भारत सरकार के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने प्रैस और पुस्तक पंजीकरण अधिनियम,में संशोधनों पर सुझाव मांगे
सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने प्रैस और पुस्तक पंजीकरण अधिनियम, 1867 में संशोधनों पर सुझाव आमंत्रित किए प्रैस और पुस्तक पंजीकरण अधिनियम (पीआरबी अधिनियम), 1867 को प्रिटिंग प्रैस और अखबारों के विनियमन के माध्यम से प्रकाशनों के रिकॉर्ड रखने के लिए एक प्रणाली बनाने के लिए सम्पादित किया गया था। मूल अधिनियम में समय-समय पर अनेक छोटे संशोधन किए गए हैं।
मंत्रालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार वर्तमानअधिनियमको परिदृश्य के अनुरूप सार्थक बनाने के क्रम में पत्र मीडिया, प्रेस और पुस्तकों के पंजीकरण और प्रकाशन (पीआरबीपी) विधेयक-2011 को 16 दिसम्बर 2011 को संसद में पेश किया गया और मूल्यांकन के लिए सूचना प्रौद्योगिकी की स्थाई समिति को भेज दिया गया है। स्थाई समिति ने 20 दिसम्बर 2012 को संसद को अपनी रिपोर्ट सौंप दी।
निर्धारित समय के भीतर कोई भी सुझाव न मिलने के मामले में, यह माना जाएगा कि हितधारक विधेयक में किए गए संशोधनों से सहमत हैं।
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सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने प्रैस और पुस्तक पंजीकरण अधिनियम,में संशोधनों पर सुझाव मांगे
मनीष तिवारी ने भारतीय सिनेमा में योगदान के लिए नए शताब्दी पुरस्कार की घोषणा की
भारतीय सिनेमा में योगदान के लिए नए शताब्दी पुरस्कार की घोषणा की गई है
सूचना एवं प्रसारण मंत्री श्री मनीष तिवारी ने भारतीय सिनेमा के शताब्दी वर्ष समारोह के सिलसिले में उठाए गए कदमों की श्रृंखला में आज नया शताब्दी पुरस्कार गठित करने की घोषणा की।
यह पुरस्कार प्रत्येक वर्ष भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में भारतीय सिनेमा में योगदान के लिए चयनित व्यक्ति को दिया जायेगा। यह पुरस्कार शताब्दी समारोह मनाने के सिलसिले में सरकार द्वारा गठित दूसरा पुरस्कार है।
श्री तिवारी ने कहा कि उनके मंत्रालय ने फिल्म उद्योग के विकास को बढ़ावा देने के लिए अनेक कदम उठाए हैं। उन्होंने बताया कि सिनेमाटोग्राफी कानून के प्रावधानों की समीक्षा के लिए मुदगल समिति बनाई गई है। समिति की सिफारिशों पर विचार किया जा रहा है और मंत्रालय की वेबसाइट पर समिति की रिपोर्ट डाले जाने के साथ ही लोगों की राय मांगी गई है।
सूचना एवं प्रसारण मंत्री श्री मनीष तिवारी ने कहा कि 44वां भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव कई अर्थों में अलग होगा। पहली बार समारोह में दो अंतर्राष्ट्रीय फिल्मी शख्सियतें-सुश्री सूशन सरिन्डन तथा ईरानी फिल्म निर्माता माजिद माजिदी एक मंच पर होंगे। समारोह में दो नोबेल पुरस्कार विजेताओं नेल्सन मंडेला तथा लेक वालेसा पर फिल्में दिखाई जाएंगी। उन्होंने बताया कि चेकोस्लवाकिया के जाने-माने फिल्म निर्देशक जीरी मेंजेल को लाईफ टाईम अचीवमेंट अवार्ड दिया जायेगा। श्री तिवारी ने बताया कि पहली बार भारत के स्वाधीनता संग्राम के नायक बाशा खान पर भी फिल्म दिखाई जाएगी।
सूचना एवं प्रसारण मंत्री ने बताया कि भारतीय सिनेमा के शताब्दी समारोह के सिलसिले में भारतीय बच्चों पर बनी बेहतरीन फिल्में दिखाई जाएंगी। इनमें 15 राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता तथा भारतीय बच्चों पर बनी शास्त्रीय फिल्में होंगी।
केंद्र सरकार ने सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती पर डीएवीपी द्वारा जारी विज्ञापनों का ब्यौरा सार्वजनिक किया
देश के पहले गृह मंत्री लोह पुरुष सरदार वल्ल्भ भाई पटेल की राजनीतिक विरासत के लिए भाजपा और कांग्रेस में छिड़ी जंग में एक कदम आगे रखते हुए केंद्र सरकार के डीएवीपी विभाग ने सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती पर डीएवीपी द्वारा जारी विज्ञापनों का ब्यौरा सार्वजनिक किया है|
विभाग दवारा बताया गया है कि सूचना और प्रसारण मंत्रालय सरदार वल्लभभाई पटेल सहित प्रमुख राष्ट्रीय नेताओं की जयंती पर नियमित रूप से विज्ञापन जारी करता रहा है। सरदार पटेल की जयंती के अवसर पर भारत सरकार के सूचना और प्रसारण मंत्रालय के अधीन मीडिया इकाई, विज्ञापन और दृश्य प्रचार निदेशालय (डीएवीपी) द्वारा समाचार पत्रों को जारी विज्ञापनों का ब्यौरा निम्नलिखित है:-
[१]वर्ष 1998-2003 के दौरान इस अवसर पर 2164 समाचार पत्रों को विज्ञापन दिए गए।
[२] वर्ष 1999, 2000 और 2001 के दौरान कोई विज्ञापन जारी नहीं किया गया।
[३] तथापि, वर्ष 2004-2013 के दौरान 20,915 समाचार पत्रों को विज्ञापन दिए गए थे।
[४] वर्ष 2008 में कोई विज्ञापन नहीं दिया गया।
सूचना और प्रसारण मंत्री श्री मनीष तिवारी ने इस संदर्भ में कहा है कि सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने राष्ट्र निर्माण में प्रमुख राष्ट्रीय नेताओं के योगदान को सदा स्मरण करने की नीति का अनुसरण किया है और उसके लिए विज्ञापन जारी किए हैं। युवाओं में विश्वास और प्रेरणा पैदा करने के लिए सरदार पटेल की जयंती पर विज्ञापन जारी करना महान नेताओं के प्रति आभार प्रकट करने की इस मंत्रालय की जारी नीति का एक हिस्सा है।
केंद्र सरकार ने सोशल मीडिया के प्रभाव को स्वीकारते हुए अपना न्यू मीडिया विङ्ग बनाने का निर्णय लिया
केंद्र सरकार ने सोशल मीडिया के प्रभाव को स्वीकार करते हुए अब इस पर नियंत्रण करने के उपाय करने के स्थान पर इसका प्रयोग करने का निर्णय ले लिया है| सरकार ने अपनी उपलब्धियों का प्रचार करने के लिए, साड़े बाईस करोड़ रुपयों की लागत से , सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के आधीन, न्यू मीडिया विङ्ग[ ‘New Media Wing’ ] बनाने का निर्णय लिया है| संयुक्त सचिव स्तर के अधिकारी इस विङ्ग का सुपर विजन करेंगे केबिनेट ने आज इसका अनुमोदन किया| इस विङ्ग के माध्यम से सोशल मीडिया ट्विटर+फेसबुक+यूं ट्यूब आदि का उपयोग किया जाएगा|
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