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सबसे छोटा भारतीय समुदाय पारसी अल्पसंख्यक हीनभावना से ग्रसित होने के बजाय रोलमॉडल बना

[नयी दिल्ली]भारत का सबसे छोटा पारसी समुदाय अल्पसंख्यक हीन भावना से ग्रसित होने का बजाय रोल मॉडल बना
भारत के सबसे छोटे पारसी समुदाय कभी खुद को अल्पसंख्यक महसूस नहीं किया :जेटली
जेटली ने कहा, पारसी संख्या में बेशक थोड़े हैं लेकिन उन्होंने कभी खुद को अल्पसंख्यक महसूस नहीं किया|गौरतलब हे के वर्तमान भारतीय संसद में एक भी पारसी सांसद नहीं है|
केन्द्रीय मंत्री अरूण जेटली ने कहा कि भारत का सबसे छोटे समुदाय पारसी ने कभी खुद को अल्पसंख्यक नहीं माना और इसी मानसिकता ने उन्हें दूसरों के लिए रोल मॉडल के रूप में उभरने का मौका दिया।
अल्पसंख्यक मामलों और संस्कृति मंत्रालयों की ओर से आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए वित्त मंत्री ने विविध क्षेत्रों में योगदान के लिए ‘‘उदार और फिराख-दिल’’ पारसियों की तारीफ की।जेटली ने कहा, ‘‘मैं समझता हूं कि यह अहम है कि भारत के सबसे छोटे अल्पसंख्यक ने कभी नहीं महसूस किया कि यह अल्पसंख्यक है। यही जेहनियत है जिसने इन्हें अनेक पैमानों पर शेष देश के लिए रोल मॉडल बनाने में मदद की।’’
उन्होंने कहा कि पारसी कुछ विपरीत हालात में ईरान से भारत आए। उन्होंने अपनी संस्कृति संरक्षित रखी है और चाहे उद्योग हो, सेना हो, कानूनी पेशा हो, वास्तुकला हो या सिविल सेवाएं हो, हर जगह शीर्ष पर पहुंचने की अपनी क्षमता दिखाई है।
जेटली ने प्रस्ताव किया कि गुजरात के जिस उदवाडा शहर में सदियों पहले आए थे, उसे वैश्विक सांस्कृति केन्द्र के रूप में विकसित किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि जब नरेन्द्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे तो उन्होंने उस शहर के विकास के लिए पहल की थी।
पारसी समुदाय की नामी गिरामी हस्तियों और ब्रिटिश सांसद करण बिलिमोरिया के साथ केन्द्रीय मंत्री नज्मा हेप्तुल्ला, महेश शर्मा और मुख्तार अब्बास नकवी भी इस कार्यक्रम में शामिल हुए।
जेटली ने रेखांकित किया कि जहां ब्रिटिश संसद में एक पारसी सदस्य है, भारतीय संसद में कोई नहीं है।अरुण जेटली ने पारसी-जोरास्ट्रियन कम्युनिटी के एवेरलास्टिंग फ्लेम इंटरनेशनल प्रोग्राम का उद्घाटन किया
फोटो कैप्शन
The Minister of State for Culture (Independent Charge), Tourism (Independent Charge) and Civil Aviation, Dr. Mahesh Sharma along with the Union Minister for Finance, Corporate Affairs and Information & Broadcasting, Shri Arun Jaitley lighting the lamp to inaugurate the exhibition “The Everlasting Flame; Zoroastrianism in History and Imagination”, in New Delhi on March 19, 2016.
The Union Minister for Minority Affairs, Dr. Najma A. Heptulla and the Minister of State for Minority Affairs and Parliamentary Affairs, Shri Mukhtar Abbas Naqvi are also seen.

