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केंट बोर्ड ने करोड़ों रु से निर्मित अवैध आरआर माल को ध्वस्त कर ही दिया

210 b [मेरठ,यूपी]केंट बोर्ड ने अवैध आरआर माल को ध्वस्त कर ही दिया|केंट की बेशकीमती भूमि पर बने आलिशान अवैध आरआर माल को ध्वस्त कर ही दिया| केंट बोर्ड के बुलडोजर ने अनेक लोगों को बेरोजगार किया इन्वेस्टर बर्बाद किये |सांसद राजिंदर अग्रवाल के वायदों को स्वाह किया और केंट बोर्ड अधिकारी अनुज सिंह के कारनामों को उजागर किया |ध्वस्तीकरण की फोटो में खड़ी अनेकों बहुमंजिला इमारतें साफ नजर आ रही हैं |इनके अस्तित्व के पीछे के छिपे हाथों पर प्रश्न चिन्ह लग रहे हैं
पिछली बार ९ जुलाई २०१६ को भी ध्वस्तीकरण की कार्यवाही हुई थी लेकिन उसमे अनुज चौधरी की नासमझी में चार लोगों की मृत्यु हो गई थी उसके पश्चात् प्रशासन दबाब में आ गया और कार्यवाही दो साल तक ठन्डे बस्ते में रही|इस दौरान व्यपारियों ने सभी दरों तक अपनी फर्याद पहुंचाई |सांसद राजिंदर अग्रवाल ने तो इन्हें केंद्र और रक्षा मंत्रालय तक के सब्ज बाग़ दिखाए लेकिन आज सभी झूठे साबित हुए |आज सुबह से ही छेत्रको छावनी में तब्दील कर दिया गया |प्रदर्शन कर रहे लोगों को पहले गिरफ्तार कर लिया गया |पोलिस और सिविल प्रशासन के अधिकारी चाकचौबंद रहे |
केंट बोर्ड के कटर और बुलडोजर चल गए |

२१०-बी की सील तोड़ कर दुकानदारों ने सीईओ की गिरफ़्तारी मांगी

210 b cant ki shop ko seel lagana ja rahi hai cant boad ki teem (1)[मेरठ,यूपी]२१० बी की कानूनी सील तोड़ कर व्यपारियों ने सीईओ की गिरफ़्तारी की मांग की
मेरठ छावनी में सदर घण्टाघर के समीप विवादित कोठी नंबर २१० बी में बनाये गए आर आर माल को तोड़ने के लिए न्यायालय के आदेश के बावजूद भारी मलबे को हटा कर कानूनी सेल को तोड़ कर ७ फरवरी से दुकाने खुलनी शुरू हो गई | आज दुकानदारों ने खुली दुकानों के बाहर बैठ कर हाथों में प्लेकार्ड ले रखे हैं जिन पर लिखा है”केंट के एग्जीक्यूटिव अफसर राजिव श्रीवास्तव को गिरफ्तार करो”
इस पर केंट बोर्ड की फौज को आदेश न देना ,जिलाधिकारी,पुलिस कप्तान,की चुप्पी के खिलाफ सुगबुहाट शुरू हो गई है |खबर लिखे जाने तक केंट बोर्ड का अमला ऊपरी आदेश के अभाव में कार्यालय में ही रुका हुआ है

