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Tag: mega housing scheme

दिल्ली विकास प्राधिकरण के विकास भवन का भ्र्ष्टाचार अभी भी विकास पथ पर बेरोकटोक सरपट दौड़ रहा है

[नई दिल्ली]दिल्ली विकास प्राधिकरण[डीडीऐ] अपनी अनियमितताओं से अभी भी केंद्र सरकार की गवर्नेंस की बेरोक टोक धज्जियां उड़ाने में व्यस्त है|ऑनलाइन मांगी गई एप्लीकेशन मनी को ऑनलाइन रिफंड करने के बजाय पेपर चेक से भेजने की प्रक्रिया अपनाई गई है जिसके फलस्वरूप लाखों लोगों के एकाउंट में पैसा नहीं पहुँच पा रहा है |जाहिर हैं डी डी ऐ के अकाउंट में पहुंचे करोड़ों रुपयों का ब्याज लाभ तो डी डी ऐ को हो रहा हैजबकि मकान तो मिलने दूर रहे उलटे जमा कर्ताओं को परेशानी अलग से झेलनी पढ़ रही है|
जी हाँ डी डी ऐ ने अभी तक लाखों असफल ग्राहकों को पैसा नहीं लौटाया है |यह अपने आप में एक आश्चर्य हो सकता है क्योंकि गुड गवर्नेंस का दावा करने वाली सरकार के ठीक नाक तले विकास प्राधिकरण के विकास भवन का भ्र्ष्टाचार विकास पथ पर सरपट दौड़ रहा है |
नई सरकार के आगमन की ख़ुशी में डीडीऐ द्वारा बीते साल[अगस्त] बहुप्रतीक्षित विशाल आवासीय योजना लांच की |
शुरूआती झटकों के पश्चात इसके अंतर्गत २५ हजार पूर्ण विकसित मकान दिए जाने थे |इस महत्वकांक्षी योजना के लिए लगभग १० लाख लोगों ने फॉर्म भरे |गौरतलब है कि डी डी ऐ के वाईस चेयरमैन श्री बलविंदर कुमार द्वारा जारी दिशा निर्देशों के अनुसार सारा पैसा ऑनलाइन जमा कराया जाना था |नवम्बर में निकाले गए ड्रा में जहाँ २५ हजार अप्प्लिकैंट्स लकी साबित हुए तो लगभग पौने दस लाख लोग असफल भी हो गए |इन मकानों को दिसंबर में दिया जाना था| विकसित मकान भी अभी तक नहीं दिए गए हैं|
योजना की शर्तों के अनुसार बेशक एक परिवार के अनेकों सदस्यों ने फ़ार्म भरा मगर एलॉटमेंट एक सदस्य को ही दिया जाना था इसीलिए एक परिवार के मुखिया ने अपने बैंक अकाउंट से अपने आश्रितों के लिए [जिनमे बेटी अधिक हैं] फ़ार्म भरे|
ऐसे बैंक अकाउंट जाहिर हैं जॉइंट बैंक अकाउंट नहीं हैं|बेशक एप्लिकेंट के अपने बैंक एकाउंट्स हैं |पैसा अधिकतर आईसीआईसीआई बैंक के चेक द्वारा लौटाया जा आरहा है इस बैंक में अधिकतर जॉइंट बैंक अकाउंट नहीं हैं| जहां अकाउंट हैं वहां जमा नहीं करवाया जा सकता|
आश्चर्यजनक रूप से
शहरी विकास मंत्रालय के मंत्री [वरिष्ठ]एम वैंकैया नायडू के दर्शाये गए फोन पर सम्पर्क नही किया सकता सम्भवत सभी बदल दिए गए हैं |मेल अकाउंट भी कारागर साबित नहीं हो रहा
इसी मिसगोवेर्नेन्स के चलते करोड़ों रुपयों के चेक महज कागज़ बने रखे हैं |