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सच्चाई बताने वाले पत्रकार का जान गंवाना बेहद ही गंभीर मसला:पीएम “मोदी”

[नई दिल्ली] सच्चाई बताने वाले पत्रकार का जान गंवाना बेहद ही गंभीर मसला:पीएम “मोदी”
पत्रकारों ने आज प्रेस काउंसिल की स्वर्ण जयंती मनाई
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस अवसर पर बोलते हुए प्रेस की आजादी के मह्त्व पर जोर दिया और कहा कि प्रेस स्व-नियंत्रित होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि प्रेस पर बाहरी हस्तक्षेप और नियमन नहीं नहीं होना चाहिए। प्रधानमंत्री ने हाल के दिनों में देश के अलग-अलग हिस्सों में पत्रकारों की हत्या पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि सच्चाई बताने वाले पत्रकार का अपनी जान गंवाना बेहद ही गंभीर मसला है। इससे पहले केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्री एम वेंकैया नायडू ने कहा कि सरकार संचार के किसी भी माध्यम पर किसी तरह की रोक का समर्थन नहीं करती है लेकिन देश की एकता, संप्रभुता, सुरक्षा और कानून व्यवस्था की स्थिति को ध्यान में रखते हुए संयम बरतने की जरूरत है।
नायडू ने ऍन डी टी वी पर लगाए गए एक दिवसीय बैन का समर्थन करते हुए कहा कि मुंबई आतंकी हमले की इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर प्रसारण को लेकर माननीय सुप्रीम कोर्ट ने भी एतराज जताया था, जिसमें कहा गया था टीवी चैनल इस तरह की आतंकी वारदात की हालत में अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर दिखाकर खुद को पाक साफ नहीं ठहरा सकते। उन्होंने पठानकोट कवरेज पर भी ध्यान दिलाते हुए कहा कि इलेक्ट्रॉनिक मीडिया की ऐसी कवरेज से आम नागरिकों और सैनिकों की जान खतरे में पड़ सकती है।
इस अवसर पर मंत्री महोदय ने भारत जैसे विविधतापूर्ण देश में क्षेत्रीय मीडिया की भूमिका के बारे में भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि स्थानीय समुदायों और स्थानीय भाषा के साथ अपनी निकटता के कारण मीडिया की भूमिका क्षेत्रीय स्तर पर महत्वपूर्ण हो जाती है जिससे नागरिकों की भागीदारी क्षमता बढ़ जाती है। उन्होंने कहा कि समाज के सभी वर्गों तक पहुँचने के माध्यम से क्षेत्रीय मीडिया स्वस्थ्य लोकतंत्र के निर्माण में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
सरकार की नई प्रिंट मीडिया विज्ञापन नीति के बारे में, श्री नायडू ने कहा कि यह पैनल प्रक्रिया में छूट प्रदान कर क्षेत्रीय भाषाओं / बोलियों, छोटे और मध्यम समाचार पत्रों को समान रूप से विशेष प्रोत्साहन प्रदान करेगा।
सोशल मीडिया द्वारा की पेश किए गये अवसरों के बारे में मंत्री महोदय ने कहा कि यह संचार का नया उपकरण है जो सहज और क्रियात्मक है। इस तरह के माध्यम में अवसर और चुनौतिया दोनों होती हैं। संचार की इस विधा को व्यापक राष्ट्रीय हित और व्यक्तिगत भलाई के लिए विवेकपूर्ण तरीके से इस्तेमाल किया जाना चाहिए।
सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री कर्नल राज्यवर्धन राठौड़, और भारतीय प्रेस परिषद के अध्यक्ष न्यायमूर्ति सी के. प्रसाद भी उपस्थित थे। पत्रकारिता में उत्कृष्टता के लिए प्रमुख पत्रकारों और फोटो पत्रकारों को सम्मानित किया गया, जिनमें श्री सुरेन्द्र निहाल सिंह, श्रीमती मृणाल पांडे, श्री रघु राय, श्री रंजीत जॉन, श्री अरविंद कुमार सिंह, श्री जेवियर सेल्वा कुमार शामिल थे।
फोटो कैप्शन
The Prime Minister, Shri Narendra Modi at the Golden Jubilee celebrations of the Press Council of India on the National Press Day, in New Delhi on November 16, 2016.
The Union Minister for Urban Development, Housing & Urban Poverty Alleviation and Information & Broadcasting, Shri M. Venkaiah Naidu is also seen.

