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काले धन को स्वर्ण में खपाने वालों के लिए बुरी खबर:देना होगा पैन नंबर

[नई दिल्ली]काले धन को सोने की खरीद में खपाने वालों के लिए बुरी खबर:देना होगा पैन कार्ड नम्बर
नए आदेशों के अनुसार सोना या स्वर्ण आभूषण खरीदने वालों के लिए अपना पैन कार्ड नंबर देना अनिवार्य कर दिया गया है |बिना पैन कार्ड नंबर के स्वर्ण बेचने वाले स्वर्णकार और उसके ग्राहक को कार्यवाही के लिए तैयार हो जाना चाहिए |यह चेतावनी केंद्र सरकार के वित्त मंत्रालय के वित्त सचिव डॉ. हसमुख अधिया द्वारा जारी की गई है |अधिया ने लोगों द्वारा पूछे जा रहे प्रश्नों के उत्तर में यह स्पष्ट किया है|
गौरतलब हे के १००० और ५०० रुपयों के नोटों के चलन पर पाबंदी लगाए जाने के पश्चात् रातोंरात इस पीली धातू की खरीद बढ़ गई है जिससे मूल्यवान धातू के भाव में अप्रत्याशित उछाल आ गया है |विपक्ष भी इस पर लाल पीला हो रहा है
श्री अधिया द्वारा दिए गए उत्तर निम्न है
सवाल[१] ऐसा माना जा रहा है कि बहुत सारे लोग अब आभूषण खरीद रहे हैं, इससे निबटने के लिए विभाग किस तरह से तैयारी कर रहा है?
जवाब[१]जो भी व्यक्ति आभूषण खरीदता है उसे पैन नंबर देना होता है। हम क्षेत्रिय प्राधिकारियों को ये निर्देश जारी कर रहे हैं कि ये सुनिश्चित की जाए कि सभी आभूषण विक्रेता इस नियम का पालन करने में किसी तरह का समझौता ना हो पाए। उन आभूषण विक्रेताओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी जो आभूषण बिक्री के समय पैन नंबर नहीं लेते हैं। जब आभूषण बिक्री के बाद विक्रेता द्वारा नकद राशि जमा कराई जाएगी तब इसकी जांच की जाएगी कि वो बेचे गए आभूषण की रकम से मेल खाते हैं या नहीं। बिक्रेता ने ग्राहक का पैन नंबर लिया है या नहीं इसकी भी जांच की जाएगी।
बैंकों में पुरानी मुद्रा के रूप में जमा राशि पर आयकर विभाग द्वारा लिए गए फैसलों से संबंधित सवालों पर वित्त सचिव डॉ. हसमुख अधिया द्वारा दिए गए कुछ जवाब
सवाल[२]बहुत सारे छोटे व्यापारियों, गृहिणियों, कारीगरों, कामगारों के पास बचत के रूप में कुछ नकद राशि घरों में रखे हो सकते हैं, क्या अगर उसे बैंक में जमा कराने जाने पर आयकर विभाग पैसों को लेकर पूछताछ करेगा।
जवाब[२]सवाल में दिए गए वर्ग के लोग जो 1.5 या 2 लाख रुपये जमा कराने के लिए जाते हैं उन्हें चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है, क्योंकि ये आयकर की न्यूनतम सीमा के भीतर है। इस तरह की छोटी जमा राशि के लिए आयकर विभाग किसी को भी परेशान नहीं करेगा।
सवाल[३]क्या इस दौरान जमा की गई नकद रकम की रिपोर्ट आयकर विभाग लेगा। अगर हां, तो क्या 10 लाख नकदी जमा की सीमा को पार करने पर सूचित करने का वर्तमान नियम आगे भी जारी रहेगी।
जवाब[३]हम 10 नवंबर से 30 दिसंबर के बीच जमा कराई जाने वाली 2.5 लाख से ऊपर की हर नकदी रकम का और ऐसे खाते का हिसाब लेंगे। विभाग इस रकम और इसे जमा कराने वाले व्यक्ति द्वारा फाइल की गई आयकर रिटर्न का मिलान कर जांच करेगा। उसके बाद उसपर उचित कार्रवाई की जा सकती है।
सवाल[४] मान लीजिए की विभाग को ये पता चलता है कि किसी खाते में 10 लाख से ज्यादा की रकम जमा की गई है और वो रकम जमाकर्ता की घोषित आय से मेल नहीं खा रही है। ऐसे में जमाकर्ता पर कितना कर और जुर्माना लगाया जाएगा।
जवाब[४]इस तरह के मामलों को कर चोरी माना जाएगा। इन मामलों में आयकर अधिनियम की धारा 270 (ए) के हिसाब से कर की राशि वसूली जाएगी और साथ ही भुगतेय कर के अलावा 200% की राशि जुर्माना के रूप में भी वसूली जाएगी।