मेरठ का अनाधिकृत२१०बी मथुरा के जवाहर बाग़ की तरह जलने से बचा:ध्वस्तीकरण टाला

[मेरठ,यूपी]मेरठ का अनाधिकृत २१०बी मथुरा के जवाहर बाग़ की तरह जलने से बचा
छावनी के सदर थाना के अंतर्गत घंटाघर के ठीक सामने स्थित विशाल कोठी संख्या २१० बी में अनाधिकृत निर्माण को तोड़ने के लिए प्रशासन बिना पूरी तैयारी के पहुँच गया |छेत्र वासी बड़ी संख्या में विरोध में सामने आ गए| ध्वस्तीकरण अभियान को ईद तक टालने की घोषणा करके अधिकारी अपने कार्यालयों में लौट गए|
201बी जहां कभी डी ऐ वी स्कूल हुआ करता था +हरियाला बाग़ हुआ करता था ,वहां अब आरआर माल+और अनाधिकृत भवन बने हुए है |न्यायालयों में ये लोह केस हार चुके हैं और निर्माण के ध्वस्तीकरण के आदेश दिए जा चुके हैं |अनेको बार मौके का मुआयना हो चूका है यहां तक के ड्रोन से फोटोग्राफी भी करवा ली गई है |अनेकों बार ध्वस्तीकरण की कार्यवाही के लिए अभियान चलने की घोषणा भी की जा चुकी है लेकिन हरबार व्यवस्था खली हाथ ही लौटती रही है १९ जून को भी इसीकी पुनरावृति हुई| छेत्र वासी बड़ी संख्या में वहां मौजूद थे जिनका सामना करने के लिए पर्याप्त फ़ोर्स नहीं थी |यदि कार्यवाही होती तो शायद मथुरा के जवाहर बाग़ की तरह यहां भी टकराव हो सकता था लेकिन फ़िलहाल ध्वस्तीकरण की कार्यवाही को ईद तक टाल दिया गया है |

मेरठ की छावनी के नए सीईओ भी पुराणों की तरह चले ही जायेंगे

Meerut Abulane

Meerut Abulane

[मेरठ,यूपी ] मेरठ की छावनी के नए सीईओ भी पुराणों की तरह चले ही जायेंगे क्योंकि “जय माई दुर्गे कई आये ते कई तुर गए”
जी हाँ यह वाक्य ऐतिहासिक मेरठ की छावनी में चरितार्थ होता है
नए सीईओ ने जोर शोर से आबूलेन की सेन्ट्रल पार्किंग को खत्म करवा कर
यहां का सौन्द्रीयकरण करने की घोषणा कर दी
आनन फानन में डीवाइडर बन गया+गमले लग गए+तोप के महंगे मॉडल लॉग दिए गए +यहां तक बीच सड़क में फुव्वारा भी लग गया
पार्किंग के लिए कब्जाए गए बंगलों में पैसा फूँका गया
CEO MEERUT लेकिन दुर्भाग्य से बोर्ड के काले इतिहास ने अपने को ही दोहराया+अतिक्रमण कब हटेगा -ज्ञात नहीं+ झुग्गियां कब हटेंगी -जानते नहीं
फव्वारा कब चलता है- पता नहीं+तोप के मॉडल कब साफ़ होतें है -मालूम नहीं+पार्किंग में गाड़ियां क्यूँ नहीं खड़ी की जाती -जानकारी नहीं
कहने का भाव है के गाड़ियां भी आबूलेन पर ही खड़ी हो रही है+फव्वारा कभी चलता नहीं है+टॉप के मॉडल अपनी रौनक खोने लगे हैं|
वैसे जानकारी के लिए बताते चलें के आबूलेन को मेरठ का कनाट प्लेस कहा जाता है |और यहां की छावनी देश की प्रतिष्ठित छावनियों में से एक है |ऐसी प्रतिष्ठित मेरठ छावनी परिषद की चुनौतियों का सामना करने को राजीव श्रीवास्तव ने सीईओ पदभार ग्रहण किया था

मेरठ छावनी परिषद की चुनौतियों का सामना करने को राजीव श्रीवास्तव ने सीईओ पदभार ग्रहण कर ही लिया

Rajiv Shrivastava

Rajiv Shrivastava

[मेरठ] मेरठ की ऐतिहासिक छावनी की परिषद में व्याप्त चुनौतियों का सामना करने के लिए राजीव श्रीवास्तव ने बृहस्पतिवार को सीईओ पद भार ग्रहण कर लिया |कार्यवाहक अधिकारी नरेंद्र नाथ ने जबलपुर से आये श्रीवास्तव को यह कार्यभार सौंपा|
नए युवा सीईओ के आने से ठहरी हुई छावनी में विकास होने की संभावनाएं व्यक्त की जा रही है | गौरतलब है के बीते छह महीनों से छावनी का विकास रुका हुआ है | नए चुने हुए बोर्ड की बैठक भी अटकी हुई है |
Mr Nath Taking charge From Out Going CEO

Mr Nath Taking charge From Out Going CEO

परिषद की अनेकों मल्टी लेवल पार्किंग+कम्युनिटी सेंटर जैसी महत्वकांक्षी योजनाओं को परवान चढ़ाने के साथ छेत्र में सुरसा से फैले अतिक्रमण से निबटने में नए सी ई ओ को अपनी प्रतिभा प्रदर्शित करनी होगी इसके अलावा स्मार्ट सिटी जैसी योजनाओं में छावनी को भी शामिल करने में अहम भूमिका निभानी होगी

