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एलजी+एमसीडी पर 15000 करोड़ की भूमि के घोटाले का आरोप

[नई दिल्ली] दिल्ली में सत्तारूढ़ “आप” ने एलजी और एमसीडी पर भूमि घोटाले का आरोप लगाया
बुधवार को आप पार्टी कार्यालय में पत्रकारों को संबोधित करते हुए आम आदमी पार्टी [आप]के राष्ट्रीय प्रवक्ता दिलीप पाण्डेय ने कहा कि दिल्ली की भाजपा शासित निगम में भाजपा के आशीर्वाद से दिल्ली के इतिहास का सबसे बड़ा भूमि घोटाला हुआ है। नॉर्थ एमसीडी की एडिशनल कमिश्नर रेनू जगदेव की चिट्ठी का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि नॉर्थ दिल्ली में स्थित खैबर-पास गांव इलाके के नज़दीक स्थित 95 एकड़ ज़मीन का एक टुकड़ा जिसकी अनुमानित कीमत 15000 करोड़ है, अवैध तरीके से कुछ निजी लोगों को फायदा पहुंचाने के इरादे से एक प्राइवेट बिल्डर को दे दिया।
दिलीप पाण्डेय ने कहा कि चूँकि ये सरकारी संस्थान उप-राज्यपाल साहब के अधीन आते हैं, तो ये संभव ही नहीं है कि इसकी जानकारी उपराज्यपाल साहब को नहीं है। *इस पूरे प्रकरण की जानकारी दिल्ली के उप-राज्यपाल साहब के साथ-साथ एमसीडी के कमिश्नर और अधिकारियों और भाजपा के सचिव साहब को भी थी। तो सवाल ये उठता है कि भाजपा इस भ्रष्टाचार पर चुप क्यों है।
आतिशी मारलीना ने भाजपा, उपराज्यपाल और मुख्य सचिव के समक्ष कुछ सवाल रखे…
१]ये 95 एकड़ ज़मीन किसकी थी और किसने ये ज़मीन प्राइवेट बिल्डर को दी?
२]क्या भाजपा, उप-राज्यपाल और मुख्य सचिव को इस महा-घोटाले की जानकारी नहीं थी?
३]क्या इस ज़मीन का आबंटन बिना भाजपा, उपराज्यपाल और मुख्य सचिव की जानकारी के दिल्ली मेट्रो को कर दिया गया?
४]वो कौन सा अधिकारी है जिसने इस ज़मीन के आबंटन को मंज़ूरी दी?
५] भाजपा से लेकर सभी संसथान इस महा घोटाले पर चुप क्यों हैं?
आप नेताओं ने पूछा के इस ज़मीन के 15000 करोड़ रूपए किस-किस की जेब में गए?
फाइल सिंबॉलिक फोटो

“आप” ने नार्थ एमसीडी के मेयर पर रिश्वत मांगने का आरोप लगा कर बर्खास्तगी की मांग की

[नई दिल्ली]आप ने नॉर्थ MCD के मेयर पर रिश्वत मांगने का आरोप लगा कर बर्खास्तगी की मांग की
आम आदमी पार्टी [आप]ने एक व्यक्ति के आधार पर उत्तरी दिल्ली नगर निगम के महापौर रवींद्र गुप्ता पर भवन निर्माण के मामले में रिश्वत लेने का आरोप लगाया है। पार्टी का मानना है कि किसी महापौर पर इस तरह का आरोप लगना बेहद गंभीर मसला है। शिकायतकर्ता की तरफ़ से इस मामले की शिकायत निगम की स्थाई समिति के सदस्य पृथ्वी सिंह राठौर के पास पहुंची थी और फिर ये मामला निगम की बैठक में बुधवार को उठाया गया, स्थाई समिति ने इस मामले की गंभीरता और तथ्यों को देखते हुए जांच के लिए निगम आयुक्त को भेज दिया है। इस मसले पर आयोजित प्रैस कॉंफ्रैंस में दिल्ली संयोजक दिलीप पांडे ने कहा कि “निगम आयुक्त कैसे महापौर के खिलाफ़ एक निष्पक्ष जांच करा पाएंगे ? इसीलिए हमारी मांग है कि इसकी जांच सीबीआई से कराई जाए ताकि सच सबके सामने आ सके”
श्री पाण्डेय ने आरोप लगाया के दिल्ली नगर निगम में पिछले 13 साल से भारतीय जनता पार्टी का शासन है और वहां कितने ही ऐसे भ्रष्टाचार के मामले आते हैं लेकिन उस पर कोई ठोस कार्रवाई देखने को नहीं मिलती है’। पांडे ने इसके अलावा कहा कि ‘एक और दूसरे मामले में तीस हज़ारी कोर्ट ने हाल ही में दिल्ली बीजेपी में ज़िला अध्यक्ष के पद पर काम कर रहे राजन तिवारी की गिरफ्तारी के आदेश दिए है, राजन तिवारी को इलाके में कथित तौर पर भूमाफिया के तौर जाना जाता है और वो अतीत में बीजेपी की तरफ़ से पार्षद और महामंत्री भी रह चुके हैं। लेकिन पुलिस इस मामले में कोई भी कार्रवाई नहीं कर रही है। इन सब मसलों के लेकर पार्टी ने भारतीय जनता पार्टी और दिल्ली पुलिस से तीन सवाल उठाये हैं
[१] क्या भारतीय जनता पार्टी रिश्वत मांगने के आरोप में उत्तरी दिल्ली नगर निगम के महापौर रविंद्र गुप्ता को बर्खास्त करेगी ?
[२]दिल्ली बीजेपी में पदाधिकारी राजन तिवारी की गिरफ्तारी को लेकर क्या भारतीय जनता पार्टी दिल्ली पुलिस से बात करेगी ?
[३]तीसरा सवाल दिल्ली पुलिस से ही है कि इतने संगीन आरोप और कोर्ट के आदेश के बाद भी पुलिस बीजेपी नेताओं पर आवश्यक कार्रवाई क्यों नहीं कर रही है ?