आयकर विभाग के निशाने पर आये ‘पैन’ छुपा कर लाखों का लेनदेन करने वाले ७ लाख खाते

आयकर विभाग के निशाने पर आये 'पैन' छुपा कर लाखों का लेनदेन करने वाले ७ लाख खाते

आयकर विभाग के निशाने पर आये ‘पैन’ छुपा कर लाखों का लेनदेन करने वाले ७ लाख खाते

[नई दिल्ली]आयकर विभाग के निशाने पर आये ,पैन छुपा कर, लाखों का लेनदेन करने वाले ७ लाख खाते
आयकर विभाग ने अधिक राशि के बिना पैन संख्या वाले लेनदेन के संबंध में जानकारी देने के लिए 7 लाख पत्र जारी किए हैं|इन्होंने पैन संख्या छुपा कर लाखों रुपयों का लेनदेन किया है|
वार्षिक सूचना रिटर्न (एआईआर) के तहत, उच्च राशि के विभिन्न प्रकार के लेन-देन होने की जानकारी आयकर विभाग को प्राप्त हुई हैं।
इनमें बचत बैंक खाते में 10,00,000 रुपये या अधिक की नकदी राशि जमा करने और
30,00,000 रुपये या अधिक मूल्य की अचल संपत्ति की खरीददारी/ बिक्री की सूचनाएं शामिल हैं।
इनमें से अधिकांश लेनदेनों में पैन संख्या का उल्लेख नहीं है। विभाग के पास वित्त वर्ष 2009-10 से 2016-17 की अवधि को दौरान ऐसी
लगभग 90 लाख लेनदेन का ब्यौरा मौजूद है। आयकर विभाग ने इन-हाउस कम्प्यूटर तकनीकियों की सहायता से ऐसे गैर-पैन लेनदेन को वर्गीकृत किया है और लगभग
14 लाख गैर-पैन लेनदेन वाले 7 लाख उच्च जोखिम समूहों की पहचान की है। इनकी आयकर विभाग द्वारा गहराई से छानबीन की जा रही है।

वित्‍तीय सेवा विभाग के रक्‍तदान शिविर में सीनियर ऑफिसर्स ने भी किया रक्तदान

[नई दिल्ली]वित्‍तीय सेवा विभाग (डीएफएस) के रक्‍तदान शिविर में सीनियर ऑफिसर्स ने भी किया रक्त दान
फाइबर क्‍लब (वित्‍त सेवा विभाग, वित्‍त मंत्रालय) ने लॉयन्‍स क्‍लब पीतमपुरा (कोहाट) के सहयोग से जीवन दीप भवन में रक्‍तदान शिविर आयोजित किया। इस शिविर का उद्घाटन सचिव श्रीमती अंजुली चिब दुग्‍गल ने किया।
वित्‍त सेवा विभाग और आस-पास के कार्यालयों के अधिकारियों ने 101 युनिट रक्‍तदान किया।
रक्‍तदान करने वाले अधिकारियों में वित्‍त सेवा विभाग में
संयुक्‍त सचिव आलोक टंडन+पंकज जैन +सुश्री अन्‍ना रॉय,
निदेशक श्रीमती प्रिया कुमार+श्रीमती सिधू पिल्‍लई + मनीष गुप्‍ता,
उप सचिव (फाइबर क्‍लब के अध्‍यक्ष), अशोक कुमार डोगरा शामिल थे।
क्‍लब के अध्‍यक्ष लॉयन आनंद जैन, परियोजना अध्यक्ष लॉयन अनिल गोयल और लॉयन विकास गर्ग तथा फाइबर क्‍लब से सचिव श्री अजय गुप्‍ता, खजांची अ‍रूण महेन्‍द्रू, सदस्‍य श्री रमेश सचदेव ने भी रक्‍तदान शिविर में भाग लिया।
फोटो कैप्शन
The Secretary, Department of Financial Services, Smt. Anjuly Chib Duggal being welcomed at the inauguration of the Blood Donation Camp, organised by the Department of Financial Services in association with Lions Club, in New Delhi on May 11, 2016.