भाजपा की गलतियों को सुनील वाधवा ने भुना कर अपनी पत्नी बीना को बनवाया कैंट बोर्ड की उपाध्यक्षा

[मेरठ]भाजपा की गलतियों को सुनील वाधवा ने भुना कर अपनी पत्नी बीना को बनवाया कैंट बोर्ड की उपाध्यक्षा |
बसपा समर्थित बीना वाधवा ८ सदस्यों वाली मेरठ कैंट बोर्ड की उपाध्यक्षा बनी |गौरतलब हे के श्रीमती बिना वाधवा के पति सुनील वाधवा बसपा के टिकट से दो बार विधायक का चुनाव लड़ चुके हैं और मेरठ के इसी कैंट बोर्ड के उपाध्यक्ष भी रह चुके हैं |
सुनील वाधवा के अनुभव के चलते ही कैंट बोर्ड उपाध्यक्ष के चुनाव में बसपा समर्थित उनकी पत्नी बीना वाधवा ने भाजपा की पार्षद रिनीजैन की वोट भी हासिल की और उपाध्यक्ष की कुर्सी कब्जाने में कामयाब रही। आज सोमवार को हुए उपाध्यक्ष के चुनाव में भाजपा की रिनी जैन द्वारा क्रास वोट किये जाने के कारण बीना वाधवा उपाध्यक्षा की कुर्सी पर पहुंचने में कामयाब रही। बीना के समर्थन में [१]बुशरा कमाल[२]रिनी जैन[३]नीरज राठौर [४]मंजू गोयल ने वोट किया। कुल आठ सदस्यों में बीना के पास पांच वोट थी।गौरतलब ही के मेरठ छावनी को भाजपा की छपरौली कहा जाता है कनॉट और शहर विधायक के अलावा सांसद भी भाजपा से ही हैं लेकिन बोर्ड के लिए हुए चुनावों में टिकट वितरण में कर्मठ और समर्पित लोगों की अनदेखी पार्टी को भारी पढ़ गई |८ में से केवल दो सीटें ही मिली और उन दो में से भी एक टूट कर अब बसपा के झोली में जा गिरी|सुनील वाधवा ने भाजपा की अंतर्कलह का लाभ उठाया और भाजपा के एक पार्षद का बीना के पक्ष में समर्थन हासिल करने में सफल रहे

कैंटबोर्ड की१०दिनों की कवायद पर पानी फेरते हुए व्यापारियों ने आबूलेन पर व्यवस्था को तहस नहस किया

abu lane Central parking[मेरठ] कैंटबोर्ड की १० दिनों की सारी कवायद पर पानी फेरते हुए आक्रोशित व्यापारियों ने आज आबूलेन पर व्यवस्था को तहस नहस कर दिया |
बीते दस दिनों से जिस बात की आशंका जताई जा रही थी आखिरकार आज वहीं हुआ।
मेरठ के कनॉट प्लेस कहे जाने वाले प्रमुख बाजार आबूलेन की सेंट्रल पार्किंग को कैंट बोर्ड द्वारा आज हटा दिया गया और बीच मार्ग में पुताई करवा कर गमले लगाये गए |

