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Tag: Mid Day Meal

नरेन्द्र मोदी ने कानपूर रैली में कांग्रेस के गरीब कार्ड की धज्जियां तो उड़ाई लेकिन सपा और बसपा को भी नहीं बक्शा

नरेन्द्र मोदी ने कानपूर रैली में कांग्रेस के गरीब कार्ड की धज्जियां तो उड़ाई लेकिन सपा और बसपा को भी नहीं बक्शा भाजपा के प्रधान मंत्री के उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी ने आज उत्तर प्रदेश के कानपूर में पहली विशाल चुनावी रैली को संबोधित करते हुए जहाँ एक तरफ कांग्रेस के गरीब कार्ड का मखौल उड़ाया वहीँ प्रदेश में सत्ता रूड सामाज वादी पार्टी और मुख्य विपक्षी बसपा को भी नहीं बक्शा |
नरेन्द्र मोदी ने कहा कि केंद्र सरकार को मालूम ही नहीं कि गरीबी क्या होती है कांग्रेस के शहजादे[राहुल गाँधी] सोने का चम्मच लेकर पैदा हुए हैं इसीलिए इनका कहना है कि गरीबी केवल मानसिक सोच भर है और गरीबी देखने के लिए उन्हें बड़े बड़े कैमरे लेकर झोपड़ों में जान पड़ता है लेकिन मैं ]नरेन्द्र मोदी] तो गरीबी में ही पैदा हुआ हूँ और गरीबी को सहा है| कांग्रेस गरीबों के जख्मो पर नमक छिड़कने का काम कर रही है |कांग्रेस के एक सांसद [राजबब्बर] कहते हैं कि १२/= में भरपेट खाना मिलता है तो दूसरे सांसद फरमाते हैं कि ५/= में ही खाना मिल जाता है| प्रधान मंत्री की अध्यक्षता में चल रहे प्लानिंग कमीशन तो ३२/= प्रतिदिन कि आय वाले शहरी नागरिक गरीब मानने से ही इनकार कर रही है|कहा जा रहा है कि देश के गरीबों के पेट भरने के लिए फ़ूड सिक्यूरिटी कानून लाया जा रहा है इस कानून के माध्यम से जितना भोजन दिया जान है वोह बच्चों को दिए जा रहे मिड डे मील[ MDM ]से भी बेहद कम है| यूं पी के प्रत्येक जिले और तहसील से लोग गुजरात जाकर रोजगार कमाते हैं अगर यहाँ विकास हुआ होता क्यूं लोग अपना घर छोड़ कर दोसरे प्रदेश में रोजगार के लिए जाते |सपा+बसपा+कांग्रेस की तिकड़ी ने यूं पी कि इज्जत को मिटटी में मिला दिया है|
मोदी ने कहा कि सरकार किसी की भी हो वोह गरीबों के लिए होती है केवल अमीरों की तिजोरियां भरने के लिए नहीं होती|
कांग्रेस के राज में महंगाई बड़ती जा रही है लेकिन प्रधान मंत्री श्रीमती सोनिया गाँधी और राहुल गाँधी की तिकड़ी केवल अहंकार में जी रही है |ये लोग जनता को भूखे मार रहे हैं इसीलिए २०१४ के चुनावों में कांग्रेस की राजनीतिक भूख को शांत नहीं होने दिया जाना चाहिए कांग्रेस को भूखे ही सत्ता से बाहर किया जाना चाहिए|मोदी ने भ्रष्टाचार पर बोलते हुए कहा कि कोयला घोटालों की फाइलें गम नहीं हुई हैं वरन दिल्ली में सरकार ही गुम हो गई है और केवल सरकार ही गुम नहीं हुई पूरा देश ही गुम हुआ है|
नरेन्द्र मोदी ने यूं पी ऐ के रक्षक क्षेत्रीय दल सपा और बसपा की भी जम कर आलोचना की |उन्होंने कहा कि कांग्रेस के गुनाह में ये दल भी बराबरी के सहयोगी है ये लोग सांसद में कुछ और कहते है जबकि सांसद से बाहर आकर पलट जाते हैं| इस तरह ये लोग कांग्रेस के पाप छुपाते हैं|
उन्होंने प्रदेश में कानून व्यवस्था पर भी निशाना साधा उन्होंने बताया कि पिछले एक वर्ष में ५००० से अधिक निर्दोष लोगों की हत्या हुई है| यहाँ वोट बैंककी राजनीती के लिए देश कि सुरक्षा के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है|

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मिड-डे मील की शहरी क्षेत्रों में आपूर्ति के लिए भी एन जी ओ को आउटसोर्स किया जा रहा है

