झल्ले दी झल्लियाँ गल्लां
एक कांग्रेसी चीयर लीडर
ओये झल्लेया देखा हसाडी सोणी सरकार ने मातृत्व और बाल कुपोषण से निपटने के लिए 12वीं पंचवर्षीय योजना (2012-17) में 1,213.19 करोड़ रुपये खर्च करने की घोषणा कर दी है| केंद्र 944.39 करोड़ रुपये देगा जबकि राज्यों को केवल 268.80 करोड़ रुपये ही देने होंगे |केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने राज्य+ जिला+ ब्लॉक और ग्रामीण स्तर के इस कार्यक्रम के कार्यान्वयन के प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी है ओये अब तो (1). बाल कुपोषण में कमी लाने के साथ इसकी रोकथाम की जा सकेगी और (2). बच्चों+ किशोरियों +महिलाओं की रक्ताल्पता के स्तर को कम किया जा सकेगा
झल्ला
मेरे चतुर सुजाण जी सुनने में तो आप जी की गल बहुत चंगी लग रही है मगर मेरी झल्लयत शायद आप जी को सूट नहीं करेगी|आपने यह कार्यक्रम गंभीर समस्या वाले २०० जिलों में चलाने का फैसला किया है झल्ले की झल्लयत के अनुसार आजादी के ६५ साल बाद ही सही आप ने यह तो मान ही लिया कि कम से कम २०० जिलों में ही सही मातृत्व और बाल कुपोषण की समस्या बेहद गंभीर हो चुकी है|
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