Central Parking At Abulane

Central Parking At Abulane

यहां पार्क किये जाने वाले वाहनों के लिए अबुनाळे और एक बंगलो में व्यवस्था की गई है | आक्रोशित व्यापारियों ने गमलों को तोड़ डाला| २१ जून को सांसद ने अपने निवास पर व्यापारियों की मुलाकात रक्षा मंत्री मनोहर पर्निकर से कराई थी उसी के फलस्वरूप व्यापारी अधिक उत्साहित नजर आये
बाजार में से पार्किंग को हटाये जाने को लेकर व्यापारियों में भारी रोष व्याप्त है|जिसे ऐन्केश करते हुए सांसद राजेंद्र अग्रवाल ने भी आज \के विरोध प्रदर्शन में भाग लिया और अपना विरोध जताया। पार्किंग स्थल पर रखे गमलों को व्यापारियों द्वारा तोडे जाने पर कैंट बोर्ड कर्मचारी गुस्सा गये तथा उनकी व्यापारियों से आमने-सामने की भिडंत हो गई।एक समय था जब केंट बोर्ड का एक कारिंदा बाजार से गुजरता था तब पूरे बाजार सहम जाता था आज ये आलम है कि केंट बोर्ड कर्मियों की पूरी फौज तैनात होने के बावजूद पूरी व्यवस्था नेस्तनाबूत हो गई |एक दिन डंडा चला कर ठेले वालों को धकियाया जाता है तो दूसरे सारे ठेले+औटो रिक्शा वाले अपनी जगह पर लौट आते हैं
abu lane central parking|सम्भवत बोर्ड और खोमचे वाले एक दूसरे की फितरत को समझ चुके हैं | शायद यही मानसिकता बोर्ड और इसके सदस्यों की प्रतिष्ठा पर भी प्रश्न चिन्ह भी लगाती है |

रक्षा मंत्री के स्वागत के लिए कैण्ट बोर्ड,बिना सरकार,ज्यादा चुस्ती+फुर्ती दिखा रहा है

[मेरठ]रक्षा मंत्री के स्वागत के लिए कैण्ट बोर्ड,बिना सरकार,ज्यादा चुस्ती+फुर्ती दिखा रहा है कैंट बोर्ड एक महीने से बिना सरकार अर्थार्त बिना निर्वाचित बोर्ड के चल रहा है चूँकि चुने गए नए सदस्यों का अभी तक नोटिफिकेशन पब्लिश नही हुआ है सो उन्हें शपथ भी नहीं दिलाई जा सकी है | कैंट बोर्ड के चुनाव हुए एक पूरा महीना बीत गया लेकिन हमेशा की तरह रक्षा मंत्रालय द्वारा अधिसूचना जारी नही की जा सकी है |सदस्यों से पूछने पर एक ही रटा रटाया उत्तर आता है कि ये कोई नई बात नहीं है लास्ट टाइम भी एक महीने के बाद ही गजट नोटिफिकेशन हुआ था इसी बीच निर्वाचित सदस्यों के खरीद फरोख्त की खबरें भी लीक होती रहती हैं |सम्भवत उपाध्यक्ष के चयन के लिए हो रही जोड़ तोड़ को फाइनालाईज करने के लिए कुछ और समय की दरकार हो सकती है |इसीलिए सदस्यों द्वारा कोई दबाब नहीं बनाया जा रहा |विभिन्न राजनितिक दलों से जुड़े सदस्य चुन कर आये हैं मगर चुनावों के पश्चात सरकार के गठन के प्रति उनकी उदासीनता जग जाहिर है यहां यह भी बताते चलें कि छेत्र विधायक+सांसद द्वारा अपनी निधि का इस्तेमाल यहां के विकास के लिए किया हो उसका कहीं कोई विशेष उल्लेख नहीं मिलता|
इस ऐतिहासिक कैंट बोर्ड में चुनी हुई सरकार नहीं है मगर सेना का डंडा बदस्तूर चल रहा है |आबू नाले पर वैकल्पिक पार्किंग प्रोजेक्ट हो या फिर पूर्व में कब्जाए गए बहुमूल्य बँगला १७३+१८० के सद्युपयोग को दिखाने की कवायद जारी है |यहां तक कि दशकों से मुँह बाये खड़ी फाजलपुर नाले की समस्या को भी हल करने के दावे आने लग गए हैं | बोर्ड के सीईओ डा. डीएन यादव और उनका विशेष स्टाफ स्टाफ के निरीक्षण करते देखे जा सकते हैं |बोर्ड में स्टाफ रिक्तियों को भरने के भी दावे किये जाने लगे हैं |
यहां यह कहना जरूरी है कि अवैध कब्जे और अतिक्रमण की जद में पूरा कैण्ट विशेष रूप से अंदरूनी इलाके कराह रहे है|
सेंट्रल पार्किंगको लेकर व्यापारी आमने सामने आने को तैयार बैठे हैं |छोटे ठेले +खोमचे वाले आये दिन धकियाए जा रहे हैं+लठियाए जा रहे हैं |जानकारों का मानना है कि २१ जून को केंद्रीय रक्षा मंत्री का दौरा है |मनोहर पर्रिकर सैन्य छेत्र में अंतराष्ट्रीय योग दिवस में भाग लेने आ रहे हैं शायद उसी को लेकर बिना सरकार का कैण्ट बोर्ड ज्यादा चुस्ती+फुर्ती दिखा रहा है