वाह ताज ! रखरखाव १६ करोड़ और राजस्व मिला २१ करोड़ रुपये

[नयी दिल्ली] वाह ताज रखरखाव १६ करोड़ और राजस्व मिला २१ करोड़ रुपये|यदपि इस वर्ष खर्च बढ़ा है और आमदनी घटी है इसपर भी आमदनी का पलड़ा भारी रहा है
विश्व प्रसिद्द संगेमरमर निर्मित स्मारक ताजमहल से मिला 21 करोड़ रूपये का राजस्व,जबकि रखरखाव पर खर्च हुए 16 करोड़ रूपये
मुगल काल की ऐतिहासिक खूबसूरत मकबरे से वर्ष 2014..15 में 21.78 करोड़ रूपये का राजस्व अर्जित हुआ और इसी अवधि में इसके संरक्षण तथा रखरखाव पर 16.24 करोड़ रूपये खर्च हुए।
संस्कृति एवं पर्यटन राज्य मंत्री डॉ महेश शर्मा ने आज राज्यसभा को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि आगरा स्थित ताजमहल में प्रवेश शुल्क एवं फिल्म बनाने जैसे अन्य स्रोतों से वर्ष
2012..13 में 24.58 करोड़ रूपये,
2013..14 में 22.40 करोड़ रूपये और
2014..15 में 21.78 करोड़ रूपये
का राजस्व अर्जित हुआ।
उन्होंने बताया कि ताजमहल के संरक्षण :कंजर्वेशन:, परिरक्षण :प्रिजर्वेशन: और रखरखाव पर वर्ष
2012..13 में 12.04 करोड़ रूपये
, 2013..14 में 13.73 करोड़ रूपये और
2014..15 में 16.24 करोड़ रूपये खर्च हुए।
एक प्रश्न के लिखित उत्तर में शर्मा ने बताया कि ताजमहल की संगमरमर सतह पर वायु प्रदूषण और अन्य प्राकृतिक कारकों का दुष्प्रभाव पड़ रहा है।
मुगल काल की इस ऐतिहासिक इमारत से वर्ष 2014..15 में अर्जित राजस्व में बीते वषो’ की तुलना में कमी आई जबकि इसी अवधि में इसके रखरखाव पर होने वाला खर्च बढ़ा है।
डॉ महेश शर्मा ने बताया कि
एक प्रश्न के लिखित उत्तर में शर्मा ने बताया कि ताजमहल की संगमरमर सतह पर वायु प्रदूषण और अन्य प्राकृतिक कारकों का दुष्प्रभाव पड़ रहा है।

राष्ट्रीय महत्व के मौजूदा 3680 स्मारकों में से 955 प्राचीन पूजा स्थल हैं :लखनऊ सर्किल में 27

भारत में राष्ट्रीय महत्व के मौजूदा ३६८० स्मारकों में से ९५५ प्राचीन पूजा स्थल हैं और इनमे विभिन्न धर्मो की पूजा अर्चना होती है | लखनऊ सर्किल में ऐसे प्राचीन स्मारक २७ बताये गए हैं |संस्कृति और टूरिज्म मंत्रालय ने यह जानकारी दी है |
मिनिस्टर ऑफ़ स्टेट (इंडिपेंडेंट चार्ज ) फॉर कल्चर & टूरिज्म श्रीपाद एस्सो नाइक ने लोक सभा में यह जानकारी उपलब्ध कराई है | इनका विवरण निम्न है :
S.NO.सर्किल का नाम ==NAME OF CIRCLE=======================स्मारकों की संख्या Number of Monuments
[1]AGRA CIRCLE=============================================68
[2] AURANGABAD CIRCLE=====================================113
[3] BANGALORE CIRCLE=======================================81
[4]BHOPAL CIRCLE===========================================33
[5]BHUBANESWAR CIRCLE=====================================35
[6]CHANDIGARH CIRCLE=======================================29
[7]CHENNAI CIRCLE===========================================81
[8] DEHRADUN CIRCLE=========================================24
[9] DELHI CIRCLE==============================================35
[10] DHARWAD CIRCLE========================================109
[11] MINI-GOA CIRCLE===========================================3
[12] GUHAWATI CIRCLE==========================================8
[13] HYDERABAD CIRCLE========================================35
[14]JAIPUR CIRCLE=============================================27
[15] KOLKATA CIRCLE===========================================89
[16] LUCKNOW CIRCLE===========================================27
[17] PATNA CIRCLE==============================================12
[18] RAIPUR CIRCLE==============================================8
[19] SRINAGAR CIRCLE==========================================27
[20] THRISSUR CIRCLE==========================================13
[21] VADODARA CIRCLE=========================================98
TOTAL===========================================================955