है कि प‌ाकिस्तान की नेशनल असेंबली ने मंगलवार को एक प्रस्ताव पारित कर नियंत्रण रेखा पर भारतीय सेना की कार्यवाही की आलोचना की थी। जिसके विरोध में भाजपा ने आज पाकिस्तान के खिलाफ निंदा प्रस्ताव लाने की मांग की थी।
,इससे पूर्व भारत ने मंगलवार को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की वार्ता की नए सिरे से पेशकश को ठुकराया दिया।
नई दिल्ली ने वार्ता से पहले पुंछ हमला और मुंबई आतंकी हमले के दोषियों को दंडित करने और सीमा पर सीजफायर का उल्लंघन बंद करने की शर्त रखी है।
भारत की ओर से यह तीखी प्रतिक्रिया विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद की पाकिस्तान सरकार को पुंछ हमले की जिम्मेदारी लेने की नसीहत देने के बाद आई है।
बहरहाल भारत के इस कड़े रुख से अगले महीने दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों की न्यूयार्क में होने वाली संभावित मुलाकात पर भी सस्पेंस गहरा गया हैउधर पाकिस्तान ने भी एक नया शगूफा छोड़ते हुए कहा है कि भारत में नई सरकार बनाने पर वार्ता शुरू की जायेगी|

25 लाख से ज्‍यादा उच्‍च शिक्षा के छात्र सब्‍सिडी का लाभ ले चुके हैं: मानव संसाधन विकास राज्‍य मंत्री डॉ. शशि थरूर

25 लाख से ज्‍यादा उच्‍च शिक्षा के छात्र सब्‍सिडी का लाभ ले चुके हैं
एक प्रश्‍न का उत्‍तर देते हुए मानव संसाधन विकास राज्‍य मंत्री डॉ. शशि थरूर ने लोकसभा में बताया कि देश में कॉलेजों और विश्‍वविद्यालयों में दो करोड़ से ज्‍यादा छात्र अध्‍ययनरत हैं। अब तक ब्‍याज सब्‍सिडी योजना के अंतर्गत 25 लाख से ज्‍यादा छात्र लाभान्‍वित हुए है, जो उच्‍च शिक्षारत छात्रों का 12.5 % है।
समाज के कमजोर वर्गों के छात्रों द्वारा लिए गए शिक्षा ऋण की मोरेटोरियम अवधि के लिए ब्‍याज सब्‍सिडी उपलब्‍ध कराने के लिए केन्‍द्र सरकार द्वारा यह योजना प्रारंभ की गई थी।4.5 लाख रूपये से कम वार्षिक पारिवारिक आय वालों के लिए यह यौजना है| साथ ही उन्‍होंने भारत में तकनीकी/व्‍यावसायिक अध्‍ययन हेतु भारतीय बैंक संघ की शिक्षा ऋण योजनाओं के अंतर्गत अनुसूचित बैंकों से ऋण लिया होना चाहिए।
केन्‍द्र सरकार प्राथमिक एवं माध्‍यमिक शिक्षा पर कोई ब्‍याज सब्‍सिडी प्रदान नहीं करती।
उन्होंने बताया कि केन्‍द्र सरकार ने निम्‍नलिखित कदम उठाए है, ताकि अधिकतम छात्र सब्‍सिडी का लाभ उठा सकें-
[१]. राज्‍य सरकारों से अपेक्षित है कि पारिवारिक आय प्रमाण-पत्र जारी करने के प्रयोजनार्थ प्राधिकारियों को पदनामित करें।
[२]. सब्‍सिडी योजना भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम, 1934 की द्वितीय अनुसूची के अंतर्गत आने वाले सभी बैकों पर लागू है।
[३]. भारतीय बैंक संघ ने हाल ही में संशोधित मॉडल शिक्षा ऋण योजना जारी की है, जिसमें इस योजना के अंतर्गत मेधावी छात्रों की ऋण पात्रता पर विचार करने की अनुमति दी गई है, भले ही छात्र निजी संस्‍थानों के प्रबंध कोटा के अंतर्गत छात्र अध्‍ययन जारी रहने का इच्‍छुक हो।