जेटली ने अमेरिका में आकर अमेरिका की वीजा शुल्कवृद्धि नीति को‘पक्षपातपूर्ण’बताया

[नई दिल्ली,वाशिंगटन]जेटली ने अमेरिका में आकर अमेरिका की वीजा शुल्कवृद्धि नीति को‘ भारत के प्रति पक्षपातपूर्ण’बताया
भारत के केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने अमेरिका में आकर अमेरिका द्वारा वीजा शुल्क वृद्धि को ‘पक्षपातपूर्ण’ बताया है। इससे सबसे अधिक नुकसान भारतीय आईटी पेशेवरों को हो रहा है। अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि राजदूत माइकल फ्रोमैन के साथ द्विपक्षीय बैठक में वित्त मंत्री अरूण जेटली ने टोटलाइजेशन करार को भी जल्द पूरा करने पर जोर दिया जिससे अमेरिका में काम कर रहे भारतीयों को फायदा होगा।
वीजा मुद्दे पर वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘भारत एच-1बी और एल वीजा शुल्क में बढ़ोतरी को लेकर चिंतित है।
यह पक्षपातपूर्ण है और व्यवहार में इसके निशाने पर इसमें मुख्यरूप से भारतीय आईटी कंपनियां हैं।’’
पिछले साल अमेरिकी संसद ने एच-1 बी वीजा और एल-1 वीजा पर 4,500 डालर तक का विशेष शुल्क लगा दिया था। यह कदम 9-11 के स्वास्थ्य सेवा कानून तथा बायोमेट्रिक ट्रैकिंग प्रणाली के वित्तपोषण के लिए उठाया गया था। ये वीजा भारतीय आईटी कंपनियों में खासे लोकप्रिय हैं।
संसद के नेताओं ने 1,100 अरब डालर के व्यय विधेयक पर सहमति देते हुए कुछ श्रेणी के एच-1 बी वीजा पर 4,000 डालर और एल-1 वीजा पर 4,500 डालर तक का शुल्क लगाने का प्रस्ताव किया था।
वित्त मंत्रालय के एक बयान में जेटली के हवाले से कहा गया है कि भारत चाहता है कि अमेरिका के टोटलाइजेशन करार को जल्द से जल्द पूरा किया जाए। उद्योग के अनुमान के अनुसार भारतीय पेशेवरांे ने पिछले दशक के दौरान अमेरिका में सामाजिक सुरक्षा में 25 अरब डालर का योगदान किया है, और इस योगदान को वापस पाने का मौका नहीं मिला है ।गौरतलब हे के भारतीय युवाओं को अमेरिका में लगातार टारगेट किया जा रहा है |चुनावी सभाओं में भी एक प्रत्याशी खुले आम भारतीय टेक्नोक्रेट्स के प्रवेश के खिलाफ बयान देते फिर रहे हैं|इसके अलावा भारत में भी अमेरिका की एम्बेसी में पक्षपात पूर्ण व्यवहार की शिकायतें आ रही हैं |१०हजार रुपयों से अधिक का भुगतान करने पर भी अभ्यर्थियों को अनेकों सेंटरों में दौड़ाया जाता है और अंत में कथित इंटरव्यू में ना कह दिया जाता है |आष्चर्यजनक रूप से दिल्ली में तो पहले से सैंक्शन्ड टूरिस्ट वीजा को भी बिना कारन बताये निरस्त किया जा रहा है

सरकारी कर्मियों को मोटर कार खरीदने के लिए 11.5% ब्याज दर पर मिलेगा व्हीकल एडवांस

[नई दिल्ली]केंद्र सरकार के कर्मियों को मोटर कार खरीदने के लिए मिलेगा11.5% ब्याज दर पर लोन केंद्र सरकार अपने कर्मियों को मोटर कार खरीदने के लिए 11.5% ब्याज दर पर एडवांस मुहैया करवाएगी |दुपहिया वाहन[स्कूटर+मोटर साइकिल] के लिए 9%की दर से ब्याज वसूला जाएगा|भारत सरकार के वित्त मंत्रालय के अंडर सेक्रेटरी ऐ के भटनागर द्वारा ३ फरवरी को जारी ऑफिस मेमोरेंडम के अनुसार यह ब्याज दरें नए वित्तीय वर्ष से लागू होंगी |
(i)एडवांस फॉर परचेस ऑफ़ कन्वेयन्स फॉर मोटर साइकिल +स्कूटर आदि ) 9%
(ii)एडवांस फॉर परचेस ऑफ़ मोटर कार 11.5%

धर्मार्थ+धार्मिक संस्थानों के पास रखे सोने के मौद्रीकरण के लिए सीधा हस्‍तक्षेप नहीं:केंद्र सरकार