जेटली ने टीवी चैनलों पर हो रहे शोर शराबे पर हमला बोलते हुए प्रिंटमीडिया के महत्व को सराहा

[नई दिल्ली]जेटली ने टीवी चैनलों पर हो रहे शोर शराबे पर हमला बोलते हुए प्रिंटमीडिया के महत्व को सराहा
जेटली ने प्रिंट मीडिया को वर्तमान चुनौतियां स्वीकार करके अपनी महत्वपूर्ण उपस्थिति बनाये रखने को प्रेरित किया
अरुण जेटली ने प्रिंट मीडिया को वर्तमान चुनौतियों को स्वीकार करके अपनी महत्वपूर्ण उपस्थिति बनाये रखने को प्रेरित किया
केंद्रीय मंत्री मंत्री जेटली ने आज प्रिंट मीडिया पर 59वीं वार्षिक रिपोर्ट जारी करते हुए कहा कि डिजिटल तथा सूचना युग की चुनौतियों को प्रिंट मीडिया स्वीकार करे। इंटरनेट की क्रांति और तेजी से बदलने वाली प्रौद्योगिकी ने पूरी दुनिया के प्रिंट मीडिया के सामने अपनी उपस्थिति बनाए रखने और विकास के लिए बड़ी चुनौती पेश कर दी है। बहरहाल भारत एक अपवाद देश है, जहां प्रिंट मीडिया लगातार प्रगति कर रहा है। उसकी मांग लगातार बढ़ रही है और क्षेत्रीय समाचारपत्रों का आधार भी बढ़ रहा है।
जेटली ने इलेक्ट्रानिक मीडिया में चल रही मीडिया ट्रायल के चलन पर अपरोक्ष हमला बोलते हुए कहा कि प्रिंट मीडिया सूचना के प्रवाह पर आधारित होता है जो इलेक्ट्रानिक मीडिया द्वारा किया जाता है। इलेक्ट्रानिक मीडिया की वजह से समाचार और राय के बीच की विभाजक रेखा कमजोर हुई है। इलेक्ट्रानिक मीडिया में होने वाली चर्चाएं और बहसें शोर-शराबे से भरी होती हैं, जबकि प्रिंट मीडिया वस्तुनिष्ठता और समाचार की प्रकृति को बनाए रखने में अहम भूमिका निभाता है। यह समझना भी महत्वपूर्ण है कि विभिन्न विचार इसलिए उभरते हैं क्योंकि मीडिया का दायरा बहुत विशाल हो गया है जहां विभिन्न पहलू सामने आते हैं।
मिनिस्टर ने कहा कि मैगजीन पत्रकारिता को अपने आप को पुनर्भाषित करना होगा क्योंकि पाठको के सामने डिजिटल और सोशल मीडिया का विकल्प बढ़ता जा रहा है। उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया के रुझान बताते हैं कि लोकप्रिय पत्रिकाएं ऑनलाइन डिजिटल संस्करण निकाल रही हैं क्योंकि तेजी से बदलती दुनिया में समाचारों तथा प्रौद्योगिकी की प्रकृति भी बदल रही है। अब पाठकों को तुरंत समाचार की आवश्यकता महसूस होने लगी है। अतः इस तरह पत्रिकाओं में उपलब्ध समाचार अतीत की बात हो गये हैं।
विशेष सचिव श्री जे एस माथुर ने अपने संबोधन में प्रकाशन और प्रेस की ऐतिहासिक यात्रा का उल्लेख किया। उन्होंने प्रिंट मीडिया सहित पूरे मीडिया में आए बदलावों की भी चर्चा की।
रिपोर्ट के अनुसार
i) टाईटल के लिए प्राप्त कुल आवेदन====20,217
ii) टाईटल स्वीकृत================13,492
iii) टाईटल डीब्लॉक्ड===============7,८१९
2014-15 के दौरान प्रकाशन के सर्कुलेशन का दावा=====51,05,21,445
i) हिंदी प्रकाशन================ ===========25,77,61,985=
ii)अंग्रेजी प्रकाशन=============================6,26,62,670
iii)उर्दू प्रकाशन=============================4,12,73,९४९
2014-15 में पंजीकृत नए प्रकाशन=========5,817
:2014-15 के दौरान बंद हुए प्रकाशन======== 34
:पिछले वर्ष की तुलना में कुल पंजीकृत प्रकाशनों की
वृद्धि का प्रतिशत===========================5.80%
:किसी भी भारतीय भाषा (हिंदी) में सबसे अधिक प्रकाशन=====42,493
फोटो कैप्शन
The Union Minister for Finance, Corporate Affairs and Information & Broadcasting, Shri Arun Jaitley addressing at the 59th annual report on Print Media, ‘PRESS IN INDIA’ prepared by Registrar of Newspapers for India, in New Delhi on December 29, 2015.
The Minister of State for Information & Broadcasting, Col. Rajyavardhan Singh Rathore, the Additional Secretary, Ministry of Information & Broadcasting, Shri J.S. Mathur and other dignitaries are also seen.:

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श्री अमर नाथ जी की पवित्र और दुर्गम तीर्थयात्रा 28 जून 2014 से 10 अगस्त तक चलेगी:बिमल जुलका

श्री अमर नाथ जी की पवित्र और दुर्गम यात्रा 28 जून 2014 से 10 अगस्त तक चलेगी
श्री अमर नाथ जी की पवित्र और दुर्गम यात्रा 28 जून 2014 को शुरू होगी तथा इसका समापन 10 अगस्त, 2014 को होगा।
सूचना एवं प्रसारण सचिव की बैठक में यह जानकारी दी गई |
श्री अमरनाथ की कठिन यात्रा के बारे में तीर्थयात्रियों में जागरूकता बढ़ाने के लिए सूचना और प्रसारण सचिव श्री बिमल जुलका ने आज वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की यह जे & के राज्य‍पाल एवं श्री अमरनाथ जी श्राईन बोर्ड के अध्य़क्ष श्री एन एन वोहरा के अनुरोध पर आयोजित की गई।
बैठक के दौरान श्री जुलका ने यात्रा के लिए पंजीकरण की प्रक्रिया+ पंजीकरण के लिए अनिवार्य स्वास्थय प्रमाण पत्र की आवश्यकता + तीर्थयात्रा के दौरान तीर्थ यात्रि क्या् करें अथवा क्या न करें आदि विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की।
विचार-विमर्श के दौरान श्री जुल्का ने बताया कि यात्रा 28 जून 2014 को शुरू होगी तथा इसका समापन 10 अगस्तन, 2014 को होगा। इस बारे में जागरूकता बढाने के लिए मंत्रालय द्वारा दूरदर्शन तथा ऑल इं‍डिया रे‍डियो के माध्यम से भी सुनियोजित अभियान चलाया जायेगा। इस अभियान के तहत यात्रा के दौरान आने वाली चुनौतियों के विषय में या‍त्रियों को अवगत कराया जायेगा।
श्री अमरनाथ जी श्राईन बोर्ड के सीईओ श्री आर के गुप्ता एवं मंत्रालय, दूरदर्शन एवं आकाशवाणी के वरिष्ठ अधिकारियों ने बैठक में भाग लिया।