मिड-डे मील आपूर्ति के लिए भी एन जी ओ को आउटसोर्स किया जा रहा है |वर्तमान वर्ष 2013-14 में देश भर में इस कार्यक्रम में 447 गैर सरकारी संगठन संलग्‍न हैं। इस कार्यक्रम में काम कर रहे गैर सरकारी संगठनों की सबसे ज्‍यादा संख्‍या उत्‍तर प्रदेश और कर्नाटक में क्रमश: 185 और 102 है। अभी तक मिड डे मील के नियमों के उल्‍लंघन की केवल छह शिकायतें मंत्रालय द्वारा स्वीकार की जा चुकी हैं|
मानव संसाधन विकास राज्‍यमंत्री डॉ. शशि थरूर ने एक प्रश्‍न के लिखित उत्‍तर में आज राज्‍य सभा में यह जानकारी दी कि शहरी क्षेत्रों में विद्यालय प्रांगणों में जहां गैर सरकारी संगठनों/ट्रस्‍टों/केंद्रीयकृत रसोइयों जो कि बच्‍चों को भोजन उपलब्‍ध कराने में संलग्‍न हैं, के लिए रसोई-सह-भंडार के लिए स्‍थान नहीं है। मंत्री महोदय ने कहा कि वहां इस महत्‍वपूर्ण योजना में मिड डे मील की आपूर्ति को गैर सरकारी संगठनों को (एनजीओ) आउट सोर्स किया जा रहा है।
उन्‍होंने कहा कि मिड डे मील के दिशा निर्देश ,पंचायती राज संस्‍थानों+ स्‍वयं सहायता समूहों+ माता संगठनों और स्‍थानीय समाज की सहायता से मिड डे मील को रसोइये-सह-सहायक की सहायता से स्‍कूल के रसोई-सह-भंडार में पकाने पर जोर देते हैं।
इस कार्यक्रम के अंतर्गत संलग्‍न गैर सरकारी संगठनों के लिए सरकार द्वारा निर्धारित मानदण्‍ड के संबंध में एक अन्‍य प्रश्‍न का उत्‍तर देते हुए मंत्री महोदय ने कहा कि मिड डे मील दिशा निर्देशों के अनुसार संलग्‍न गैर सरकारी संगठनों के मानदण्‍ड निम्‍न प्रकार है– गैर सरकारी संगठन को आपूर्ति कार्य आवंटित करने का निर्णय सरकार द्वारा अधिकारित संस्‍था लेगी जैसे ग्राम पंचायत, वीईसी/एसएमसी/पीटीए, म्‍युनिसिपल कमेटी/कॉरपोरेशन आदि।- एजेंसी को सोसायटी एक्‍ट के तहत अथवा सार्वजनिक ट्रस्‍ट एक्‍ट के तहत पंजीकृत होना चाहिए और यह कम से कम पिछले दो वर्षों से अस्तित्‍व में होनी चाहिए। इसके पास समूचित रूप से गठित प्रबंधक/प्रशासकीय ढांचा होना चाहिए, जिसके कार्यों और अधिकारों इसके संविधान में स्‍पष्‍ट उल्‍लेख हो।
गैर सरकारी संगठन और स्‍थानीय निकाय के मध्‍य होने वाले अनुबंध/समझौते में पक्षों का उत्‍त्‍रदायित्‍व और प्रदर्शन न करने पर उनके प्रतिफल परिभाषित होने चाहिए। बच्‍चों के लिए गैर सरकारी संगठन द्वारा आपूर्ति किए जा रहे भोजन की मात्रा और गुणों की जांच और निरीक्षण की सख्‍त व्‍यवस्‍था का होना भी इसमें शामिल होना चाहिए।
0 चयनित मिड डे मील आपूर्तिकर्ता बगैर किसी लाभ के आधार पर आपूर्ति करेगा और कार्यक्रम अथवा उसके किसी सहायक हिस्‍से का उप ठेका किसी अन्य को नहीं सौंपेगा।
0 इस प्रकार की मिड डे मील योजनाओं में संलग्न गैर सरकारी संगठन के प्रदर्शन का मूल्‍यांकन प्रत्‍येक वर्ष एक विश्‍वसनीय मूल्‍यांकन व्‍यवस्‍था के माध्‍यम से होना चाहिए। गैर सरकारी संगठन के साथ हुए समझौते का अगले वर्ष के लिए नवीनीकरण वर्तमान वर्ष में उसके प्रदर्शन के संतोषजनक पाए जाने पर निर्भर होना चाहिए।
pएनजीओ द्वारा नियम तोड़े जाने के मामलों का विवरण देते हुए डॉ शशि थरूर ने कहा कि मिड डे मील के नियमों के उल्‍लंघन की छह शिकायतें मंत्रालय की जानकारी में आई हैं। इन शिकायतों को संबंधित राज्‍यों को जांच और इन पर रिपोर्ट करने के लिए भेज दिया गया था। ऐसे चार मामलों में राज्‍य सरकारों में संबंधित गैर सरकारी संगठनों के बिलों से अनुपाति उगाही की है।

