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Mahatma Gandhi Was true global citizen :AAP Tributes On Martyr’s day

Aam Admi Party[AAP]Paid Tribute To Mahatma Mohan Das karam Chand Gandhi By Calling Him A true global citizen who wanted peace between every society and nation
As we observe Martyr’s day today, let us remember the sacrifice of millions of martyrs – freedom fighters, soldiers, activists and everyone who worked and laid their lives for betterment of our nation. Without their sacrifice, we wouldn’t be where we are now.
Mahatma Gandhi is not only the father of our nation but a true global citizen who wanted peace between every society and nation. His death will be a constant reminder for the need of real tolerance and understanding in our diverse nation. Let us join hands in the spirit of ‘bhaichara’ which he preached and walk in the path of truth and justice that he showed.
Today, we salute all these martyrs and aim for a peaceful, equitable and just nation.

अमेरिका में दस हज़ार लोडेड बन्दूक धारी महात्मा गांधी के सविनय अवज्ञा आन्दोलन का अनुसरण करेंगे

अहिंसा वादी मोहन दास कर्म चंद गांधी की आत्मा दिल्ली के राज घाट शान्ति स्थल स्थित अपनी समाधि में आज कल बेचैनी से करवटें ले रही होगी यह सोशल साईट फेस बुक पर छपी एक पोस्ट को लेकर हो सकता है| अडम कोकेश [ADAMKOKESH ] ने अपने पेज पर बताया है के वर्जिनिया से वाशिंगटन के लिए ४ जुलाई को एक शांति मार्च निकाला जाएगा| जिसमे लगभग दस हज़ार भाग लेने वाले कानूनी और गैरकानूनी आग्नेय अस्त्रों[ GUNS ] से लैस होंगें| इनका कहना है घुटनों के बल जीने से अपने पैरों पर खड़े रह कर मरना अच्छा होगा| अमेरिका में बंदूकों को धारण करने की हिमायत में महात्मा गांधी के नाम का सहारा लेकर बंदूकों के सम्बन्धी कानून को तोड़ने के लिए सविनय अवज्ञा आन्दोलन छेड़ा जा रहा है|इसके लिए एक शान्ति मार्च निकाला जाएगा| यदि मार्ग में इन्हें रोका गया तो महात्मा गांधी के उपदेशों का पालन किया जाएगा और सत्याग्रह किया जा सकता है| यदि बल पूर्वक इन्हें मार्ग से वापिस लौटाया जाएगा तो यह साबित हो जाएगा कि स्वतंत्र लोगों को वाशिंगटन में प्रवेश की आज्ञा नही है|
मोहन दास कर्म चंद गांधी ने हथियारों के उपयोग का विरोध करके देश को आज़ाद कराया और अहिंसावाद का पर्याय बन गए| बेशक उनके अपने भारत में आज उनके आदर्शों को राजनीतिक लाभ के लिए भुनाया जाता है और राष्ट्र पिता का मज़ाक उड़ाया जाता है चूंकि गाँधी की छवि अन्तराष्ट्रीय स्तर पर हैं |इसीलिए अमेरिका में भी अब महात्मा के सत्याग्रह और सविनय अवज्ञा आन्दॉलन को पुनः चित्रित किया जाने वाला है |अब इनसे कोई ये पूछे कि १०००० लोडेड बन्दूक धारियों को मार्ग में रोकने की हिमाकत कौन सी सरकार करेगी खैर कुछ भी हो आज कल अन्ना बाबू राव हजारे और अरविन्द केजरीवाल भारत में महात्मा गाँधी के मार्ग का अनुसरण करके चर्चा में हैं ऐसे में इन बन्दूक धारियों को भी महात्मा गांधी के आशीर्वाद से वंचित नहीं होना पड़ेगा|