छावनी परिषद में अलोकतांत्रिक प्रणाली का बोलबाला :सभाासद जगमोहन शाकाल

[मेरठ]छावनी परिषद के सभासद जगमोहन शाकाल ने परिषद में लोक तांत्रिक प्रणाली को ताक पर रखे जाने के आरोप लगाये हैं|जग मोहन के अनुसार सी ई ओ यादव द्वारा अनाधिकृत विशेषाधिकारों का प्रयोग करके बोर्ड में असंवैधानिक प्रक्रिया अपनाई जा रही है |
इस विषय में सभासद शाकाल ने अधिशासी अधिकारी को एक विरोध पत्र लिखा है |इसकी प्रतिलिपि रक्षा मंत्रालय के अनेकों अधिकारीयों को भी प्रेषित की गई है|
सभासद का आरोप है कि छावनी अधिनियम २००६ के नियमों के अंतर्गत उनके और अन्य सभासदों द्वारा समय समय पर जताए गए विरोध+प्रस्ताव+आपत्तियां+आदि परिषद की बैठक के कार्यवृत में जानबूझ कर शामिल नहीं किये जाते | उन्होंने कुछ निम्न उदहारण भी दिए हैं
[१] अधिकारीयों के खिलाफ भ्र्ष्टाचार
[२]सोफिया कान्वेंट स्कूल में पार्किंग
[३] असंवैधानिक परिसीमन
[४]कार्यवृत की अनुपलब्धता

सेना की संगीनों के साये में छावनी परिषद के पीले पंजे ने दशकों से लग रही सदर सब्ज़ी मंडी को भी ध्वस्त किया

[मेरठ] सेना की संगीनों के साये में छावनी परिषद का पीला पंजा और हथौड़ा आज एक और सब्ज़ी मंडी पर चल गया |सिविल मामलों में सेना के इस तरह से प्रयोग का सभी तरफ विरोध हो रहा है|
अपने पूर्व घोषित कार्यक्रम के अनुसार छावनी परिषद ने सदर सब्जी मंडी में अतिक्रमण ध्वस्तीकरण अभियान चलाया|इस दौरान अनेकों ठाणे की पोलिस और सेना के त्वरित एक्शन फ़ोर्स[QRT ]की मदद से ठेले+अनधिकृत फड़ दुकानों को हटाया गया और नाले पर बनीदुकानों को ध्वस्त किया गया |छावनी परिषद के बुलडोजरों ने एक एक करके अनधिकृत टिन शेड ढाने शुरू किये |जिसे देखकर दुकान दार खुद ही अपना सामान बटोरने लगे|गौरतलब है कि इससे पूर्व लालकुर्ती कि सब्जी मंडी को भी इसीप्रकार हटाया गया और आधे अधूरे बकरी लेन में शिफ्ट कराया गया |जिसका विरोध अभी भी जारी है|

Demolition Of Encroachment In Meerut

Demolition Of Encroachment In Meerut

बुधवार को जब लालकुर्ती इलाके में सब्जी की दुकानों पर कैंट बोर्ड की जेसीबी चली। उस समय लोगों ने कैंट बोर्ड के खिलाफ नारेबाजी की और एक गुस्साए युवक ने मिटटी का तेल छिड़क कर आत्मदाह का प्रयासभी किया
दुकानदारों ने कैंट बोर्ड के पूर्व उपाध्यक्ष और बसपा नेता सुनील वाधवा के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। कुछ देर बाद वहां सांसद राजेंद्र अग्रवाल भी पहुंच गए। उनका भी दुकानदारों ने विरोध किया। सांसद ने दुकानदारों को आश्वासन दिया कि यदि कैंट बोर्ड उन्हें सुविधा नहीं देता, तो वह उनकी लड़ाई लड़ेंगे।
गौरतलब है कि लालकुर्ती की तरह ही यहाँ सदर में भी अधिकारी गण आश्वासन देते रहे और कुछ व्यापारी और राजनितिक नेता गण मीडिया के कैमरे के सामने आकर विरोध दर्ज करने की औपचारिकता पूरी करते रहे| sadar sabzi mandi