[नई दिल्ली] धर्मार्थ+धार्मिक संस्थानों के पास रखे सोने के मौद्रीकरण के लिए सीधा हस्‍तक्षेप नहीं:केंद्र सरकार
स्‍वर्ण मौद्रीकरण योजना को लेकर मीडिया रिपोर्टों पर स्पष्टीकरण देते हुए वित्त मंत्रालय ने यह ब्यान जारी किया है|
मीडिया के एक वर्ग में इस आशय की जानकारी दी गई है कि सरकार धर्मार्थ, धार्मिक और अन्य संस्थानों के पास रखे सोने के मौद्रीकरण के लिए सीधा हस्‍तक्षेप करेगी। इस खबर का पूरी तरह से खंडन करते हुए सरकार ने इसे पूरी तरह से गलत सूचना बताया है ।
वित्त मंत्रालय के अनुसार स्‍वर्ण मौद्रीकरण योजना पूरी तरह से स्वैच्छिक है और इस योजना के अंतर्गत व्यक्तियों, संस्थाओं और अन्‍य द्वारा रखे गए सोने के मौद्रीकरण के बारे में उन्‍हें खुद ही निर्णय लेना है।
इस योजना का उद्देश्‍य देश भर में बेकार पड़े सोने का मौद्रीकरण करना और वित्‍तीय बचत को बढ़ावा देना है।
मौद्रीकृत सोने का एक बड़ा हिस्‍सा सोने की घरेलू जरूरतों को पूरा करने के लिए भी उपलब्ध कराया जाएगा।
इससे देश में सोने का आयात कम करने, विदेशी मुद्रा बचाने और चालू खाते के घाटे की समस्या से निपटने में मदद मिलेगी।

बैंक एटीएम से बैंकिंग ट्रांजेक्शन आज,१नवंबर,से हुई महंगी

[नई दिल्ली ]एटीएम के माध्यम से बैंकिंग ट्रांज़ैक्शन आज से महंगी हो गई|
बार-बार पैसे या मिनी स्टेटमेंट आदि निकालना आज १ नवंबर से महंगा हो गया |बेशक ऐ टी एम की दशा सुधरी हो या ना सुधरी हो मगर ऐ टी एम महंगा कर जरूर दिया गया है|
केंद्रीय रिजर्व बैंक (RBI) के निर्देशानुसार अपने बैंक के ऐ टी एम से केवल पांच बार और किसी दूसरे बैंक के ऐ टी एम से केवल तीन बार ही निशुल्क पैसा या स्टेटमेंट निकाला जा सकेगा इससे पूर्व यह सुविधा पांच बार निकासी तक उपलब्ध थी |इससे ज्यादा प्रत्येक निकासी पर खाताधारकों को 20 /=का दंड स्वरुप शुल्क देना होगा।
दिल्ली+मुंबई+कोलकाता+चेन्नई+बेंगलुरु+हैदराबाद में आज १ नवम्बर से यह निर्देश लागू हो जाएंगे।मार्च 2014 के आंकड़ों के मुताबिक भारत में बैंक के डेढ़ लाख से अधिक एटीएम हैं।
शेष भारत में एटीएम इस्तेमाल करने के नियम पहले की तरह ही रहेंगे ।

एडवांस टैक्स की अदायगी,बिना ब्याज के,१८ मार्च तक की जा सकेगी

अग्रिम कर [AdvanceTax] अदा करने वाले करदाताओं[ Taxpayers] के लिए राहत की खबर है| टैक्स की अदायगी बिना ब्याज के १८ मार्च तक की जा सकेगी
भारत सरकार के वित्त मंत्रालय ने अग्रिम कर की अंतिम किस्तके भुगतान की ति‍थि को 15 मार्च से बढ़ाकर 18 मार्च 2014 कर दिया है
अग्रिम कर अदा करने वाले करदाताओं के लिए वित्त वर्ष 2013-14 के लिए “कर” की अंतिम किस्त का भुगतान 15 मार्च, 2014 से पहले करने की आवश्यकता थी। नियमानुसार ये करदाता अपना भुगतान अधिकृत बैंकों की संबंधित शाखाओं में इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से अथवा स्वयं उपस्थित होकर अदा कर सकते हैं। शनिवार होने के कारण 15 मार्च, 2014 को बैंक आधे दिन के लिए खुले रहेंगे। तदानुसार, वित्त वर्ष 2013-14 के लिए अग्रिम कर की इस किस्त के भुगतान की सुविधा के लिए केन्द्रीय प्रत्य्क्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने अग्रिम कर भुगतान के लिए समय सीमा को बढ़ाकर 15 मार्च, 2014 से 18 मार्च, 2014 तक कर दिया है। इस प्रकार अब करदाता अग्रिम कर की अपनी किस्त को मंगलवार 18 मार्च, 2014 तक जमा करा सकते हैं जिसके लिए उन्हें भुगतान देरी के कारण कोई ब्याज नहीं देना पड़ेगा।