बिहार में मिड डे मील के भयावह काण्ड पर भी राजनीती शुरू हो गई है


झल्ले दी झल्लियाँ गल्लां

एक आम दुखी नागरिक

ओये झल्लेया ये क्या मजाक बना हुआ है |ओये एक तरफ दूषित मिड- डे मील खाने से बेचारे गरीब और भूखे २२ बच्चे[अभी तक] मर गए और इससे दुगने अस्पताल में भर्ती हैं|पहले तो कोई साफ सफाई +सुरक्षा व्यवस्था यहाँ तक कि नुकसान को कम करने के लिए भी कोई कार्यवाही नही की गई और अब केवल स्वयम को बचाने के लिए दोषारोपण की राजनीती का मन लुभावन खेल शुरू हो गया है|भाजपा+आर जे डी +कांग्रेस सभी मिल कर सत्ता रुड जे डी यूं को घेरने में लगे हैं तो दूसरे तरफ जे डी यूं के शिक्षा मंत्री पी के शाही इसमें षड्यंत्र का आरोप लगा कर बाल को अपने विपक्षी आर जे डी के पाले में डालने में लग गए हैं|ओये इन लोगों के लिए निर्धन भूखे बच्चों के लिए कोई संवेदनशीलता है कि नही ?एक तरफ कहा जा रहा है कि दोपहर की भोजन योजना सर्व शिक्षा अभियान का एक अभिन्न भाग है और इससे बच्चों को स्कूल लाने और और उन्हें पढाई से जोड़े रखने में सहायता मिलती है लेकिन वास्तव में मानव संसाधन मंत्री डॉ एम् एम् पल्लम राजू भी अब मानने लगे हैं कि दोपहर भोजन योजना[ MDM ] में निगरानी प्रणाली को मजबूत करने की आवश्यकताहै |

झल्ला

हाँ बाऊ साहब जी !विश्व में अपने किस्म कि यह सबसे बड़ी यौजना है जिसके अंतर्गत देश के १२ लाख स्कूलों के लगभग ११ करोड़ बच्चों को भोजन दिया जाता है |कांग्रेस के संचार माध्यम के प्रभारी अजय माकन का दावा भी है कि देश भर में ९२.०६% तक यह सुविधा पहुंची है लेकिन एक टी वी एंकर अरनव गोस्वामी हाथ हिला हिला कर बताते फिर रहे हैं कि ८३% फ़ूड सैम्पल फ़ैल हो चुके हैं |ऐसे में बिहार के छपरा स्कूल जैसी घटनाएँ असामान्य नही कही जा सकती| व्यवस्था में गड्डों की वास्तविकता की सभी को जानकारी हैलेकिन सभी को वरदहस्त हासिल है| शायद इसीलिए १९४७ में हुए बंटवारे के समय अकर्मण्यता का जो डी एन ऐ पैदा हुआ था उस डी एन ऐ का वोह विकार अभी तक गुजरात दंगे +उत्तराखंड प्राकृतिक विपदा और अब बिहार में मिड डे मील काण्ड में कहर बरपा रहा है|

बिहार मिड डे मील काण्ड का जायजा लेने के लिए केंद्र सरकार ने वरिष्‍ठ अधिकारी को छपरा भेजा

 H R D Minister Kapil Sibal

H R D Minister Kapil Sibal

मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने बिहार में हालत का जायजा लेने के लिए अपने वरिष्‍ठ अधिकारी को छपरा भेजा है जो छपरा के एक स्‍कूल में मध्‍याह्न भोजन[ MDM ] के बाद कई बच्‍चों के मरने और अन्‍य कई को अस्‍पताल में भर्ती किए जाने के मामले की जांच करेंगे| सचिव स्‍कूल श्री आर. भट्टाचार्य ने बताया कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने हालात का जायजा लेने के लिए मंत्रालय के एक वरिष्‍ठ अधिकारी डॉ. अमरजीत सिंह को छपरा भेजा है।
गौरतलब है कि बिहार में छपरा के मशरक स्थित सरकारी स्कूल में मिड-डे मील खाने से २२ बच्चों की मौत और लगभग ३० के बीमार होने की खबर है|इन सभी का अस्पताल में इलाज चल रहा है। 16 बच्चों की मंगलवार को इलाज के दौरान अस्पताल में मौत हो गई थी, | पटना में इलाज के दौरान छह और बच्चों की मौत हो गई। शेष बीमार बच्चों में से कुछ की हालत अभी भी गंभीर बताई जाती है। इस घटना को लेकर अब राजनीती शुरू हो गई है|
एक शिक्षिका के पति स्थानीय विपक्षी दल आर जे डी से सम्बंधित हैं जिसे लेकर इस पार्टी पर बच्चो कि हत्या के षड्यंत्र का आरोप लगाया जा रहा है|
इसके अलावा महाराष्ट्र के धुले में एक म्यूनिसिपल स्कूल के कई बच्चे मिडडे मील खाने का बाद बीमार हो गए हैं। 30 से अधिक बच्चों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।