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पीएम ने योग दिवस के अवसर पर स्मारक सिक्के और डाक टिकट भी जारी किया

[नई दिल्ली]पीएम ने योग को मैं से हम; स्व से सार्वभौम की एक यात्रा बताया|जीवन में परिपूर्णता के लिए भी नियमित योग को आवश्यक बताया| योग दिवस के अवसर पर दस रुपये और सौ रुपये के स्मारक सिक्के जारी किये गए और पांच रुपये का डाक टिकट भी जारी किया गया |
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज योग को ‘‘अहम् से वयम्; स्व से समष्टि’’ (मैं से हम; स्व से सार्वभौम) की एक यात्रा बताया। उन्होंने कहा कि अगर हम अपने मानव शरीर को एक बेजोड़ रचना मानते हैं, तो योग एक ‘‘उपयोगकर्ता नियमावली’’ की तरह है, जो उस रचना की असीमित संभावनाओं का ज्ञान कराती है।
प्रथम अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर समग्र स्वास्थ्य के लिए योग के बारे में आयोजित एक अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि योग एक मनःस्थिति (अवस्था) है, जो किसी वस्तु अथवा प्रणाली (व्यवस्था) से भिन्न है। उन्होंने कहा कि योग के जरिए जो एकता व्यक्त की जा रही है, वह अन्य देशों के हमारे भाइयों और बहनों को एकजुट कर रही है, हमारे दिलो-दिमाग को जोड़ रही है।
श्री मोदी ने कहा कि यह समर्थन सिर्फ भारत के लिए नहीं है, बल्कि योग की महान परम्परा के प्रति है। उन्होंने योग को स्वयं के साथ, अपने शरीर के साथ, आसपास के वातावरण और प्रकृति के साथ सद्भाव हासिल करने का एक साधन बताया है। उन्होंने कहा कि अनुशासन के साथ सही योगाभ्यास करने पर योग जीवन में परिपूर्णता ला सकता है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाने के लिए विश्व के एकजुट होने के अवसर पर योग से बहुत अधिक अपेक्षाएं होना स्वाभाविक है, जिन्हें विश्व के कल्याण के लिए पूरा करने की जिम्मेदारी निभाने के लिए भारत तैयार है।
प्रधानमंत्री ने योग को मानवता के प्रति एक सामूहिक उपहार बताया। उन्होंने कहा कि भले ही इसकी उत्पत्ति भारत में हुई है, लेकिन योग को ऊर्जा दुनियाभर में इसका अभ्यास करने वाले करोड़ों लोगों से प्राप्त हुई है। उन्होंने सामूहिकता, भाईचारे और वसुधैव कुटुम्बकम् की संस्कृति के विकास और उसे सुदृढ़ करने के प्रति भारत की वचनबद्धता दोहराई।
प्रधानमंत्री ने प्रथम अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर दस रुपये और सौ रुपये के स्मारक सिक्के जारी किए और पांच रुपये का डाक टिकट भी जारी किया।
इस अवसर पर अयुश राज्यमंत्री श्री श्रीपद येशोनाइक ने कहा कि योग मानव मात्र को इस देश के महानतम उपहारों में से एक है। संभवतः यही कारण है कि संयुक्त राष्ट्र के 193 सदस्यों में से 177 देशों ने 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस घोषित करने के प्रस्ताव का न केवल समर्थन किया, बल्कि इसे सह-प्रायोजित भी किया था।
उन्होंने कहा कि योग का स्वास्थ्य संबंधी पहलू सर्वाधिक महत्वपूर्ण बन गया है और आधुनिक चिकित्सा पद्धति भी इसका महत्व समझने लगी है। योग का इस्तेमाल बीमारियों की रोकथाम के लिए किया जा रहा है। आज स्वास्थ्य क्षेत्र के समक्ष सबसे बड़ी चुनौती गैर-संचारी रोगों का बोझ कम करने की है। परम्परागत चिकित्सा में संचारी रोगों की समस्या का स्थायी या लागत की दृष्टि से किफायती समाधान उपलब्ध नहीं है। अनेक लोगों का मानना है कि योग इन रोगों की रोकथाम और नियंत्रण में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वाह कर सकता है।
वित्त राज्यमंत्री श्री जयंत सिन्हा और योगाचार्य बाबा रामदेव, डॉ. नागेंद्र और डॉ. वीरेंद्र हेगड़े भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
फोटो कैप्शन
The PM Narendra Modi releasing the commemorative coins, to mark the occasion of the first International Day of Yoga, at the International Conference on Yoga for Holistic Health, in New Delhi on June 21, 2015.
The Minister of State for AYUSH (Independent Charge) and Health & Family Welfare, Shri Shripad Yesso Naik and the Minister of State for Finance, Shri Jayant Sinha are also seen.